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Oct 30 11 tweets 5 min read
#कौन_हैं_छठ_माता_और_क्यों_की_जाती_है_इनकी_पूजा 🚩

क्या आप जानते हैं कि छठ माता कौन हैं और इनकी सूर्य के साथ पूजा क्यों की जाती है. सूर्य से इनका क्या संबंध है. छठ पूजा क्यों मनाई जाती है...

छठ पर्व षष्ठी का अपभ्रंश है. कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाने के
#Thread
6 दिन बाद कार्तिक शुक्ल को मनाए जाने के कारण इसे छठ कहा जाता है.

यह चार दिनों का त्योहार है और इसमें साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है. इस त्योहार में गलती की कोई जगह नहीं होती. इस व्रत को करने के नियम इतने कठ‍िन हैं, इस वजह से इसे महापर्व अौर महाव्रत के नाम से संबाेध‍ित
किया जाता है.

🌞 #कौन_हैं_छठी_मइया ??

मान्यता है कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना तथा उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी
पवित्र नदी या पोखर ( तालाब ) के किनारे यह पूजा की जाती है.

षष्ठी मां यानी कि छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं. इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है.

मार्कण्डेय पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि सृष्ट‍ि की अध‍िष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप
को छह भागों में विभाजित किया है. इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी के रूप में जाना जाता है, जो ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं.

वो बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इन्हीं देवी की पूजा की जाती है.

श‍िशु के जन्म के छह दिनों बाद इन्हीं
देवी की पूजा की जाती है. इनकी प्रार्थना से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घ आयु का आशीर्वाद मिलता है.

जानकारों की मानें तो पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी बताया गया है, जिनकी नवरात्रि की षष्ठी तिथ‍ि को पूजा की जाती है.
🌞 #जानें_क्यों_की_जाती_है_छठ_पूजा_और_क्या_है_इसका #महत्व 🚩

🌞 #छठ_व्रत_कथा 🚩

कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम के एक राजा थे. उनकी पत्नी का नाम मालिनी था. दोनों की कोई संतान नहीं थी. इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे. उन्होंने एक दिन संतान प्राप्ति की इच्छा से
महर्षि कश्यप द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया. इस यज्ञ के फलस्वरूप रानी गर्भवती हो गईं.

नौ महीने बाद संतान सुख को प्राप्त करने का समय आया तो रानी को मरा हुआ पुत्र प्राप्त हुआ. इस बात का पता चलने पर राजा को बहुत दुख हुआ. संतान शोक में वह आत्म हत्या का मन बना लिया. लेकिन जैसे ही
राजा ने आत्महत्या करने की कोशिश की उनके सामने एक सुंदर देवी प्रकट हुईं.

देवी ने राजा को कहा कि मैं षष्टी देवी हूं. मैं लोगों को पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं. इसके अलावा जो सच्चे भाव से मेरी पूजा करता है, मैं उसके सभी प्रकार के मनोरथ को पूर्ण कर देती हूं. यदि तुम मेरी पूजा
करोगे तो मैं तुम्हें पुत्र रत्न प्रदान करूंगी. देवी की बातों से प्रभावित होकर राजा ने उनकी आज्ञा का पालन किया.

राजा और उनकी पत्नी ने कार्तिक शुक्ल की षष्टी तिथि के दिन देवी षष्टी की पूरे विधि -विधान से पूजा की. इस पूजा के फलस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई. तभी से
छठ का पावन पर्व मनाया जाने लगा.

छठ व्रत के संदर्भ में एक अन्य कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा. इस व्रत के प्रभाव से उसकी मनोकामनाएं पूरी हुईं तथा पांडवों को राजपाट वापस मिल गया.

