बीस साल में एक एक्सप्रेस-वे न बना तुमसे, क्या घूइया छीले हो, बिहार की जनता तुम्हे बस झेल रही है किसी तरह, विकल्प के अभाव में ..
अन्यथा हमारे बाबा पूरे यूपी में चार साल के अंदर ही रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछा दिए हैं ..
एक नही तीन एक्सप्रेस वे पाइप लाइन में है ....
पूर्वाचंल तैयार है, बुंदेलखंड का डिफेंस कॉरिडोर के साथ साथ बनने वाला एक्सप्रेस-वे अगली साल तैयार होगा, और सबसे लंबा लगभग साढ़े पांच सौ किलोमीटर का गंगा एक्सप्रेस-वे भी प्रोसेस में है .....
लेकिन आगे बिहार की जनता तुम्हे बीजेपी के साथ भी नही झेलेगी, क्योंकि बाबा को देख कर हमारे बिहारी भाई भी ललचा रहे हैं कि ऐसा मुख्यमंत्री हो ..... अतः जरूरत है कि बीजेपी अपना चेहरा तैयार करे ...
शेर जब दो कदम पीछे खींचता है तो वो यह काम डर कर नही करता है...बल्कि वाइल्ड लाईफ के विशेषज्ञ इसे शेर का शिकार करने के लिये घात लगाना कहते है...अब शिकार किसका,कहां और कैसे होगा...यह आने वाला समय ही बतायेगा....लेकिन होगा जरूर,यह मै पूरे भरोसे से कह सकता हूं....
यहां एक बात और जानिये कि बाकी किसान नेताओं की तरह विपक्ष भी डर रहा होगा कि इस घोषणा के पीछे असल मे जाने क्या छुपा हुआ है...क्या होगा मोदी का अगला कदम.....किसकी गर्दन नपेगी...बस इसी चक्कर में विपक्ष बड़ा संभलकर बोल रहा हैं......केवल अपनी पुरानी बातें याद करा रहा हैं।
जहां तक मै इस निर्णय के पीछे की सोच को समझ पा रहा हूं..........वो कदापि किसान कानून की कमियां तो नही ही है....इसके पीछे शायद विदेशी ताकतों द्वारा देशी चूजों के बल पर रची गई निश्चित ही खालिस्तानी चिलगोजों की मूवमेंट की किसी साजिश की सूचना,जानकारी जरूर होगी जिससे लालकिले..
अभी तो जश्न का माहौल है , परन्तु किसानों को कुछ समय बाद पता चल जाएगा कि कानून किस तरह उन्हीं के हितों के लिए बनाए गए थे । यह अच्छा हुआ कि देश में महान लोकतंत्र कायम है और आंदोलन की इच्छा के सामने झुककर सरकार ने कानून वापस लेने की घोषणा कर दी ।
जो बात किसानों को अभी तक समझ नहीं आ रही थी , आंदोलन खत्म होने के बाद शायद समझ आ जाए । फिलहाल देश में शांति कायम करने के लिए तीनों कानूनों की वापसी ही एकमात्र रास्ता थी ।
यह बात साफ है कि भारत में जनतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं । इतनी गहरी कि जनता के सामने सरकार को झुकना
ही नहीं पड़ता , प्रधानमंत्री को किसानों से माफी भी मांगनी पड़ती है । सरकार द्वारा कानूनों की वापसी के फैसले से लोकतंत्र की जड़ें और पुख्ता हुई हैं । जनशक्ति के सामने प्रधानमंत्री और भारत सरकार का इस तरह झुकना सचमुच लोकतंत्र की जीवंतता का अभूतपूर्व प्रमाण है ।
यदि आप अक्षय कुमार की नई फिल्म सूर्यवंशी पर पैसा बर्बाद करने जा रहे हैं तो रुकिए...
