बीत गए दिन, प्यार के पल-छीन
सपना बनी ये रातें
भूल गए वो, तू भी भुला दे
प्यार की वो मुलाकातें
सब दूर आंधेरा
मुसाफिर जाएगा कहाँ...
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कोई भी तेरी, राह ने देखे
नैन बिछाए न कोई
दर्द से तेरे, कोई ना तड़पा
आँख किसी की ना रोई
कहे किसको तू मेरा
मुसाफिर जाएगा कहाँ...
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