#सनातन_संस्कृति_और_विज्ञान 🚩

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Oct 29
#ऐतिहासिक_सिक्के :🚩🚩

...जब मुहम्मद गौरी ने जारी किया था मां लक्ष्मी का सिक्का
****
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे जो कोई सोने का सिक्का लांच करेंगे, वो भी सरकारी।

मुहम्मद गौरी ने जारी किया था मां लक्ष्मी का सिक्का

जिस तरह से आज मुस्लिम तुष्टीकरण की
#Thread
नीति की चर्चा होती है, उन दिनों मुस्लिम शासक हिंदू तुष्टिकरण की कोशिशें करते थे। सबसे पहले ये काम किया मौहम्मद गौरी ने, जिसने एक तरह से दिल्ली सल्तनत की नींव रखी, जीत हासिल की, कुछ दिन शासन किया और फिर उसे अपने देश में वापस लौटना पड़ा।

कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना प्रतिनिधि शासक
बनाकर वो वापस लौट गया। लेकिन जब शुरू में उसे लगा था कि भारत में रहना पड़ेगा तो उसने यहां की हिंदू जनता से रिश्ते सुधारने के लिए एक सिक्का जारी किया था। जिसमें एक तरफ हिंदुओं के लिए धनधान्य की देवी मां लक्ष्मी की प्रतिमा उकेरी हुई थी और दूसरी तरफ नागरी में उसका नाम गुदा था।
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Oct 29
💥 #अद्भुत 💐💐

आपने कभी भी जम्मू कश्मीर में स्थित #सूर्य_मंदिर का नाम सुना है..?

जो अपना इतिहास भूल जाते हैं, इतिहास उन्हें भी भूल जाता है, #हिदूं भी इसी रास्ते पर चल पडा हैं... कैसे इस कुकृत्य को भूले बेहद दुखद

मार्तण्ड सूर्य मंदिर जम्मू कश्मीर
#Thread
के #अनंतनाग में स्थित है

कारकोटा राजवंश के शासक #ललितादित्य ने इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में बनवाया था......

#कश्मीर_का_सच इतना सच है की झूठ ही लगता है.
84 स्तंभों को नियमित अंतराल पर रखकर बनाये गए इस वैभवशाली मंदिर को ललितादित्य ने 7-8 शताब्दी के मध्य बनवाया था।
यह मंदिर एक पठार पर स्थित था जहाँ से पूरी कश्मीर घाटी देखी जा सकती थी।

14वीं शताब्दी में सिकंदर बुतशिकन ने जिहाद नीति को अपनाते हुए इस मंदिर को तोड़ने का फैसला किया, बुतशिकन का अर्थ होता है मूर्तियों को तोड़ने वाला, पूरे दो साल तक इस मंदिर को तोड़ा और जलाया गया, आज यहाँ
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Oct 28
#सभी_पुरूषों.. ((#पिता,#भाई,#पति)) #को_समर्पित ✍️
पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया है।।
अधिकतर स्त्रियाँ काँच का टुकड़ा हैं जो मेकअप की रौशनी पड़ने पर ही चमकती हैं।।
किन्तु पुरुष हीरा है जो अँधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती।।

#Thread Image
खूबसूरत मोर होता है मोरनी नहीं।।
मोर रंग - बिरंगा और हरे - नीले रंग से सुशोभित जबकि मोरनी काली सफ़ेद।।

मोर के पंख होते हैं इसीलिए उन्हें मोरपंख कहते हैं।।
मोरनी के पंख नहीं होते।।

दांत हाथी के होते हैं।।हथिनी के नहीं।।
हांथी के दांत बेशकीमती होते हैं।।
नर हाथी मादा हाथी के
मुकाबले बहुत खूबसूरत होता है।।

कस्तूरी नर हिरन में पायी जाती है।।
मादा हिरन में नहीं।।
नर हिरन मादा हिरन के मुकाबले बहुत सुन्दर होता है।।

मणि नाग के पास होती है,नागिन के पास नहीं।।
नागिन ऐसे नागों की दीवानी होती है जिनके पास मणि होती है।।

