🚩" भारतीय इतिहास की गौरवगाथा.."🚩
मत चुको चौहान...!
" चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण!
ता उपर सुल्तान है, मत चूको चौहान!! "
" हिन्दशिरोमणि पृथ्वीराज चौहान " की भी याद दिलाता है,उन्होंने विदेशी मुगल आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया...
राजकवि ब्राह्मण मित्र
चन्दबरदाई पृथ्वीराज जी से मिलने के लिए काबुल पहुंचा। वहां पर कैद खाने में पृथ्वीराज जी की दयनीय हालत देखकर चंदबरदाई के हृदय को गहरा आघात लगा और उसने गोरी से बदला लेने की योजना बनाई,
निश्चित तिथि को दरबार लगा और मोहम्मद गोरी एक ऊंचे स्थान पर अपने वजीरों के साथ बैठ गया,
चूँकि पृथ्वीराज जी की आँखे निकाल दी गई थी और वे अंधे थे,अतः उनको कैद एवं बेड़ियों से आजाद कर बैठने के निश्चित स्थान पर लाया गया और उनके हाथों में धनुष बाण थमाया गया,
ता ऊपर सुल्तान है, चूको मत चौहान।।’’
अर्थात् चार बांस, चैबीस गज और आठ अंगुल जितनी दूरी के ऊपर सुल्तान बैठा है,
इसलिए चौहान चूकना नहीं,अपने लक्ष्य को हासिल करो
हा-हाकार मच गया,
इस बीच पृथ्वीराज और उनका अभिन्न ब्राह्मण मित्र चंद्रवरदाई ने पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार महाराजा को कटार मारकर प्राण ले लिये,
और एक कटार मार कर अपने प्राण त्याग दिये,
इतिहास में आपको ये पढ़ाया ही नही गया,विडंबना
अपने देश के क्षत्रिय वीरों की अमर गाथाओं को देश दुनिया को बतायें व वीरों के राष्ट्र-प्रेम निष्ठा बलिदानों को भावी पीढ़ी को अवश्य बताये
जय माँ सरस्वती
जय माँ भवानी
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