चौथी सदी ई. पू. - सुकरात को ज़हर दिया
1700 - ब्रूनो को ज़िंदा जला दिया
1948 - गांधी को गोली मारी
1968 - मार्टिन लूथर किंग को
2011 - सलमान तासीर को
दाभोलकर को, पानसरे को, कलबुर्गी को, गौरी लंकेश को... 1/N #Gandhi
और हर बार आप गांधी को ही मारने की कोशिश कर रहे थे..हर बार..
हर बार जब आप गांधी को मारते हैं, एक नयी तरह का सच लेकर गांधी फिर आपके सामने आकर खड़े हो जाते हैं...और आप फिर हत्या की कोशिश दोहराते हैं.. 2/N #Gandhi
गांधी ने जीवन का अंतिम दर्शन दिया था..
'ईश्वर ही सत्य नहीं, बल्कि सत्य ही ईश्वर है..'
और सत्य से आपको डर लगता है..क्योंकि आपकी पूरी ताक़त झूठ की बुनियाद पर खड़ी है। इसीलिए आप गांधी से भी डरते हैं.. 3/N #Gandhi
गांधी हर बार मरने के बाद फिर आपके सामने आ खड़े होते हैं, कभी आस्तिक तो कभी नास्तिक बन कर..
लेकिन उनके हाथ में हमेशा दो हथियार हैं, अहिंसा और प्रेम..ये दोनों आपको डराते हैं..बहुत ज़्यादा 4/N #Gandhi
गांधी से मेरे मतभेद हैं, बहुत सारे..मेरे जैसे बहुतेरों के हैं..लेकिन गांधी के पास मतभेद के लिए स्पेस है, धैर्य है, सम्मान है..
और इसीलिए हम बार-बार गांधी के पास आते हैं। मतभेदों के बावजूद साथ मिलकर साझा लक्ष्यों के लिए लड़ लेते हैं.. 5/N #Gandhi
गांधी आपको विरोध करने का नैतिक बल देते हैं, विरोध की ज़रूरत बताते हैं, सभ्य विरोध की..अपने विरोध की भी..
आंबेडकर हों या मैं, हम खुल कर गांधी का विरोध कर सकते हैं, वहां कोई ख़तरा नहीं है
इसलिए भी आप गांधी से डरते हैं क्योंकि बहस से विचार विकसित होते हैं..आपके लिए ख़तरा 6/N #Gandhi
आप जानते हैं कि विरोध, बहस से लोग बौद्धिक होंगे, विचारवान होंगे, तार्किक होंगे, विवेक आएगा और फिर आपका क्या होगा? इसलिए आपको गांधी से बहुत घृणा है..क्योंकि आप से भी वो बात कर लेंगे, हंस कर, बिना कैसी भी हिंसा के लिए..और आप वहां हारेंगे क्योंकि तर्क कहां है? 7/N #Gandhi
फिर वहां प्रेम है..शत्रु के लिए भी..ढेर सारा..आपकी तो सारी पॉलिटिक्स ही ख़त्म..
सत्य को ईश्वर कहते हुए गांधी, धार्मिक रह लेते हैं..आप वो धर्म समझ तो ख़ैर सकते नहीं लेकिन धर्म का विरोध करेंगे तो अपनी राजनीति का क्या करेंग?
बुद्धि से नहीं जीत पाते, तो हत्या कर देते हैं 8/N #Gandhi
और आप जितनी बार गांधी की हत्या करते हैं..गांधी उतनी ही बार कहीं और निकल कर मुस्कुराते हुए आ जाते हैं..मित्र, कैसे हो कह कर, आपके भी कंधे पर हाथ रख देते हैं..
आपके हाथ से फिर ट्रिगर दबता है और ये अंतहीन लूप हमको बचाए रखता है, आपको डराए रखता है.. 9/N #Gandhi
आप इतने कमज़ोर और मजबूर हैं कि गांधी पर ही गोली चलाते हैं और उनको ही आदर्श बताने पर मजबूर हो जाते हैं...
आप चेहरे पर लगा ख़ून पोंछते हुए, गांधी और बुद्ध का नाम बड़बड़ाकर भाषण देते रहते हैं..
अंततः इस दुनिया को प्रेम बचाएगा और गांधी से बेहतर इसे कोई नहीं जानता था..
10/10 #Gandhi
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2014 तक का समय याद कीजिए, इसी देश में, हिंदी पट्टी में सब चाय की दुकान से, घर और कॉलेज-दफ्तर तक अंबानी या कारपोरेट को गाली देते थे, यूपीए को उद्योगपतियों की सरकार बता कर निंदा करते थे।
अब क्या हुआ अचानक? वही अंबानी-अडानी कैसे महान हो गए? #Adani देश हो गया?
आपका सच (Thread) 2/N UPA2 याद है? तो घोटाले-भ्रष्टाचार के आरोप भी याद होंगे? याद होंगे अण्णा हज़ारे भी?
