*"श्रीरामचरितमानस के दोहे को तोड़ मरोड़कर हिन्दुओं में फूट डाला गया"*
*"रामचरितमानस के एक विवादास्पद दोहे को नीचे अच्छी तरह समझाया गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि पूरी किताब से केवल इस चौपाई का ही प्रचलन कराया गया है, चर्चे हुए, ग़लतफ़हमी फैलाई गई और छद्म बेवकूफों द्वारा गलत
प्रचार किया गया। हम सभी हिन्दू भी समान रूप से दोषी हैं क्योंकि हम खुद ऐसी गलत लिखी हुई बातों को रोकने की बजाए खूब आगे बढ़ाते रहते हैं। अब समय आ गया है हम फिर से अनजान बनकर इस बात को जानें.."*
*ढोल,गवार,क्षुब्ध पशु,रारी”*
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श्रीरामचरितमानस में कहीं नहीं किया गया है शूद्रों और नारी का अपमान।
भगवान श्रीराम के चित्रों को जूतों से पीटने वाले भारत के राजनैतिक शूद्रों को पिछले 450 वर्षों में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हिंदू महाग्रंथ 'श्रीरामचरितमानस'
की कुल 10902 चौपाईयों में से आज तक मात्र 1 ही चौपाई पढ़ने में आ पाई है और वह है भगवान श्री राम का मार्ग रोकने वाले समुद्र द्वारा भय वश किया गया अनुनय का अंश है जो कि सुंदर कांड में 58 वें दोहे की छठी चौपाई है *"ढोल गँवार शूद्र पशु नारी,* सकल ताड़ना के अधिकारी”
इस सन्दर्भ में चित्रकूट में मौजूद तुलसीदास धाम के पीठाधीश्वर और विकलांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री राम भद्राचार्य जी जो नेत्रहीन होने के बावजूद संस्कृत, व्याकरण, सांख्य, न्याय, वेदांत, में 5 से अधिक GOLD Medal जीत चुकें हैं।
महाराज का कहना है कि बाजार में प्रचलित
रामचरितमानस में 3 हजार से भी अधिक स्थानों पर अशुद्धियां हैं और इस चौपाई को भी अशुद्ध तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।
उनका कथन है कि तुलसी दास जी महाराज खलनायक नहीं थे,आप स्वयं विचार करें यदि तुलसीदास जी की मंशा सच में शूद्रों और नारी को प्रताड़ित करने की ही होती तो क्या
रामचरित्र मानस की 10902 चौपाईयों में से वो मात्र 1 चौपाई में ही शूद्रों और नारी को प्रताड़ित करने की ऐसी बात क्यों करते ?
यदि ऐसा ही होता तो भील शबरी के जूठे बेर को भगवान द्वारा खाये जाने का वह चाहते तो लेखन न करते।यदि ऐसा होता तो केवट को गले लगाने का लेखन न करते।
स्वामी जी के अनुसार ये चौपाई सही रूप में - ढोल,गवार, शूद्र,पशु,नारी नहीं है
बल्कि यह *"ढोल, गवार, क्षुब्ध पशु, रारी”* है।
ढोल = बेसुरा ढोलक
गवार = गवांर व्यक्ति
क्षुब्ध पशु = आवारा पशु जो लोगो को कष्ट देते हैं
रार = कलह करने वाले लोग
चौपाई का सही अर्थ है कि जिस तरह बेसुरा ढोलक
अनावश्यक ऊल जलूल बोलने वाला गवांर व्यक्ति, आवारा घूम कर लोगों की हानि पहुँचाने वाले (अर्थात क्षुब्ध, दुखी करने वाले) पशु और रार अर्थात कलह करने वाले लोग जिस तरह दण्ड के अधिकारी हैं उसी तरह मैं भी तीन दिन से आपका मार्ग अवरुद्ध करने के कारण दण्ड दिये जाने योग्य हूँ।
