#काँग्रेस_के_कुकर्म Vs #इतिहास_ही_हमारी_धरोहर_है
👉समानांतर
भारत= इजरायल

☝️इजरायल के ये धर्मयुद्ध भारत के हिन्दूवादियों और सेक्युलरों की आँखें खोलने वाला धर्मयुद्ध है।

-:यहूदी इजरायली और विश्व के मुसलमान:-

☝️जिस तरह 1947 में भारत में से पाकिस्तान वाला हिस्सा अलग किया गया था...
☝️उसी तरह से इजरायल में से फिलिस्तीन से अलग हुआ था।

☝️बस अन्तर इतना था कि पाकिस्तान मुसलमानों के देशद्रोह का नतीजा था और
☝️इजरायल यहूदियों के अधिकारों का।

☝️क्योंकि फिलिस्तीन तो क्या पूरा मध्य एशिया कभी यहूदियों का था...
☝️मगर इस्लाम फैलने के साथ साथ इजरायल सिमटता गया।
☝️1947 में इजरायल बना और 4 जून 1967 को मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक, लेबनॉन, अल्जीरिया, कुवैत, लीबिया, मोरक्को, पाकिस्तान और ट्यूनीशिया आदि इन सभी मुस्लिम देशों ने मिलकर इजरायल पर हमला कर दिया।

☝️इजरायल में उस समय मात्र सिर्फ 20% मुसलमान थे।*
ये 20 सालों से इजरायल को बहुत प्यार*
कर रहे थे।***

☝️मगर जैसे ही उन्हें पता चला कि ***❓ ने इजरायल को मिटाने के लिये इराक और कुवैत से फौज भेजी है...

☝️इन्होंने इजरायल में दंगे-फसाद शुरू कर दिए और
गृहयुध्द की हालत बना डाली।

☝️इजरायल बेचारा बुरी तरह फॅस गया क्योंकि उसे संभले 20 साल भी पूरे नहीं हुए थे...
👉सेना भी पर्याप्त नहीं थी और
👉इजरायल के अन्दर बैठे मुसलमान ज्यादा उत्साहित थे,

☝️इसलिए पुलिस प्रशासन उनसे भिड़ने में व्यस्त था।

☝️बेचारा अकेला इजरायल फिर भी युद्ध में कूदा।
☝️इजरायल के मुसलमानों ने पहले दिन एक व्यापारिक इमारत में बम धमाका किया।

👉जवाब में इजरायल रोया नहीं👈
☝️बल्कि उसने सीधे ग्रेनेड फेंक दिए...

☝️क्योंकि अब यहूदियों का सब्र का बांध टूट चुका था...
👉उनके नागरिक भी अब इस लड़ाई में कूद पड़े...

☝️शुरू के चार दिन इजरायल सरकार का ध्यान सिर्फ इजरायल के मुसलमानों पर था।

☝️हालाँकि इस बीच उन्होंने इराक और लीबिया की सेना को पीछे धकेल दिया।
👉बाहर सेना लड़ रही थी और अन्दर नागरिक।👈

☝️देशभक्ति और एकता का ऐसा नज़ारा इतिहास में कभी नहीं देखा गया था***

☝️4 दिनों में यहूदियों ने अपने घर के भेदियों को पूरी तरह कुचलकर जन्नत की ओर रवाना कर दिया।

☝️अब उनके नागरिक सेना का हाथ बंटाने के लिए सीमा पर आ गए और 6वां दिन पूरा
होते-होते हमला करने वाले सारे इस्लामिक देश पीठ दिखाकर भाग चुके थे।

☝️इजरायल ये युद्ध जीत चुका था।

☝️इजरायल के इस युद्ध में भारत के लिये हज़ारों सबक छुपे हैं

👉ये युद्ध 6 दिन चला।

👉इजरायल को 4 दिन अपने अन्दर के मुसलमानों पर काबू पाने में लग गये...
☝️जबकि बाहर वालों को उसने 2 दिन में कूड़े में फेंक दिया।

☝️इजरायल के युद्ध से 2 साल पहले 1965 में भारत ने पाकिस्तान से युद्ध किया था।

☝️जिसमें भारत के मुस्लिम रेजीमेण्ट के मुस्लिम सैनिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से मना कर दिया था।*

☝️भारत और इजरायल के मुसलमानों की
मानसिकता की तुलना में अन्तर सिर्फ इतना था की भारत में मुसलमान दंगे करने की हिम्मत ना जुटा सके...

☝️क्योंकि उनकी आबादी 1950 में तब मात्र 6% थी,
☝️जबकि इजरायल में यही आबादी 20% हो गयी थी,
👉इसीलिए वहाँ दंगे कर दिए गए...

☝️अब भारत में ये आबादी 6% नहीं है,
👉बल्कि 30-35% है..!***
☝️इस युद्ध का दूसरा सन्देश यहूदी लोग मुसलमानों का असली रंग समझ गए।

☝️इजरायल ने मुसलमानों पर सीधे कड़े कानून थोप दिए***

☝️देशद्रोह की सज़ा उन्हें मौत के रूप में दी थी।
🛡️मोसाद:- NeverForgetNeverForgive🛡️
☝️यहूदियों ने यह बताया है कि युद्ध में विजय आपकी आबादी की मोहताज नहीं है...

☝️बल्कि बाहर और भीतर से ही आपकी देशभक्ति की एकता में है।

#IWA 🚨🚨🚨

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Jul 4
#काँग्रेस_के_कुकर्म Vs #इतिहास_ही_हमारी_धरोहर_है

हिन्दू समाज का चित्रण

एक राजा ने एक चलती सड़क कटवाकर बीच में एक पुल बनवा दिया। पुल के नीचे से न कोई नाला,न काेई नहर,न काेई नदी, लेकिन राजा का आदेश था, सो पुल बन गया। राजा ने पुल के पास एक शिकायत-पेटिका भी लगवा दी...

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कि यदि किसी को कोई शिकायत हो तो लिख कर डाल दे।

☝️लोगों में असंतोष था। किन्तु किसी ने कोई विरोध नहीं किया। राजा को प्रजा की मानसिकता जाननी थी, सो उसने जान लिया।

☝️अब उसने उस पुल पर से होकर जाने वालों पर कर लगा दिया। पैदल, घुड़सवार, बैलगाड़ी वाले, रथ वाले, सबको निर्धारित कर देना
होता था।
लोग फिर भी देते थे। असंतुष्ट थे, किन्तु देते थे।
☝️कोई विरोध नहीं हुआ। लोगों ने सोचा-चलने दो जैसा चल रहा है।

राजा एक कदम और आगे बढ़ा और उसने पुल पर 2अतिरिक्त कर्मचारी इसलिए नियुक्त कर दिये कि कर देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को वह जितने रुपये कर देता है उतने जूते भी मारे*
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