सीताजी की सुंदरता का वर्णन नहीं हो सकता, क्योंकि बुद्धि बहुत छोटी है। श्री रामचन्द्रजी को देखकर तो सभी कृतकृत्य हो गए। राजा दशरथजी पुत्रों सहित हर्षित हुए। उनके हृदय में जितना आनंद था, वह कहा नहीं जा सकता।
सीताजी मंडप में आईं।
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मुनिराज बहुत ही आनंदित होकर शांतिपाठ पढ़ रहे हैं। देवताओं की पूजा कराके मुनियों ने सीताजी को सुंदर सिंहासन दिया।
श्री सीताजी और श्री रामजी का आपस में एक-दूसरे को देखना तथा उनका परस्पर का प्रेम, किसी को दिख नहीं पड़ रहा है, जो बात श्रेष्ठ मन, बुद्धि और वाणी से भी परे है।
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कुलों के गुरु वर और कन्या की हथेलियों को मिलाकर शाखोच्चार करने लगे। पाणिग्रहण हुआ देखकर ब्रह्मादि देवता, मनुष्य और मुनि आनंद में भर गए।
वर और कन्या सुंदर भाँवरें दे रहे हैं। सब लोग उन्हें देखकर नेत्रों का परम लाभ ले रहे हैं। मुनियों ने आनंदपूर्वक भाँवरें फिराईं और नेग सहित सब
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रीतियों को पूरा किया।श्री रामचन्द्रजी सीताजी के सिर में सिंदूर दे रहे हैं,यह शोभा किसी प्रकार भी कही नहीं जाती।
फिर वशिष्ठजी ने आज्ञा दी,तब दूलह और दुलहिन एक आसन पर बैठे।उन्हें साथ बैठा देखकर दशरथजी मन में बहुत आनंदित हुए। अपने सुकृत रूपी कल्प वृक्ष में नए फल (आए) देखकर उनका
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शरीर बार-बार पुलकित हो रहा है। चौदहों भुवनों में उत्साह भर गया, सबने कहा कि श्री रामचन्द्रजी का विवाह हो गया।
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दीपिका चिखलिया और अरुण गोविल के स्क्रीन पर दिखाये नकली विवाह के दृश्य पर हमारे माता पिता ने हाथ जोड़ लिए थे। टीवी की आरती उतारी गई। नारियल फोड़े शंख बजाए गए।
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वे दशरथ हो गए,कौशल्या हो गए।वो अयोध्या के नगरवासी हो गए।हम छोटे थे,उसी श्रद्धा को इमिटेट किया। हमारे,उनके हृदय में राम के प्रति प्रेम था, अगाध श्रद्धा थी।फिर सरस्वती शिशु मंदिरमें मुझे पढ़ाया गया।
चंदनहै इस देशकी माटी,तपोभूमि हर ग्रामहै,
हर नारीमें सीता है,बच्चा बच्चा राम है।
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उस शिक्षा को मैं सिरिसिसली लेता हूँ।विवाह कैटरीना विक्की का,तेजस्वी रेचल का,राजीव सोनिया का,आशीष पूजा का,आपके बेटे और बहू का।प्रेम से देखूँ,तो सबमे राम सीता की छवि दिखती है।
आपकी नजर है, उसमे क्या देखें।
प्रेम, सौंदर्य, समर्पण..
स्कैंडल, या फिर लव जिहाद!!!!
ऊपर पहला भाग
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रामचरितमानस सेथा।नीचे का हिस्सा किसीका भाषणहै।
"सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या में आप कीर्तन कर सकते है,भजन कर सकतेहैं।अब भजन एक व्यक्ति तो करता नहीहै।भजन सामूहिक होताहै,और कीर्तनके लिए तो और भी लोगोकी जरूरत होतीहैं
भजन और कीर्तन खड़े खड़े तो होते नहींहैं।कब तक खड़े रहोगे।8
वहां तो नुकीले पत्थर निकले पड़े हैं, उनपर तो कोई नही बैठ सकता। तो जमीन को समतल करना पड़ेगा"
सुनने वाली भीड़ ने जमीन समतल कर दी। उस दिन हिंदुत्व खतरे में आया। उस दिन राम का नाम, श्रीराम का जाप, किसी को धमकाने का वार क्राइ हो गया। राम का सौंदर्य समाप्त हुआ।
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त्रेतायुग के बाद, पहली बार यह काम सिर्फ हम कर पाए।
2020-21 में भी दो लाख करोड़ से अधिक की रकम राइट ऑफ कर उद्योगपतियों को सीधा फायदा पुहंचाया गया मोदी सरकार द्वारा......
