☝️हमें इस धर्मयुद्ध के बीच हर्ष मनाने की आदत को विराम देना होगा***
☝️क्योंकि यह हर्ष मनाने का समय नहीं है।
☝️यह हम सब युद्ध के बाद विजयी होकर ज्यादा सार्थक तरीके से मना लेंगे...
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☝️लेकिन अभी जो भी राष्ट्र के हितों के विरुद्ध बोलता या लिखता हुआ दिखाई देता है...
👉उस पर काल बनकर टूट पड़ने की आवश्यकता है।👈
☝️हम सभी के समक्ष अभी तमाम तरीके के फरेबों/षड्यंत्रों से लोगों को दिग्भ्रमित और आपकी बुद्धि व विवेक को दिशाहीन किये जाने का प्रयास होता ही रहेगा...
☝️लेकिन आपको सिर्फ और सिर्फ भारत के हितों और उसके लिए युद्धरत महारथी प्रधानमंत्री "मोदीजी के नेतृत्व" पर आंख बंद कर विश्वास करना होगा।
☝️यही विश्वास ही तुम्हें ऊर्जा देता है,जो देशद्रोहियों को कमजोर करने का साहस तुम्हे मिलता है...
☝️मैं अपने पिछले बहुत से थ्रेडों में पहले भी कह
चुका हूं कि
👉"मोदीजी को यदि कोई समझ सकता है तो वो स्वयं है।"
👉तुम लोग मोदीजी से हो,मोदीजी तुमसे नहीं है
👉मोदीजी के बिना तुम्हारी हालत &^^ से बद्दतर हो जाएगी
☝️और ये बार-2 सबका विश्वास-सबका विश्वास क्या लगा रखा है तुमने😡
☝️क्या है सबका विश्वास❓
☝️तुम ज्यादा जानते हो क्या❓
☝️कुछ पता भी है या फिर बस अपने मन से तीर चलाने की आदत लग चुकी है😡😡😡
👉और कितना जानते हो तुम लोग मोदीजी को❓❓❓
☝️इसलिए जो हो वही रहो, अपने आपको दूसरों से अधिक कट्टर-झट्टर, ताकतवर, बाहुबली, राष्ट्रवादी, राष्ट्रभक्त आदि दिखाकर इस धर्मयुद्ध में अढंगा मत डालो😡😡😡
👉तुम जैसों से एक छोटा सा बॉयकट तो होता नहीं*😡😡😡
👉तुम लड़ लोगे इस धर्मयुद्ध को,सबसे पहले अपने गिरेबां में झाँककर देखो...
☝️तुम्हारी कहानी उन तोतों की तरह है जो "शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा, फँसना मत" की रट लगाए हुए हैं और जानबूझकर उसी जाल पर बार-2 बैठ जाते हैं...
👉जहां शिकारियों ने जाल बिछाया हुआ है...
☝️और सुनो जिनको अभी भी "सबका विश्वास" में
👉मोदीजी चुस्लिमों का विश्वास जीतते नजर आते हैं
👉मोहन भागवत जी "सबका DNA एक है" वाला बयान और
👉अभी-अभी अजित डोवाल जी जो मुस्लिमों उलेमाओं से मिले।
☝️इन सभी गतिविधियों में मुस्लिमों का विश्वास
जीतना नजर आता है और जो अभी तक इन सभी का विरोध कर रहे हो...
☝️तुम इन तीनों राष्ट्रनायकों के एक बाल के बराबर भी नहीं हो...
☝️सच्चाई कड़वी है और है भी यही कि तुम हकीकत में बने ही गुलामी के लायक हो😡😡😡
☝️क्योंकि तुम खुद तो कुछ करना नहीं चाहते***
☝️ये जो ट्विटर फेसबुक पर तलवार लेकर
☝️जो ये बार-बार निकल पड़ते हो ना कि "इनको देश से बाहर निकाल दो,बाहर फेंक दो,ये कर दो-वो कर दो,ऐसे कर दो-वैसे कर दो" आदि ये सब तुम थोड़े ही ना बोलते हो...
👉ये सब तुम्हारा डर बोलता है...
☝️जो कि अब जागरुकता के कारण,सोशलमीडिया के माध्यम से,RSS की सालों की मेहनत से सभी के सामने बाहर
निकल कर आ रहा है...
☝️ये धर्मयुद्ध तो कब का शुरू हो चुका...
☝️लेकिन तुम किसकी तरफ से बैटिंग कर रहे हो❓🤔
☝️देश की सीमाओं की चिंता तुम मत करो...
☝️क्योंकि सीमा पर युद्ध तो हमारे वीर साहसी सैनिक सबको देख लेंगे और लड़ भी लेंगे...
☝️लेकिन घर के अंदर बैठे शत्रुओं से हमको ही बिना
किसी मर्यादा, सुचिता और हिचकिचाहट के लड़ना ही होगा...
