आज किसान आंदोलन का 361वां दिन है, यानी एक साल बीतने में सिर्फ़4दिन बाकी हैं।
रोज़ की तरह टिकरी बॉर्डर पर क्रांति के गीत हैं, जोशीले इंकलाबी नारे हैं।सिर पर छत नहीं, लेकिन वाहे गुरु पर अटूट विश्वास का सायाहै।
इस आंदोलनमें जो700से ज़्यादा किसान शहीद हुए,उनमें ज़्यादातर छोटे
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किसान थे- इस पर विस्तृत रिपोर्ट आ चुकी है।
नरेंद्र मोदी एंड कंपनी को इनसे कोई मतलब नहीं। उन्हें 20 लाख करोड़ के कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट के हवाले करना है।
किसानों को छोटा-बड़ा कर बांटने की उनकी साज़िश नाकाम रही। अब तो माफ़ी मांगने का सियासती दांव भी नाकाम नज़र आ रहा है।
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पूरे देश में सत्ता विरोधी लहर है।युवा बेरोज़गार उसी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर पूरी रात अखिलेश की रैली में चलते रहे, जहां मोदी ने उड़नखटोले उड़ाए थे।लेकिन पेडिग्री मीडिया ने नहीं दिखाया।
अब तो भक्त भी यकीन से नहीं कह पा रहेहैं कि मोदी है तो मुमकिनहै।
अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे
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कद्दावर नेता भी सकपकाए हुए हैं कि बीजेपी उम्मीदवार अवाम के बीच जाकर क्या कहेंगे?
दिल्ली के और योगी के उम्मीदवारों में से किस पर कौन, कितना जीत का दांव लगता है-यह भी देखने की बात होगी।
अवाम जानती है कि वे क्या कहेंगे!क्या करेंगे। क्या कर सकते हैं।जीतने के लिए किस गिरी हुई हद
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तक जा सकते हैं।
फिर भी वोट की ताक़त अवाम के हाथ है। मोदी और शाह के साथ ही पेडिग्री मीडिया ने भी बंगाल में इस ताक़त का जलवा देख लिया।
पूर्व पीएम वीपी सिंह अक्सर कहते थे- रेत का किला जब ढहना शुरू होता है तो रुकता नहीं।
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टिकरी की ये किसान महिलाएं साधारण नहीं। वे असल ताक़त हैं, जिनकी बनाई रोटी ने आज देश में नई उम्मीद जगाई है।
इस ताक़त को कमज़ोर समझने वाले को 2022 नसीहत देगा। @BramhRakshas
तीन बार जल समाधि लेने की प्रतिज्ञा की लुटिया डुबाने वाले महंत बाबा कह रहें हैं कि तीनों कृषि कानून किसानों के हितमे है।
महंत ने कहा कि ये तीनों कानून, जिसे पीएम मोदी ने वापस ले लेने की बात कही है,किसानों के लिए काफी लाभदायकहै।इस कानून को
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जनमत संग्रह करवाकर फिर से लाया जाएगा। इस कानून के पक्ष में देश के 90 प्रतिशत किसान पीएम मोदी के साथ खड़े हैं।
परमहंस ने कहा कि अगर राकेश टिकैत कृषि कानूनों के बारे में बता दें तो वो उन्हें एक करोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि टिकैत को कृषि कानूनों को लेकर कोई जानकारी नहीं है,
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वो सिर्फ देश तोड़ने का काम कर रहे हैं। इसके लिए टिकैत को जबरदस्त फंडिंग मिल रही है।
बाबा देश निर्माण के लिए भाजपा से टिकट भी मांग रहें हैं।
#pegasus
एप्पल कम्पनी भारत सरकार से ज्यादा जिम्मेदार निकली :
फोन निर्माता कंपनी Apple ने पेगासस Pegasus पर मुकदमा ठोका ।
एप्पल फोन (iPhone) यूजर्स के फोन में घुसपैठ करने और भविष्य में एप्पल फोन में इस प्रकार की घुसपैठ पर स्थाई प्रतिबंध लगाने के लिए यह मुकदमा ठोका गया है ।
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कैलिफॉर्निया की संघीय अदालत में यह मुकदमा दाखिल किया गया है।
ठीक भी है क्योंकि पेगासस की चपेट में
आए दुनिया के लगभग सभी राजनीतिज्ञ, पत्रकार, एक्टिविस्ट ,बुद्धिजीवी एप्पल फोन का ही इस्तेमाल करते हैं ।
आपको याद होगा कि इस्रायल की जासूसी उपकरण बनाने वाली कंपनी NSO द्वारा
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निर्मित पेगासस स्पाइवेयर का विभिन्न देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों के फोन पर निगरानी रखने के लिए इस्तेमाल किया। कम्पनी यह स्पाइवेयर केवल सरकारों को बेचती है, व्यक्तियों को नहीं।
अपने यहां तो सरकार बहादुर ने माना ही नहीं है कि देश के पत्रकारों ,
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1950के दशक में हावर्ड यूनिवर्सिटी के विख्यात साइंटिस्ट कर्ट रिचट्टर ने चूहों पर एक अजीबोगरीब शोध किया था।
कर्ड ने एक जार को पानी से भर दिया और उसमें एक जीवित चूहे को डाल दिया।
