1/ 21: हिमाचल प्रदेश में दुर्गाष्टमी के दिन दिन एक IAS अधिकारी #RitikaJindal सलोन स्थित माँ शूलिनी देवी के मंदिर में आ धमकती है। वो मंदिर में 'निरीक्षण' करने गई थी और 'व्यवस्थाओं का जायजा' भी लेना था। जाए भी क्यों ना, आखिर IAS-IPS अधिकारियों के बाप-दादाओं के ही तो...
2/ ...गुलाम हैं हिन्दू और और ये सारी सम्पत्तियाँ उनकी ही तो है। वहाँ IAS अधिकारी मंदिर में घुस कर पंडितो से बहस करती है और जबरन हवन में बैठ जाती है। फिर मीडिया में आकर Patriarchy और हिन्दुओं के 'रूढ़िवाद' पर ज्ञान देती है। जनता वाह-वाह कर उठती है।
3/ क्या उस IAS अधिकारी ने ये जानने का प्रयास किया कि अगर उन्हें महिला होने के कारण हवन में बैठने से रोका गया है, जैसा कि उनका दावा है, तो इसके पीछे का कारण क्या रहा होगा? शूलिनी देवी मंदिर में तो महिलाओं के प्रवेश या पूजा-पाठ पर कोई पाबन्दी तो हक़ी ही नहीं। फिर बात का...
4/ ...बतंगड़ क्यों बनाया गए? वहाँ पंडितों को 'समानता के अधिकार' का ज्ञान देने वाली रितिका जिंदल 'मंदिर अधिकारी' भी हैं और उसी हैसियत से वहाँ गई थी। ये 'मंदिर अधिकारी' क्या होता है? हर मंदिरों पर अधिकारियों-नेताओं का कब्ज़ा क्यों है?
5/ कैसी समानता? कहाँ की समानता? इन भ्रष्टाचारी, निकम्मे, नकारे, सुस्त, आत्ममुग्ध और धर्मद्रोही अधिकारियों ने सालों से दफ्तरों में फाइलें घिस-घिस कर ब्यूरोक्रेसी को बर्बाद कर दिया। ये 'मस्जिद अधिकारी' क्यों नहीं बनते? ये 'चर्च अधिकारी' क्यों नहीं बनते? मंदिरों में...
6/ ...चढ़ाए रुपए को हपचने वाले ये कीड़े मौलवियों को जाकर समानता का ज्ञान क्यों नहीं देते? मस्जिदों में क्यों नहीं जाती महिलाएँ? ये चर्चों में जाकर क्यों नहीं कहते कि पादरियों को महिलाओं का यौन शोषण नहीं करना चाहिए। एक दिन में ही लिंचिंग हो जाएगी, साधारण अधिकारी हो या...
7/ ...मंत्रालय का सचिव। डरपोक और दोगले हैं ये।
8/ कोई रेहाना फातिमा कहीं से आकर सबरीमाला में घुस जाती है। क्या आस्था है उसकी जो घुस रही है? वो उसके बाप का बनाया हुआ पर्यटन स्थल है क्या? बाद में वही रेहाना फातिमा बच्चों से अपने नंगे बदन पर कलाकारी करवाती हुई पकड़ी जाती है। मतलब, ऐसे-ऐसे घिनौने काम करने वाले भी...
9/ ...सिर्फ इसीलिए हीरो बन जाते हैं, क्योंकि उन्होंने किसी हिन्दू मंदिर का अपमान किया। इनकी क्या श्रद्धा थी अयप्पा के प्रति? कुछ भी नहीं। जब वामपंथी ईश्वर अस्तित्व ही नहीं मानते तो इन मंदिरों में घुसना ही क्यों चाहते हैं? और मस्जिद या चर्च नहीं? क्योंकि काट दिए...
10/ ...जाएँगे इसीलिए ना। और हिन्दू सब कुछ बर्दाश्त कर लेता है, इसीलिए।
11/ चाहे वो IAS अधिकारी किसी भी पृष्ठभूमि से आई हो, उसका बहिष्कार करो। आंध्र प्रदेश में इस एसपी ने बलात्कारी पादरी के खिलाफ इसीलिए कार्रवाई नहीं की, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उसे राजनीति में आना था और ईसाईयों के वोट्स के लिए उसे उस पादरी की मदद की ज़रूरत पड़ती। हर...
