जैसे कांग्रेस नहीं समझ पाई कि भाजपा क्यों जीत रही है... वैसे ही चैनल्स नहीं समझ पा रहे कि लोग रिपब्लिक क्यों देख रहे हैं ?
देश के अंदर हिंदुओं की मरी हुई भावनाएं पुनर्जीवित हो चुकी हैं.... हिंदुत्व का उबाल उफान मार रहा है... और इस बात को जो भी समझ रहा है वो उसे भुना रहा है....
इसमे कुछ गलत भी नहीं है।
अब जो भी अच्छा बिजनेसमैन होगा... वो मार्किट की मांग को ध्यान में रखकर ही काम करेगा...
लेकिन कांग्रेसियों की बात अलग है वो ऐसी चीजें बाजार में उतार रही हैं जिसकी मांग रही नहीं..
ये लोग आज भी बटन वाले मोबाइल (मुस्लिम तुष्टिकरण) बेचने की कोशिश कर रहे हैं
यही काम सारे चैनल्स भी कर रहे हैं... जबकि अर्नब खुलकर बोल रहा है...
"मैं सनातनी हूँ तो क्या गलत हूं.. मैं हिन्दू की बात करता हूँ तो अपराध है क्या ?"
इस बंदे ने मार्किट को परख लिया है.. और व्यापारी के साथ उपभोक्ता भी खुश हैं..
फर्ज़ी सेकुलर सिर्फ सियासत व मीडिया में ही नहीं, फिल्मो में भी पीट रहे हैं. आगे साहित्य, अकादमियो और कारोबार में भी पीटें जाएंगे. क्योंकि अब सनातनी सेकुलरिज्म के नाम पे देश को दीमक की तरह चाट रही ताकतो को पहचान गया है!
अब ये उफान तूफान बन चुका है, ये ना रुकेगा, ना झुकेगा, ना मिटेगा. इसकी राह में जो आएगा, उसे रौंद देगा. जो सयाने हैं, वो अपना रास्ता बदल देंगे. !!
उनके के लिए न कसाब गलत था, न अफजल गुरु, न याकूब मेनन, न शाहीन बाग न तबलीगी जमात,
गलत तो हम हैं जो दानव में मानव ढूंढ रहे हैं।
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
मात्र 6 वर्ष पहले मैं भी एक सामान्य व्यक्ति था,
मुझे भी औरो की तरह नेहरू, गांधी, गांधी परिवार तथा हिन्दू मुस्लिम भाई भाई जैसे नारे अच्छे लगते थे।
मगर.....
इन 6 वर्षों में मुझे कुछ ऐसे सत्य पता चले जो हैरान करने वाले थे।
1. सोशल मीडिया से मुझे यह पता चला कि "पत्रकार" निष्पक्ष नही होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुड़े होते हैं। 2. लेखक, साहित्यकार भी निष्पक्ष नही होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुडे होते है। 3. साहित्य अकादमी, बुकर, मैग्ससे पुरस्कार प्राप्त बुद्धिजीवी भी निष्पक्ष नही होते।
4. फिल्मों के नाम पर एक खास विचारधारा को बढ़ावा दिया जाता है। बालीबुड का सच पता चला। 5. हिन्दू धर्म को सनातन धर्म कहते हैं और देश का नाम हिंदुस्तान है, क्योंकि यह हिंदुओं का इकलौता देश है।
🚩🔱
*तनिष्क का एक ad ऐसा भी बनाना चाहिए.*
पति 3 तलाक दे चुका है उसे पछतावा होता है ,
और फिर से निकाह करना चाहता है।
*अब हलाला किस से हो...?*तो लड़के का अब्बू तैयार हो जाता है।इधर लड़के की अम्मी अपनी बहू और होने वाली सौत के पास जाती है और कहती है*चल बहू अब हलाला की रस्म होगी
लड़की- अम्मी ये रस्म तो हमारे पीहर में होती नहीं है।
सास- ..अरी बावली अब आपा बोल।
*अब तू मेरी सौत है और यह रस्म हमारे यहां खूब होती है।*
चल अब जल्दी चल,
तेरे नए शौहर इंतजार कर रहे होंगे।.
इधर नई नई सौतें मियां के कमरे पर पंहुची ... अंदर मियां खुशी से उछल पड़े।
उन्होंने पुरानी को बाहर भगाया ।
और नई के लिए तनिष्क शोरूम से लाये गहने निकाल कर पहना दिए।
नए गहने देख नई बेगम खुश हो गयी
और बोली
*""यह तो कभी न लाये, अब मैं न दे रही आपको तलाक ""*
यह सुन अब्बा मियां खुशी से झूम उठे ।
आपण यांपैकी कोणाला ओळखता कां ?
