एक पत्रकार के रूप में फिर मुझे कल और आज संतुष्टि मिली।
कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा @narendramodi जी को क्लीन चिट देने के बाद आज गुजरात ATS ने आर. तीस्ता सीतलवाड़ और आर.बी.श्रीकुमार, दोनों को गिरफ्तार किया।
२) इन दोनों सहित पूरे गिरोह को मैंने 2013 में 'साजिश की कहानी-तथ्यों की जुबानी' में जिन सबूतों के साथ एक्सपोज किया था, उन सबूतों पर सुप्रीम कोर्ट ने जबरदस्त टिप्पणी की है।
मैं हमेशा एक पत्रकार के नाते सच की राह पर चलने का प्रयास करता रहा। कभी उनको बुरा लगा, कभी इनको बुरा लगा
३) , लेकिन मेरी सच के साथ खड़े रहने की जिद कभी नहीं बदली'! इस पुस्तक को लिखने के लिए नौकरी छोड़नी पड़ी, पुस्तक छपवाने के लिए धर्मपत्नी के आभूषण बेचने पड़े और बाद में बड़े संपादकों ने मुझे नौकरी देने से मना कर दिया कि तुमने मोदी पर पुस्तक लिखी, अब तुम्हारा करियर खत्म!
४) आज वो संपादक नरेंद्र मोदी जी की खुद चापलूसी कर रहे हैं, अखबार, टीवी और यूट्यूब पर। हंसी आती है इनको देखकर!
उन संपादकों से कहना चाहता हूं, सच की मार बेअवाज होती है साहब!
नोट:-
1) मेरी पुस्तक का कवर।
२) गिरफ्तार तीस्ता को एक्सपोज करता अध्याय।
५) ३) गिरफ्तार आर.बी.श्रीकुमार को एक्सपोज करता अध्याय।
४) मेरी पुस्तक में लगा वह सादा दस्तावेज जिस पर जाकिया का हस्ताक्षर तीस्ता ने फर्जी तरीके से करवाया, और जिस पर कल सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अपने फायदे के लिए तीस्ता ने जाकिया का इस्तेमाल किया।'
1) व्यक्तिवाद में राष्ट्रद्रोह की सीमा लांघ चुके कुछ राष्ट्रद्रोहियों (मास्टरस्ट्रोक प्रजाति) को मैं कहना चाहता हूं कि जरा सर्च कर पढ़ो:-
१) वाजपेई जी को उनके सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा ने कैसे डुबोया था? वो किस देश के खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे?
2) IC-814 और कारगिल युद्ध, मुशर्रफ-वाजपेई डॉक्ट्रिन में उनकी क्या भूमिका थी? और सोनिया की सरकार ने 2011 में उनको पद्म विभूषण पुरस्कार क्यों दिया था?
२) लालकृष्ण आडवाणी के सलाहकार सुधींद्र कुलकर्णी कितने बड़े पाकिस्तान हितैषी थे, अब यह बात किसी से छुपी नहीं है।
3) सुधींद्र कुलकर्णी ने ही जिन्ना की मजार पर आडवाणी को बर्बाद किया था।
३) मनमोहन सिंह के सुरक्षा सलाहकार की अमेरिका परमाणु संधि में क्या भूमिका रही थी? 2008 में मुंबई पर जब हमला हुआ था तो भारत के गृहमंत्रालय के अधिकारियों को पाकिस्तान में बंधक बनवाने का मास्टरमाइंड कौन था?
१) आज #TheKashmirFiles के जरिए कश्मीरी पंडितों का दर्द विश्वव्यापी हुआ है। हिंदुओं की नयी पीढ़ी जो इससे पहले कश्मीरी पंडितों के दर्द को अपना दर्द नहीं बना पाई थी, फिल्म देखने के बाद इसे शायद साझा दर्द समझे।
यही फिल्म की बड़ी सफलता है।
२) परंतु 'सरकारी मास्टरस्ट्रोकवादी हिंदू' इसमें भी फिल्मकारों के साहस को नमन करने की जगह सरकार को श्रेय देने में जुट गये हैं कि यदि वर्तमान सरकार नहीं होती तो कश्मीरी पंडितों का सच कभी सामने नहीं आ पाता।
३) ऐसे लोगों को बता दूं कि मैंने एक पत्रकार के तौर पर सोनिया गांधी की मनमोहन सरकार के समय इसे एक्सपोज करने का जोखिम लिया था। तब कांग्रेस की सरकार आतंकी यासीन मलिक और बिट्टा कराटे की फाईल को गायब कर चुकी थी और यासीन मलिक को अपना 'दामाद' बना चुकी थी।
१) नकली दलित रोहित वेमुला के लिए आंसू बहाने वाले आज मुझसे कह रहे हैं कि यूक्रेन में मारे गये नवीन की मौत को आरक्षण से मत जोड़िए। यही आज कोई भीम-मीम वहां मरा होता तो कोहराम मच जाता।
मैंने नहीं, नवीन के पापा ने यह सवाल उठाया है कि पीयूसी में 97% अंक लाकर भी
२) उसके बेटे को मेडिकल में एडमिशन नहीं मिला, क्योंकि यहां सरकारी कालेज में कास्ट बेस्ड आरक्षण और निजी में करोड़ों की फीस लगती है। उनका वीडियो थ्रेड-१ में है, सुनो सरकारी हिंदुओं!