12/ ...मंदिर का बोर्ड बना कर खाने-पकाने के लिए अधिकारियों-नेताओं को डाल दिया गया है और ये हमारा ही अपमान कर के हमें ही ज्ञान देते हैं। हिम्मत है तो रितिका जिंदल किसी मस्जिद में जाकर मौलवियों को ज्ञान दे।
13/ अरे, उन्हें ज्ञान देने की तो औकात ही नहीं है इन नपुंसकों में। एक छोटे से मस्जिद के मौलवी ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान पूरी पुलिस फोर्स के सामने मस्जिद को बंद करने या नमाज न करने के निवेदन को इनकार कर दिया था और उसका कुछ नहीं उखड़ पाया। कितने IAS-IPS अधिकारी गए ज्ञान...
14/ ...देने? केरल में एक कार्टूनिस्ट ने चर्च में होने वाले यौन शोषण पर कार्टून बनाया तो उससे अवॉर्ड छीन लिया गया। कितने अधिकारी गए ज्ञान देने? ब्राह्मणों और पंडितों को इनके बाप-दादाओं ने क्या देकर गुलाम बनाया था कि ये संविधान पढ़ाने पहुँच जाते हैं?
15/ जो मंदिर कोरोना में लोगों को भोजन कराने से लेकर उन्हें आश्रय देने का काम कर रहे हैं, जो कायदे से इन नकारे अधिकारियों को करना चाहिए था, जो मंदिर सरकार को रुपए भी दान में दे रहे हैं ताकि सरकारी खजाने पर बोझ न पड़े, जो मंदिर सरकारी दिशानिर्देशों को लेकर जागरूकता भी...
16/ ...फैला रहे हैं, जिस मंदिर में जाने वाला चढ़ावा भी सरकार को जाता है - उन्हें ही आप बदनाम कर रहे हो? अब क्या चाहते हो इन मंदिरों से? कितने मंदिरों के पुजारियों को वेतन मिलता है? भूखे-नंगे जमीन पर खेलते हैं उनके बच्चे। ऊपर से शोषण का भी आरोप लगाते हो?
17/ और ऊपर से Patriarchy का आरोप? गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में कुछ दिनों तक पुरुषों की एंट्री नहीं होती। महिलाओं के लिए प्राइवेसी हो, इसीलिए ऐसा किया जाता है। पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में शादीशुदा पुरुषों को जाने की अनुमति नहीं है। मुजफ्फरपुर के माता मंदिर में तो...
18/ ...कुछ समय के लिए पुरुष पुजारी तक नहीं घुस सकते, केवल महिलाएँ। ये है हमारी Patriarchy? अगर कहीं पर आपको सदियों पुरानी किसी परंपरा का कारण कुछ चीजों की मनाही है, और उसे किए बिना आपका कोई नुकसान नहीं हो रहा है, तो फिर बिना तह तक गए और कारण जाने ये पब्लिसिटी स्टंट...
19/ ...क्यों?
20/ ऐसा क्यों होता है कि कोई भी अधिकारी कभी भी किसी भी मंदिर में घुस जाए और कहने लगे कि फलाँ प्रक्रिया को ऐसे नहीं, ऐसे करो। वो क्या पढ़ कर ऐसा कर रहा है? किस किताब का रिफरेन्स देकर वो ऐसा कर रहा है? क्या उसे सिर्फ इसीलिए ऐसा करने का अधिकार है क्योंकि वो 'मंदिर...
21/ ...अधिकारी' है और सारे मंदिर उसके बाप के गुलाम हैं?
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1/ 14: हिन्दू पर्व-त्यौहारों पर ज्ञान देने का सिलसिला कम तो हुआ है लेकिन रुका नहीं है। अब दीवाली आ रही है। जल्द ही पटाखों का रोना शुरू होगा। फिलहाल नवरात्रि चल रही है। रेप की बातें चलाई जा रही हैं कि जिस देश में देवी की 9 दिन पूजा होती है, वहाँ बाकी दिन लड़कियों का...
2/ ...बलात्कार किया जाता है। दशहरा आते रावण को न जलाने की बातें की जाती हैं। नवरात्रि में महिषासुर को मूलनिवासी बताया जाता है। होली में रंगों को लेकर और पानी की बर्बादी का ज्ञान दिया जाता है। न्यू ईयर में सारे ज्ञान कहीं और घुस जाते हैं।
3/ ये वही बात हुई कि जब स्पेन में 1 ही घण्टे में 40 मीट्रिक टन टमाटर को फेंक-फेंक कर बर्बाद कर दिया जाता है तो बड़ा कूल लगता है और यहाँ शिवलिंग पर जल चढ़ाने में उन्हें दूध की बर्बादी दिखती है। गाय को हम खिलाते हैं, दूध लेते हैं और चढ़ाते हैं। क्या ये शरीर मे बम बाँध कर...
