#चीन को लेकर #भारत का सबसे बड़ा पॉलिसी शिफ्ट, क्या LAC बन जाएगी LoC ?
अब भारत/चीन के संबंधों में एक खतरनाक मोड़ आ गया है। दोनों देशों के सीमा विवाद पर 13वें राउंड की मीटिंग के बाद भारतीय सेना ने जो बयान जारी किया है उससे ऐसा लगता है कि अब भारत को चीन पर विश्वास नहीं रहा।
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ये #भारत की तरफ से चीन को लेकर अब तक का सबसे सख्त बयान है।
भारत ने पहली बार ये कहा है कि LAC पर मौजूदा स्थिति चीन की ओर से #यथास्थिति_बदलने और #द्विपक्षीय_समझौतों का उल्लंघन करने की वजह से हुई है, इसलिए यह जरूरी था कि #चीन इस मामले में उचित कदम उठाए।
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इससे पहले जब #कमांडर_स्तर की बातचीत होती थी तो दोनों देश यही कहते थे कि सब अच्छा रहा, उन्हें एक दूसरे पर भरोसा है और सकारात्मक बातचीत हो रही है। खबर का #पहला_पॉइंट ये है कि अब भारत और चीन दोनों देशों ने एक-दूसरे को लेकर अपनी पॉलिसी में अब तक का सबसे बड़ा शिफ्ट किया है।
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इस खबर का #दूसरा_बड़ा_पॉइंट ये है कि अब इसके बाद आशंका है, चीन के साथ हमारी सीमाएं भी Line of Actual Control की जगह Line of Control में बदल सकती हैं। अभी J&के में पापीस्तान के साथ हमारी जो सीमा लगती हैं उसे LoC कहते हैं और जो चीन के साथ सीमा लगती हैं उसे LAC कहते हैं।
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LoC व LAC में अंतर ये है कि LoC में #भारत_और_पापीस्तान के बीच सीमा निर्धारित है। जिस देश का जहां तक नियंत्रण है, वहीं से दोनों देशों ने अपनी सेनाएं तैनात कर रखी हैं। यानी यहां दोनों देशों की सेनाएं आंखों में आंखें डाल कर खड़ी हैं, जिसे Soldier to Soldier Marking भी कहते हैं
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#भारत_और_पापीस्तान के बीच 1948 के युद्ध के बाद ये सीमा निर्धारित हुई थी, जिसके तहत दोनों देश अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ सकते।
लेकिन LAC पर स्थिति अलग होती है। ये एक ऐसी वास्तविक सीमा है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच #आम_सहमति नहीं है और दोनों के अलग अलग दावे हैं।
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इसी वजह से LAC पर 💂 to 💂 Marking नहीं होती। बल्कि इसके बजाय 50से100 किलोमीटर का Buffer Zone बनाया जाता है, जहां फौज की तैनाती नहीं होती। यानी यहां दोनों की सेनाएं आंखों में आंखें डाल कर खड़ी नहीं होती। केवल उन्हीं इलाकों में सेनाएं एक दूसरे के करीब जाती हैं,जहां विवाद है।
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अब अगर LAC, LoC में बदल गई तो 50 से 100 किलोमीटर का ये Buffer Zone खत्म हो जाएगा और दोनों देशों की सेनाएं बिल्कुल आमने सामने खड़ी हो जाएंगी। इससे होगा ये कि जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर #भारत ने LoC पर पापीस्तान के साथ खड़ा किया है, वैसे ही #चीन के साथ भी LAC पर बनाना पड़ेगा।
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सोचने वाली बात ये है कि LoC लगभग 700 km लम्बी है जबकि LAC की लम्बाई लगभग #3500_km है। यानी LAC, अगर LoC में बदल गई तो ये बहुत बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा जिस तरह से LoC पर आए दिन सीजफायर का उल्लंघन होता रहता है, वैसा ही हिंसक संघर्ष #चीन के साथ भी होगा।
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ऐसी स्थिति में #भारत को दो फ्रंट पर लड़ना होगा। एक तरफ #पापीस्तान होगा और दूसरी तरफ #चीन होगा।
इस खबर का #तीसरा_पॉइंट ये है कि गलवान घाटी में पिछले साल हुई हिंसक झड़प के बाद दूसरी सर्दियां आने वाली हैं और सर्दियों में सैनिकों की तैनाती काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
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आशंका के अनुरूप अगर LAC, LoC में बदल गई तो सर्दियों में भी #भारत को #चीन की सेना के सामने अपने ज्यादा सैनिकों को तैनात करना होगा और इससे हिंसक टकराव का डर बना रहेगा।
एक और बात ये कि ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सेना की तैनाती आसान काम नहीं है।
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जैसे की सियाचीन में सेना की तैनाती का प्रतिदिन खर्च 6 करोड़ रुपये है और आने वाले समय में अगर सैनिकों की तैनाती इन इलाकों में बढ़ी तो ये खर्च और भी बढ़ जाएगा।
कुछ भी हो, हमने चीन पर विश्वास करके सिर्फ खोया है।
और नहीं ! हमें हमारी #सेना की काबिलियत पर पूरा भरोसा है। #जय_हिन्द 🇮🇳
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#उत्तराखंड से रातों-रात 2 लाख मुस्लिम बच्चे गायब...