उस दौरान एक नाम बहुत चर्चित था..नीरा राडिया..नीरा के फोन कॉल जिन उद्योगपतियों के साथ रेकॉर्ड हुए थे, उनमें से दो नाम थे, मुकेश और अनिल अम्बानी...याद आ ही गया होगा... #Adaniscam
आपका सच (Thread) 3/N ये भी याद आया होगा कि कैसे मुकेश अम्बानी ने पिता की सम्पत्ति का अहम हिस्सा हासिल किया था..ये भी कि मुकेश और अनिल ने फोन पर राडिया से क्या बात की थी..कैसे एक ने BJP-Congrss को अपनी दो दुकानें बताया था..और कैसे अनिल लगभग निवेदन की मुद्रा में थे.. #Adaniscam
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 1/N 30 जनवरी, 1948
द हिंदू संवाददाता
गांधी जी ने प्यारे लाल से नोआखली की स्थिति पर चर्चा की, जो कि वहीं से आए थे। प्यारे लाल का मानना था कि वहीं अल्पसंख्यक हिंदुओं की समस्या का समाधान यही था कि वह व्यवस्थित तरीके से पूर्वी पाकिस्तान से निकल कर भारत आ जाएं।
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 2/N 30 जनवरी, 1948
द हिंदू संवाददाता
बापू इससे असहमत थे, उनका मानना था कि तब पू. पाकिस्तान (आज बांग्लादेश) में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों को वहीं टिकना चाहिए था और करो या मरो के सिद्धांत का पालन करना चाहिए था।
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 3/N ये वही सिद्धांत था, जिसके पालन से बापू ने उत्तर भारत, कलकत्ता, नोआखली, दिल्ली में शांति स्थापित करने में सफलता पाई थी। बापू ने कहा, 'हो सकता है कि अंत में उनमें से कुछ ही लोग बचें, लेकिन कमज़ोरी में से शक्ति प्राप्त करने का और कोई तरीका नहीं हो सकता है।
Thread on #KanjhawalaDeathCase -
How not to investigate a story as a #journalists 1/N एक पत्रकार के तौर पर तय करें कि आप क्राइम रिपोर्टिंग कर रहे हैं या इन्वेस्टीगेटिव रिपोर्टिंग। सबसे पहले दोनों में फ़र्क समझें।
Thread on #KanjhawalaDeathCase -
How not to investigate a story as a #journalists 2/N एक क्राइम रिपोर्टर के तौर पर आप केवल, पुलिस की कार्रवाई-जांच और केस की फर्दर प्रोसीडिंग-अपडेट रिपोर्ट करेंगे। आप पीड़ित और आरोपी के बयान पर रिपोर्टिंग कर सकते हैं। आप अपराध रिपोर्ट करेंगे।
Thread on #KanjhawalaDeathCase -
How not to investigate a story as a #journalists 3/N लेकिन अगर आप इन्वेस्टीगेटिव रिपोर्टिंग या इन्वेस्टिगेटिव क्राइम रिपोर्टिंग कर रहे हैं, तो आपको अपराध की जांच के बुनियादी उसूलों को सामने रखना होगा। खोजी अपराध पत्रकारिता के उसूल भी वही हैं।
Thread 1. संघियों की ख़ासियत है कि वो बात, जिसे शर्म से छिपाना चाहिए-उस पर भी ऐसा हल्ला करेंगे कि सब जनता के सामने आ जाए। #savarkar ऐसा ही एक मामला हैं। पब्लिक डोमेन में है, लेकिन @MailtoUniverse नाम का हैंडल है, कहने लगा नहीं, यहीं ट्वीट कर दो माफ़ीनामा..अब लो करा लो ऐसी-तैसी
@MailtoUniverse Thread 2. तो माई डियर @MailtoUniverse ये रहे डॉक्यूमेंट..असली वाले..अब मेरे घर पर नहीं रखे हैं, भारत सरकार के National Archive यानी भारतीय अभिलेखागार से हैं..वेबसाइट का लिंक भी लगा दूंगा, जाकर देख लेना
लेकिन ये बस पहला पन्ना है, एनक्लोज़र और अटैचमेंट्स भी हैं, जिसमें माफ़ीनामा और शर्तें सब हैं..तो ये लो और काग़ज़...यहीं नंगा करवा दो अपने वीर को... @MailtoUniverse
आज की कविता
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कात्यायनी को हम में से ज़्यादातर लोग नहीं जानते हैं, लेकिन फिलहाल उनकी इस कविता को हम जान लें, तो ये समय हमारे लिए अहम हो जाएगा।
1/n
हॉकी खेलती लड़कियां - कात्यायनी की कविता
आज शुक्रवार का दिन है
और इस छोटे से शहर की ये लड़कियाँ
खेल रही हैं हॉकी।
खुश हैं लड़कियाँ
फिलहाल
खेल रही हैं हॉकी
कोई डर नहीं।
2/n
3/n बॉल के साथ दौड़ती हुई
हाथों में साधे स्टिक
वे हरी घास पर तैरती हैं
चूल्हे की आँच से
मूसल की धमक से
दौड़ती हुई
बहुत दूर आ जाती हैं
1. अगर दिल्ली में कार से कुचल दी गई लड़की के बारे में होटल में पार्टी, शराब पीने और झगड़े का न्यूज़ इनपुट सही भी है, तो बजाय इस पर बात करने के कि लड़की ने शराब पी थी, वो नशे में थी कि नहीं..उन लोगों का पता क्यों नहीं लगाया जा रहा है, जिनसे उसका झगड़ा हुआ था? #Delhiaccident
2. वो मीडियाकर्मी, जो ये ख़बर निकाल लाए हैं कि मृतका ने किसी भी तरह का नशा किया था, वो ये पता क्यों नहीं कर पाए कि उसकी दोस्त के अलावा बाकी साथी कहां गए, किन लोगों से उसका झगड़ा हुआ था? साथ ही पुलिस के बयान के इतर, जो ख़बरें सूत्रों के माध्यम से चल रही हैं, उनके साक्ष्य क्या हैं?
3. क्या इस बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी है कि मृतका को कार में सवार 5 के 5 लोगों में से कोई भी पहले से जानता था कि नहीं? क्या इसको लेकर कोई तफ्तीश हुई है, तो उस पर पुलिस का इनपुट क्या है, क्या किसी मीडिया संस्थान ने इसकी तफ़्तीश की है? #Delhiaccident