पहले विश्वयुद्ध की हार के बाद जर्मनी के राजा कैसर को गद्दी छोड़नी पड़ी। वाइमर रिपब्लिक अस्तित्व मे आया, जिसमे चुनाव होते थे। कुल 585 सदस्यों की संसद मे बहुमत के लिए 293 सदस्यों की जरूरत थी। अगले चौदह साल कई चुनाव हुए, कभी किसी को क्लीयर मेजोरिटी नही आई। 6/1
सो गठबन्धन सरकारें बनती रहीं। आखरी फेयर इलेक्शन नवम्बर 1932 मे हुआ। इस इलेक्शन मे हिटलर को मिली 195 सीटें, उसकी सहयोगी पार्टी याने सोशल डेमाक्रेट को मिली 121 सीट। कुल हुए 317
हिटलर भैया को पहली बार सरकार बनाने का मौका मिला। चांसलर बन गए। लेकिन अब सदन मे बहुमत साबित करना है।
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और हिटलर पर सहयोगी दल, और सहयोगी दल को नाजियों पर भरोसा नही था। तो संभव था कि सौ पचास डेमोक्रेट, हिटलर के समर्थन मे वोट न करें।
गणित फेवर मे न था। सरकार गिर जाती।
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गणित फेल हो रहा हो तो उसमे आग लगा देनी चाहिए। संसद मे आग लगा दी गई। किसने लगाई, नहीं पता। लेकिन कम्युनिष्ट पार्टी का एक कार्यकर्ता पकड़ कर लाया गया। बोले- इसी ने आग लगाई है। कम्युनिष्ट पार्टी वालों ने आग लगाई है।
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और फिर कम्युनिष्ट पार्टी वालों को गद्दार बताकर मुठभंड़ शुरू हो गई। बहुत से देश छोड़कर भागे, बाकी जेल मे भर दिये गए।
कम्युनिस्ट पार्टी के संसद मे 100 मेम्बर थे। विश्वास मत के दिन सब जेल मे थे, या जान बचाकर छुपे थे। तो 585 की वास्तविक उपस्थिति 485 मे आ गयी।
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अब बहुमत को चाहिए केवल 243, जो मजे से पूरे हो गए।
इसके बाद जर्मनी मे इलेक्शन नही हुए।
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राज्यसभा मे बहुमत के लिए सरकार को दस बारह मेम्बरों की कमी पड़ती है। आज वेंकैया नायडू ने, विपक्ष के 12 सांसद निलंबित कर दिये। 6/6 @BramhRakshas @ARS1591
बीस साल पहले की बात है,ममता कांग्रेस तोड़कर तृणमूल बना चुकी थी।भाजपा के साथ थीं। तब कांग्रेस, चचा केसरी के दौर से निकल, दोबारा खड़ी हो रही थी।पत्रकारों के सामने, हवा में बड़ा सा शून्य घुमाकर ममता बनर्जी ने कहा - "सोनिया इज अ बिग जीरो"..।
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वो भाजपा की रेलमंत्री बनी,फिर कोयला मंत्री। 2004में "बिग जीरो" सोनिया ने सरकार को धराशायी कर दिया। बंगाल से भाजपा- तृणमूल गठबन्धन से एकमात्र सांसद जीता, खुद ममता। 2006 की विधानसभा में भी तृणमूल शिकस्त मिली।
मजबूर ममता ने सोनिया को कहा- सॉरी मैडम..
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सोनिया ने हंसकर उन्हैं
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साथ ले लिया। ममता2009का लोकसभा चुनाव यूपीए के साथ लड़ी, मनमोहन की रेलमंत्री बनी। 2011 में यूपीए लीडर के रूप में कांग्रेस, जेएमएम, जीएनएलएफ के साथ, विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार बंगाल में जीत मिली। ममता रेलमंत्री का पद छोड़ा। राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री बन कर प्रवेश किया। ।
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भारत की ज़्यादातर संपत्ति बेचकर भी पाई-पाई को मोहताज़ इतिहास की सबसे निकम्मी मोदी सरकार की नज़र अब बैंकों पर है।
संसद के चालू सत्र में दो बैंकों (शायद सेंट्रल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक) को बेचने के लिए बैंकिंग कानून संशोधन बिल 2021 लाया जाएगा।
मोदी सरकार का जुमला है कि उसे
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देश के विकास के लिए1.75लाख करोड़ की ज़रूरत है। इसीलिए विनिवेश ज़रूरी है।
देश का विकास हो रहा है या अडाणी का-ये दुनिया को पता है
सच यह है कि मोदी सरकार भारत के चंद कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाना चाहतीहै
यह बात मैं नहीं, बैंक के कर्मचारियों का एसोसिएशन(AIBEA)खुद कह रहाहै।
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कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं।
मोदी सरकार का सीधा गणित है। पहले लोन सेटलमेंट के रूप में डिफाल्टर कंपनियों का कर्ज माफ करवाओ और फिर अपने दोस्त कॉर्पोरेट के हाथों उन्हीं कर्जदार कंपनियों को बिकवा दो।
नीचे ऐसी ही 13 कर्जदार कंपनियों की लिस्ट है, जिनकी कर्जमाफी से बैंकों को करीब
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कल की ही तो बात है,जब मोदी सरकारने विपक्ष की मांग को ठुकराते हुए बिना बहस के किसान बिल को वापस ले लिया।
संसद की कार्यवाही स्थगित हो गई और विपक्ष के 12सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल का वह सवाल भी गोल कर दिया गया,जो किसानों को
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लेकर मोदी सरकार की नीयत दर्शाता है।
वेणुगोपाल ने विदेश मंत्रालय से सवाल किया था- 1. क्या यह सच है कि कुछ NRI को एयरपोर्ट पर परेशान किया गया और उन्हें वापस भेजा गया?
