संपूर्ण विश्व मे भारत स्थित गुफा मंदिर स्थापत्य कला,वास्तुकला व उत्कृष्टम अभियांत्रिकी के सर्वोकृष्ट व सर्वोत्तम उदाहरण है,
आईये चलते है,भारत देश मे स्थित गुफा मंदिरों के रोचक व विलक्षण तथा विहंगावलोकन कराती एक भावयात्रा पर,
भारत की सबसे प्राचीन रॉक कट गुफाएं बिहार राज्य स्थित बाराबर की गुफाएं है,जिसका निर्माण तीसरी सदी (322 से 185 ईसा पूर्व - मौर्यकाल)
ईसा पूर्व ही शुरू हो गया था,कुछ चट्टानों में सम्राट अशोक के शिलालेख भी निहित है,
महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित इंडिया गेट से लगभग 10km दूर टापू पर स्थित एलिफेंटा की गुफाएं भी स्वयं में उपलबिधयों से परिपूर्ण है मुख्यतः ये गुफाएं भगवान शिव को समर्पित है,
इनमे सबसे रोचक व प्रभावशाली व महान गुफा है जिसमे कलात्मक व गुणवत्तापूर्ण कई संरचनाओं के बीच 6.1 मीटर ऊंची भगवान शिव की प्रख्यात त्रिमूर्ति उल्लेखनीय व दर्शनीय है,
उदयगिरि व खंडागिरी की समीपस्थ दो पहाड़ियों में 27 रॉक कट जैन मंदिर बने हुए है,जिनका निर्माण पहली सदी ईसा पूर्व का माना जाता है,उड़ीसा में भुवनेश्वर के निकट ये गुफाएं कुछ प्राकृतिक है तो कुछ तराशकर बनाई हुई है,
( no.1)जो अद्भुत नक्काशी वाली दोमंजिला संरचना है,इसी तरह गणेश गुफा(no.10) भी अद्भुत व उल्लेखनीय है,व्याघ्र गुफा (no.12)का द्वार अद्भुत व दर्शनीय है,हाथी गुफा ( no.14)राजा खारवेल के शासन की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारियों से भरी हुई है
मुंबई शहर के बाहर स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय पार्क के जंगल मे स्थित अद्भुत एवं दर्शनीय 109 गुफाओं का समूह है,जिन्हें बौद्ध मंदिर व मठ के रूप में प्रथम सदी ईसा पूर्व से नौंवी सदी ईसा पूर्व तक तराशा गया,
बादामी गुफा मंदिर चालुक्य राजाओं द्वारा
छटवीं-सातवीं शताब्दी में अपनी सत्ता की शक्ति के प्रतीकात्मक रूप में बनाये थे,इन मंदिरों को शक्तिशाली राजाओं की नवनिर्मित राजधानी में निर्मित किया गया था
भाजा गुफाएं 22 गुफाओं का एक समूह है,जो 200 ईसा पूर्व निर्मित की गयी थी,व ये बौद्ध धर्म को समर्पित है,महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर के पास लोनावला के समीप स्थित इन गुफाओं में सबसे दर्शनीय बृहद चैत्यगृह ,एक प्रार्थना कक्ष तथा एक कोने में बना स्तूप भी है,
8वी-9वी सदी में कांगड़ा घाटी के सेंडस्टोन
(बलुआ पत्थर)रिज को तराशकर पिरामिड आकार के दर्जनों मंदिर तैयार किये गये,जिनमें जटिल नक्काशी की गयी है,एक चट्टान से तराशे मंदिर समूह के कारण इसे मिनी एलोरा भी कहा जाता है,इनके सामने एक बहुत बड़ा 50 मीटर लंबा तालाब है
महाबलीपुरम के पंचरथ भी दक्षिण भारत की स्वयं में अद्भुत संरचनाएं है,चट्टानों से तराशे गये मंदिर एवं पशुओं के (शेर,हांथी,नंदी,)स्थापत्य नमूने एक ही चट्टान से तराशे गये है,जिनको सातवीं सदी का माना जाता है,
कार्ला गुफाएं महाराष्ट्र के लोनावला में स्थित भारत के सबसे प्राचीन गुफा मंदिरों में से एक है,तथा हिन्दू और बौद्ध स्थापत्य का प्रतिनिधित्व करते है,ये भारत के सबसे विलक्षण रॉक कट चैत्य है,
अजंता गुफाएँ 29 गुफाओं की एक माला है,जिन्हें 2 चरणों मे क्रमशः दूसरी सदी ईसा पूर्व व छटी शताब्दी में बनाया गया था,अजंता गुफाओं को वघोरा नदी के किनारे एक ठोस चट्टान से तराशा गया है,
ये गुफाएँ इस क्षेत्र में प्राचीनकला की समृद्धतम विरासत समेटे हुए है और मानवता की अभूतपूर्व उपलब्धियों का भी प्रतिनिधित्व करती है,
ऐलोरा की गुफाएँ निर्माण कौशल एवं कलतात्मकता की दृष्टि से मानवता की सर्वोकृष्ट सर्वोतम उपलब्धियों में से एक है,ऐलोरा में विद्यमान मूर्तियों, पेंटिंग व उत्कीर्ण संदेशों में निहित कलात्मक एवं दार्शनिक संदेशों की अद्भुत समृद्धता को शब्दों में व्यक्त करना बड़ा कठिन है,
यहाँ 3 धर्मो के मंदिर विद्यमान है,
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जय श्री राम🚩