#तटस्थता। पढ़ने में यह शब्द जितना अच्छा लगता है उतना ही घातक है।
☝️किसी को किसी के साथ अन्याय करते हुए देखकर भी तटस्थ रहना एक प्रकार से अन्याय का साथ देना ही है।
कथा महाभारत के 18 वें दिन की है। भीम के गदा प्रहार से दुर्योधन की
जंघा टूट चुकी थी।
☝️इतने में बलराम गरजते हुए पहुंचे और कहा भीम तुमने गदा युद्ध के नियम का उल्लंघन किया किया है। मैं तुम्हारा वध कर दूंगा कहकर अपना हल उठा लिया। श्रीकृष्ण आगे आ गये और पूछा कि बड़े भाई आपको यह अधिकार किसने दिया कि आप भीम का वध करें?
☝️तडककर बलराम ने क्यों नहीं कर
सकता? भीम के अन्याय का दंड देना उचित है।
☝️कृष्ण- भैया पहले यह बताओ कि इसके पहले कितने अन्याइयों को दंड दे चुके हैं?
☝️बलराम- इससे क्या अंतर पड़ता है?
☝️कृष्ण- अंतर पड़ता है भैया। किसी तटस्थ व्यक्ति को किसी युद्ध में दखल देने का अधिकार नहीं है।
☝️बलराम- मैं तटस्थ कब रहा? बताओगे?
☝️एक बार की बात है। इटली से एक व्यापारी का जहाज अपने देश में आया। जहाज का नाम था 'एनरिका लेक्सी।
जब ये जहाज जब केरल के कोल्लम तट से बीस मील की दूरी पर था तो एक हादसा हुआ।
कोल्लम से निकले मछुआरों का दल अपनी नाव से इस जहाज के सामने से गुजर रहा था। जहाज पर तैनात इटली
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हथियारबंद लोगों ने मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर फायरिंग शुरू कर दी।
दो मछुआरे वैलेंटीन जैलेस्टीन और अजेश बी इस हमले में मारे गए। जिन लोगों ने हत्या की, उनकी गिरफ्तारी में केंद्र सरकार(2012) को पसीना छूट गया था।
ये मामला सन 2012 का है और उस वक्त केंद्र में मनमोहन (खोल के
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भीतर सोनिया) सरकार थी।
☝️मनमोहन सरकार का लचरपन देखिये कि कि दोनों आरोपी मैसिमिलियानो लैटोरे और सैल्वेटोरे जिरोने इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान चार साल तक हिरासत में रहते हैं गिरफ्तार नहीं किये जाते।
☝️सरकार की ओर से दो कौड़ी की पैरवी होती है और दोनों आरोपियों को जमानत मिल
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हिंदुओं के बड़े-बड़े नरसंहार सूफियों ने अंजाम दिए हैं...
प्रमाणिक तथ्यों के साथ विश्लेषण
-हम सूफी की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुसलमान ये बताते हैं कि इस्लाम शांति का धर्म है और सूफी ही इस्लाम का सच्चा चेहरा है।
लेकिन सच्चाई ये है कि दरअसल सूफीवाद ही इस्लाम को फैलाने
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का सबसे बड़ा और मुख्य जरिया है और इसके लिए सूफियों ने काफिरों के रक्तपात से भी कभी परहेज नहीं किया है।
-सूफी... इस्लाम को फैलाने का मुख्य तरीका है...
सूफी भी चार तरह के हैं... 1- नक्शबंदी
2-चिश्ती
3-सुहरावर्दी
4-कादरी
अब इन चार तरीकों में भी सिलसिले होते हैं यानी प्रकार...
जैसे ओवैसी भी एक सिलसिला है,ये अलग-अलग पीर होते हैं...
-आपको ये जानकर हैरानी होगी भारत में हिंदुओं के जितने भी बड़े-बड़े नरसंहार हुए हैं वो सूफियों ने किये और करवाये हैं... आपको उदाहरण देकर समझाते हैं,
-जैसे 1921 में मोपला का नरसंहार हुआ जिसमें हजारों हिंदुओं को मार दिया गया...
