नासा में नौकरियों की बहार है।आप अभी अप्लाई कर सकते हैं।नासा में एक नया प्रभाग ( Department)शुरू किया गयाहै।यह हैरान परेशान लोगोके लिए आदर्श नियुक्ति होगी। क्योकि इस विभागका उद्देश्य हैरानहोना हीहै।
दरअसल पिछले कुछ बरसोंसे भारतमे इतनी सारी चीजें होरही हैं,1
जिससे नासा को हैरान होना पड़ रहाहै।नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एजेंसी में अमूमन वैज्ञानिक स्पेस सम्बंधित शोध करतेहैं।समय मिलने पर वे हैरान होने की ड्यूटी भी करतेहैं। लेकिन दिन प्रतिदिन हैरानी का बर्डन बढ़ता जा रहा है।अतएव हैरानी विभाग का गठन किया गयाहै।
हैरानी विभाग को अधिकतर
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कार्य भारत से प्राप्त हो रहा है। सैकड़ों मन्दिर हजारों गुफा, लाखों मूर्तियां, नदी , नाले, झाड़ी, पर्वत, मन्दिर, झील या सिद्ध पुरुषों पर रोज हजारों हैरानी व्यक्त करनी पड़ती है। नए भारत मे न्यूज चैनलों में तथा पोर्टल्स में वृद्धि होने से हैरानी की दर में विस्फोटक वृद्धि हुई है।
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लगातार हैरान रहनेके कारण नासाका समस्त कार्य अस्तव्यस्त हो गएहैं।अतएव नासाने तय किया है,की हैरान परेशान और बेरोजगार भारतीय युवाओंको ही,नासाकी तरफसे हैरान होनेके लिए तैनात कियाजाए।
यादरहे कि इसके पहले यूनेस्कोने भी तमाम तरहके सर्टिफीकेट देने के लिए भारत के भाजपा की आईटी सेलको
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जिम्मा दिया था।मगर नासाने अपने हैरानी विभागकी ड्यूटी सामान्य भारतीयोंके लिए भी खुली रखीहै
नासा ने कहा है,कि जल्द ही "हैरानी एलिजिबिल्टी टेस्ट"का आयोजन होगा।सबसे ज्यादा हैरान परेशान युवा को नासाके नवगठित 'डिपार्टमेंट ऑफ हैरानोलॉजी"में सीधी भर्ती की जाएगी
सूत्रोंके अनुसार भारतकी5
गोबरपट्टीके युवाओं में इस खबरके बाद राहत की लहर दौड़ गई है।आखिर योगीने अपनी विश्वस्तरीय प्रबंधनसे उन्हें हैरान इतनी प्रेक्टिस करवा दीहै,कि हैरानीके मामले भारतका कोई प्रदेश उन्हें पछाड़ नही सकता।
हालाकिं गुप्त खबर यह भीहै,हैरानी प्रभाग की स्थापना योगीजी के आदेश से कीहै।
कल की ही तो बात है,जब मोदी सरकारने विपक्ष की मांग को ठुकराते हुए बिना बहस के किसान बिल को वापस ले लिया।
संसद की कार्यवाही स्थगित हो गई और विपक्ष के 12सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल का वह सवाल भी गोल कर दिया गया,जो किसानों को
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लेकर मोदी सरकार की नीयत दर्शाता है।
वेणुगोपाल ने विदेश मंत्रालय से सवाल किया था- 1. क्या यह सच है कि कुछ NRI को एयरपोर्ट पर परेशान किया गया और उन्हें वापस भेजा गया?
2.अगर हां तो 3 साल का विवरण दें। 3. क्या यह सच है कि इनमें से कुछ NRI से कहा गया कि वे आंदोलनकारी किसानों की
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मदद बंद करदें?
4.अगर हां तो विवरणदें।
U455नंबर का यह सवाल तारांकित/अतारांकित के रूप में दर्ज़ था,जिसका जवाब विदेश मंत्रीको देनाथा।
लेकिन इस सवालको ही ड्रॉप कर दिया गया।
वेणुगोपालके जलियांवाला बाग के इतिहासको सौंदर्यीकरण के नाम पर नष्ट करने संबंधी सवाल को ड्रॉप करदिया गया।
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पहले विश्वयुद्ध की हार के बाद जर्मनी के राजा कैसर को गद्दी छोड़नी पड़ी। वाइमर रिपब्लिक अस्तित्व मे आया, जिसमे चुनाव होते थे। कुल 585 सदस्यों की संसद मे बहुमत के लिए 293 सदस्यों की जरूरत थी। अगले चौदह साल कई चुनाव हुए, कभी किसी को क्लीयर मेजोरिटी नही आई। 6/1
सो गठबन्धन सरकारें बनती रहीं। आखरी फेयर इलेक्शन नवम्बर 1932 मे हुआ। इस इलेक्शन मे हिटलर को मिली 195 सीटें, उसकी सहयोगी पार्टी याने सोशल डेमाक्रेट को मिली 121 सीट। कुल हुए 317
हिटलर भैया को पहली बार सरकार बनाने का मौका मिला। चांसलर बन गए। लेकिन अब सदन मे बहुमत साबित करना है।
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और हिटलर पर सहयोगी दल, और सहयोगी दल को नाजियों पर भरोसा नही था। तो संभव था कि सौ पचास डेमोक्रेट, हिटलर के समर्थन मे वोट न करें।
एक व्यक्ति 🚶 मरकर ऊपर पहुँचा तो स्वर्ग द्वार
पर उसे स्वयं चित्रगुप्त मिले !