☝️क्योंकि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि
👉सुख दु:खे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ'👈
☝️अर्थात् सुख-दु:ख, लाभ-हानि, जय-पराजय-
☝️हर परिस्थिति में सम रह कर जीवन युद्ध लड़ो,
👉समता का दृष्टिकोण अपनाकर कर्तव्य पालन
करो...
☝️"जो पैदा हुआ है,वह मरेगा अवश्य।"
☝️अत: मृत्यु के प्रति हमें स्वागत की दृष्टि विकसित कर लेनी चाहिए।"
☝️गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के धर्मयुद्ध के मैदान में युद्ध नहीं लड़ा था,
☝️बल्कि अर्जुन को रास्ता दिखाया था...
☝️इसलिए अभिमन्यु और अर्जुन बनो...
⏳⏳⏳
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👉अल-तकिया और कितमान👈
इस्ला*म का सबसे तेजधार कहा जाने वाला हथियार
आज भी ज्यादातर लोग इन दो नाम के मतलब से अंजान हैं। बहुत ही सरल शब्दों में समझाता हूँ कि मुसलमान अल-तकिया और कितमान का प्रयोग कब और कैसे-2 करते हैं❓
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☝️★अल-तकिया का मतलब होता है, छल-ढोंग-ढकोसला-दिखावा...
☝️★कितमान का मतलब होता है, आड़-मिथ्या-आरोप लगाना आदि...
हमारे सामने आए दिन हिंदुत्व का चोला ओढ़कर भाईचारा की मिसाल देने वाले ईमान* पसन्दों*** के द्वारा अल-तकिया और कितमान को बखूबी प्रयोग किया जाता है...
आखिर किस-किस तरह से इन दोनों शब्द का उपयोग अपने फायदे के लिए किया जाता है
इनमें अभिनेता,पत्रकार,लेखक,नेतागण आदि और भी बहुत से वर्ग सम्मिलित हैं...
ट्वीटर और फेसबुक सहित अन्य सोशलमीडिया में काफी समय से जागरूक भाई-बहन प्रचार-प्रसार कर रहे हैं कि इस आमिर खान की फ़िल्म लालसिंह चड्ढा
एक राजा ने एक चलती सड़क कटवाकर बीच में एक पुल बनवा दिया। पुल के नीचे से न कोई नाला,न काेई नहर,न काेई नदी, लेकिन राजा का आदेश था, सो पुल बन गया। राजा ने पुल के पास एक शिकायत-पेटिका भी लगवा दी...
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कि यदि किसी को कोई शिकायत हो तो लिख कर डाल दे।
☝️लोगों में असंतोष था। किन्तु किसी ने कोई विरोध नहीं किया। राजा को प्रजा की मानसिकता जाननी थी, सो उसने जान लिया।
☝️अब उसने उस पुल पर से होकर जाने वालों पर कर लगा दिया। पैदल, घुड़सवार, बैलगाड़ी वाले, रथ वाले, सबको निर्धारित कर देना
होता था।
लोग फिर भी देते थे। असंतुष्ट थे, किन्तु देते थे।
☝️कोई विरोध नहीं हुआ। लोगों ने सोचा-चलने दो जैसा चल रहा है।
राजा एक कदम और आगे बढ़ा और उसने पुल पर 2अतिरिक्त कर्मचारी इसलिए नियुक्त कर दिये कि कर देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को वह जितने रुपये कर देता है उतने जूते भी मारे*
☝️इजरायल के ये धर्मयुद्ध भारत के हिन्दूवादियों और सेक्युलरों की आँखें खोलने वाला धर्मयुद्ध है।
-:यहूदी इजरायली और विश्व के मुसलमान:-
☝️जिस तरह 1947 में भारत में से पाकिस्तान वाला हिस्सा अलग किया गया था...
☝️उसी तरह से इजरायल में से फिलिस्तीन से अलग हुआ था।
☝️बस अन्तर इतना था कि पाकिस्तान मुसलमानों के देशद्रोह का नतीजा था और
☝️इजरायल यहूदियों के अधिकारों का।
☝️क्योंकि फिलिस्तीन तो क्या पूरा मध्य एशिया कभी यहूदियों का था...
☝️मगर इस्लाम फैलने के साथ साथ इजरायल सिमटता गया।
☝️1947 में इजरायल बना और 4 जून 1967 को मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक, लेबनॉन, अल्जीरिया, कुवैत, लीबिया, मोरक्को, पाकिस्तान और ट्यूनीशिया आदि इन सभी मुस्लिम देशों ने मिलकर इजरायल पर हमला कर दिया।
☝️इजरायल में उस समय मात्र सिर्फ 20% मुसलमान थे।*
ये 20 सालों से इजरायल को बहुत प्यार*