अमित Profile picture
Aug 23 4 tweets 2 min read
Bhooteshwarnath Mandir 🏵️

Marauda village situated at nestled among thick forests 3km away from Gariaband. Chattisgarh 🇮🇳

The world’s largest Shivalinga given by the nature sparkling in the region surrounded by picturesque forests and hills.
#Thread
@Itishree001 @AnkitaBnsl Image
The news comes where the size of Mahakal and other Shivlings decreases while there’s a Shivling, whose size does not shrink but increases every year.

This Shivling is produced naturally.

Every year on Mahashivratri and Monday of Sawan people (Kawariya) arrives here.
This Shivling located in Gariaband district of Chhattisgarh is called here “Bhooteshwarnath”, which also called “Bhakurra” in Chhattisgarh like “Dwadas Jyotirling” it is recognised as “Ardhnarishwar Shivling”.

The most surprising fact is that the size of the
Shivling is continuously increasing every year. Probably because the number of devotees who come here is rising every year.

Har Har Mahadev 🏵️🙏

#copied #HarHarMahadev

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with अमित

अमित Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Am_du1

Aug 25
💥 #चार_युग_और_उनकी_विशेषताएं 🚩
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

'युग' शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। जैसे सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग आदि ।
यहाँ हम चारों युगों का वर्णन करेंगें। युग वर्णन से तात्पर्य है कि उस युग में
#Thread
@IndiaTales7 ImageImageImageImage
किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊँचाई, एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे में विस्तार से परिचय देना। प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है -

🔸 #सत्ययुग 🚩

यह प्रथम युग है इस युग की विशेषताएं इस प्रकार है -
इस युग की पूर्ण आयु अर्थात् कालावधि –
17,28,000 वर्ष होती है ।

इस युग में मनुष्य की आयु – 1,00,000 वर्ष होती है ।
मनुष्य की लम्बाई – 32 फिट (लगभग) [21 हाथ]
सत्ययुग का तीर्थ – पुष्कर है ।

इस युग में पाप की मात्र – 0 विश्वा अर्थात् (0%) होती है ।
इस युग में पुण्य की मात्रा – 20 विश्वा अर्थात् (100%) होती है ।
Read 11 tweets
Aug 24
रामायणमें वर्णित मुख्य स्थान -

1.तमसानदी : अयोध्या से
20 किमी दूर है तमसा नदी।
यहां पर उन्होंने नाव से नदी पार की।

2.श्रृंगवेरपुरतीर्थ : प्रयागराज से
20-22 किलोमीटर दूर वे
श्रृंगवेरपुर पहुंचे,
जो निषादराज गुह का राज्य था।
यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा
/2 Image
पार करने को कहा था।
श्रृंगवेरपुर को वर्तमान में
*सिंगरौर* कहा जाता है।

3.कुरईगांव : सिंगरौर में गंगा पार कर श्रीराम कुरई में रुके थे।

4.प्रयाग: कुरई से आगे चलकर श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सहित प्रयाग पहुंचे थे। कुछ महीने पहले तक प्रयाग को इलाहाबाद कहा जाता था ।
5.चित्रकूट : प्रभु श्रीराम ने प्रयाग संगम के समीप यमुना नदी को पार किया और फिर पहुंच गए चित्रकूट।
चित्रकूट वह स्थान है,
जहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचते हैं।
तब जब दशरथ का देहांत हो जाता है। भारत यहां से राम की चरण पादुका ले जाकर उनकी चरण पादुका
Read 15 tweets
Aug 23
हिन्दुस्तान में बहुत से लोग गाय मांस को प्रोटीन का अच्छा स्रोत कह रहे हैं, उनके लिये ये जवाब है।

एक बहुत ही ताकतवर सम्राट थे, उनकी बेटी इतनी सुंदर थी, कि देवता भी सोचते थे कि यदि इससे विवाह हो जाये तो उनका जीवन धन्य हो जाये। इस कन्या की सुंदरता की
#Thread
चर्चा सारी त्रिलोकी में थी। सम्राट इस बात को जानते थे। एक पूरी रात वो अपने कमरे में घूमते रहे। सुबह जब महारानी जागी तो देखा सम्राट अपने कमरे में घुम रहे हैं। महारानी ने पूछा लगता है, आप पूरी रात सोये नहीं हैं, कोई कष्ट है क्या? उन्होंने कहा कि अपनी बेटी को लेकर चिंता है,
लेकिन निर्णय मैंने कर लिया। समरथ को नहीं कोई दोष गुसाईं। महारानी ने पूछा क्या? उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी से खुद विवाह करूंगा। समर्थ पुरुष को तो कोई दोष लगता ही नहीं। महारानी ने बहुत समझाया, लेकिन जिसकी समझ पर पत्थर पड़ जाये तो क्या किया जाये।