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चित्रगुप्त बोले - " तुम एक शर्त पर भीतर आ सकते हो !"
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व्यक्ति :-- " कौन सी शर्त भगवन ?"
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चित्रगुप्त :-- " तुम्हे एक शब्द जो कि, फिरंगी जुबान का है
की स्पैलिंग ठीक-ठीक बतानी होगी !"
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व्यक्ति :-- " कौन सा शब्द भगवान ?"
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चित्रगुप्त :-- "लव !"
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व्यक्ति :-- " एल-ओ-वी-ई !"
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चित्रगुप्त :-- " बहुत अच्छा,तुम भीतर आ सकते हो !"
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वो व्यक्ति भीतर दाखिल हो गया,तभी चित्रगुप्त का मोबाइल बज उठा!
चित्रगुप्त:-- "हमें भगवान् बुला रहे है, तुम एक मिनट द्वार पर निगाह
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रखना हम अभी
लौट के आते हैं !"
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व्यक्ति :-- " जो आज्ञा भगवन !"
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चित्रगुप्त :-- " हमारी अनुपस्थिति में अगर कोई और प्राणी यहाँ पहुच जाए
तो उसको प्रवेश
देने से पहले उससे लव'' शब्द की स्पैलिंग जरुर
पूछना,
अगर वो भी तुम्हारी तरह स्पैलिंग ठीक बताये तो ही उसे भीतर आने देना !"
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#नो_पॉलिटिक्स_ऑनली_वाइल्डलाइफ सेशन में आपका स्वागत है।इस बार आप गिरगिट के बारे में अपनी जानकारी, मुफ्त में बढ़ाने वाले है।
अंग्रेजी में पढ़े लिखे लोग, गिट्टू भाई को "केमेलियोंन" भी कहते है।
ये नाम ग्रीक शब्द केमेल (भूमि) और
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लायन(शेर)से मिलकर बना है।अर्थात केमेलियोंन का मतलब, धरती पे फिरने वाला शेर है। तो जैसे शेर अकेला चलता है, अपना केमेलियोंन भी अकेला ही चलता है। इसे आसपास दूसरे गिरगिट पसंद नही होते।
सरीसृपों में गिरगिट साहब की चाल अनोखी है। वो अगले पांवों पर तनकर, सीना उठाकर मटकते हुए चलते है।
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देखकर लगेगा कोई हृदय सम्राट चला आ रहा हो।
गिरगिट जी यूं तो कार्डेटा का मेम्बर है,मने रीढ़ की हड्डी होती तो है,लेकिन खासियत ये, लेकिन यूज नही होती। याने वो सीधा खड़ा नही होते। और यही उनकी ताकत है।सर झुकाकर, घात लगाकर,मौका पाते ही शिकार करते हैं।
आज प्राइमिनिस्टर ने, सन्सद के सेंट्रल हाल में खड़े होकर, अपनी काली जुबान से, सम्विधान दिवस के पवित्र मौके को भी कलुषित कर दिया। मौका कोई हो, विदेशी मंच, सरकारी कार्यक्रम या समवैधानिक फोरम। प्रधानमंत्री के कदम रखते ही,उसकी गरिमा
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शून्य हो जाती है।वो दुराग्रह, तूतू मैंमैं और घटिया राजनीति वाली चुनावी रैली में बदल जाता है।
आज यह उगला गया, की देश की दूसरी पार्टियां लोकतांत्रिक नही हैं। प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या उनकी पार्टी लोकतांत्रिक है??क्या भाजपा का अध्यक्ष, उसका कोर ग्रुप, उंसके राज्य से लेकर मंडल
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तक का पदाधिकारी चुनकर आते हैं??
अगर नही,तो भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी होने का दावा कैसे करती है ??
लेकिन इसके पहले,सवाल होना चाहिए कि क्या भाजपा कोई राजनैतिक पार्टीहै भी या नही??
भाजपा की अपनी कोई विचारधारा नही। कोई आर्थिक, सामाजिक दर्शन,कोई स्वतंत्र कार्यक्रम नही।ये पार्टी,
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