मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का 2020-21 का बजट 2.41 लाख करोड़ का है। कल 2022-23 का बजट पेश होगा।
मज़े की बात यह है कि बजट पेश करने से पहले ही मामू की सरकार बाजार से 2000 करोड़ का कर्ज लेने का फैसला कर चुकी है।
मध्यप्रदेश पर 2.53 लाख करोड़ रुपए का क़र्ज़ है,
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जबकि सालाना बजट 2.41 लाख करोड़ का है। यानी बजट से ज़्यादा तो क़र्ज़ है।
इसमें एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार का है। शेष कर्ज में सरकार को पावर बांड सहित अन्य बांड का कंपनशेशन का 7360करोड़, वित्तीय संस्थाओं की देनदारी 10,901करोड़, केंद्र सरकार के लोन और अग्रिम के 31
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हजार 40 करोड़ समेत अन्य दायित्व 20 हजार 220 करोड़ रुपए शामिल है।
बहरहाल, गोबर इकॉनमी का संकल्प पूरा करते शिवराज मामा के दिमाग में गाय और गोबर के सिवा कुछ और आता नहीं। इसलिए उन्होंने अपने बाबुओं को ही कमाई बढ़ाने के नए आईडिया सोचने को कहा है।
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अगला साल चुनावी है, सो मामा को मामू बनाने के लिए लगातार विकास योजनाएं फेंकनी होगी। पैसा चाहिए। आएगा कहां से, पता नहीं।
भारत मे तेल के दाम बढ़ाने की कोई जरूरत नही है..बल्कि तेल के दाम घटाए जा सकते है..
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◆ भारत का ₹ रूस के रूबल के मुकाबले मजबूत हो चुका है..इस वक्त 1₹ = 1.70 रूबल है..डॉलर को एक बार भूल जाइए
◆ भारत रूस से अपनी क्रूड जरूरत का केवल 1% इम्पोर्ट करता है..
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भारतको किसी की परवाह किए बिना रूस से इम्पोर्टको बढ़ाना चाहिए..
◆रूस रोज1.1करोड़ बैरल/प्रतिदिन क्रूड उत्पादन करता है और70लाख बैरल/प्रतिदिन एक्सपोर्ट करताहै..भारत रूससे लगभग44,000बैरल प्रतिदिन खरीदता है..
★★भारतको रूस से इम्पोर्ट10लाख बैरल/प्रतिदिन का करना चाहिए..रूस भारतके
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ऐतिहासिक रिश्ते रहेहै..रूस को मनाए जानेकी जरूरतहै..
★★सबसे बड़ी बात:रूस के क्रूडका भाव $85है और रूस भारत के पोर्ट्स पर डिलीवरी करता है..यानी मालभाड़ा और इन्शुरन्स भी रूस पेमेंट करता है..ईरान भी भारतको इन्ही शर्तो पर तेल देताहै..
क्या आप उम्मीद कर सकतेहै कि दिल्ली/मुंबई में बस स्टैंड पर एक बड़ा विस्फोट हों इस विस्फोट में लगभग80लोगो मारे जाए और वो भी ऐसे कि उनके शरीर के चिथड़े पोटली बनाकर समेटने पड़ेहों..लेकिन जब इस मामले की पुलिस जांचहो और7साल बाद निचली अदालतका फैसला आए तो किसीभी आरोपी को कोई सजा नहो...
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आप कहेंगे कि ऐसा केसे संभव हैं
यह चमत्कार संभव हुआ है मध्यप्रदेश के पेटलावद ब्लास्ट में आए अदालती फैसले में......