स्वामी राम भद्राचार्य जी जो के अनुसार श्रीरामचरितमानस की मूल चौपाई इस तरह है और इसमें ‘क्षुब्ध' के स्थान पर 'शूद्र' कर दिया और 'रारी' के स्थान पर 'नारी' कर दिया गया है।
भ्रमवश या भारतीय समाज को तोड़ने के लिये जानबूझ कर गलत तरह से प्रकाशित किया जा रहा है।
इसी उद्देश्य के लिये उन्होंने अपने स्वयं के द्वारा शुद्ध की गई अलग रामचरित मानस प्रकाशित कर दी है।रामभद्राचार्य कहते हैं धार्मिक ग्रंथो को आधार बनाकर गलत व्याख्या करके जो लोग हिन्दू समाज को तोड़ने का काम कर रहे है उन्हें सफल नहीं होने दिया जायेगा।
🚩🚩🏹 *जय श्री राम* 🏹🚩🚩
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जसे महाराष्ट्रात जेव्हा BJP ला 105 जागांवर समाधान मानावे लागले
भले युतीला जनादेश होता
पण 105 जागा असल्याने BJP काहीही केल्या सत्ता स्थापन करू शकत नाही हे जेव्हा कन्फर्म झाले तेव्हा सेनेने आपला रंग दाखवला व युती तोडली
आणि ज्यांच्यासोबत आजवर सेनाप्रमुखानी अंतर ठेवले त्यांच्याच
वळचणीला जाऊन सत्ता स्थापन केली
कारण सेनेला हे पक्के माहिती होते की भाजप NCP व INC च्या मदतीने सेनेला बाहेर ठेवून सत्ता स्थापन करू ही शकेल पण त्यांच्या अटीवर करणार नाही.स्वतःच्या अटीवर करेल ही सेनेने ठरवलेली खूणगाठ खरी ठरली.80 तासात bjp ,ncp सरकार कोसळले.
हे सगळे सेनेने का केले?
साहजिकच एकच उत्तर आहे की स्वतःचे अस्तित्व वाचवण्यासाठी
पण अस्तित्वाची लढाई लढताना ती संयुक्तिक असावी लागते,तात्विक तसेच तर्कशुद्ध बांधणीची असावी लागते हे सेनेच्या गावीही नव्हते आणि कधीही नसणार,कारण एवढी दूरची नजर असण्याची क्षमता सेनेकडे नव्हती आणि नाही
ती नजर असती तर सेनेने हा
टूलकिट वाली दिशा रवि का पूरा नाम "दिशा रवि जोसेफ" है
अर्थात् यह भी विदेशी चंदों पर पलने वाली धर्मान्तरण वाली ही है ।
अब इसके बचाव में गांधी परिवार , अर्बन नक्सली क्यों कूद पड़े हैं , ये सहज ही समझा जा सकता है।
मोदी सरकार ने सही पूँछ पर पैर रखा है ।
निकिता जैकब का भागना ,दिशा रवि का पूरा डेटा डिलीट करना ,रिंकू शर्मा पर न बोलने वालों का टूलकिट को डिफेंड करते हुए विधवा विलाप ,
ये सब बताता है कि चोट सही जगह लगी है ।
थोड़ा इंतजार कीजिए ,बहुत मजा आने वाला है ।
ग्रेटा थनबर्ग के साथ भारत की छवि आंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिगाड़ने
का षड्यंत्र रचने वाली दिशा रवि "जोसफ़"और निकिता "जेकब" के लिए वकील ढूंढ रहे हैं,एंटोनिया माइनो के दामाद राऊबर्ट "वाड्रा"
यदि टूलकिट में कोई राष्ट्र-विरोध नहीं था , तो थोड़ी ही देर में उसे डिलीट क्यों कर दिया ?
सफूरा प्रेग्नेंट है , इसलिए उसे जमानत दो ...
