यह तो सब जानते हैं, लेकिन कैसे??? यह आज हम आपको बताएंगे!!! दरअसल वीर महाराणा प्रताप जी का 'चेतक' सबको याद है लेकिन 'शुभ्रक' नहीं! तो मितरों, पेश है कट्टर देशभक्त हिन्दू घोड़े-
शुभ्रक की कथा ।
तो हुआ ये, कुतुबुद्दीन ऐबक ने राजपूताना में जम कर कहर बरपाया। उस दौर में कोई भी मुंह उठाये आता था, और कहर बरपा कर चला जाता था।
तो कहर बरपाने के बाद वह उदयपुर के 'राजकुंवर कर्णसिंह' को बंदी बनाकर लाहौर ले गया।कुंवर का 'शुभ्रक' नामक एक स्वामिभक्त घोड़ा था,
जो कुतुबुद्दीन को पसंद आ गया। और वो उसे भी साथ ले गया।
नही ले जाना था।
दरअसल पराई नार और पराये घोड़े पर नजर न डालने वाला गीत कुतुबुद्दीन ने सुना नही था। यही उसकी मौत का परवाना बनने वाला था।
तो एक दिन कैद से भागने के प्रयास में कुँवर सा को सजा-ए-मौत सुनाई गई। और सजा देने के लिए 'जन्नत बाग' में लाया गया। यह तय हुआ कि राजकुंवर का सिर काटकर उससे 'पोलो' याने चौगान खेला जाएगा।
कुतुबुद्दीन ख़ुद कुँवर सा के ही घोड़े 'शुभ्रक' पर सवार होकर अपनी खिलाड़ी टोली के साथ 'जन्नत बाग' में आया। कुछ लोग कहेंगे कि जन्नत बाग तो लाहौर में नही, मुरादाबाद में है, तो मेरा उत्तर यही रहेगा की आप गद्दार देशद्रोही हो, पाकिस्तान जा सकते हो।
हां, तो हुआ ये कि 'शुभ्रक' ने जैसे ही कैदी अवस्था में राजकुंवर को देखा, उसकी आंखों से आंसू टप टप टपकने लगे। उसे लगा कि उसकी ही तपस्या में कोई कमी रह गयी होगी।
तो जैसे ही सिर कलम करने के लिए कुँवर सा की जंजीरों को खोला गया, ( जिसकी बेसिकली कोई जरूरत नही थी) तो
'शुभ्रक' से रहा नहीं गया। उसने उछलकर कुतुबुद्दीन को घोड़े से गिरा दिया और उसकी छाती पर अपने मजबूत पैरों से कई वार किए, जिससे कुतुबुद्दीन के प्राण पखेरू उड़ गए।
इस्लामिक सैनिक अचंभित होकर देखते रह गए। बोले- गजबे है स्याला। राणा से बहादुर तो उसका घोड़ा निकला।
हां, तो बैक टू स्टोरी। मौके का फायदा उठाकर कुंवर सा सैनिकों से छूटे और 'शुभ्रक' पर सवार हो गए। 'शुभ्रक' ने हवा से बाजी लगा दी..
लाहौर से उदयपुर बिना रुके दौडा और उदयपुर में महल के सामने आकर ही रुका! (यह दूरी आज गूगल मैप के अनुसार 773 किमी की होती है।
लेकिन तब गूगल नही था, होता भी तो घोड़े को देखना कहां आता था)
तो हुआ ये, की उदयपुर एराइवल होने पर राजकुंवर घोड़े से उतरे और अपने प्रिय अश्व को पुचकारने के लिए हाथ बढ़ाया, तो पाया कि वह तो प्रतिमा बना खडा था..
उसमें प्राण नहीं बचे थे। सिर पर हाथ रखते ही 'शुभ्रक' का निष्प्राण शरीर लुढक गया।
😭😭😭 😭
भारत के इतिहास में यह तथ्य कहीं नहीं पढ़ाया जाता क्योंकि वामपंथी और मुल्लापरस्त लेखक अपने नाजायज बाप की ऐसी दुर्गति वाली मौत बताने से हिचकिचाते हैं!