एमपी के झाबुआ जिले के पेटलावद में 12 सितंबर 2015 को बस स्टैंड के पास जिलेटिन छड़ों के गोदाम में हुए भीषण विस्फोट से हुईं 79 मौतों के मामले जिला न्यायालय का फैसला
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आया हैं इसमें मुख्य आरोपी राजेन्द्र कासवां (जिसे विस्फोटमें मृत बतायागया)और सह आरोपी धर्मेन्द्र राठौड़(विस्फोटक सप्लाई का आरोपी)को भी बरी कर दिया गया।विस्फोटक रखने के5आरोपी पहले ही बरी हो चुके हैं।यानी पेटलावद विस्फोट कांड में बनाए गए तीन अलग-अलग केसोंके सभी7आरोपी बरी होगए हैं।
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महिला दिवस की शुभकामनाएं..रात दिन महिला सशक्तिकरण का ढोल पीटोगे..और अगर महिला जरा भी सशक्त हो गयी तो झेल नही पाओगे....सशक्त महिला को रंडी कहोगे...कुतिया कहोगे..वामपंथी रांड कहोगे...महिला को जब जब पुरुष कंट्रोल नही कर पाता,तो उसको रंडी,वैश्या,और 500 रु मे बिकने वाली ही कहता है..
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महिला सम्मान के नाम पर हमाम में हर पुरुष नंगा है..
तस्लीमा नसरीन..
अरुंधती रॉय..
रेखा..
राणा अयूब..
शेहला रसीद..
और ये हर विचारधारा के पुरुष करते हैं.... सिर्फ संघी नही....चूंकि महिलाएं सॉफ्ट टार्गेट होती हैं..और उनकी सारी इज्जत उनके दोनो पैरों के बीच ही होती है..इसलिए पुरुष
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को सदैव अपना टार्गेट पता होता है.....
कोई स्मृति ईरानी को टार्गेट करता है तो कोई अंजना ओम कश्यप को....कोई इंदिरा गांधी के संबंध तलाशने के लिए जॉन मथई के लेख पढ़ता है तो कोई मायावती और कांशीराम पर कीचड़ उछालता है....चाहें कांग्रेसी हो,भाजपाई हो,सपाई हो,बसपाई हो.. पुरुष सिर्फ
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★★ उत्तरप्रदेश :भारत को बचा लीजिए..केवल पेट्रोल डीज़ल गैस ही नही, GSTके रेट भी बढ़ने वाले है..मोदी ने जनता की जेब से 2.5लाख करोड़ और निचोड़ने की साजिश की है..
● अब तक GSTके 4स्लैब है : 5%, 12%, 18% और 28%..यही बहुत ज्यादा है..
👉 अब GST के 3 स्लैब बनेंगे : 8%, 18% और 28%..
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● 5% वाले स्लैब को 8% किया जाएगा और 12% को 18% में विलय किया जाएगा..
◆ 5% को 8% करने से सरकार को 1.5 लाख करोड़ का ज्यादा टैक्स मिलेगा..5% वाले प्रोडक्ट गरीब जनता के इस्तेमाल वाले है..5 किलो अनाज फ्री दे कर लूट लेगा..
2 @BramhRakshas @NiranjanTripa16 @fighterGOKU143
◆ 12% को 18% में विलय करने पर 1 लाख करोड़ ज्यादा टैक्स की कमाई होगी..
मामला कुछ नया सा लगता है, मगर है नही। असल मे बहुत पुराना है, और इस मैथड का उपयोग करने वाले कौन थे, पता है???
अंग्रेज, और उनकी ईस्ट इंडिया कम्पनी।
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तो हुआ ये की कम्पनी ने धन्धा शुरू किया, चीन से हाई क्वालिटी चाय ब्रिटेन में बेचनी शुरू की। ये जादुई द्रव,
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रईसों का पेय था,जबराट पॉपुलर।पूरा ब्रिटेन इसका दीवाना था।
इसका पेमेंट, गोल्ड और सिल्वर में होता। इसे ट्रेड डेफिसिट कहते हैं।जैसे आजकल तेल खरीदना हमारी जेब खाली करता है, अंग्रेजो की जेब चाय ने खाली करनी शुरू की।
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अब सामान के बदले कुछ सामान तो भेजना था चीन को, लेकिन ब्रिटेन
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में कोई ऐसी चीज नही थी, जिसकी चीन को जरूरत हो।
लेकिन अगर ब्रिटिश डर्टी माइंड हार मान ले, तो एम्पायर दुनिया पर राज थोड़ी करता। दिमाग लगाया, और भारत मे अफीम की खेती चालू कर दी। कम्पनी के एजेंट, लोकल जमींदार को पैसे देते...
और जमीन्दार किसान को तभी खेती करने देता, जब वो एक बड़े
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