जुम्मन टेलर की घरवाली रजिया,जुम्मन के काम पर जाते ही अपने पड़ोसी लतीफ मियां के आगोश में समा जाती।
इस बात को पूरा मोहल्ला जानता था। जुम्मन मियाँ भी जानता था,लेकिन जुम्मन का जोर न तो रजिया पर था और न ही लतीफ पर। इसलिए जुम्मन बड़े दुखी रहता।
एक दिन अचानक से जुम्मन खुश हो गया
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और खुश रहने लगा। लोगों में कानाफूसी शुरू हो गई।🤔
☝️बताओ जिसकी घरवाली दूसरे के साथ रंगरेलियां मनाती हो वो भला इतना खुश कैसे रह सकता है❓
☝️आखिरकार एक दिन कुछ क्लेशजीवियों ने जुम्मन से पूछ ही लिया,"अरे भाई! तेरी घरवाली तो दिन भर लतीफ के साथ सोती है फिर भी तू इतना खुश कैसे❓
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☝️जुम्मन ने कहा पहले मैं भी यही सोच सोच कर दुखी रहता था फिर मैंने अपने सोचने का नजरिया बदल लिया.!
☝️अब मैं सोचने लगा कि रजिया मेरी नहीं लतीफ की घरवाली है जो रात में मेरे साथ सोती है तब से मैं बहुत खुश हूं।
It's Not Joke
हजार सालों* तक मुसल मानों ने बेइंतहा जुल्म किये,
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पूर्ण श्रीराम कौन हैं? #राम तत्व पर एक गुरु-शिष्य के बीच चर्चा हो रही थी। राम को लेकर शिष्य की शंका का समाधान करते हुए गुरु ने बताया कि ऐसी बात नहीं है कि अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का भजन करते हैं।
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नहीं, नहीं, राजा दिलीप, राजा रघु एवं राजा दशरथ के पिता राजा अज भी श्रीराम का ही भजन करते थे।
क्योंकि श्रीराम केवल दशरथ के पुत्र ही नहीं हैं। बल्कि रोम-रोम में जो चेतना व्याप्त रही है, रोम-रोम में जो रम रहा है उसका ही नाम है 'राम'।
रामजी के अवतरण से हजारों-लाखों वर्ष पहले राम नाम
की महिमा वेदों में पायी जाती है।
"रमन्ते योगिनः यस्मिन् स रामः।"
यानी 'जिसमें योगी लोगों का मन रमण करता है उसी को कहते हैं 'राम'।
एक राम घट-घट में बोले,दूजो राम दशरथ घर डोले।
तीसर राम का सकल पसारा, ब्रह्म राम है सबसे न्यारा।।
☝️हमें इस धर्मयुद्ध के बीच हर्ष मनाने की आदत को विराम देना होगा***
☝️क्योंकि यह हर्ष मनाने का समय नहीं है।
☝️यह हम सब युद्ध के बाद विजयी होकर ज्यादा सार्थक तरीके से मना लेंगे...
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☝️लेकिन अभी जो भी राष्ट्र के हितों के विरुद्ध बोलता या लिखता हुआ दिखाई देता है...
👉उस पर काल बनकर टूट पड़ने की आवश्यकता है।👈
☝️हम सभी के समक्ष अभी तमाम तरीके के फरेबों/षड्यंत्रों से लोगों को दिग्भ्रमित और आपकी बुद्धि व विवेक को दिशाहीन किये जाने का प्रयास होता ही रहेगा...
☝️लेकिन आपको सिर्फ और सिर्फ भारत के हितों और उसके लिए युद्धरत महारथी प्रधानमंत्री "मोदीजी के नेतृत्व" पर आंख बंद कर विश्वास करना होगा।
☝️यही विश्वास ही तुम्हें ऊर्जा देता है,जो देशद्रोहियों को कमजोर करने का साहस तुम्हे मिलता है...