स्टेन स्वामी नाम के एक नक्सली की मौत हो गयी. ये कौन था क्या था हमें ज़्यादा नहीं मालूम लेकिन भारत के नक्सलियों और राजदीप, रविश, निखिल वागले जैसे माओवादियों का हाल देख कर लग रहा है कि बहुत बड़ा वाला था.
मतलब 84 साल में मरा तो ये लोग मुहर्रम किए जा रहे हैं कि सरकार ने मार दिया, जुडिशरी ने मार दिया.
आपको याद है अब्दुल करीम टुंडा?
लश्कर का बम एक्सपर्ट?
ज़िंदगी भर पकिस्तान में बैठ के बम बनाता रहा और जब पेसमेकर लगवाने की नौबत आयी तो नेपाल में इंडियन फोर्सेज को सरेंडर कर दिया।
मनमोहन की रेनकोट सरकार ने हमारे और आपके पैसे से उसकी सर्जरी करवाई।
याद है बेगूसराय का नक्सली नेता?
40 साल के उम्र में जब हम
टैक्स देने के बाद थोड़े से बचे पैसों से होम लोन और बच्चों के भविष्य की प्लानिंग कर रहे होते हैं, उसी 40 साल की उम्र में उसी टैक्स के पैसों पर पलता हुआ ये हमारे बच्चों के भविष्य पर डफली बजा बजा के मूत रहा थ
मतलब ऐसा अनर्थ तो कैप्टेन रसेल ने भी नहीं की थी भाई। उसने भी बोलै था क़ि जीत गए तो लगान नहीं लगेगा। यहाँ कहने को जीत भी हम रहे हैं और तीन गुना लगान भी साले हमहीं भर रहे हैं।
तो हमारे स्टेन स्वामी के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ लगता है।
नक्सलियों ने कहाँ होगा बुढऊ उम्र हो गयी तुम्हारी। बन्दूक तुमसे उठती नहीं, एनकाउंटर तुम्हारा होता नहीं। कबतक छाती पर मूंग दलोगे? बम वम बाँध कर माओ-हो-लेनिन बोलकर कहीं फट क्यों नहीं जाते अब।
इसने बुद्धि लगायी और पुणे में खुलेआम चौड़े होकर अल्ल-बल्ल बक आया क़ि अब सरकार मुझे पकडे और मेरा इलाज़ कराये। जैसे ही यह पकड़ाया, रविश कुमार, राजदीप सरदेसाई, अरुंधति सुज़ेन रॉय समेत सारा परिवार ख़ुशी से चिल्ला उठा, " पापा आ गए, अब इलाज़ कराओ, पापा आ गए, अब इलाज़ कराओ"
सुर में सुर मिलाते हुए मिलार ने भी कहा क़ि हाँ भई इलाज़ कराओ । पिछले कई महीनों से महंगे अस्पताल मे हमारे और आपके पैसे से इसका इलाज़ चल रहा था। उम्र ज्यादा थी तो बचा नही। अब बचा नहीं तो सुबह से मीडिया जिहादियों का RR चालू है "अब्बू को मार दिया अब्बू को मार दिया ...
सरकार ने मार दिया, मोदी ने मार दिया।" भाई, तुम्हे शायद भरोसा न हो, हमें तो पूरा भरोसा है क़ि सरकार ने नहीं मारा, हम अपनी सरकार को अच्छी तरह जानते हैं, शायद तुमसे ज्यादा ही रो रहे हों, रात तक ट्वीट भी आ सकता है।
तुम्हें शोक है क़ि मर गया तो हमें भी अफ़सोस है क़ि बूढ़ा होकर मरा और कानून इसको सजा नहीं दे पायी। आप बिंदास अपना मुहर्रम चालू रखो,
"या स्टेन हम न थे, या स्टेन हम न थे।"
दिक्कत एक ही है।
तुम तो थे.. क्या उखाड़ लिया?
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पता नहीं ये इतना ज्ञान और हिम्मत लाती कहां से हैं ?
अपने बचपन के प्यार रीना दत्त को तलाक देने के बाद अब अमीर खान और किरण राव भी तलाक की दहलीज पर खड़े हो गए, दोनों ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि हम आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं।
हम एक दूसरे को बेहतरीन ढंग से समझते हैं, हम अच्छे दोस्त थे, अच्छे दोस्त रहेंगे और साथ में काम करते रहेंगे।
आमिर, किरन का मामला लव जिहाद का मामला नहीं है, बल्कि लभ जिहाद के विज्ञापन और प्रमोशन का मामला है।
किरन फँसी नहीं हैं, बल्कि वे और आमिर इस प्रायोजित कार्यक्रम में अपना रोल प्ले कर रहे थे। उन्होंने पहले लभ-जिहाद को प्रमोट किया, फिर सरोगेसी को प्रमोट किया, और अब डिवोर्स को प्रमोट कर रहे हैं। उन्हें इसके लिए भरपूर राशि मिली होगी।
#विषैला_वामपंथी
अगर किसी पुस्तक के लेखक रोमिला थापर और रामचन्द्र गुहा है तो समझ लीजिए उसमें लिखीं बातें 100% झूठी है❗️
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मगर क्या आपको मालूम है कि रोमिला थापर नेहरू खानदान की ही एक कड़ी है..
