नीचे लिखे शब्द पूर्णतया मेरे व्यक्तिगत विचार हैं और आपके विरोधाभाषी विचार भी सर्वथा स्वीकार्य हैं।
पिछले दिनों एक जुमला फ़ेका गया देश के लोगों की तरफ़ जिसे आत्मनिर्भर भारत का नाम दिया गया। भक्त बड़े ही खुश हुए और इस जुमले का बाहें फैला के स्वागत करने मे लग गए।
अब इनकी राष्ट्रभक्ति पे भरोषा करें तो इन्हे देशी पूँजीपतियों मित्रों के हाथों मे अर्थव्यवस्था का केन्द्रीकरण मंजूर और देश की असंगठित क्षेत्र
आत्मनिर्भरता का आहवाहन एक अति महत्वाकांक्षी योजना रही है नेताजी की अपने आप को पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के समकक्ष खुद को स्थापित करने की जैसा उन्होने 1965 मे सारे देश को एकजुट
अब अगर Minimum Government Maximum Governance की बात करे तो ये नीति नेताजी अपने कुछ विशिष्ठ विदेशी मित्रों की जिनके यहा की अर्थव्यवस्था विकसित मनी जाती है से प्रेरित हो कर अपने देश पर थोपना चाहते थे जिसके पीछे मूल वजह थी भारत की जनता विनिवेश और
#StopPrivatisation
कुछ विकसित और अमीर देश तथा उनके यहा सरकारी कर्मचारियों की स्तिथि पे कुछ तथ्य पर गौर करिएगा per capita के आधार पर अमेरिका मे
#StopPrivatisation_SaveGovtJob
#SpeakUpforSSCandRaliwayStudents
#SavePSB