महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर जानिये देवो के देव भगवान महादेव के बारे में कुछ रोमांचकारी व रहस्यमयीं बाते...!!!
" जय महाँकाल "
1. आदिनाथ शिव : - सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है,आदि' का अर्थ प्रारंभ
आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है,
3. भगवान शिव का नाग : -शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है,वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है,
5. शिव के पुत्र : - शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं-
गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा, सभी के जन्म की कथा रोचक है।
इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी,
बृहस्पति,
विशालाक्ष,
शुक्र,
सहस्राक्ष,
महेन्द्र,
प्राचेतस
मनु,
भारद्वाज
इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे,
9. शिव के द्वारपाल : - नंदी,स्कंद,रिटी,वृषभ,भृंगी, गणेश,उमा-महेश्वर और महाकाल,
10. शिव पार्षद : - जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण,रावण,चंड,नंदी,भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं,
ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था,
उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर।
शिव,आदिवासी,वनवासी जाति,वर्ण,धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता है
पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहां और दूसरा कैलाश में रखा था।
शिव के आसन के ऊपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्ग लोक और फिर ब्रह्माजी का स्थान है।
पहला- ॐ नम: शिवाय,
दूसरा -महामृत्युंजय मंत्र-
ॐ ह्रौं जू सः ॐ भूःभुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् स्वः भुवः भूः ॐ सः जू ह्रौं ॐ,
महेश, नीलकंठ, महादेव, महाकाल, शंकर, पशुपतिनाथ, गंगाधर, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, त्रियंबक, त्रिलोकेश, जटाशंकर, जगदीश, प्रलयंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, हर, शिवशंभु, भूतनाथ और रुद्र।
ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है,
आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
वे दैत्यों, दानवों और भूतों के भी प्रिय भगवान हैं,वे राम को भी वरदान देते हैं और रावण को भी।
महादेव से प्रार्थना है कि देशवासियों पर कृपा व आशीर्वाद बनाये रखे,उत्तम स्वास्थ्य दे व दीर्घायु करे,
भारत देश की आने वाले प्रत्येक संकट से देश की रक्षा करे,देश मे शांति व सद्भाव कायम रहे व भारत के शत्रुओं का नाश हो,
।। हर हर महादेव ।।
।। महाँकाल की जय ।।
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