महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। ऐसी पितृसत्तात्मकता मोदी सरकार की नीति बन चुकी, इससे बेहतर करने की उम्मीद भी हम सरकार से करना छोड़ चुके हैं। 1/n
18 साल के लोग क़ानूनी तौर पर अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, कारोबार चला सकते हैं, चुनाव में प्रधान मंत्री, सांसद और विधायक चुन सकते हैं, लेकिन शादी नहीं कर सकते? 18 साल के उम्र में भारत के नागरिक यौन संबंध बना सकते हैं, बिना शादी के साथ रह सकते हैं, लेकिन शादी नहीं कर सकते?2/n
18 साल के किसी भी मर्द और औरत को शादी करने का हक़ होना चाहिए। क़ानूनी तौर पर 18 साल की उम्र के लोगों को बालिग़ समझा जाता है, और उन्हें अपने निजी ज़िंदगी को अपनी मर्ज़ी से जीने का हक़ है। तो शादी के मामले में ऐसी रोक-टोक क्यूँ? 3/n
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बाल विवाह पर क़ानूनी प्रतिबंध होने के बावजूद, आँकड़े बताते हैं कि हर चौथी शादीशुदा महिला की शादी 18 की उम्र से पहले हुई थी। लेकिन बाल विवाह क़ानून के तहत सिर्फ़ 785 केस दर्ज हुए हैं।ज़ाहिर सी बात है कि क़ानून की वजह से बाल विवाह में कोई कमी नहीं आई है। 4/n
अगर बाल विवाह आज कम हुए हैं, तो उसकी वजह सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा की बेहतरी है।
आँकड़ो के मुताबिक़ मुल्क में 1.2 करोड़ बच्चों की शादी उनके दसवें जन्मदिन से पहले हो गयी थी। इन में से 84% बच्चे हिंदू थे और सिर्फ़ 11% मुसलमान थे। 5/n
ये इस बात का सबूत है कि क़ानून के बजाय हमें सामाजिक सुधार पर ध्यान देना होगा।
शादी की उम्र से ज़्यादा ज़रूरी है कि हम युवाओं के आर्थिक हालात को बेहतर करने पर ध्यान दें। 45% ग़रीब घरों में शादियाँ 18 की उम्र से पहले हो गयी थी। लेकिन अमीर घरों में ये आँकड़ा सिर्फ़ 10% था। 6/n
मतलब साफ़ है कि जैसे-जैसे लोगों के आर्थिक हालात बेहतर होते जाते हैं, वैसे वैसे बाल विवाह जैसी प्रथाएँ कम होते जाती है। 7/n
अगर मोदी की निय्यत साफ़ होती तो उनका ध्यान महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की तरफ़ होता। लेकिन भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। 2005 में भारतीय महिलाओं का श्रम योगदान यानी लेबर फोर्स पार्टिसिपेंट्स रेट 26% था, 2020 आते आते ये गिर कर 16% हो गया था। 8/n
शिक्षा की सुविधा बेहतर करे बिना महिलाओं का स्वायत्त होना बहुत मुश्किल है। इस मामले में मोदी सरकार ने क्या किया? बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का कुल बजट ₹446.72 था, जिसमें से सरकार ने 79% सिर्फ़ विज्ञापन पर खर्च किया। 9/n
बेटी पढ़े या नहीं, सरकार को उससे कोई मतलब नहीं है। लेकिन प्रचार में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।
सिवाय अपनी शादी के, एक 18 वर्षीय नागरिक को तमाम बड़े निर्णय लेने का क़ानूनी अधिकार है। ऐसा क्यूँ? युवाओं समग्र विकास उनकी विवाह की उम्र से ज़्यादा ज़रूरी ये है। 10/n
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक़ हर नागरिक को अपनी निजता का अधिकार है। नागरिक अपनी निजी ज़िंदगी से जुड़े फ़ैसले बिना सरकारी दख़लअंदाजी के ले सकता है।अपना जीवन साथी अपनी मर्ज़ी से चुनना और अपने परिवार के आकार का फैसला ख़ुद करना इस अधिकार का हिस्सा है। 11/n
अमेरिका के कई राज्यों में क़ानूनी शादी की उम्र 14 साल जितनी कम है। ब्रिटेन और कनाडा में 16। न्यूजीलैंड में 16 से 19 की उम्र के लोग अपने माता-पिता की अनुमति से शादी कर सकते हैं। 12/n
बजाए शादी की उम्र बढ़ाने के, इन देशों ने अपना ध्यान मानव विकास पर रखा ताकि नौजवान अपने जीवन से जुड़े फ़ैसले एक सूचित तरीक़े से ले सके। 13/n
इसके ठीक विपरीत, मोदी सरकार एक मोहल्ले के दक़यानूसी अंकल की तरह बन चुकी है। नागरिक क्या खाएँगे, किस से और कब शादी करेंगे, किसे पूजेंगे, इन सब में सरकार की दख़लअंदाजी बढ़ते जा रही है। 14/n
हाल ही में सरकार ने ‘डेटा बिल’ का प्रस्ताव रखा। बिल के अनुसार सहमति की उम्र 18 वर्ष होगी। यानी के 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को उनके डेटा के इस्तेमाल से जुड़े फ़ैसले लेने का हक़ होगा लेकिन उन्हें शादी करने का हक़ नहीं होगा? 15/n
नौजवानों को नाबालिग़ बच्चों की तरह देखना बंद करना चाहिए। उन्हें अपनी ज़िंदगी से जुड़े अहम फ़ैसले ख़ुद लेने की इजाज़त होनी चाहिए। इसी लिए मैंने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था जिसके मुताबिक़ 20 साल या उस से अधिक की उम्र के नागरिकों को विधायक और संसद बन्ने का हक़ होगा। n/n
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Opposed the linking of AADHAAR & electoral rolls while government passed it in the din of the house. The law was passed as a farce. I wasn’t even allowed any time to raise my objections, while the Chair allowed the Minister to make a detailed statement 1/n
