साथियों! जय माता की 🙏🚩🚩यह मैसेज what's app से मिला आप भी सच्चाई जानिये। लंबी थ्रैड है लेकिन आखिर तक पढ़िये 🙏🇮🇳
*लखीमपुर काण्ड का मुख्य उद्देश्य - केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री मनोज मिश्रा को उनके पद से हटाना, क्योंकि मनोज मिश्रा ने ऐसा बयान दिया था 🙏🇮🇳👇1
कि तराई में अवैध कब्जेधारी खालिस्तानियों और अफजल गुरु के समर्थक भयग्रस्त हो गये थे, ऐसे में हाइकमान राकेश टिकैत से विचार विमर्श के बाद लखीमपुर काण्ड कि पटकथा लिखी गई मेरा निवेदन है कि इस लेख को अवश्य पढ़ें यदि आपको इस षड्यंत्र और षड्यंत्रकारियों के 🙏🇮🇳🚩👇2
बारे में जानना है* लखीमपुर कांड: ये किसान नहीं, दुधवा नेशनल पार्क की सैकड़ों-हजारों एकड़ जमीन कब्जा कर बैठे भिंडरावाला तथा अफजल गुरु के समर्थक भूमाफिया तथा पाकिस्तान के HB एजेंट थे!
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लखीमपुर की हकीकत🙏🚩🇮🇳👇3
जो मीडिया कभी नही बताएगा.
आखिर लखीमपुर में ऐसा क्या हुआ जो इतनी विकराल घटना घटित हुई?क्या वही सच है जो मीडिया द्वारा बताया जा रहा है? क्या अजय मिश्रा का पूर्व बयान घटना का कारक है जैसा मीडिया, विपक्ष और आन्दोलनजीवी बता रहे है या सच्चाई कुछ और ही है जिसे छुपाया जा रहा है?🚩👇4
लखीमपुर घटना को लेकर वही नरेटिव सेट किया जा रहा है जो दिल्ली दंगो को लेकर कपिल मिश्रा के बयान को लेकर किया गया था. आगे बढ़ने से पहले अजय मिश्रा का तथाकथित विवादित बयान भी जान लीजिए.
कुछ दिन पूर्व जब मिश्र इस क्षेत्र में पहुंचे तो उन्हें पगड़ी किसानों द्वारा काले झंडे 🙏🚩🇮🇳👇5
दिखाए गए इस पर मिश्रा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ये सब बन्द करो हमे आपकी हरकतें पता है शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई होगी. इसी बयान को मीडिया विवादित बयान कहकर घटना का जिम्मेदार बता रहा है.
किन्तु प्रश्न ये उठता है आखिर क्या है वो हरकत जिसपर केंद्रीय मंत्री ने इशारा किया था? 🙏🚩🇮🇳👇6
आखिर लखीमपुर में ऐसा क्या हुआ जो इतनी विकराल घटना घटित हुई? क्या वही सच है जो मीडिया द्वारा बताया जा रहा है? क्या अजय मिश्रा का पूर्व बयान घटना का कारक है जैसा मीडिया, विपक्ष और आन्दोलनजीवी बता रहे है या सच्चाई कुछ और है जिसे छुपाया जा रहा है?
लखीमपुर घटना को लेकर वही 👇🚩🇮🇳7
नरेटिव सेट किया जा रहा है जो दिल्ली दंगो को लेकर कपिल मिश्रा के बयान को लेकर किया गया था. आगे बढ़ने से पहले अजय मिश्रा का तथाकथित विवादित बयान भी जान लीजिए.
कुछ दिन पूर्व जब मिश्र इस क्षेत्र में पहुंचे तो उन्हें पगड़ी किसानों द्वारा काले झंडे दिखाए गए इस पर मिश्रा 🙏🚩🇮🇳👇8
चेतावनी देते हुए कहा कि ये सब बन्द करो हमे आपकी हरकतें पता है शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई होगी. इसी बयान को मीडिया विवादित बयान कहकर घटना का जिम्मेदार बता रहा है.
किन्तु प्रश्न ये उठता है आखिर क्या है वो हरकत जिसपर केंद्रीय मंत्री ने इशारा किया था? क्या ये आन्दोलनजीवीयो की 🙏🚩🇮🇳👇9
कमजोर नस है जो दब गई? इसके लिये आपको घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र की भौगोलिक और डेमोग्राफिक स्थिति समझना होगी!