पिछले 50-60 वर्षों से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार हर महीने छात्रवृत्ति देती रही है। लेकिन जैसे ही उत्तराखंड सरकार ने इन बच्चों के बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ने के लिए कहा, 1,95,360 बच्चे तुरंत गायब हो गए। कैसे ?👇
इन गैर-मौजूद छात्रों के नाम पर, सरकार केवल उत्तराखंड में हर साल #सारे14_करोड़_रुपये की छात्रवृत्ति वितरित कर रही थी। जो अब घटकर सिर्फ #2_करोड़ रह गई है ! आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पिछले 50-60 सालों से देश भर में भ्रष्टाचार का कितना बड़ा स्तर चल रहा है !!!
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वर्षों से #कांग्रेस_सरकार स्पष्ट रूप से पैसे लूटती रही है और मदरसों के रूप में कमीशन का पैसा नीचे से ऊपर तक वितरित किया गया है, अन्यथा यह कैसे हो सकता है कि कांग्रेस सरकार को इस घोटाले के बारे में पता भी नहीं था और #भाजपा को आते ही पता चल गया।
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#भारत से लगती सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की संभावना नहीं ...
#चीनी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन को भारत की संभावित सैन्य आक्रामकता से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि #भारत संघर्ष के नए दौर के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
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#चीन के साथ लगती सीमा पर तनाव बरकरार है और फिलहाल इसके खत्म होने की कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही है। यही नहीं, चीनी सेना की जो तैयारी है उससे तो लगता है कि आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ सकता है। चीन की आर्मी यानी पीएलए ने सीमा पर नए तरह के वाहन तैनात किए हैं ...
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जिससे हर क्षेत्र में आना जाना सुगम होगा और वह पठारी इलाकों में तैनात आपने सैनिकों तक रसद और अन्य साजो सामान पहुंचा सकेगी।
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों चीन की ओर से तैयारियों को देखते हुए एलएसी के नजदीक के पहाड़ों पर भारत ने ...
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हमारे इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया है। आजादी के बाद से बामी-कामी इतिहासकारों ने हमें दुर्भावनापूर्ण मंशा के कारण गलत तथ्यों के साथ जोड़ दिया है।
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अधिकांश भारतीयों को ब्रिटिश प्रशासन के खिलाफ शुरू हुए #भारतीय_स्वतंत्रता_संग्राम में आदिवासी लोगों के योगदान के बारे में जानकारी नहीं है।
चाखी खुंटिया, जो जगन्नाथ मंदिर के प्रसिद्ध 'पांडा' थे और अशांत समय की मांग के कारण वे एक #स्वतंत्रता_सेनानी बन गए।
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बहुत से लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि #रानी_लक्ष्मीबाई के पति की मृत्यु के बाद अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
#चाखी_खुंटिया का जन्म 20 जनवरी 1827 को हजुरी परिवार में हुआ था। उनके पिता, रघुनाथ खुंटिया #जगन्नाथ_पुरी के प्रसिद्ध पुजारी थे।
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पाकिस्तानी मीडिया में मादरे वतन का उल्लेख ख़ूब मिलता है। मादरे वतन यानि मातृभूमि। भारत में जावेद अख़्तर सरीखे मुस्लिम व्यक्ति जब वंदे मातरम कहता है, तो ज़्यादातर लोगों को अच्छा लगता है।
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तारिक फ़तह तो #वंदे_मातरम का विरोध करने वालों को अक्सर गरियाते ही रहते हैं। बहर हाल,अभी लगभग सवा सौ साल पहले तक,वंदे मातरम गीत कोई नहीं जानता था। जबकि आज ये गीत अधिसंख्य भारतीयों के लिए अस्मिता और गौरव का प्रतीक बन चुका है।
इस गीत के रचियता #बंकिम_चन्द्र पहले भारतीय आईसीएस थे👇
उन्होंने अनेक किताबें लिखीं, #आनंदमठ से मशहूर हुए। वंदे मातरम गीत इसी उपन्यास का अंश था। अंग्रेज़ों द्वारा इसकी व्याख्या कुछ इस तरह की गई, कि भारत भूमि की वंदना के बहाने यह पुस्तक अंध राष्ट्रवाद को उकसावा देती है। सन् "1882" में पुस्तक प्रकाशित हुई, और ...
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इजरायल - फिलिस्तीन मामले में भारत में हर इस्लामी अपनी प्रतिक्रिया देते थे पर अब तालिबान जब 15से45 उम्र की लड़कियों और विधवाओं का जबरन "सेक्स स्लेव" बनाने के लिए घर से उठा रहा है और सड़कों पर लाशों का ढेर लगी हो तो कोई क्यों ज्ञान नहीं दे रहा ?
क्या इस्लाम में ये जायज़ है ?
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#कट्टरपंथी_इस्लामिक_संगठन_तालिबान और अफगान सेनाओं के बीच चल रहे संघर्ष का खामियाजा अफगानी लोगों को भुगतना पड़ रहा है। तालिबान पूरे देश पर कब्ज़ा करना चाहता है और इसके लिए, अत्याचार कर रहा है। हजारों की संख्या में अफगानी अपने घरों को छोड़, सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।
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अपने 6 बच्चों को लेकर कुंडुज छोड़कर आईं 36 वर्षीय फरीबा बताती हैं कि उनके शहर में #तालिबान के कब्जा के बाद सड़कों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं और कुत्ते उन्हें नोच रहे हैं। कुंडुज शहर के ही मीरवाइज खान ने बताया कि तालिबान ने एक नाई को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि उनपर शक था।
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