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कोई 17-18 साल पहले की बात होगी, मेरा जर्नलिज़्म मास्टर्स का वायवा चल रहा था। यूनिवर्सिटी के वीडियो प्रोडक्शन-सिनेमेटोग्राफी के HOD ने पूछा कि आपने लिखा है कि आपका फिल्मों में इंट्रेस्ट है। आप क्या करना चाहते हैं..मैंने कहा..कभी स्क्रीनराइटिंग!!
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वहां से पलट कर सवाल आया..कोई सीन बताइए, जो आपको बहुत पसंद है..मैंने दो बीघा ज़मीन का एक सीन बताना शुरू किया..क्रॉस क्वेश्चन था..कोई नई फिल्म??? मैं 10 सेकेंड रुका और मैंने #Swades का वो सीन बताना शुरू किया, जिसमें मोहन #SRK@iamsrk ट्रेन से लौट रहे हैं..
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और ट्रेन में बैठे मोहन की निगाह उस बच्चे पर पड़ती है, जो मिट्टी के कुल्हड़ में पानी बेच रहा है, एक केतली लिए हुए..मोहन का चेहरा देखिए..देखिए उस खिड़की की सलाखों को, उससे नीचे दिखते बच्चे को..पानी देने और लेने के लिए बढ़ते हाथ, @iamsrk की आंखों को..
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और कांपते होंठ, कांपते हाथ..#SRK आपको मनुष्य बनाते हैं..ट्रेन चल पड़ती है..आप शाहरुख के भाव देखते हैं, भागते बच्चे को देखते हैं..ट्रेन के साथ दूर होते जाते रेलवे स्टेशन पर भूख के लिए प्यास बेचते भारत को देखते हैं..आप को तब पता चलता है कि आप रो रहे हैं..
@iamsrk in my life 5/5 #SRK की तमाम फ़िल्में मुझे नापसंद हैं, पर #Swades के शाहरुख मेरी आत्मा के अंदर जाते हैं, उनके चेहरे, आंख, होंठ, हाथ, पैर सब में भाव हैं..मैं फिर कहता हूं, वो आपको मनुष्य बनाते हैं..मैं ये कह रहा था, वायवा लेने वाला भी भावुक था..हां, 20 में 18 मिले थे, 90%
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जिनको ऑफ़शोर कंपनी वाला खेल समझ में नहीं आता है, उनके लिए ये #Thread है
1/N
गौतम (बदला गया नाम) ने बिज़नेस किया। कुछ पैसा सफ़ेद आया..कुछ थोड़ा कम सफ़ेद आया। कम सफ़ेद मतलब जो बिल्कुल सफ़ेद न हो लेकिन किसी और रंग का भी न हो..काले से मिलता जुलता..
इस पैसे को सफ़ेद करना था तो ऐसे देश खोजे गए, जहां आपकी इनकम का सोर्स न पूछा जाए, बस टैक्स देकर बात ख़त्म
2/N
ये ऐसे देश होते हैं, जहां कंपनी खोलना आसान और कैपिटल के सोर्स से कोई मतलब नहीं और डायरेक्ट टैक्सेशन। तो गौतम ने किसी और के नाम से एक कंपनी खोल ली..ये बड़े और महान देश हैं, जैसे कि साइप्रस, केमैन आईलैंड, मॉरीशस वगैरह..
अब उस कंपनी में वो जो थोड़ा कम सफ़ेद पैसा था, भेज दिया
3/N
@myogiadityanath भयानक कन्फ़्यूज़्ड हैं। उनको ये तय करना चाहिए कि वे भाजपा की लगातार मांग, यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ खड़े हैं भी कि नहीं क्योंकि अगर वो यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ खड़े हैं, तो किसी धर्म को भारत का राष्ट्रीय धर्म नहीं कह सकते हैं। इनको कुछ पता ही नहीं है, अनपढ़!
@myogiadityanath या फिर वो ये बताएं कि यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का उनका एजेंडा दरअसल हिंदू सिविल कोड लागू करने का है क्या? अगर ऐसा है, तो फिर वो यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं होगा...
इस आदमी को कोई बिठाकर, थोड़ा लिखाए-पढ़ाए..वरना कभी बताना @myogiadityanath किसी स्कूल में क्लास में बिठवा देंगे..
