भारत
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ऋषि-मुनियों की भूमि भारत एक रहस्यमय देश है। जानते हैं इसकी महानता के कारण 1. प्रकृति
एक ओर समुद्र तो दूसरी ओर बर्फीले हिमालय है
एक ओर रेगिस्तान तो दूसरी ओर घने जंगल है
एक ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ तो दूसरी ओर मैदानी इलाके है
प्रकृति के ऐसे सारे रंग किसी अन्य देश में नहीं है।
भारतीय मौसम दुनिया के सभी देशों के मौसम से बेहतर है। सिर्फ यहीं पर प्रमुख रूप से चार ऋतुएं होती है। विदेशी यहां आकर भारत के वातावरण से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 2. ऋषि-मुनि
सप्त ऋषियों के अलावा, कपिल, कणाद, गौतम, जैमिनि, व्यास, पतंजलि, बृहस्पति, अष्टावक्र, शंकराचार्य,
समर्थ रामदास, भीखा, वल्लभाचार्य, चैतन्य महाप्रभु, विट्ठलनाथ, संत सिंगाजी, हितहरिवंश, गुरु गोविंदसिंह, हरिदास, दूलनदास, महामति प्राणनाथ, शिरडी के साई बाबा, शैगांव के गजानन महाराज, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, मेहर बाबा, दादा धूनी वाले, लाहड़ी महाशय, शीलनाथ बाबा,
महर्षि अरविन्द, जे कृष्णमूर्ति, ओशो, स्वामी प्रभुपाद, दयानंद सरस्वती, महर्षि महेश योगी, एनी बिसेंट, आनंद मूर्ति, दादा लेखराज, श्रीशिव दयाल सिंह, श्रीराम शर्मा आचार्य, देवहरा बाबा, नीम करौली बाबा आदि ऐसे हजारों साधु और संत हैं।
3. 'प्रथम मानव'
यूं तो मनुष्य विकासक्रम से मनुष्य बना, लेकिन कहते हैं कि मनुष्य प्रारंभ में भारत में ही रहता था। शोधानुसार सप्तचरुतीर्थ के पास वितस्ता नदी की शाखा देविका नदी के तट पर मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई। प्रथम सृष्टिकर्ता मानव को स्वायंभु मनु कहा गया।
4. 'प्रथम धर्म'
ऋग्वेद को संसार का प्रथम धर्मग्रंथ माना जाता है।
ऋग्वेद को भारतीयों ने ही सरस्वती नदी के तट पर बैठकर लिखा गया। चार ऋषियों अग्नि, वायु, अंगिरा और आदित्य ने मिलकर ऋग्वेद के ज्ञान को वाचिक परंपरा में ढाला जो अभी तक जारी है।
वेदों पर आधारित धर्म को ही सनातन वैदिक या हिन्दू धर्म कहा जाता है।
5. मोक्ष का दर्शन
योग, तप, षड् दर्शन और ध्यान ही धर्म और मोक्ष का मार्ग है। प्राचीन काल से ही साधु-संतों ने इसे प्रचारित किया।
ऋषि पतंजलि ने इसे 'आष्टांग योग' नाम से सुव्यवस्थित किया। आष्टांग योग के बाहर धर्म, दर्शन और अध्यात्म की कल्पना नहीं की जा सकती।
6. मंदिर और गुफाएं
भारत में कई प्राचीन रहस्यमी मंदिर, स्तंभ, महल और गुफाएं हैं। बामियान, बाघ, अजंता-एलोरा, एलीफेंटा और भीमबेटका की गुफाएं। 12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ के अलावा कई चमत्कारिक मंदिर।
7. रहस्यमयी विद्याएं
प्राणविद्या, त्राटक, सम्मोहन, जादू, टोना, स्तंभन, इन्द्रजाल, तंत्र, मंत्र, यंत्र, चौकी बांधना, गार गिराना, सूक्ष्म शरीर से बाहर निकलना, पूर्वजन्म का ज्ञान होना, अंतर्ध्यान होना, त्रिकालदर्शी बनना, मृत संजीवनी विद्या,
ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा, पानी बताना, धनुर्विद्या, अष्टसिद्धियां, नवनिधियां आदि सैंकड़ों विद्याओं का जन्म भारत में हुआ।
8. किताबें
उपनिषद की कथाएं, पंचतंत्र, बेताल या वेताल पच्चीसी, जातक कथाएं, सिंहासन बत्तीसी, हितोपदेश, कथासरित्सागर, तेनालीराम की कहानियां, शुकसप्तति, कामसूत्र, कामशास्त्र, रावण संहिता, भृगु संहिता, लाल किताब, संस्कृत सुभाषित, विमान शास्त्र, योग सूत्र, परमाणु शास्त्र, शुल्ब सूत्र,
करण कुतूहल, कौटिल्य के अर्थशास्त्र, आदि लाखों ऐसी किताबें हैं जिनके दम पर आज विज्ञान, तकनीक आदि सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है।
