The post-1949 phase of RJB movement started in early 1980s with Ram Janki Yatra. The brain behind it was Moropant Pingle, an RSS man.
Tradgiri theek hai but let's not get blind to the facts.
रावण और कालनेमि भी साधू-सन्यासी बनकर ही आये थे तो क्या उनकी आरती उतारी गयी?
काँग्रेसी स्वरुपानन्द गैंग की भाषा बोलते हो और दूसरों पर आरोप लगाते हो "भक्ति" का? और ये वर्णाश्रम का क्या भूत चढा़ हुआ है स्वरुपानन्दियों को आजकल? 2/
वेश्याओं के जैसी चरित्र वाली कुलस्त्रियों और शिश्नोदर मन:स्थिति वाले जब वर्णाश्रम चलायेंगे तो नेहरु और मानसिंह जैसे ब्राह्मण और क्षत्रिय पैदा होंगे। इसलिये युगधर्म को पहचान कर औकात में रहो। 3/
So go and play this Sekoolar-Savarna "Neechta" game of destroying USHV and thus restorting Congressi equation of Savarna-Muslim-SC to bring back Kashmiri Yavan Dynasty somewhere else.
4/
Miyan ki gaan soongh rahe the 1947-1989 tab Varnasharma Yaad nahin Aaya. Modi ke 2014 mein aate hee ab sabko shuddh satyugi Sanatan dharma chahiye.
Kis naraj mein jaoge aisi neechta karke kabhee socha hai? 5/5
"When dealing with Islam, it is crucially important to keep in mind the distinction between Islam as a doctrine and the Muslims, a group of people who were born or tricked into an Islamic environment.
1/
There is nothing intrinsically Islamic about human beings, not even when they are named Mohammed or Aisha. ... It is a well-known fact that most South-Asian Muslims are the descendants of converts from Hinduism.
2/
As for the Turkish, Persian or Arabiccomponents of the Muslim community, they too are the descendants of converts, be it from Buddhism or Zoroastrianism or some other Kafirreligion. There is nothing intrinsically Muslim even about Arabs, who were the first victims of Islam.
3/
If a Savarna really understands (ie by Buddhi developing an understanding of Siddhantas in Gita and Upanishads, not merely quoting a line or shloka from here and there) Varna is by birth, he will stop being an Asur/Aatatyin to Varnas below him or her. 1/
As Vashishtha Ji says, it comes straight from the viewpoint of keeping Varna order intact.
सोचिअ बिप्र जो बेद बिहीना। तजि निज धरमु बिषय लयलीना॥
सोचिअ नृपति जो नीति न जाना। जेहि न प्रजा प्रिय प्रान समाना॥2॥
2/
भावार्थ:-सोच उस ब्राह्मण का करना चाहिए, जो वेद नहीं जानता और जो अपना धर्म छोड़कर विषय भोग में ही लीन रहता है। उस राजा का सोच करना चाहिए, जो नीति नहीं जानता और जिसको प्रजा प्राणों के समान प्यारी नहीं है॥
3/3
This explaining the mechanism of the perception ie how one experiences the Prapancha (Universe).
इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः परं मनः ।
मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धेः परतस्तु सः ॥ ३-४२॥
3/
"मीडिया अपने राजनैतिक पक्षपात के अनुसार रिपोर्टिंग करती है । भारत में अभी भारत में कोरोना का प्रकोप अभी कैसा चल रहा है इसका सबसे स्पष्ट सूचकाङ्क है पिछले सात दिनों में नये संक्रमित व्यक्तियों का दैनिक औसत तथा 1/
प्रति एक लाख जनसंख्या में वह दैनिक औसत जो संलग्न सारिणी में अन्तिम दो कॉलम हैं । पहले दो कॉलम हैं कुल संक्रमित व्यक्ति,तथा प्रति एक लाख जनसंख्या में कुल संक्रमित व्यक्ति । स्रोत है न्यूयॉर्क टाइम्स ।
2/
अन्तिम कॉलम (प्रति एक लाख जनसंख्या में पिछले एक सप्ताह के दैनिक औसत) के अनुसार सारिणी है । लाल रेखा है प्रति एक लाख जनसंख्या में पिछले एक सप्ताह का राष्ट्रीय दैनिक औसत ।
3/
Indians never did tropical(सायन) astronomy. Since Stellarium is a planetarium simulator that runs on tropical(सायन) movement of the zodiac, this date is meaningless.
Per Surya-Siddhanta's model (निरयन model) of the movement of the point of equinoxes, the region of Aries will be the same after 7200 years but per Stellarium's model (सायन) model it will be 100° away assuming 1° every 72-year precession rate. 2/2