१) सोमाभाई (७५वर्षे)
निवॄत्त आरोग्य अधिकारी
२) अमॄतभाई (७२वर्षे)
खाजगी कंपनीत नोकरी,
सध्या निवॄत्त
३) प्रल्हाद (६४ वर्षे)
रेशनिंग दुकान
४) पंकज (५८ वर्षे)
माहिती विभागात नोकरी
५) भोगीलाल (६७ वर्षे)
किराणा मालाचे दुकान
६) अरविंद (६४ वर्षे)भंगार व्यवसाय
७) भरत (५५ वर्षे)पेट्रोलपंपावर नोकरी
८) अशोक (५१ वर्षे)पतंग, किराणा दुकान
९) चंद्रकांत (४८ वर्षे)गोशाळेत नोकरी
१०) रमेश (६४ वर्षे) माहिती उपलब्ध नाही
११) भार्गव (४४ वर्षे)माहिती उपलब्ध नाही
१२) बिपीन (४२ वर्षे)अहमदाबाद ला एका ग्रंथालयात कार्यरत
वरीलपैकी ---
१ ते ४ क्रमांकाच्या व्यक्ती पंतप्रधान श्री. नरेंद्र मोदींचे सख्खे भाऊ आहेत.
५ ते ९ क्रमांकाच्या व्यक्ती, मोदीजींचे सख्खे काका श्री. नरसिंहदास मोदी यांची मुले आहेत, म्हणजे पंतप्रधान मोदी यांचे चुलत भाऊ आहेत.
क्रमांक १० ची व्यक्ती रमेश हे मोदीजींचे काका
तनिष्कच्या अनुभवावरुन उद्योजकांना आणि व्यावसायिकांना धडा मिळालाय.
छुपे जिहादी कामाला ठेवताना दहा वेळा विचार करा. लाखाच्या फायद्यासाठी करोडोंवर पाणी फिरु शकते.
जॉबजिहादी जे काम हातात आहे तेच शस्त्र म्हणून वापरणारे.
जसा उघड उघड शस्त्र हातात घेउन जिहाद करणारे आहेत तसेच
गुडी गुडी शुगरकोटेड....
लव्हजिहाद करणारे आहेत. प्रेम आणि वासना हे त्यांचे शस्त्र आहे.
लँडजिहाद (जमीन बळकावणारे) आहेत. जागोजागी कबरी टाकणे ,भूतबाधा उतरवणे पीर, उरुस चालू करणे ही त्यांची शस्त्रे आहेत.
आर्टजिहाद , कलात्मक जिहाद करणारे. कला हेच शस्त्र. नाटक सिनेमा चित्रकला, कविता, विनोद वगैरे कलां मध्ये घुसून पाक-नापाक कोण हे ठरवणारे शुगरकोटेड डोस सतत पाजत राहणारे.
मिडीया जिहाद करणारे. मिडीया हे शस्त्र वापरुन एकांगी वार्तांकन करुन opinion building करणारे जिहादी.
काही दिवसांपूर्वी जम्मू कश्मीर मध्ये नेत्यावर धाडी पडत असल्याची पोस्ट केली होती.
नुकतेच फारुख अब्दुल्ला ने चीन च्या मदतीने आम्ही पुन्हा 370 लागू करू असे वक्तव्य दिले.
त्याचे कारण ही तसे आहे.
काही दिवसांपासून रोशनी ऍक्ट ह्या जम्मू काश्मीर
मधल्या भूमी अधिग्रहण कायद्याच्या कचाट्यात जम्मू काश्मीर मधले सगळे नेते येत आहे.
रोशनी ऍक्ट- 2001 मध्ये फारूक अब्दुल्ला च्या सरकार मध्ये जम्मू काश्मीर सरकार ने एक कायदा पास केला होता. त्यानुसार जम्मू काश्मीर मध्ये जवळपास 20 लाख कनाल एवढी जमीन अवैध रित्या लोकांनी आपल्या हक्कात
घेतली होती. सरकार ने कायदा आणून, ती जमीन ज्याच्या अधिकारात आहे त्यांना काही ठराविक रक्कम देऊन, मालकी देण्याचे निर्णय केले. ज्यामुळे 25000 कोटी सरकारी तिजोरीत येण्याची शक्यता होती.
आधी फारुख अब्दुल्ला नंतर गुलाम नबी आझाद , उमर अब्दुल्ला आणि मुफ्ती ने वेळोवेळी यात बदल करत जाऊन
हाथ जोड़े खड़ी यही वह नक्सली महिला है जिसका नाम डॉक्टर राजकुमारी है यही पीड़िता की फर्जी भाभी बनकर 14 से 25 सितंबर तक पीड़िता के घर में रही और हर एक चैनल वाले को पीड़िता की भाभी बताकर इंटरव्यू दिया
इसकी साजिश में आज तक की चित्रा त्रिपाठी अग्रवाल और भारत समाचार की प्रज्ञा मिश्रा यादव बराबर की हिस्सेदार थी