जबकि फारसी की कई प्राचीन पुस्तकों में कुतुबुद्दीन की मौत इसी तरह लिखी बताई गई है। वो फ़ारसी की किताब भी मैं जल्द पोस्ट करूँगा।
मैं कई दिनों से महसूस कर रहा था कि वह मेरे आगे पीछे है ,अक्सर मैंने उसको अपने करीब पाया ।
फिर मैंने उसके कुछ फैमिली मेंबर्स को भी आसपास घूमते देखा ,मैंने सोचा मोहल्ला है भला किसको गली में घूमने से रोक सकते हैं ।
गली मोहल्ले तक तो सही था , लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी नजरें मेरे घर पर हैं
मैं उससे ज्यादा नहीं जानता था , इसलिए मैंने कई बार उसे इग्नोर किया
फिर सोचने पर मजबूर हुआ कि वह क्यों मेरे घर पर मंडरा रही है ।
मैं दूध का जला हूं छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता हूं
मैं उसे देखते ही भयभीत हो गया और जिंदगी में पहले भी सहे दर्द मुझे याद आ गए ।
जिंदगी में पहले भी मैंने कितनी बार अनचाहा दर्द सहा है ,वह दर्द जो असहनीय होता है ,
मक्कारी का जो डंक उसने कई बार मेरे शरीर पर मारा है उसका दर्द आज भी मेरे दिल और दिमाग पर छाया है
कांग्रेस प्रवक्ता श्रीमती @SupriyaShrinate दीदी ने आजतक की गोदीएंकर "मिस" अंजना ओम कश्यप को इतना लताड़ा की "मिस" अंजना लगभग रो पड़ी..मिस अंजना की इस ऐतिहासिक बे'इज़्ज़ती का VDO कमेंटबॉक्स में है..
मिस अंजना भद्देपन से राहुल गांधी पर झूट बोल रही थी..सुप्रिया दीदी ने मिस अंजना के झूट को पकड़ कर जो लताड़ लगाई है वो मिस अंजना का सपने में भी पीछा नही छोड़ेगी..
सुप्रिया दीदी ने लगातार 3 मिनिट तक मिस अंजना को बताया कि मिस अंजना कैसे भद्दा झूट बोल रही थी..
मिस अंजना की बोलती बंद हो गई थी..पर मिस अंजना ए'लानिया बेशर्म है और ज़लील होना उनका मज़हब है..
मिस अंजना ओम कश्यप, इतना ज़लील होती है पर हर बार ज़लील होने लाइक़ काम क्यों करती है? एक काम कीजिये
- राहुल गांधी का हर भाषण लाइव चलाइए
- राहुल अगर ग़लत बोले तो अवाम फ़ैसला कर लेगी
मित्र कृष्णन अय्यर लिखते हैं★★
भ्रष्ट और फ़र्ज़ी इमानदार केजरीवाल ने कपिल सिब्बल साहेब को "नया बाप बनाया" है..मुबारक हो केजरीवाल, तुम्हारा ये ट्वीट बताता है कि आप कितने घटिया इंसान हो..
केजरीवाल, 2012 में जब "CIA का दलाल" अन्ना हजारे और आप "संघी दलाल" बन कर "इंडिया अगेंस्ट करप्शन" चला कर भारत के ख़िलाफ़ साज़िश कर रहे थे तब आप कपिल सिब्बल साहेब और उनके बेटे श्री अमित सिब्बल को भ्रष्ट बोलते थे..
केजरीवाल, आप कपिल सिब्बल साहेब को जेल भेजने की क़समे खाते थे..देश के हर घोटाले में कपिल सिब्बल साहेब को शामिल बताते थे..
