How to get URL link on X (Twitter) App
-परोक्षसत्तादर्शन- ह्रदय में स्तिथित देव को देखने की हृदय संयम शक्ति। परम भक्तों को उपलब्ध इसे देवदर्शन सिद्धि भी इसे कहा जाता है.
1) अनुलेपन विद्या- मार्कंडेय पुराण में एक विशिष्ट पाद लेप का संकेत है जिसे पैर में लगाने से 1 दिन में 100 योजन की यात्रा करने की शक्ति आ जाती है।
कई बार ये विषय आता है की राजा इंद्र का सिंहासन क्यों डोलता है या वो इन्द्रासन को लेकर काफी भयभीत से रहते है. पूर्व जन्मो में राजा इंद्र ने सौ अश्वमेध यज्ञ करके इन्द्रासन पाया था, लेकिन समय रहते भोग लोलुपता और और कृपणता आ गयी. दान दक्षिणा बंद हो गयी और इसी कारण अन्य विकार आने लगे.
१- अणिमा: अणु के समान हो जाना ( यानी बहुत ही छोटे या अदृश्य सामान)
प्रथम सुरसा जिन्हें देवता हनुमानजी की परीक्षा हेतु भेजते है - उन्हें माता कहकर संबोधित करते है, नमन करते है और बुद्धि से (शरीर को बढ़ा कर युक्ति से लघु रूप धारण और मुंह मे जाकर पुनः बाहर आना) जीतते है