इंडियन एक्सप्रेस ने कल खबर दी है कि मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में बैंकों ने 2,02,781 करोड़ रुपये के बुरे ऋणों को बट्टे खाते में डाल दिया......
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मोदी सरकार के कार्यकाल में हर साल लाखो करोड़ बट्टे खाते में डाले गए हैं ..
2016-17 में 1,08,373करोड़
2017-18 में 1,61,328करोड़ रुपये
2018-19 में 2,36,265करोड़ रुपये
2019-20 में 2,34,170करोड़ रुपये, ओर इस साल
2020-21में2,02,781करोड़ रुपये
लगातार पिछले तीन सालों से2लाख करोड़ से
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अधिक की रकम बट्टे खातेमें डाली गयीहै, लेकिन यदि आप पूछेंगे कि ये कौनसे उद्योगपतिहै जो इतनी अधिक रकम डुबारहेहैं तो कोई जवाब नही दिया जाएगा
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कुल10.72 लाख करोड़ रुपये का राइट-ऑफ वित्तीय वर्ष 2014-15के बाद से हुआ है जब नरेंद्र मोदी सरकारने सत्ता संभालीथी
'झूठ ओर फरेबकी बुनियाद पर खड़ा नया भारत'
जुलाई2017में नीति आयोग की मीटिंग में देश के सभी मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि"2022का नया भारत जनता का संकल्प"है.यानी यह वादा किया गया था कि2022तक नया भारत'न्यू इंडिया'बनाना है,
2022शुरू होने में महज17दिन बचे हैं
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अपने आसपास जरा नजर दौड़ा कर देखिए आपको क्या बदलता हुआ नजर आता है?..कौन सा'न्यू इंडिया'आपको नजर आ रहा है?
पोस्ट के साथ जो आपको कोलाज नजर आ रहा है यह उन खबरों की हेडलाइन से बना है जिनके वादे मोदी जी ने देशकी जनतासे किये थे,हालांकि यह वादे2019के लिए किए गएथे लेकिन बेहद खूबसूरतीके
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साथ इन वादों को पूरा करने का लक्ष्य 2022 कर दिया गया ..
जैसे, 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा यह वादा किया गया कि '2022 तक हिंदुस्तान के हर परिवार के पास अपना पक्का घर होगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में 3 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ घरों के निर्माण का संकल्प लिया गया है।
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खब्बू तिवारी के साथ अत्याचार हुआ है। उत्तरप्रदेश के गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक, हम सबके दुलारे खब्बू भैया की विधायकी, जाली मार्कशीट देकर अपनी झूठी शैक्षणिक योग्यता बताने के कारण रद्द कर दी गयी है। ये खब्बू भाई नही, ये गोसाईगंज की जनता का अपमान है।
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पहली बात तो यह है कि गोसाईगंज की जनता ने खब्बू की पढ़ाई लिखाई देखकर वोट ही नहीं किया। खब्बू उर्फ इंद्र प्रताप तिवारी, जात से ब्राह्मण है। इत्ता काफी है। जात देखकर चुनाव होता है, तो पढ़ाई के नाम पर निर्वाचन रद्द कैसे??