रत्न महासागर में पाये जाते हैं
Read 5 tweets
Oct 28
🌻 #_श्री_निधि_वन 🚩

भारत में कई ऐसी जगह है जो अपने दामन में कई रहस्यों को समेटे हुए है ऐसी ही एक जगह है वृंदावन स्थित निधि वन जिसके बारे में मान्यता है की यहाँ आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते है। यही कारण है की सुबह खुलने वाले
#Thread ImageImageImageImage
निधिवन को संध्या आरती के पश्चात बंद कर दिया जाता है। उसके बाद वहां कोई नहीं रहता है यहाँ तक की निधिवन में दिन में रहने वाले पशु-पक्षी भी संध्या होते ही निधि वन को छोड़कर चले जाते है।

🌻 #जो_भी_देखता_है_रासलीला_हो_जाता_है_पागल 🚩

वैसे तो शाम होते ही
निधिवन बंद हो जाता है और सब लोग यहाँ से चले जाते है। लेकिन फिर भी यदि कोई छुपकर रासलीला देखने की कोशिश करता है तो पागल हो जाता है। ऐसा ही एक वाक़या करीब 10 वर्ष पूर्व हुआ था जब जयपुर से आया एक कृष्ण भक्त रास लीला देखने के लिए निधिवन में छुपकर बैठ गया।
Read 12 tweets
Oct 25
💥 #नागा_साधु_बनाम_मुग़ल 🚩🚩

भारतीय इतिहास का वो युद्ध, जब नागा साधुओं ने मुग़लों के ख़िलाफ़ जंग लड़कर जोधपुर को बचाया था !

भारत में अधिकतर लोग 'नागा साधुओं' को लेकर यही जानते हैं कि वो हर वक़्त समाधी में लीन या भांग के नशे में चूर रहते हैं,
#Thread
लेकिन ऐसा कतई नहीं है. दरअसल, तन पर नाममात्र के कपड़े और बदन पर भष्म लपेटे नागा साधुओं का इतिहास योद्धाओं का रहा है.

अगर आपको ऐसा लगता है कि हमारे संत समाज ने भारत की आज़ादी के लिए कोई लड़ाई नहीं लड़ी है तो आप ये जानकार हैरान रह जाएंगे कि ' नागा साधुओं
के युद्ध ' में भारत माता की रक्षा के लिए 2000 साधु संत शहीद हो गये थे. कहा जाता है कि इस युद्ध में दुश्मन 4 कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया था.

इतिहासकार बताते हैं कि तब नागा साधुओं के एक हाथ में तलवार थी दूसरे में धार्मिक किताबें. इस दौरान संतों को धर्म भी
Read 10 tweets
Oct 24
💥 #कार्तिक_मास_में_पालन_करने_योग्य_नियम_और_उसका #महत्व 🚩

🔸1 ) जो कार्तिक मास प्राप्त हुआ देख पराये अन्न का सर्वथा त्याग करता है (बहार का कुछ नही खाता) उसे अतिक्रच्छ नामक यज्ञ करने का फल मिलता है।

🔸2) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को कमल के फूल चढाता है
#Thread
वह 1 करोड जन्म के पाप से मुक्त हो जाता है ।

🔸3) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को तुलसी चढाता है वह हर 1 पत्ते पर 1 हीरा दान करने का फल पाता है।

🔸4) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज गीता का एक अध्याय पडता है वह कभी यमराज का मुख नही देखता ।

🔸5) जो मनुष्य कार्तिक मास
मे शालिग्राम शिला का दान करता है उसे सम्पूर्ण पृथ्वी के दान का फल मिलता है ।

🔸6) कार्तिक मास मे जो व्यक्ति पुरे मास पलाश की पत्तल मे भोजन करता है वह विष्णु लोक को जाता है ।

🔸7) कार्तिक मास मे तुलसी पीपल और विष्णु की रोज पुजा करनी चाहिए ।

🔸8) जो मनुष्य कार्तिक मास मे
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