I had submitted in writing demanding a division of votes so that we could register our protest against this unconstitutional law but that was also not allowed. If I were allowed to speak, I’d have raised the following points: 2/n
1. The Minister said that linking AADHAAR & voter rolls is essential to prevent bogus voting. If bogus voting is widespread then govt is not only casting aspersions on ECI but also doubting the legitimacy of its own 300+ MPs & BJP’s electoral success in various states 3/n
Modi govt has decided to increase the age of marriage for women to 21. This is typical paternalism that we have come to expect from the govt. 18 year old men & women can sign contracts, start businesses, choose Prime Ministers & elect MPs & MLAs but not marry? 1/n
They can consent to sexual relationships and live-in partnerships but cannot choose their life partners? Just ridiculous.
Both men & women should be allowed to legally marry at 18 as they’re treated as adults by the law for all other purposes 2/n
Child marriages are rampant despite a law. Every fourth woman in India was married before turning 18 but only 785 criminal cases of child marriages were recorded. If child marriages have reduced from before, it’s due to education & economic progress, not criminal law 3/n
THREAD: 1. Govt wants to amend Registration of Births and Deaths Act, 1969. The amendment will allow Central govt to create a unified database of all registered births & deaths. Currently, this is carried out by states. But now Union will be allowed to collect data
2. The unified database will be used for NPR-NRC, electoral rolls, passports, etc. Currently, these are all separate processes. For example, electoral roll enrolment is done by an INDEPENDENT body, ECI. Now Union govt can allow birth/death register to be used for enrolment
This violates Article 324 of the Constitution that gives independence to ECI. It also violates the Constitution as the NPR rules are themselves unconstitutional and data should not be collected under it.
1. As usual, RSS Mohan’s speech today was full of lies & half-truths. He called for a population policy & repeated the lie that Muslim & Christian population has increased. Muslim population growth rate has had the sharpest decline among all. There’s no ‘demographic imbalance’1/n
What one has to worry about are the social evils of child marriages & sex-selective abortions. 84% of married kids are Hindus. Between 2001-2011, Muslim female-male ratio leaped from 936 to 951 women for every 1000 Muslim men. But, the Hindu ratio only rose from 931 to 939 2/n
India has already achieved replacement level fertility rates. Without any coercive population policy
2. Similarly, fact-free Mohan is worried about India’s ageing population & the need to have younger population to help the ageing. He should tell his student Modi about it. 3/n
Sir @rajnathsingh you said that Savarkar’s grovelling mercy petitions were on Gandhi’s advise.
1. Here’s the letter to Savarkar from Gandhi. No mention of petition to British begging for leniency, mercy & promising to be a faithful servant of the crown. 1/n
2. First petition Savarkar wrote was in 1911, JUST 6 months after getting to prison. Gandhi was then in South Africa. Savarkar wrote again in 1913/14. Gandhi’s advise is from 1920
3. Is it a lie that this “Veer” rejected tricolour & wanted Bhagva as our flag? (July 1947) 2/n
4. In your speech yesterday, you mentioned that Savarkar defined Hindu as anyone for whom India was fatherland or motherland. However, Savarkar, as a man of limited intellectual prowess had actually defined Hindu as someone for whom India was fatherland AND holy Land.
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Modi’s speech on human rights at #NHRC today exposed his problematic & incorrect understanding of human rights. Most unfortunate part was that there was only one passing mention of the constitution, but references to ‘tradition’, ‘culture’ & religion could be found throughout.
1. A constant Hindutva talking point was repeated by Modi; that human rights & duties are dependent on each other. No. Rights against state always trump duties. Duties are not enforceable, rights are.
People in power failed to discharge their duties. This resulted in a deadly second wave where people died without vaccines, oxygen & hospital beds