1/ 23: अधीर होकर काम करने से न तो काम बनता है और न ही इच्छानुसार परिणाम प्राप्त होते हैं। जनता है। गुस्सा होती है। गुस्सा होकर चाहती है कि फलाँ पार्टी ने धोखा किया तो BJP सीधा उसके घर पर रेड डलवा दे, उसे जेल में ठूँस दे और उसे रातोंरात नेस्तनाबूत कर दे। संयोग से,...
2/ ...लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता है। और कभी-कभार हो भी जाता है तो चलता है लेकिन बराबर होने लगे तो यही जनता फिर गाली देने लगती है, जो ऐसा करने बोल रही थी। इसके लिए 2 ऐसे लोग हमने बिठा रखे हैं, जो समझता है कि कैसे करना है।
3/ साथ चुनाव लड़ के शिवसेना ने धोखा दिया। फिर विरोधियों कॉन्ग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बना कर सबसे ज्यादा सीटों वाली पार्टी को विपक्ष में बैठने को मजबूर कर दिया। फड़नवीस ने तड़के सुबह शपथ ली, उसमें बेइज्जती हुई सो अलग। दशकों से PM बनने के सपने देख रहे एक से बढ़ कर एक घाघ...
1/ 22: आइए, आपको एक कहानी सुनाता हूँ। जिस सपनों की नगरी में लोग दशकों हाथ-पाँव मार कर कुछ नहीं कर पाते, वहाँ एक पहाड़न ने 19 की उम्र में ऐसा डेब्यू किया, जिसकी चर्चा पूरे देश मे हुई। लेकिन, वो लड़की इस फ़िल्म के कारण खुद अवसादग्रस्त हो गई। ऊपर से एक ऐसी ट्रेजेडी हुई कि...
2/ ...वो अपने सालों की मेहनत का सुखद परिणाम आने के बावजूद खुशी तक नहीं मना सकती थी। आखिर उस फिल्म में ऐसा क्या था? या फिर उसकी रिलीज के बाद कौन सी ट्रेजेडी हुई? ये कहानी उसी लड़की की है।
3/ आजकल तस्वीरों में इतिहास बताने का चलन है। मैं शब्दों में इतिहास बताता हूँ। उसी वीरांगना के शब्दों में, जो अकेले तानाशाही सत्ताधीशों से टक्कर ले रही हैं। पहाड़ों से निकल कर मुम्बई में खुद को ब्रांड बना कर स्थापित करने वाली @KanganaTeam से आज से 14 साल पहले एक सवाल...
1/ 15: एक फ़ेसबुक पोस्ट। एक ऐसा फ़ेसबुक पोस्ट जो कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा और 1000 मुसलमान जुट गए। थाने में आग लगा दी गई, एक विधायक के आवास को घेर कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया, 300 गाड़ियाँ फूँक डाली गईं, 60 पुलिसवालों को घायल कर दिया गया और ईंट-पत्थर व लाठी-डंडों से...
2/ ...लोगों के घरों की खड़कियाँ तोड़ डाली गईं। एक फेसबुक पोस्ट की वजह से। लेकिन नहीं, एक समुदाय थोड़े न दोषी है? जिसके घर पर हमला किया गया वो दशकों से मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही कॉन्ग्रेस पार्टी का ही नेता है। लेकिन, कॉन्ग्रेस चुप है। वो दलित है, लेकिन दलितों के ठेकेदार...
1/ 11: जिन तथाकथित सितारों को जनता कभी सिर-आँखों पर बिठाती थी, अगर आज उनके ही फैंस रहे लोग उन्हें जूते मार रहे हैं तो इसके पीछे कारण है। दो घटनाएँ हैं और एक लिंक है जो उन्हें आपस में जोड़ती है। पहला, पूर्व RAW अधिकारी एनके सूद ने खुलासा किया है कि दीपिका पादुकोण ने...
2/ ...JNU जाने के लिए ₹5Cr मिले थे। दूसरा, सुशांत सिंह राजपूत मामले में आतंकी कनेक्शन सामने आ रहा है।
3/ सुब्रह्मण्यन स्वामी का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में फँसे लोगों के तार टेरर फंडिंग से जुड़े हुए हैं। सुशांत के बैंक एकाउंट का ₹46Cr से 1 ही साल में ₹4Cr हो जाना इस ओर इशारा ज़रूर करता है। महेश भट्ट और करण जौहर जैसों के नाम सामने आने के बाद तो ये और भी...