2.अगर हां तो 3 साल का विवरण दें। 3. क्या यह सच है कि इनमें से कुछ NRI से कहा गया कि वे आंदोलनकारी किसानों की
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मदद बंद करदें?
4.अगर हां तो विवरणदें।
U455नंबर का यह सवाल तारांकित/अतारांकित के रूप में दर्ज़ था,जिसका जवाब विदेश मंत्रीको देनाथा।
लेकिन इस सवालको ही ड्रॉप कर दिया गया।
वेणुगोपालके जलियांवाला बाग के इतिहासको सौंदर्यीकरण के नाम पर नष्ट करने संबंधी सवाल को ड्रॉप करदिया गया।
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एक व्यक्ति 🚶 मरकर ऊपर पहुँचा तो स्वर्ग द्वार
पर उसे स्वयं चित्रगुप्त मिले !
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चित्रगुप्त बोले - " तुम एक शर्त पर भीतर आ सकते हो !"
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व्यक्ति :-- " कौन सी शर्त भगवन ?"
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चित्रगुप्त :-- " तुम्हे एक शब्द जो कि, फिरंगी जुबान का है
की स्पैलिंग ठीक-ठीक बतानी होगी !"
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व्यक्ति :-- " कौन सा शब्द भगवान ?"
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चित्रगुप्त :-- "लव !"
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व्यक्ति :-- " एल-ओ-वी-ई !"
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चित्रगुप्त :-- " बहुत अच्छा,तुम भीतर आ सकते हो !"
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वो व्यक्ति भीतर दाखिल हो गया,तभी चित्रगुप्त का मोबाइल बज उठा!
चित्रगुप्त:-- "हमें भगवान् बुला रहे है, तुम एक मिनट द्वार पर निगाह
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रखना हम अभी
लौट के आते हैं !"
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व्यक्ति :-- " जो आज्ञा भगवन !"
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चित्रगुप्त :-- " हमारी अनुपस्थिति में अगर कोई और प्राणी यहाँ पहुच जाए
तो उसको प्रवेश
देने से पहले उससे लव'' शब्द की स्पैलिंग जरुर
पूछना,
अगर वो भी तुम्हारी तरह स्पैलिंग ठीक बताये तो ही उसे भीतर आने देना !"
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नासा में नौकरियों की बहार है।आप अभी अप्लाई कर सकते हैं।नासा में एक नया प्रभाग ( Department)शुरू किया गयाहै।यह हैरान परेशान लोगोके लिए आदर्श नियुक्ति होगी। क्योकि इस विभागका उद्देश्य हैरानहोना हीहै।
दरअसल पिछले कुछ बरसोंसे भारतमे इतनी सारी चीजें होरही हैं,1
जिससे नासा को हैरान होना पड़ रहाहै।नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एजेंसी में अमूमन वैज्ञानिक स्पेस सम्बंधित शोध करतेहैं।समय मिलने पर वे हैरान होने की ड्यूटी भी करतेहैं। लेकिन दिन प्रतिदिन हैरानी का बर्डन बढ़ता जा रहा है।अतएव हैरानी विभाग का गठन किया गयाहै।
हैरानी विभाग को अधिकतर
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कार्य भारत से प्राप्त हो रहा है। सैकड़ों मन्दिर हजारों गुफा, लाखों मूर्तियां, नदी , नाले, झाड़ी, पर्वत, मन्दिर, झील या सिद्ध पुरुषों पर रोज हजारों हैरानी व्यक्त करनी पड़ती है। नए भारत मे न्यूज चैनलों में तथा पोर्टल्स में वृद्धि होने से हैरानी की दर में विस्फोटक वृद्धि हुई है।
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#नो_पॉलिटिक्स_ऑनली_वाइल्डलाइफ सेशन में आपका स्वागत है।इस बार आप गिरगिट के बारे में अपनी जानकारी, मुफ्त में बढ़ाने वाले है।
अंग्रेजी में पढ़े लिखे लोग, गिट्टू भाई को "केमेलियोंन" भी कहते है।
ये नाम ग्रीक शब्द केमेल (भूमि) और
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लायन(शेर)से मिलकर बना है।अर्थात केमेलियोंन का मतलब, धरती पे फिरने वाला शेर है। तो जैसे शेर अकेला चलता है, अपना केमेलियोंन भी अकेला ही चलता है। इसे आसपास दूसरे गिरगिट पसंद नही होते।
सरीसृपों में गिरगिट साहब की चाल अनोखी है। वो अगले पांवों पर तनकर, सीना उठाकर मटकते हुए चलते है।
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देखकर लगेगा कोई हृदय सम्राट चला आ रहा हो।
गिरगिट जी यूं तो कार्डेटा का मेम्बर है,मने रीढ़ की हड्डी होती तो है,लेकिन खासियत ये, लेकिन यूज नही होती। याने वो सीधा खड़ा नही होते। और यही उनकी ताकत है।सर झुकाकर, घात लगाकर,मौका पाते ही शिकार करते हैं।