रे चीन..बाकी सब तो ठीक है..
तू मन्नै ये बता के 800 भेड़ां ताईं पेट ना भरो के थारो..?
ये 800 भेड़ों की कहानी बड़ी मजेदार है..
1972 के युद्ध के तीन साल बाद चीन ने भारत पर सीमा अतिक्रमण के साथ भारतीय सेना पर चीन की 800 भेड़ें और 59 याक चुराने का आरोप भी लगाया..
1965 की बात है..तब भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे..
चीन की तरफ से घुसपैठ के प्रयास तो होते ही रहते हैं और उल्टा चोर कोतवाल डाँटे की तर्ज़ पर फिर वो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत पर अनर्गल आरोप लगाता है..
इस बार भी ऐसा ही हुआ..
भारत सरकार ने इस आरोप पत्र का लिखित में उत्तर दिया..
तब वाजपेयी जी 42 वर्ष के थे..उन्होंने चीन के इस ओछे आरोप का ऐसा जवाब दिया जिसकी चीन ने कल्पना भी नहीं की थी..
उन्होंने 800 भेड़ों की व्यवस्था की और उन्हें ले कर दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के बाहर खड़े हो गए..
सभी भेड़ों के गले में तख्ती लटकी थी..
"मुझे खा लो पर दुनिया को छोड़ दो.."
इस तरह भेड़ों के साथ चीनी दूतावास में प्रवेश करने के प्रयास से चीन आगबबूला हो गया और भारत सरकार से माफी मांगने को कहा।
पत्र में चीन ने लिखा कि ऐसा प्रदर्शन बेइज्जती है और भारत सरकार की जानकारी के बिना इसका आयोजन असंभव है, इसके लिए माफी मांगी जाए।
भारत सरकार ने यह तो माना कि दिल्ली के कुछ लोगों ने भेड़ें लेकर दूतावास के समक्ष प्रदर्शन किया किंतु इसका भारत सरकार से कोई सरोकार नहीं है।
असल में चीन ने भारत पर यह आरोप लगाया था कि उसने चार चीनी नागरिकों का अपहरण कर लिया है।वे तिब्बती लोग थे जो भारत में शरणार्थी की तरह रहने आए थे जिनमें दो भेड़ें चराने वाली औरतें भी थीं।
तो ज़िक्र होता है जब चिंदीचोर चीनियों का
तो वाजपेयी जी के इस अनोखे प्रदर्शन की चर्चा होती है😂
योग शरीर और मन दोनों ही का संतुलन माँगता है..अब मन का संतुलन यानि ध्यान लाएं कहाँ से..?
कैसे दूर करें मन की चंचलता कि ध्यान सार्थक हो सके..?
प्रयास करते हैं..
क्या आपको भी आँख बंद करते ही सारे काम याद आने लगते हैं..?
या आप सोचने लगते हैं कि कुछ देर बाद क्या खाएंगे..?
या कार मेकेनिक को फोन करने की इच्छा हो जाती है..?
सारे सगे-सम्बंधियों की हारी-बीमारी, शादी-ब्याह मरण-परण याद आने लगते हैं..?
घबराइए नहीं..
क्योंकि एक सांसारिक व्यक्ति होने के नाते ऐसा होना स्वाभाविक है..
हम सब से जुड़े हैं और सब हम से..तो एक-एक कर ध्यान भंग करने वाली इन सब बाधाओं का उपचार करें..
सोच कर ही हँसी आती है..किस तरह शेखर गुप्ता जैसे धर्मनिरपेक्षता के प्रवर्तक इस बात को बढ़ावा देते हैं कि समाज के एक बड़े तबके को हाथों में उठा कर रखा जाए,उसके सब नखरे उठाए जाएँ,उसकी सही गलत हर बात को माना जाए,कहीं वो रूठ न जाए..कहीं वो बुरा न मान जाए,दूसरों के विरुद्ध न हो जाए..
अजीब बात है..इस डर ने न केवल हमारी लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्षता को विकृत किया है बल्कि हमें सबसे ज्यादा हानि पहुँचाई है..
As is evident C-19 has taken it's toll..
On everyone..Teachers and students alike..
Like everything else teaching Post Corona
Is going to be much more challenging a task.
Teaching a class of 40-50 teens bubbling with insane energy and enthusiasm gives an instant adrenaline rush..The Good, bad and ugly sort of motley crowd armed with the googlies beyond google are bound to bowl you off..
Brace yourself dear teachers..
Considered superhumans until last couple of years,these bright young minds are now equipped with full awareness that the teacher is just another human being.
You will have to take them in your stride once again..
ओलंपिक प्रदर्शन पर चार साल में एक बार प्रलाप से कुछ नहीं होता..
बच्चों के साथ सर्दी-गर्मी-बरसात भूल खेल के मैदान में तपस्या करनी होती है..
हैं तैयार आप..?
फेल/पास सब छोड़ कर धुन लगानी होती है..
हैं तैयार आप?
सुबह चार बजे से आरंभ होती है दिनचर्या..
हैं तैयार आप?
इस शहर से उस शहर दौड़ लगानी होती है बच्चे को लेकर..तैयार हैं आप!
खिलाड़ियों को अक्सर किसी छात्रावास या विद्यालय में एक साथ ठहराया जाता है..तैयार हैं आप?
कोच की सुननी होती है..शादी-ब्याह सब भूलना होता है..तैयार हैं आप?
भारत खेल प्राधिकरण के चक्कर काटने होते हैं..तैयार हैं आप?
व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धाओं के उपकरण महँगे आते हैं..तैयार हैं आप?
लालफीताशाही से लड़ने को तैयार हैं आप..तैयार हैं आप?
भाई-भतीजावाद से पार पाना होता है..तैयार हैं आप?
खेलों के क्लबों की सदस्यता लेनी होती है..तैयार हैं आप?
ड्राइंग रूम में टीवी चैनल बदल कर खिलाड़ी नहीं बनते..
जानना चाहेंगे कि जूही जी को ये एक्टीविज्म का जोश क्यों चढ़ा..?
आज तक जूही विवादों से दूर रही है तो अभी ऐसा क्या हुआ कि वे सीधे न्यायालय पहुँच गई..?
क्या हो सकती है उनकी इस तुरत सक्रियता के पीछे की कहानी..?
जूही ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि "हम ने इस विषय पर स्वयं छानबीन कर पता लगाया है कि 5G विकिरण हानिकारक हैं.."
उनके इस "हम" में शामिल हैं..जूही स्वयं, सेलोरा और विल्कॉम..
जूही इस क्षेत्र में पिछले एक दशक से सक्रिय हुईं जब से उन्होंने अपने निवास स्थान के आसपास मोबाइल रेडिएशन के विरुद्ध आवाज उठाई। विकिरण विरोधी अभियान में वे IIT प्रोफेसर गिरीश कुमार का साथ दे रही हैं..