फ़िल्म देखने मे आपको लगेगा कि पुलिसकर्मियों की मेहनत पर बनी है, पर फ़िल्म की कहानी का मुख्य मकसद ये है कि एक आतंकवादी किन परिस्थितियों में आतंकवादी बनता है।
ऐसे क्या कारण हैं जिनसे मजबूर होकर वह आतंक का रास्ता अपनाता है।
फ़िल्म में जैकी श्रॉफ मुख्य आतंकी बने हैं, जिन्हें 1947 के बंटवारे के समय पलायन कर के पाकिस्तान जाना पड़ता है क्योंकि यहां के हिन्दू उनके माता-पिता बहन भाई इत्यादि को मार देते हैं और उनका घर जला देते हैं।
और वहां जाकर भी उन्हें सम्मान नही मिलता है और उनके ऊपर मुहाजिर का टैग लगा दिया जाता है,पर वे पाकिस्तानियों से कोई बदला लेना नही चाहते हैं उनकी सारी नफरत हिंदुस्तान के लिए है।इसके अलावा भारत के मुस्लिम सेक्युलर हैं,वे आतंकवाद का समर्थन नही करते हैं,उनपर बेकार ही शक किया जाता है,
इस तस्वीर में LAC पर आप एक लंबी पीली रेखा को देख सकते हैं, ओर बीच लाल अक्षरों में Buffer Zone लिखा है, चीनी सेना भारत के उसी इलाके में आ कर कई सालों से बैठ गई थी, भारतीय सेना की बार बार हिदायत के बाद भी बहां से पीछे नहीं हटती थी !! तब भारतीय सेना LAC पार करके चीनी कब्जे वाली
एक चोटी पर बैठ गई !! तब चीन की PLA सेना उस Buffer Zone से दयालुता के कारण नहीं, भारत के सैन्य बलों की धमकी के कारण वहां वापस चले गए. चीन ने इस क्षेत्र से अपना पूर्ण नियंत्रण खो दिया है !! अब दोनों पक्ष इस विवादित क्षेत्र में गश्त करते हैं !! चीन की PLA सेना को डोकलाम और
पैंगोंग त्सो की तरह यहां एक और नुकसान झेलना पड़ा है.
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यह रिपोर्ट मेरी नहीं, खुद China Communist party CCP मोकोमन की है. CCP खुद कह रही है कि भारतीय सेना की जबर्दस्त कार्रवाई के कारण चीन उस Buffer Zone से पीछे हटा है. चीन समझ चुका है कि अब नेहरू या कांग्रेसी युग नहीं,
पिछले दिनों सुरक्षा बलों ने maoist आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। CPI Maoist leader प्रशांत बोस जिसे किशन दा के नाम से भी जाना जाता है, उसे उसकी पत्नी शीला मरांडी के साथ गिरफ्तार किया गया है
प्रशांत बोस 85 साल का खतरनाक आतंकवादी है, और मैं दावे से कह रहा हूँ
कि अब मीडिया, Intellectuals और कुछ पोलिटिकल पार्टियां इनके समर्थन में खड़े होंगे.....इसकी उम्र और सेहत का हवाला दे कर इसको छोड़ने के लिए कोर्ट में वकीलों की लाइन लगेगी.......कुछ so called Woke लोग और हमारा youth भी इसकी शक्ल और बुढापा देख कर द्रवित हो जाएगा.....
कॉलेज यूनिवर्सिटियों में हो सकता है इसके समर्थन में protest भी हों
लेकिन आपको ये जानना जरूरी है कि ये पति पत्नी कितने खतरनाक हैं.......प्रशांत बोस 50 साल से ज्यादा समय से Maoist आतंकवाद का नेतृत्व कर रहा है......ये 100 से ज्यादा घातक हमले करवा चुका है, जिसमे सैंकड़ो सुरक्षा
राहुल गांधी का कल नशे में दिया गया भाषण सुनकर कसम से लग रहा है ।। मैं सब छोड़कर गंगासागर चला जाऊं ।।
ब्रह्मऋषि राहुलजी बोल रहे थे कि "उन्होंने सारे उपनिषद, वेद, रामायण, महाभारत पढे हैं , केवल पढे ही नहीं है समझे भी हैं" .. 😳😳
बस एक सवाल था मेरा, सारे कांग्रेसियों से .. "यहाँ लोग वेदों या उपनिषदों में किसी एक को समझने में ही पूरा जीवन खपा देते हैं और आपके बेवड़े ने सब कुछ पढ़कर समझ लिया ... तब तो हर कांग्रेसी बिल्कुल ब्रह्म ज्ञानी है मेरी दृष्टि में ...🙏🙏
राहुल गांधी तो छोड़िए कोई कांगी यदि मुझे केवल सबसे छोटे उपनिषद "मांडूक्य उपनिषद" को समझा दे, उसमे वर्णित ॐ की व्याख्या, मानव चेतना की चार अवस्थाएं, तीन जन्म आदि को समझा दे, तो कसम से मैं उसके पैर धोकर पी लूंगा और उसे अपना गुरु बना लूंगा 🙏🙏