सम्राट राज सभा गये,
Read 9 tweets
Aug 23
त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कहानी 👇🙏

प्राचीन काल में गौतम ऋषि अपनी पत्नी अहल्या के साथ ब्रह्मगिरि पर आश्रम बनाकर रहते थे। एक बार वहाँ रहने वाले अन्य ऋषियों ने किसी कारणवश उनको छल से गोहत्या का दोषी बना दिया।
निर्दोष गौतम ऋषि ने स्वयं को दोषी मानकर
#Thread
उस पाप से मुक्ति प्राप्त करने के लिए शिवजी की शरण ली और अनेक वर्षों तक शिवजी की तपस्या की।
अंततः शिवजी प्रसन्न हुए और ऋषि के समक्ष प्रकट हुए। गौतम ऋषि ने महादेव से उनके पाप का नाश करने के लिए वहाँ गंगाजल को प्रकट करने की विनती की। शिवजी के आदेश पर देवी गंगा वहाँ प्रकट हुईं
और उनके जल में स्नान कर गौतम ऋषि के मन को शान्ति मिली।
शिवजी ने जगत के कल्याण हेतु गंगा को वहीं रहने के लिए कहा, जिस पर गंगा ने उनको भी वहाँ विराजमान होने का आग्रह किया। जब जब बृहस्पति सिंह राशि में होगा तब तब सभी देवता वहाँ वास करेंगे ऐसा आश्वासन भी सभी देवताओं ने गंगा को दिया
Read 4 tweets
Aug 19
#पंचकदार🔱🚩
पंच केदार : भगवान शिव को समर्पित पांच हिंदू मंदिरों या शिव संप्रदाय के पवित्र स्थानों को संदर्भित करता है।
उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है।
.
पंच केदार के बारे में लोक कथा हिंदू महाकाव्य महाभारत के नायक पांडवों से संबंधित है।
#Thread
@AnkitaBnsl
पांडवों ने महाकाव्य कुरुक्षेत्र युद्ध में अपने चचेरे भाइयों - कौरवों को हराया था।
वे युद्ध के पापों का प्रायश्चित करना चाहते थे। अपने भाइयों और अन्य ब्राह्मणों को मारने के लिए।

इस प्रकार, वे भगवान शिव की तलाश में और उनका आशीर्वाद लेने के लिए निकल पड़े। शिव को कहीं नहीं
मिलने पर, पांडव गढ़वाल हिमालय चले गए। जहां उन्होंने पांच अलग-अलग रूपों में भगवान शिव के प्रकट होने से प्रसन्न होकर शिव की पूजा और पूजा के लिए पांच स्थानों पर मंदिरों का निर्माण किया। इस प्रकार पांडव अपने पापों से मुक्त हो गए।
.
पंचकेदार पांच मंदिर 🚩🚩👇👇
.
Read 5 tweets
Aug 5
पूजा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी!!!!!!!

★ एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए।

★ सोए हुए व्यक्ति का चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए।

★ बड़ों को प्रणाम करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके बांये पैर को बांये हाथ से छूकर प्रणाम करें।

#Thread
★ मन्दिर में किसी व्यक्ति के चरण नहीं छूने (गुरु को छोड़कर ) चाहिए।

★ जप करते समय जीभ या होंठ को नहीं हिलाना चाहिए। इसे मानसिक जप कहते हैं। इसका फल सौगुणा फलदायक होता हैं।

★ जप करते समय माला को कपड़े या गौमुखी से ढककर रखना चाहिए।
★ जप के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर नेत्रों से लगाना चाहिए।

★ संक्रान्ति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, रविवार और सन्ध्या के समय तुलसी तोड़ना निषिद्ध हैं।

★ दीपक से दीपक को नही जलाना चाहिए।

★ यज्ञ, श्राद्ध आदि में काले तिल का प्रयोग करना
Read 10 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(