आगे की बात ये रही कि ये मूर्खों वाला सनातन राष्ट्रीय धर्म है टाइप बयान, आपराधिक भी है..तो तकनीकी तौर पर तो इसके ख़िलाफ़ केस दर्ज होना चाहिए क्योंकि ये भी देश और संविधान के द्रोह की श्रेणी में आता है। पता नहीं क्यों @AmitShah@narendramodi इसे झेल रहे हैं, कुछ तो मजबूरी है
जब तक वह ज़मीन पर था
कुर्सी बुरी थी
जा बैठा जब कुर्सी पर वह
ज़मीन बुरी हो गई।
2
उसकी नज़र कुर्सी पर लगी थी
कुर्सी लग गयी थी
उसकी नज़र को
उसको नज़रबन्द करती है कुर्सी
जो औरों को
नज़रबन्द करता है
1/N
3
महज ढाँचा नहीं है
लोहे या काठ का
कद है कुर्सी
कुर्सी के मुताबिक़ वह
बड़ा है छोटा है
स्वाधीन है या अधीन है
ख़ुश है या ग़मगीन है
कुर्सी में जज्ब होता जाता है
एक अदद आदमी।
2/N
4
फ़ाइलें दबी रहती हैं
न्याय टाला जाता है
भूखों तक रोटी नहीं पहुँच पाती
नहीं मरीज़ों तक दवा
जिसने कोई ज़ुर्म नहीं किया
उसे फाँसी दे दी जाती है
इस बीच
कुर्सी ही है
जो घूस और प्रजातन्त्र का
हिसाब रखती है।
3/N
2014 तक का समय याद कीजिए, इसी देश में, हिंदी पट्टी में सब चाय की दुकान से, घर और कॉलेज-दफ्तर तक अंबानी या कारपोरेट को गाली देते थे, यूपीए को उद्योगपतियों की सरकार बता कर निंदा करते थे।
अब क्या हुआ अचानक? वही अंबानी-अडानी कैसे महान हो गए? #Adani देश हो गया?
आपका सच (Thread) 2/N UPA2 याद है? तो घोटाले-भ्रष्टाचार के आरोप भी याद होंगे? याद होंगे अण्णा हज़ारे भी?
उस दौरान एक नाम बहुत चर्चित था..नीरा राडिया..नीरा के फोन कॉल जिन उद्योगपतियों के साथ रेकॉर्ड हुए थे, उनमें से दो नाम थे, मुकेश और अनिल अम्बानी...याद आ ही गया होगा... #Adaniscam
आपका सच (Thread) 3/N ये भी याद आया होगा कि कैसे मुकेश अम्बानी ने पिता की सम्पत्ति का अहम हिस्सा हासिल किया था..ये भी कि मुकेश और अनिल ने फोन पर राडिया से क्या बात की थी..कैसे एक ने BJP-Congrss को अपनी दो दुकानें बताया था..और कैसे अनिल लगभग निवेदन की मुद्रा में थे.. #Adaniscam
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 1/N 30 जनवरी, 1948
द हिंदू संवाददाता
गांधी जी ने प्यारे लाल से नोआखली की स्थिति पर चर्चा की, जो कि वहीं से आए थे। प्यारे लाल का मानना था कि वहीं अल्पसंख्यक हिंदुओं की समस्या का समाधान यही था कि वह व्यवस्थित तरीके से पूर्वी पाकिस्तान से निकल कर भारत आ जाएं।
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 2/N 30 जनवरी, 1948
द हिंदू संवाददाता
बापू इससे असहमत थे, उनका मानना था कि तब पू. पाकिस्तान (आज बांग्लादेश) में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों को वहीं टिकना चाहिए था और करो या मरो के सिद्धांत का पालन करना चाहिए था।
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 3/N ये वही सिद्धांत था, जिसके पालन से बापू ने उत्तर भारत, कलकत्ता, नोआखली, दिल्ली में शांति स्थापित करने में सफलता पाई थी। बापू ने कहा, 'हो सकता है कि अंत में उनमें से कुछ ही लोग बचें, लेकिन कमज़ोरी में से शक्ति प्राप्त करने का और कोई तरीका नहीं हो सकता है।
चौथी सदी ई. पू. - सुकरात को ज़हर दिया
1700 - ब्रूनो को ज़िंदा जला दिया
1948 - गांधी को गोली मारी
1968 - मार्टिन लूथर किंग को
2011 - सलमान तासीर को
दाभोलकर को, पानसरे को, कलबुर्गी को, गौरी लंकेश को... 1/N #Gandhi
और हर बार आप गांधी को ही मारने की कोशिश कर रहे थे..हर बार..
हर बार जब आप गांधी को मारते हैं, एक नयी तरह का सच लेकर गांधी फिर आपके सामने आकर खड़े हो जाते हैं...और आप फिर हत्या की कोशिश दोहराते हैं.. 2/N #Gandhi
गांधी ने जीवन का अंतिम दर्शन दिया था..
'ईश्वर ही सत्य नहीं, बल्कि सत्य ही ईश्वर है..'
और सत्य से आपको डर लगता है..क्योंकि आपकी पूरी ताक़त झूठ की बुनियाद पर खड़ी है। इसीलिए आप गांधी से भी डरते हैं.. 3/N #Gandhi