9. कला
कलारिपट्टू (मार्शल आर्ट), भाषा, लेखन, नाट्य, गीत, संगीत, नौटंकी, तमाशा, स्थापत्यकला, चित्रकला, मूर्तिकला, पाक कला, साहित्य, बेल-बूटे बनाना, नृत्य, कपड़े और गहने बनाना, सुगंधित वस्तुएं-इत्र, तेल बनाना, नगर निर्माण, सूई का काम, बढ़ई की कारीगरी, पीने और खाने के पदार्थ बनाना,
पाक कला, सोने, चांदी, हीरे-पन्ने आदि रत्नों की परीक्षा करना, तोता-मैना आदि की बोलियां बोलना आदि कलाओं का जन्म भारत में हुआ।
10. खेल
शतरंज, फुटबॉल, कबड्डी, सांप-सीढी का खेल, ताश का खेल, तलवारबाजी, घुड़सवारी, धनुर्विद्या, युद्ध कला, खो-खो, चौपड़ पासा,
रथ दौड़, नौका दौड़, मल्ल-युद्ध, कुश्ती, तैराकी, भाला फेंक, आखेट, छिपाछई, पिद्दू, चर-भर, शेर-बकरी, चक-चक चालनी,
समुद्र पहाड़, दड़ी दोटा, गिल्ली-डंडा,
किकली (रस्सीकूद), मुर्ग युद्ध, बटेर युद्ध, अंग-भंग-चौक-चंग, गोल-गोलधानी, सितौलिया, अंटी-कंचे,
पकड़मपाटी, पोलो या सगोल कंगजेट, तीरंदाजी, हॉकी, गंजिफा, आदि खेलों का जन्म भारत में हुआ।
11. अविष्कार
पहिया, बटन, रूलर स्केल, शैम्पू, विमान, नौका, जहाज, व्यंजन, रथ, बैलगाड़ी, भाषा, व्याकरण, शून्य और दशमलव, शल्य चिकित्सा,
हीरे का खनन, खेती करना, रेडियो, बिनारी कोड, स्याही, धातुओं की खोज, प्लास्टिक सर्जरी, अस्त्र-शश्त्र, बिजली, ज्यामिती, गुरुत्वाकर्षन का नियम,
आयुर्वेद चिकित्सा, पृथ्वी का सूर्य का चक्कर लगाना, ब्रह्मांड की लंबाई चौड़ाई नापना, कैलेंडर, पंचाग, परमाणु सिद्धांत, वाद्य यंत्र, पाई के मूल्य की गणना, लोकतंत्र, साम्यवाद आदि का अविष्कार भारत में हुआ।
जय भारत
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स्टेन स्वामी नाम के एक नक्सली की मौत हो गयी. ये कौन था क्या था हमें ज़्यादा नहीं मालूम लेकिन भारत के नक्सलियों और राजदीप, रविश, निखिल वागले जैसे माओवादियों का हाल देख कर लग रहा है कि बहुत बड़ा वाला था.
मतलब 84 साल में मरा तो ये लोग मुहर्रम किए जा रहे हैं कि सरकार ने मार दिया, जुडिशरी ने मार दिया.
आपको याद है अब्दुल करीम टुंडा?
लश्कर का बम एक्सपर्ट?
ज़िंदगी भर पकिस्तान में बैठ के बम बनाता रहा और जब पेसमेकर लगवाने की नौबत आयी तो नेपाल में इंडियन फोर्सेज को सरेंडर कर दिया।
मनमोहन की रेनकोट सरकार ने हमारे और आपके पैसे से उसकी सर्जरी करवाई।
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पता नहीं ये इतना ज्ञान और हिम्मत लाती कहां से हैं ?
अपने बचपन के प्यार रीना दत्त को तलाक देने के बाद अब अमीर खान और किरण राव भी तलाक की दहलीज पर खड़े हो गए, दोनों ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि हम आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं।
हम एक दूसरे को बेहतरीन ढंग से समझते हैं, हम अच्छे दोस्त थे, अच्छे दोस्त रहेंगे और साथ में काम करते रहेंगे।
आमिर, किरन का मामला लव जिहाद का मामला नहीं है, बल्कि लभ जिहाद के विज्ञापन और प्रमोशन का मामला है।
किरन फँसी नहीं हैं, बल्कि वे और आमिर इस प्रायोजित कार्यक्रम में अपना रोल प्ले कर रहे थे। उन्होंने पहले लभ-जिहाद को प्रमोट किया, फिर सरोगेसी को प्रमोट किया, और अब डिवोर्स को प्रमोट कर रहे हैं। उन्हें इसके लिए भरपूर राशि मिली होगी।
#विषैला_वामपंथी
अगर किसी पुस्तक के लेखक रोमिला थापर और रामचन्द्र गुहा है तो समझ लीजिए उसमें लिखीं बातें 100% झूठी है❗️
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मगर क्या आपको मालूम है कि रोमिला थापर नेहरू खानदान की ही एक कड़ी है..
