💥 #अस्त्र :-
👇👇 #अस्त्र उसे कहते हैं, जिसे मन्त्रों के द्वारा दूरी से फेंकते हैं। वे अग्नि, गैस और विद्युत तथा यान्त्रिक उपायों से चलते हैं। दैवी अस्त्र वे आयुध हैं जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और
मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
🔘#ब्रह्मास्त्र 🚩
ये परमपिता ब्रम्हा का अस्त्र मन जाता है। यह अचूक विकराल अस्त्र है। शत्रु का नाश करके छोड़ता है। इसका प्रतिकार दूसरे ब्रह्मास्त्र से ही हो सकता है, अन्यथा नहीं। प्राचीन काल के
अस्त्रों में ये सर्वाधिक प्रसिद्द अस्त्र है ।
🔘#वैष्णव 🚩
ये भगवान विष्णु का अस्त्र है। इस अस्त्र का कोई प्रतिकार ही नहीं है। यह बाण चलाने पर अखिल विश्व में कोई शक्ति इसका मुक़ाबला नहीं कर सकती। इसकाकेवल एक ही प्रतिकार है और वह यह है कि शत्रु अस्त्रछोड़कर नम्रतापूर्वक अपने
को अर्पित कर दे। कहीं भीहो, यह बाण वहाँ जाकर ही भेद करता है। इस बाण केसामने झुक जाने पर यह अपना प्रभाव नहीं करता।
🔘#पाशुपत 🚩
ये भगवान शिव का अस्त्र है। इससे विश्व नाश हो जाता हैं।यह बाण महाभारतकाल केवल अर्जुन पास था।इस अस्त्र का संधान केवल दुष्टों पर किया जा सकता है।
अन्यथा ये पलट कर चलने वाले को ही समाप्त कर देता है।
🔘#विमान 🚩
हवाई जहाज की कल्पना और बनानेकी विधिभी सनातन ने ही दी, गणित विज्ञान, महल निर्माण वास्तुशाश्त्र कला सबकुछ दिया सनातन ने सनातन ने सारेअस्त्र शस्त्र उतपन्न किये पर उपयोग सिर्फ धर्म औरमानवता की रक्षा के लिए किये।
ब्रिटिश पार्लियामेंट में 1872 में ब्रिटिश एविडेंस एक्ट 1872 पारित किया था इसके अनुसार अपराधी के पास बरामद सारी चीजें एविडेंस के तौर पर पेश की जाएंगी और उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा
मुझे लगता है 1872 में साईकिल का भी अविष्कार नहीं हुआ था फिर
जब यही कानून ब्रिटिश सरकार ने भारत पर लागू कर दिया फिर यह भारतीय एविडेंस एक्ट 1872 बन गया
यानी यदि कोई अपराधी अपराध किया है फिर उसे पकड़ा जाता है तो वो जिस गाड़ी में होगा उस गाड़ी को भी एविडेंस बना लिया जाता है या किसी गाड़ी में अपराध हुआ है तो उसे भी एविडेंस एक्ट के तहत
बहुतों को शायद ये पता न हो कि दरगाहो मे एक बेड़ी बाँधने और काटने की रस्म होती है। दरगाह मे जाकर मन्नत माँगने वाली लड़की के पैर मे काले रंग के धागे से बेड़ी बाँध दी जाती है। #Thread
ये बेड़ी कथित मन्नत के पूरा होने पर दरगाह मे जाकर खादिम से कटवाई जाती है, तब जाकर वो लड़की बेड़ी कटवाकर मुक्त होती है। ये मजारों के खादिमों का नया टंटा है, जिसमे अधिकतर हिन्दू लड़कियां दरगाहों पर बेड़ी बँधवा रही हैं।
इसकी शुरुआत कलियर शरीफ से हुई थी..यह भोली भाली हिन्दू
लड़कियों को फ़साने का टोटका है जो बहुत हद तक कामयाब हो रहा है। आजकल हर छोटी बडी दरगाह मे यही बाँधने -काटने का धंधा चाल रहा है ।
पैर के पास जहां पायल या धागा पहनते है उस जगह पर मंगल ग्रह का निवास माना जाता है और मंगल ग्रह को काली चीज पसंद नही इसलिए काला धागा पैरों में नही
🔸5. #भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। *(अत्रिस्मृति)* टूटी खाट पर तथा *जूठे मुँह* सोना वर्जित है - #महाभारत