आप देखेंगे तो ये पूरा क्षेत्र दुधवा फारेस्ट के नजदीक है। यहां पर शारदा, घाघरा जैसी नदिया है जिससे ये क्षेत्र सिंचित क्षेत्र कहलाता है जो कि खेती के लिए आदर्श स्थिति 🇮🇳
है, डेमोग्राफी देखे तो पूरे लखीमपुर जिले में कुल 2.35% लगभग सिक्ख आबादी और 20.7% के लगभग हरा टिड्डा आबादी है. 2001 में इस जिले को अल्पसंख्यक बाहुल्य जिला घोषित किया गया था. शब्दावली पर ध्यान दे "अल्पसंख्यक बाहुल्य".🙏🚩🇮🇳👇👇1 1
समस्या कहां है ??
लखीमपुर जिले में भले ही 2.35% सिक्ख हैं, लेकिन जहाँ ये घटना घटी वहां आसपास का क्षेत्र मिलाकर कुल 15% सिक्ख हैं, साथ ही हरे टिड्डे भी ये ठीक उसी प्रकार है जैसे पालघर में। यहां अधिकतर सिक्ख नवसिक्ख (मिशनरीज प्रेरित) बन चुके है जिनका झुकाव 🚩🇮🇳12👇👇
खाली स्थान की तरफ है!
यहां के तथाकथित किसान कोई गरीब मजबूर किसान नही हैं। अधिकतर के सैकड़ों एकड़ में फैले फार्महाउस है जो उन्होंने अतिक्रमण कर बनाए हैं। यहां साढ़े बारह एकड़ भूमि सीलिंग नियम के अंतर्गत आती है, इसलिए किस तरह से यहां सेकड़ो एकड़ में फार्महाउस🚩🇮🇳👇13
बनाए गए बताने की आवश्यकता नही है। इसलिए कृषि बिल का विरोध है क्योंकि बिल गरीब किसानों के लिए ही है जिससे धन्ना किसानों को अपनी जमीदारी खिसकती दिख रही है।
इसलिए जब कुछ दिन पूर्व मंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि हम आपकी हरकतें जानते है और बड़ी कार्रवाई होगी तब यहां🚩🇮🇳👇14
बाहुबली किसानो में खलबली मच गई. ध्यान रहे अजय मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री है और योगी सरकार भी माफियाओं के ऊपर शिकंजा कसने के लिए जानी जाती है।अतः मंत्री की चेतावनी से घबराए आन्दोलनजीवीयो ने अपने आकाओं को खबर दी,जिन्होंने मौका देखकर चौका मारने का इशारा दे दिया👇🚩🇮🇳🙏👇15
किसी भी कीमत पर अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटवाया जाए।
क्या थी पूरी घटना?
शायद बहुत कम लोग जानते है कि इस क्षेत्र में श्राद्ध के दौरान दंगल का आयोजन होता है जो वर्षो से चला आ रहा है.अजय मिश्रा का लखीमपुर जिले में गृहक्षेत्र है. वे स्वयं पहलवान रहे हैं और क्षेत्र🙏👇🚩🇮🇳👇16
सम्मानित व्यक्ति है। वे अक्सर इस आयोजन में जाते रहे है, अतः आयोजको ने इसमें शामिल होने के लिए उपमुख्यमंत्री मौर्य और अजय मिश्रा को आमंत्रित किया। भनक लगते ही हजारों की संख्या में पगड़ी और हरे टिड्डों ने हेलीपैड को घेर लिया।तब मौर्य सड़क के रास्ते से निकल गए क्योंकि🙏🇮🇳👇🚩17 👇
अराजकतावादियों का निशाना तो अजय मिश्र थे!
जैसे ही मिश्र का काफिला संवेदनशील (पालघर जैसी) जगह से निकला, सैंकड़ो की संख्या में नवसिक्खों ने आगे चल रही चार गाड़ियों को रोककर ताबड़तोड़ हमला कर दिया,जिसमें एक गाड़ी पलटने से दो आंदोलनकारियों की गाड़ी से दबकर और दो की धक्का 🚩🇮🇳👇18
लगने से मौत हो गई। गुस्साई अराजक आन्दोलनजीवी भीड़ ने गाड़ी से खींचकर 5 लोगों को डंडों से पीट पीटकर, बेरहमी से तड़पा तड़पा कर मार डाला। कहने की जरूरत नहीं कि यह पगड़ी धारी तथा हरा टिड्डा दल,दोनों ही पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित देशद्रोही तत्व थे, जिसे कांग्रेस,सपा तथा तृणमूल🚩🇮🇳👇19
कांग्रेस जैसी भारतीय राजनीतिक दलों का आशीर्वाद और खुला समर्थन प्राप्त है। जैसे 1761 में देश विरोधी तत्वों ने अहमद शाह अब्दाली को निमंत्रण देकर पानीपत के मैदान में मराठों का विनाश कराया था, उसी तरह इस बार उन्हीं तत्वों को आमंत्रित करके भाजपा की केंद्र तथा राज्य सरकार को 🚩🇮🇳👇20
मिटाने का षड्यंत्र रचा गया है।
इस दर्दनाक घटना के बाद अराजकजीवियो ने प्लान B के तहत मृतक परिवारो को आगे कर बकैत को बुलाने की मांग की। योगी सरकार ने मामला समझते हुए तुरंत राजनीति करने आए विपक्षी गिद्धों को नजरबंद कर,बकैत को जाने दिया और समझौता करवाकर बड़े षड्यंत्र को असफल 🇮🇳👇
21कर दिया।
अब शायद आपको घटना की सच्चाई समझ आ गई हो गई जो टूलकिट मीडिया नही बता रही और ना ही कोई विपक्ष और ना ही कोई विश्लेषनकर्ता..