अरे कांग्रेस की वही अद्भुत विद्वान इतिहासकार जिन्होंने अपने एक लेख में लिखा है की "सम्राट अशोक से प्रेरित होकर सिंहासन त्यागना चाहते थे युधिष्ठिर❗️"
इनका चचेरा भाई करण थापर है, वही मशहूर पत्रकार जिसके बयान को आधार बना के पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताया था❗️
कांग्रेस ने अपने खानदान के कैसे- कैसे लोगों को हमारे ऊपर थोपा हैं❓
ये दोनों भाई बहन खुशवन्त सिंह के खानदान (शोभा सिंह) से जुड़े है जो भगत सिंह की फांसी के मुख्य गवाह थे और इनके दादा ने पजांब के गवर्नर सर मैकल ओ-ड्वायर के फंड में 1.75 लाख रुपये चंदा दिया था❗️
मुड़बद्री पर राज करने वाली रानी अबक्का चोटा जिस पर हमे गर्व होना चाहिए🙏🏻🥁
साल था 1555 जब पुर्तगाली सेना
कालीकट, बीजापुर, दमन, मुंबई जीतते हुए गोवा को अपना हेडक्वार्टर बना चुकी थी
टक्कर में कोई ना पाकर उन्होंने पुराने कपिलेश्वर मंदिर को ध्वस्त कर उस पर चर्च स्थापित कर डाली।
मंगलौर का व्यवसायिक बंदरगाह अब उनका अगला निशाना था। उनकी बदकिस्मती थी कि वहाँ से सिर्फ 14 किलोमीटर पर 'उल्लाल' राज्य था जहां की शासक थी 30 साल की रानी 'अबक्का चौटा'
Abbakka Chowta
पुर्तगालियों ने रानी को हल्के में लेते हुए केवल कुछ सैनिक उसे पकडने भेजा। लेकिन उनमेंसे कोई वापस नहीं लौटा। क्रोधित पुर्तगालियों ने अब एडमिरल 'डॉम अल्वेरो ड-सिलवीरा' (Dom Álvaro da Silveira) के नेतृत्व में एक बड़ी सेना भेजी।
#फातिमा_सना_शेख
एक दौर वो था जब मुस्लिम एक्टर #बॉलीवुड में आते थे तो डर के मारे अपना नाम हिंदू रख लेते थे और एक दौर ये है जब जन्म से हिंदू एक्ट्रेस सफलता पाने के लिए अपना नाम मुस्लिम रख लेते हैं।
जी हाँ #आमिर_खान की नई संभावित शिकार फातिमा सना शेख जन्म से मुस्लिम नहीं, हिंदू है
जम्मू के विपिन शर्मा और श्रीनगर की राज तबस्सुम की बेटी।
आज एक बात तो सिद्ध हो गयी कि जब एक हिंदू युवक किसी मुस्लिम युवती से विवाह करता है तो धर्म के लिए नहीं बल्कि अपनी शारीरिक काम वासना की पूर्ति और निजी स्वार्थ के लिए करता है
और इसलिए बीबी का गुलाम बनकर फ़ातिमाओ को पैदा करता है.....और जब एक मुसलमान युवक किसी हिंदू युवती से शादी करता है तो निजी स्वार्थ या मोहब्बत के लिए नहीं बल्कि वो अपने मजहब के लिए ऐसा करता है और इसलिए हिंदू युवती के गर्भ से तैमूर पैदा करता है।
भारत की सबसे बड़ी खोज ले गया था ये अंग्रेज व्यक्ति
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“1710 में डॉक्टर ऑलिवर भारत में आया और पूरे बंगाल में घूमा. उसके बाद वो अपनी डायरी में लिखता है,”मैंने भारत में आकार ये पहली बार देखा कि चेचक जैसी महामारी को कितनी आसानी से भारतवासी ठीक कर लेते हैं.”
चेचक उस समय यूरोप के लोगों के लिए महामारी ही थी. इस बीमारी से लाखों यूरोपवासी मर गए थे. उस समय में वो लिखता है कि यहाँ लोग चेचक के टीके लगवाते हैं. वो लिखता है कि,”टीका एक सुई जैसी चीज़ से लगाया जाता था.
इसके बाद तीन दिन तक उस व्यक्ति को थोड़ा बुखार आता था. बुखार ठीक करने के लिए पानी की पट्टियां रखी जाती थीं. तीन दिन में वो व्यक्ति ठीक हो जाता था.
एक बार जिसने टीका ले लिया वो ज़िंदगी भर चेचक से मुक्त रहता था।