अरे कांग्रेस की वही अद्भुत विद्वान इतिहासकार जिन्होंने अपने एक लेख में लिखा है की "सम्राट अशोक से प्रेरित होकर सिंहासन त्यागना चाहते थे युधिष्ठिर❗️"
इनका चचेरा भाई करण थापर है, वही मशहूर पत्रकार जिसके बयान को आधार बना के पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताया था❗️
कांग्रेस ने अपने खानदान के कैसे- कैसे लोगों को हमारे ऊपर थोपा हैं❓
ये दोनों भाई बहन खुशवन्त सिंह के खानदान (शोभा सिंह) से जुड़े है जो भगत सिंह की फांसी के मुख्य गवाह थे और इनके दादा ने पजांब के गवर्नर सर मैकल ओ-ड्वायर के फंड में 1.75 लाख रुपये चंदा दिया था❗️
भारत
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ऋषि-मुनियों की भूमि भारत एक रहस्यमय देश है। जानते हैं इसकी महानता के कारण 1. प्रकृति
एक ओर समुद्र तो दूसरी ओर बर्फीले हिमालय है
एक ओर रेगिस्तान तो दूसरी ओर घने जंगल है
एक ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ तो दूसरी ओर मैदानी इलाके है
प्रकृति के ऐसे सारे रंग किसी अन्य देश में नहीं है।
भारतीय मौसम दुनिया के सभी देशों के मौसम से बेहतर है। सिर्फ यहीं पर प्रमुख रूप से चार ऋतुएं होती है। विदेशी यहां आकर भारत के वातावरण से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 2. ऋषि-मुनि
सप्त ऋषियों के अलावा, कपिल, कणाद, गौतम, जैमिनि, व्यास, पतंजलि, बृहस्पति, अष्टावक्र, शंकराचार्य,
मुड़बद्री पर राज करने वाली रानी अबक्का चोटा जिस पर हमे गर्व होना चाहिए🙏🏻🥁
साल था 1555 जब पुर्तगाली सेना
कालीकट, बीजापुर, दमन, मुंबई जीतते हुए गोवा को अपना हेडक्वार्टर बना चुकी थी
टक्कर में कोई ना पाकर उन्होंने पुराने कपिलेश्वर मंदिर को ध्वस्त कर उस पर चर्च स्थापित कर डाली।
मंगलौर का व्यवसायिक बंदरगाह अब उनका अगला निशाना था। उनकी बदकिस्मती थी कि वहाँ से सिर्फ 14 किलोमीटर पर 'उल्लाल' राज्य था जहां की शासक थी 30 साल की रानी 'अबक्का चौटा'
Abbakka Chowta
पुर्तगालियों ने रानी को हल्के में लेते हुए केवल कुछ सैनिक उसे पकडने भेजा। लेकिन उनमेंसे कोई वापस नहीं लौटा। क्रोधित पुर्तगालियों ने अब एडमिरल 'डॉम अल्वेरो ड-सिलवीरा' (Dom Álvaro da Silveira) के नेतृत्व में एक बड़ी सेना भेजी।
#फातिमा_सना_शेख
एक दौर वो था जब मुस्लिम एक्टर #बॉलीवुड में आते थे तो डर के मारे अपना नाम हिंदू रख लेते थे और एक दौर ये है जब जन्म से हिंदू एक्ट्रेस सफलता पाने के लिए अपना नाम मुस्लिम रख लेते हैं।
जी हाँ #आमिर_खान की नई संभावित शिकार फातिमा सना शेख जन्म से मुस्लिम नहीं, हिंदू है
जम्मू के विपिन शर्मा और श्रीनगर की राज तबस्सुम की बेटी।
आज एक बात तो सिद्ध हो गयी कि जब एक हिंदू युवक किसी मुस्लिम युवती से विवाह करता है तो धर्म के लिए नहीं बल्कि अपनी शारीरिक काम वासना की पूर्ति और निजी स्वार्थ के लिए करता है
और इसलिए बीबी का गुलाम बनकर फ़ातिमाओ को पैदा करता है.....और जब एक मुसलमान युवक किसी हिंदू युवती से शादी करता है तो निजी स्वार्थ या मोहब्बत के लिए नहीं बल्कि वो अपने मजहब के लिए ऐसा करता है और इसलिए हिंदू युवती के गर्भ से तैमूर पैदा करता है।
भारत की सबसे बड़ी खोज ले गया था ये अंग्रेज व्यक्ति
🙏🙏🙏
“1710 में डॉक्टर ऑलिवर भारत में आया और पूरे बंगाल में घूमा. उसके बाद वो अपनी डायरी में लिखता है,”मैंने भारत में आकार ये पहली बार देखा कि चेचक जैसी महामारी को कितनी आसानी से भारतवासी ठीक कर लेते हैं.”
चेचक उस समय यूरोप के लोगों के लिए महामारी ही थी. इस बीमारी से लाखों यूरोपवासी मर गए थे. उस समय में वो लिखता है कि यहाँ लोग चेचक के टीके लगवाते हैं. वो लिखता है कि,”टीका एक सुई जैसी चीज़ से लगाया जाता था.
इसके बाद तीन दिन तक उस व्यक्ति को थोड़ा बुखार आता था. बुखार ठीक करने के लिए पानी की पट्टियां रखी जाती थीं. तीन दिन में वो व्यक्ति ठीक हो जाता था.
एक बार जिसने टीका ले लिया वो ज़िंदगी भर चेचक से मुक्त रहता था।