और आज उन्हीं "भ्रष्ट" कपिल सिब्बल साहेब के चरणों को धो कर पानी पीने लगे? अरे केजरीवाल, आप वो घटिया इंसान हो जिसके
लोकेश सलारपुरी भाई की आपबीती
कल मैं घर रहा कहीं इधर उधर नही गया, कुछ फिल्में देखी ,कुछ लोग मिलने आये , कुछ घर के पैंडिंग कार्य निपटाए जो लम्बे समय से रुके पड़े थे। सारे खेतों पर चक्कर लगाया , सिक्स लेन एक्सप्रेस हाइवे (जो मेरे गांव के दक्षिण में मेरे
खेतों से होकर गुजरेगा) के निर्माण की प्रगति का जायजा लिया ...
एक लड़का जो कभी हमारे गंगोह बिजलीघर में जेई था वो मिलने आया हालांकि अब वो एसडीओ बन चुका है और डिस्ट्रीब्यूशन में न होकर ट्रांसमिशन में है और मुजफ्फरनगर पोस्टेड है ।
इन सब के बीच मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी ,उसपर कोंग्रेस आईटी सेल की प्रतिक्रिया, नामी गिरामी पत्रकारों की बहसें , और कुछ कानून के जानकारों के विचारों का जो निष्कर्ष निकाला वो निम्न प्रकार से मुझे समझ आया ...
⬛मेघालय:
मेघालय चुनाव में भाजपा 60/59 सीटों में से सिर्फ 2 सीटें ही जीती है।
NPP ने वहां सबसे ज्यादा 26 सीटें जीती।सरकार बनने से पहले ही 2 सीटें जीतने वाली बीजेपी अपनी 2 सीटों का समर्थन का कटोरा लेकर खुद ही NPP के समर्थन में पहुँच जाती है
हद तो तब हो गई जब मोदी खुद NPP की सरकार बनने पर उछल कूद करते मेघालय पहुंच रहे हैं ।🤪🎅
गोदी मीडिया, आईटी सेल, मोदी गैंग और अंधभक्तों की फौज इसे बीजेपी की सरकार बता रहे हैं ।
⬛नागालैण्ड:
नागालैंड में नेफ़्यू रिओ ने 60 में से 25 सीट जीती हैं , बीजेपी की वहाँ 12 सीट हैं, पिछले
चुनाव में भी बीजेपी की 12 ही सीटें थी। नेफ़्यू रिओ को बीजेपी समर्थन कर रही है । अगर बीजेपी समर्थन ना भी करे तब भी रिओ कुछ निर्दलियों के साथ सरकार बनाने में सक्षम है ।
गोदी मीडिया, आईटी सेल, मोदी गैंग और अंधभक्तों की फौज इसे बीजेपी की सरकार बता रहे हैं ।
एक छींट की बूशरट रही, आज वो भी स्वाहा, तीन बरस पहले, सार-राम (साला) दिये रहे, के जिज्जा हीत-नात,रिश्तेदारी कन्नी पड़ै, तो यही पहन के जैय्यो, वइसे लगते तो थे हम "बड़े आदमी", जब नई-नई रही, औ कित्ती बार, तो
तुम ससुराल करने, उधार पहन गए "सनम" भाई, पर तुम पे, ज़रा कम फबी, और वो साला "ठलुआ" ठीकेदार,दो चार फटके और लगाय लेता, बूशरट फाड़ दिया राम का जना, चार महीने का पगार, दो दिवाली का डिरेस-मिठाई डकार के बैठा है,तगादा करो तो कूटे जाओ,
अरे "सनम" भाई तुम तो बड़े रहे, तुम ही कोई राह सुझाओ, कब तक सेठों और उनके गाहकों का पाखाना साफ़ करेंगे, साला फिनाइल की बोतल, बुरुस, तेज़ाब और सरिया, लगता है इसी के साथ जन्मे और यही लिये यमराज से भेंट होगी एक दिन,