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और खब्बू अनपढ़ हो, हमारी बला से। लेहरू का बनाया सम्विधान
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अनपढ़ों को भी चुनाव लड़ने,मंत्री,मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने की इजाजत देता है। लिखाई-पढाई-डिग्री की जरूरत बाबू-चपरासी बनने के लिए होती है भाई साब..विधायक बनने को नही।यह फैसला गैर समवैधानिक है।
लोग कह रहे हैं,lकी खब्बू जी अनपढ़ है,तो वही बताते। मने जाली डिग्री जमा क्यो की।
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कटरीना सलमान से बेपनाह मोहब्बत करती थी।यहाँ तक की उसके घरमें रहने भी लगी थी। लेकिन सबकुछ ठीकठाक रहने के बावजूद भी एक बातपे दोनों में नहीं बनतीथी।
आखिरकार वो दोनों अलग होही गए।
फिर कटरीनाकी जिंदगी में रणबीर कपूर आया।दोनोंका समुद्री तट पर वाला फोटोभी खूब वायरल हुआ,घर आना-जाना
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भी शुरू हुआ दोनों तरफ से रजामंदी भी हो गई लेकिन इनदोनों में भी एक बात लेकर नहीं बनी।
आखिरकार ये दोनों भी अलग हो गए।
फिर विक्की कौशल की एंट्री हुई कटरीना की जिंदगी में।
दो साल दोनों की गूलू गूलू चली।बात अब शादी तक आ पहुँची है।
लेकिन इस बार कटरीना ने उस बातके लिए विक्की को
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पहले ही मना लिया जिस बात के लिए वो अपने दोनों पूर्वप्रेमियों से अलग हो गई थी।
अब आपलोगों के मन में खटक रहा होगा कि आखिर वो बात क्या थी, जिसके कारण कटरीना को अपना प्यार कुर्बान करना पड़ा?
जबकि विक्की से खुशी खुशी ब्याह रचा रही है। तो सुनो!
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मोदी सरकार से मिली यही वह चिट्ठी है, जिसके बाद देश में किसान आंदोलन के ख़ात्मे का ऐलान किया है।
चिट्ठी कृषि मंत्रालय के सचिव ने लिखी है, मालिक यानी कृषि मंत्री ने नहीं। इसकी भाषा मुझे कहीं भी आश्वस्त नहीं करती।
इस साल 26 जनवरी से किसान आंदोलन के दो चेहरे बन गए थे।
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(इस बारे में मैं उसी दिन लिख चुका हूं)मोदी सरकारने इस विभाजन को बखूबी भुनायाहै।
सरकार की बात आंदोलन के स्पष्ट,आक्रामक चेहरे यानी राकेश टिकैत से नहीं हुई।कमोवेश उदारवादी राजेवाल धड़े के नेताओं से हुई।कहीं न कहीं अमरिंदर सिंह को इसका क्रेडिट जाताहै।
दो दिन पहले ही राकेश टिकैत
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इस बात की कसक खुलेआम बयां कर चुके हैं। लेकिन आज का फैसला सामूहिक है।
राकेश टिकैत इसे किसान अस्मिता और एकजुटता की जीत बताकर परसों विजय दिवस मनाने का ऐलान कर चुके हैं।
उनके और संयुक्त किसान मोर्चे के हाथ इस चिट्ठी के साथ बस इतना ही आया है।
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तुलसीदास जी जब “रामचरितमानस” लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी :
सिय राम मय सब जग जानी,
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी ।।
अर्थात –
पूरे संसार में श्री राम का निवास है, सब में भगवान हैं और हमें उनको हाथ जोड़कर प्रणाम कर लेना चाहिए।
चौपाई लिखने के बाद तुलसीदास जी विश्राम करने
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अपने घर की ओर चल दिए।
रास्ते में जाते हुए उन्हें एक लड़का मिला जिसे सब पप्पू बोलते थे और बोला ....अरे महात्मा जी, इस रास्ते से मत जाइये, आगे एक बैल गुस्से में लोगों को मारता हुआ घूम रहा है और आपने तो लाल वस्त्र भी पहन रखे हैं । इसलिए आप इस रास्ते से बिल्कुल मत जाइ ए
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तुलसीदास जी ने सोचा–ये कल का बालक पप्पू मुझे चला रहा है।मुझे पता है–सब में राम का वास है। मैं उस बैल को हाथ जोड़ लूँगा और शान्ति से चला जाऊंगा
लेकिन तुलसीदास जी जैसे ही आगे बढ़े और इससे पहले की बैलको हाथ जोड़ पाते बिगड़े बैल ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और वो बुरी तरह गिर पड़े।
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