Nandhi Sculpture that grows in Size every year. The Temple staff has already removed a pillar as the size of Nandhi (Holy Bull) is Increasing Sri Yaganti Uma Maheshwara Temple, Kurnool, Andhra Pradesh
This temple was constructed by King Harihara Bukka Raya of the Sangama Dynasty of the Vijayanagara Empire in the 15th century. It was built according to Vaishnavaite traditions.
The locals say that the idol was initially much smaller than its present size. They say that certain experimentation was carried out on this idol and it was said that the type of rock out of which the idol is carved has a growing or enlarging nature associated with it.
Archaeological Survey of India has confirmed that the idol increases by 1 inch in every 20 years. Experiment suggests that the rock used to make the idol exhibits a growing nature.
It is said that people used to do Pradakshinas (rounds) around it in the past. The temple staff has already removed one pillar as the size of the Nandi has increased. #nandi#kurnool
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#महालक्ष्मी_मंदिर_मुंबई,के बर्ली व मालाबार हिल वह क्षेत्र जिसे अब ब्रीच केंडी कहा जाता जब यहाँ दीवार बनाई जा रही थी इसे बनाने में कई तरह की परेशानी आईं थीं
निर्माण कार्य चल रहा था,तब दोनों क्षेत्रों को जोड़ने वाली दीवार बार-2 गिर जा रही थी 👇#लक्ष्मी_माता
तब प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर को सपने में महालक्ष्मी माता ने दर्शन दिए और कहा की बर्ली के पास समुद्र में तुम्हें मेरी मूर्ति दिखाई देगी तुम इसको निकाल कर यहां मंदिर बनवाओ
कहा जाता है कि माता के निर्देशानुसार खोज करने पर ये मूर्ति उन्हें उसी जगह मिल गई,जहां माता ने बताया था
चीफ इंजीनियर ने इसी जगह पर एक छोटे से मंदिर का निर्माण करवाया और उसके बाद यह निर्माण कार्य बड़ी आसानी से संपन्न हो गया।इसी मंदिर को आज मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर कहा जाता है इस मंदिर का व्यापक निर्माण साल 1831 में धाकजी दादाजी नाम के व्यापारी ने कराया था।👇🏻#शुभ_दीपावली
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल
दानवों के महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे,उसी से तुम्हें बांधता हूं
राजा बलि और मां लक्ष्मी
बलि नाम के राजा ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्रह किया। भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गए
और राजा बलि के साथ रहने लगे मांलक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया,उन्होंने राजा बलि को रक्षा धागा बांधकर भाई बना लिया।राजा ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मनचाहा उपहार मांगें। इस पर मां लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को अपने वचन से मुक्त कर दें
और भगवान विष्णु को माता के साथ जानें दें। इस पर बलि ने कहा कि मैंने आपको अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया है। इसलिए आपने जो भी इच्छा व्यक्त की है, उसे मैं जरूर पूरी करूंगा। राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपनी वचन बंधन से मुक्त कर दिया और उन्हें मां लक्ष्मी के साथ जाने दिया
#दधिमती माता मन्दिर राजस्थान के नागौर जिले के जायल तहसील के गोठ मांगलोद गांव में स्थित देवी दधिमती का मन्दिर है माताका प्राकट्य लगभग 2000वर्ष पहले हुआ था यह उत्तरी भारत में एक पुराने मन्दिरों में से एकहै दधिमती दधीचि ऋषि की बहिनहै इनका जन्म माघ महीनेके शुक्लपक्ष की सप्तमीको हुआथा
दधिमती ने माघ महीने की अष्टमी को दधी नगर में दैत्य विकटासुर को मारा था।दधिमती देवी लक्ष्मीजी की अवतार है मंदिर में माता के कपाल ( चहरे ) की पूजा अर्चना होती है दधिमती माता (दाधीच ब्राह्मण) के अलावा अग्रवाल,महेशवरी,जाट,राजपूत,सहित आदि वंश गोत्र की कुल देवी (कुलमाता) को समर्पित है
मंदिर भारतीय स्थापत्य का गोरव है रामायण दृश्यावली का प्राचीनतम कला माताके मंदिर में देखने को मिलती है ऊपर के भाग में श्रीराम वनवास से लंका विजय के मनमोहक दर्शय बनाए हुए है व गर्भग्रह द्वारा पंच शाखा,लता शाखा,नाग शाखा,रूपशाखा,कीर्तिमुख शाखा चेत्य मुखों के मध्यरूप शाखा से युक्त है
#Thread#श्राद्ध का अर्थ है अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना पुराणों के अनुसार,मृत्यु के बाद भी जीव की पवित्र आत्माएं किसी न किसी रूप में श्राद्ध पक्ष में अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आती हैं।पितरों के परिजन उनका तर्पण कर उन्हें तृप्त करते हैं
आश्विन कृष्णपक्ष का श्राद्ध:
01 सितंबर 2020 :- पूर्णिमा व पौष्ठपदी श्राद्ध
02 सितंबर 2020 :- प्रतिपदा का श्राद्ध
03 सितंबर 2020 :- द्वितीया का श्राद्ध
04 सितंबर 2020 :- द्वितीया का श्राद्ध
05 सितंबर 2020 :- तृतीया का श्राद्ध
06 सितंबर 2020 :- चतुर्थी व भरणी का श्राद्ध
07 सितंबर 2020 :- पंचमी व भरणी का श्राद्ध*
*08 सितंबर 2020 :- छठ् व कृत्तिका का श्राद्ध*
*09 सितंबर 2020 :- सप्तमी का श्राद्ध*
*10 सितंबर 2020 :- अष्टमी का श्राद्ध*
*11 सितंबर 2020 :- नवमी का श्राद्ध, मातृ नवमी, सौभाग्यवतीनां श्राद्ध