लेकिन षड्यंत्र का मुख्य हिस्सा कैसे भी करके अजय मिश्र को मंत्रिपद से हटवाना है। यदि ऐसा हुआ, तो षड्यन्त्रकारियों की जीत होगी और उनके हौसले🚩🇮🇳22👇
और भी बुलंद होंगे। आगे जाकर इसकी आंच गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे तक भी पहुंच सकती है, क्योंकि ये घटना लिटमस टेस्ट की तरह थी।
योगी सरकार के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है। फिलहाल वो लिटमस टेस्ट पास कर चुकी है, लेकिन अराजकवादियो पर कार्रवाई के लिए मशहूर योगी जी को अब 🙏🚩🇮🇳👇23
इस क्षेत्र में बने फार्महाउस पर जांच बैठा देनी चाहिए। यह देशद्रोहियों की टूल किट नामक तरकस से छोड़ा गया एक तीर था! जांच होने दीजिए, जल्द ही सच सामने आ जाएगा!
*असली किसान जिंदाबाद!!*
*किसान किसी की हत्या नहीं कर सकता किसानों के वेश में इन भीतरघातीओ,देशद्रोहियों को पहचानिए*🇮🇳👇24
*🌹🌹 वन्दे मातरम् 🌹🌹*
मित्रों! इस समय देश में विपक्षियों द्वारा चल रहे षड्यंत्रों को हमें पहचानकर इनके झूठे प्रोपेगैंडा से बचना होगा। विपक्ष येन-केन प्रकारेण योगीजी को सत्ता से हटाना चाहता है क्योंकि योगीजी की हार मोदीजी को कमजोर कर देगी। 😡😡 @Durgeshmadd5 @indubhu32165379
साथियों! ये कहानी उन लोगों की सोच पर एक करारा तमाचा है जो कभी किसी चीज या परिस्थिति में संतुष्ट होते ही नहीं, उन्हें और बस और और चाहिए वो भी तब जब कुछ साथ नहीं जायेगा ।😡😡
*आत्मा से तृप्त लोग..*
बस स्टैंड पर बैठा मैं अपने शहर जाने वाली बस का इंतजार कर रहा था। अभी... 1👇😊
बस स्टैण्ड पर बस लगी नहीं थी।
मैं बैठा हुआ एक किताब पढ़ रहा था।
मुझे देखकर लगभग 10 साल की एक बच्ची मेरे पास आकर बोली, "बाबू पैन ले लो,10 के चार दे दूंगी। बहुत भूख लगी है, कुछ खा लूंगी।"
उसके साथ एक छोटा-सा लड़का भी था, शायद भाई हो उसका।
मैंने कहा: मुझे पैन तो नहीं चाहिए।
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आगे उसका सवाल बहुत प्यारा सा था,
*फिर हम कुछ खाएंगे कैसे ?*
मैंने कहा: मुझे पैन तो नहीं चाहिए पर तुम कुछ खाओगे जरूर..।
मेरे बैग में बिस्कुट के दो पैकेट थे, मैने बैग से निकाल एक-एक पैकेट दोनों को पकड़ा दिए, पर मेरी हैरानी की कोई हद ना रही जब उसने एक पैकेट वापिस करके कहा,*"
हमारा धर्म पहले संपूर्ण धरती पर व्याप्त था।
पहले धरती के सात द्वीप थे- जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर। इसमें से जम्बूद्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है। राजा प्रियव्रत संपूर्ण धरती के और राजा अग्नीन्ध्र सिर्फ जम्बूद्वीप के राजा थे।
जम्बूद्वीप में
नौ खंड हैं- इलावृत,भद्राश्व, किंपुरुष,भारत, हरि,केतुमाल, रम्यक, कुरु और हिरण्यमय। इसमें से भारतखंड को भारत वर्ष कहा जाता था।भारतवर्ष के 9 खंड हैं- इसमें इन्द्रद्वीप, कसेरु, ताम्रपर्ण, गभस्तिमान, नागद्वीप, सौम्य, गन्धर्व और वारुण तथा यह समुद्र से घिरा हुआ द्वीप उनमें भारत नौवां है