पानी से भरे जार में गिरते ही चूहा हड़बड़ाने लगा औऱ
जार से बाहर निकलने के लिए लगातार ज़ोर लगाने लगा।
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चंद मिनट फड़फड़ाने के पश्चात चूहे ने जार से बाहर निकलने का अपना प्रयास छोड़ दिया और वह उस जार में डूबकर मर गया।
कर्ट ने फ़िर अपने शोध में थोड़ा सा बदलाव किया।
उन्होंने एक दूसरे चूहे को पानी से भरे जार में पुनः डाला। चूहा जार से बाहर आने के लिये ज़ोर लगाने लगा।
जिस समय चूहे
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ने ज़ोर लगाना बन्द कर दिया और वह डूबने को था..ठीक उसी समय कर्ड ने उस चूहे को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया।
कर्ड ने चूहेको उसी क्षण जार से बाहर निकाल लिया जब वह डूबने की कगार पर था।
चूहे को बाहर निकाल कर कर्ट ने उसे सहलाया..कुछ समय तक उसे जार से दूर रखा और फिर एकदमसे उसे पुनः
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★★ 26/11/2019 और 02/12/2019 को लिखा था कि भारत मे मोबाइल बिल 100%-250% बढ़ेगा..आलरेडी बिल 100% बढ़ चुका है..मेरी पुरानी ID अबतक लॉक है वरना पुराने पोस्ट की स्क्रीनशॉट डाल देता..कल मोबाइल बिल में भारी वृद्धि का ऐलान हुआ है👈
● सरकार को मोबाइल कंपनियों से लोन,
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जुर्माना वगैरह मिला कर लगभग7लाख करोड़ लेने है..और ये पैसा आपकी जेब से निकाला जाना तय हुआ था..ये टेलीकॉम घोटाला है.
👉 2019 में "एवरेज रेवेन्यू पर यूजर"(ARPU)था लगभग110₹..अब ये ARPU 200₹ हो चुका है..मैंने एक साधारण सा गणित बताया था :👇
- ARPU 5% बढ़ने से Jio को 1400 करोड़
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का फायदा होता है..तो ARPU 100% बढ़ने से JIO और दूसरी कंपनियो को कितना फायदा होता है ये आप समझिए..
● एवरेज में हर साल 35%-50%तक मोबाइल बिल बढ़ेंगे..ये वृद्धि कोई 'सरलरेखा' में नही होगी..मोबाइल बिल की वृद्धि एक टेक्निकल विषय है..मैंने आपकी समझ के लिए आंकड़ों का सरलीकरण किया है
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किसानों ने पकड़कर उल्टा लटका दिया है। वो 6 मांगों के साथ शहंशाह-ए- आलम को टेबल पर आने, नेगोशिएट करने का आमंत्रण दे रहे हैं।
अव्वल तो सर्वशक्तिमान देवता को, जिसके आगे नर, किन्नर, देव, उपदेव, भूत, पिशाच, ग्रह, उपग्रह नक्षत्र सब झुकझुककर सिजदा करते हैं..
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उस फिरौन को टेबल पर बुलाना ही अपमान है।
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लेकिन फिर भी, अगर आसमां के जीनों से उतर कर, खुदा टेबल पर आ भी गया तो,एक एक मांग, अपमान का घूंट है।
आंदोलनकारियों पर से केस वापस लेना, मौतों का मुआवजा देना, और फिर स्मारक बनवाना.. अरे ,तीन कानून वापस लेने की जलालत काफी नही थी क्या??
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पर सबसे कठिन है MSP की गारन्टी देना। केस वापसी, मुआवजा या स्मारक बनाना तो सस्ता-मस्ता काम है। कूदकर हरियाणा और यूपी की सरकारें हां कर देंगी, अपनी ओर से घोषणा कर देंगी। लेकिन MSP पर कानून बनाना...ये कैसे होगा??
कृषि तो राज्य सूची का विषय है।
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तीन कृषि क़ानून को जबरन कामर्स,
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" थाली का बैंगन "
एक दिन बादशाह अकबर बैंगन की खूब तारीफ़ कर रहे थे.
पास खड़े बीरबल भी बादशाह की हां में हां मिला रहे थे.साथ में अपनी तरफ से दो-चार कसीदे भी बैंगन की शान में पढ़ दे रहे थे: 'बैंगन है ही ऐसी सब्जी,जो न सिर्फ देखने में बल्कि खाने में भी बढ़िया रहती है,इसीलिए तो
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ऊपरवाले ने इसके सिर पर ताज दिया है.'
इत्तेफ़ाक़न कुछ दिनों बाद बैंगन की तरकारी खानेके बाद बादशाह सलामत की तबियत ख़राब हो गई,
उसके बाद अकबर अगले दिन दरबार में बैंगन को जमकर कोसनेलगे.
बीरबल ने फिर बादशाह का साथ दिया:'सही कह रहे हैं जहाँपनाह आप,इसी वजह से तो इसे बे-गुन यानी बिना
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किसी गुण का कहा जाता है .देखिये, इसी के चलते बनाने वाले ने इसके सिर में एक बड़ा सा कीला भी ठोंक दिया है.'
बादशाह मुस्कुराते हुए बोले...बीरबल , उस दिन तो तुम बैगन के गुण बताते नहीं थक रहे थे और आज उसकी बुराई पर बुराई किए जा रहे हो ।