३) सरकरी हिंदुओं का यह भी सवाल था कि बच्चे यूक्रेन आदि विदेश पढ़ने ही क्यों जाते हैं? तो उसकी वजह यहां सरकारी कालेज में आरक्षण व्यवस्था और निजी कालोज में महंगा डोनेशन है! यही इस देश की आरक्षण व्यवस्था का सच है तो स्वीकार क्यों नहीं करते?
1) सरदार पटेल ने गांधी के सामने उनको अधर्मी कहा था! क्या सरकारें उन पर भी मुकदमा दर्ज करेंगी?
गांधी बड़े आहत थे। उनके सबसे प्रिय शिष्य सरदार पटेल ने उन्हें 'अधर्मी' कह दिया था। उन्होंने कहा था, 'बापू अपनी पोती (मनु गांधी) के साथ सोकर अधर्म कर रहे हैं।'
2) आहत गांधी ने मनु संग सोने को जस्टिफाई करने के लिए आचार्य कृपलानी, विनोवा भावे, घनश्याम बिड़ला जैसे अपने सभी अनुयायियों को पत्र लिखकर समर्थन मांगा, लेकिन किसी ने समर्थन नहीं दिया, बल्कि सभी ने आलोचना ही की।
3) अब गांधी ने समर्थन के लिए जनता के बीच कहना शुरु किया कि मैं अपनी पोती के साथ सोता हूं, क्योंकि पैगंबर मोहम्मद ने खोजाओं (जबरदस्ती बना दिए गये हिजड़े) को बेरोकटोक स्त्रियों के पास जाने की अनुमति दी है। फिर कहा, मैं हाजी हूं और हाजी किसी से नहीं डरता।
1) गौरव प्रधान एक संगीन अपराधी, पार्ट-1
कश्मीर में हुए हिंदुओं के संहार पर हिंदुओं को ही दोष देने वाले, अफगानिस्तान में तालिबान को इस्लाम की समस्या न मानने वाले और हर हिंदूवादी पर #fakenews के जरिए निजी हमला करने वाले को मैंने 'गटर का पिस्सू' (GP) नाम दिया था। #GatarKaPissu
2) कल करीब एक दशक पहले के आधीआबादी वेब के कंटेंट को शेयर किए मेरे ट्वीट को मेरे और मेरे परिवार पर आरोपित कर अपने चमचों से हमला करा कर तथाकथित डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान (GP) ने यह साबित कर दिया कि 'गटर का पिस्सू' उपमा उसके चरित्र पर ठीक बैठता है।
3) GP पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा चल रहा है, जिसका FIR (FIR no-0982) पिछले दो ट्वीट में संलग्न है। भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने उस पर गाजियाबाद के विजय नगर थाने में 2017 में IPC की धारा 354(घ)(stalking), 504(Intentional insult), 506(Criminal intimidation) #GatarKaPissu
1) एक लड़की है, जिसका नाम R से है। 'गटर के पिस्सू (GP) के साथ काम करती थी। गटर के पिस्सू ने उसका यौन शोषण किया। उस लड़की ने 'गटर के पिस्सू' को हवालात पहुंचाया था। पुलिस ने पैंट उतार कर जबरदस्त डंडे बरसाए थे उसके चू...ड़ पर। #GatarKaPissu
2) पिस्सू की पत्नी ने लड़की से माफी मांगी, फिर लड़की ने केस वापस लिया, तब जाकर पिस्सू हवालात से बाहर निकला था।
आज 'गटर के पिस्सू' ने ट्वीटर से ढूंढ-ढूंढ कर मेरे कुछ पुराने screen shot वायरल किए हैं, जो मेरी पूर्व की वेबसाइट आधीआबादी. डॉट कॉम के लेख से जुड़े थे। #GatarKaPissu
3) वह वेबसाइट महिलाओं और सेक्स एजुकेशन से जुड़ी हिंदी की पहली वेबसाइट थी। 2009 में जब मैं नयी दुनिया अखबार में हेल्थ रिपोर्टर था, और अखबार में भी खुलकर सेक्स एजूकेशन पर लिखता था, तब बकायदा महिला आयोग के चेयरपर्सन से इसे लांच कराया था। #GatarKaPissu