नाना
थोडी माहिती घ्या
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ह्यांचा गुमनामी बाबा हा विषय ऐरणीवर येत होता आणि INC ला काहीही करून तो विषय घ्यायचा नव्हता
आणि त्याच दरम्यान शहाबानो विषयात मुस्लिम तुष्टीकरण करून पाशवी बहुमताच्या बळावर SC चा निकाल फिरवला गेला
गुमनामी बाबा हेच सुभाषचंद्र बोस होते हे आता फक्त सरकारने मान्य करायचं राहिलेलं आहे
गुमनामी बाबांचे निर्वाण 1985 साली झाले
आणि हा विषय एकदम ताजा होता आणि आताही आहे(अगदी यावच्चंद्रदिवाकरौ राहील)
हा विषय आणि शहाबानो बद्दल SC चा फिरवलेला निकाल ह्यामुळे हिंदू जनमत प्रक्षुब्ध होऊ नये
म्हणून प्रयागराज(अलाहाबाद)कोर्टाचे न्यायाधीश
श्री.पांडे (नाव लक्षात नाही माझ्या) ह्यांनी मंदिराचे दरवाजे उघडण्याचा दिलेला निर्णय त्यावेळेस असणारे PM राजीव गांधी ह्यांनी फिरवला नाही
सांगण्याचा उद्देश इतकाच
की हे वाचताना जो तुमच्या हातात आहे तोच माझ्याही हातात आहे
*🥳सौ करोड़ की पीपणी बजाना बंद कर दो ... ये सौ करोड़ का भ्र्म निकाल दो अपने मस्तिष्क से ...*
*👉हम सौ करोड़ हैं ... करते करते तुम्हारे पैरो के नीचे से जमीन गायब हो रही है*
*सोचो ....*
*👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या अयोध्या में हिंदुओं के हत्यारों को सत्ता देते ?*
*👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या रामसेतु को काल्पनिक बताने वाले को सत्ता देते ?*
*👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवा आतंकी कहने वाले को सत्ता देते ?*
*👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या कश्मीर में हिंदुओं को मौत के घाट उतारने वाले को सत्ता देते ?*
*👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या सरेआम गाय कटवाने वालों को सत्ता देते ?*
*👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या दशहरा, दीपावली, होली पर ज्ञान बाँटने वालों को सत्ता देते ?
@anujdhar राम राम साहेब
नेताजी सुभाषचंद्र बोस महान सेनानी के बारे मे आपने जो भी कार्य किया है और करते है वो सराहनीय है।
इस विषय मे किसी ना किसी को पहल करनी ही थी
आप ने की इसीलिये मै आप का तहे दिल से शुक्रगुजार हू।आनेवाले समय मे तमाम भारतीय जनता आपको याद रखेगी
लेकिन आप के 1 विडिओ
मे मैने 1 बात नोटीस की वो ही मुझे हजम नही हुयी और नाही होगी
फिर भी
आपने कहा की ये सरकार mkg को कल्की अवतार भी घोषित करेगी
इसलीये मै ये कहता हू आपको
मोदी के संसद के भाषण को पूरा विश्व देखता है और बड़े गौर से सुनता है..यहाँ तक कि मोदीविरोधी भी मोदी के भाषण को कान लगाकर सुनते हैं.
ये बात मोदी स्वयं बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए जब भी मोदी संसद में बोलते हैं तो अपने हिन्दू राष्ट्र के लक्ष्यों को साधने वाले शब्दबाणों को जरूर चलाते हैं जिससे वैश्विक पटल पर एकाएक गहन चर्चा जन्म ले लेती है.
कुछ इसी प्रकार के शब्दबाणों को कुछ दिन पहले मोदीजी ने
सब जानते है के इतिहास अपने आप को दोहराता है
वर्तमान परिस्थितीया ऐसे बन रही है के समझ मे साफ साफ आ रहा है के इतिहास लौट के आयेगा
1975 आपातकाल के वक्त अपनी कुर्सी बचाने के लिये INC ने आपातकाल देश पर थोप दिया।
कानून को तोडमरोड कर सारे विपक्षी नेताओ को और अन्य समाजसेवको को
19 महिने जेलो मे ठुस दिया। वो सब किया धरा INC का था
विपक्षी नेताओ को जेलो मे ठुस कर बिना संसदीय बहस के संविधान मे अनगिनत संशोधन किये
उसमे से 1 गैरसंवैधानिक संशोधन था भारत को संवैधानिक रूप से सेक्युलर घोषित करना
45 साल पहलेवाला वो इतिहास अपने आप को
देशहित के लिये कानूनन दोहरायेगा