डॉ सुभाष मुखर्जी, भारत के पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की दुखद कहानी जिन्होंने ट्यूब बेबी (आईवीएफ) को सफलतापूर्वक जन्म दिया था।
1970 के दशक में पहली टेस्ट ट्यूब बेबी के उत्पादन में वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों के बीच एक तीव्र प्रतिस्पर्धा देखी गई।
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ब्रिटेन के डॉ रॉबर्ट एडवर्ड्स ने इतिहास तब रचा जब 25 जुलाई 1978 को पहला आईवीएफ बच्चा लुई जे ब्राउन का जन्म हुआ।
67 दिनों के बाद, कलकत्ता के एक कम ज्ञात स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ सुभाष मुखर्जी ने दुनिया के दूसरे आईवीएफ बच्चे को सफलतापूर्वक जन्म देने का दावा किया।
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इस उपलब्धि के लिए उन्हें कोई प्रचार नहीं मिला। न केवल प्रेस ने,भारत में पूरी मेडिकल बिरादरी ने इसे फेक न्यूज करार दिया।
एमसीआई ने माना कि यह संभव नहीं, क्योंकि वह लेप्रोस्कोपिक सर्जन नहीं थे, एक उचित प्रयोगशाला की कमी थी, एक फिजियोलॉजिस्ट और भ्रूणविज्ञानी की सेवाओं की कमी थी।👇
उसे निर्देश दिया गया था कि वह अपनी उपलब्धि के बारे में बात करना बंद कर दे। जब वह कायम रहा, तो उसने खुद को परिषद द्वारा अपंजीकृत पाया।
उन्हें आईवीएफ पर एक पेपर प्रस्तुत करने के लिए ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ गायनेकोलॉजिस्ट द्वारा आमंत्रित किया गया था।
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वह हवाई अड्डे जाता है तो पाया कि उसका पासपोर्ट वामपंथी गुट द्वारा समर्थित तथाकथित उदार और प्रगतिशील कांग्रेस सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया है। उनसे विभिन्न चिकित्सा समितियों द्वारा बार-बार पूछताछ की गई ... वे सदस्य जिन्हें आईवीएफ प्रक्रिया का पूरी तरह से शून्य ज्ञान था।
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उन्हें नौकरशाही की लापरवाही, फटकार और अपमान का सामना करना पड़ा। अंत में उसने फैसला किया और 19/06/1981 को आत्महत्या कर ली।
आठ साल बाद, 1986 में, डॉ आनंद कुमार को भारत के पहले आईवीएफ बच्चे को जन्म देने का श्रेय दिया गया। वह प्रशंसा ले सकते थे और आगे बढ़ सकते थे।
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लेकिन उन्हें डॉ सुभाष मुखर्जी के दावे याद आ गए। उन्होंने डॉ सुभाष के वैज्ञानिक दावों की जांच के लिए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फर्टिलिटी सोसाइटी (IFFS) को लिखा।
आईएफएफएस ने अनुरोध के बाद जल्द ही एक टीम का गठन किया और अपनी स्वतंत्र जांच शुरू की।
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1988 में उनकी मृत्यु के सात साल बाद, आईएफएफएस ने आधिकारिक तौर पर डॉ सुभाष मुखर्जी को दुनिया के दूसरे आईवीएफ बच्चे कनुप्रिया अग्रवाल जिनका जन्म 1978 में हुआ था, यूनाइटेड किंगडम में पहले आईवीएफ बच्चे के 67 दिन बाद, को जन्म देने के रूप में मान्यता दी।
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ये फ्रोजन भ्रूण का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला बच्चा भी होता है।
इतना कुछ हासिल करने वाले व्यक्ति के लिए कितनी बड़ी त्रासदी है। डॉक्टरों को किसी दुश्मन की जरूरत नहीं है। उनकी बिरादरी अपने ही आदमी को नीचा दिखाने के लिए काफी है।
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कहानी भारत के सबसे बड़े गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की... नेता मिलने जाते थे, लेकिन समय से इलाज किसी ने नहीं कराया !
दुनिया के महान गणितज्ञों में वशिष्ठ नारायण सिंह का भी नाम शामिल हैं। बेहद गरीब होने के बावजूद कभी गरीबी का प्रभाव इनकी प्रतिभा पर नहीं पड़ा।
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वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गाँव में हुआ था। इनका परिवार आर्थिक रूप से गरीब था। इनके पिताजी पुलिस विभाग में कार्यरत थे। बचपन से वशिष्ठ नारायण सिंह में विलक्षण प्रतिभा थी। वशिष्ठ जी ने प्रारंभिक शिक्षा गाँव में ही पूरी की।
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वर्ष 1962 में इन्होनें नेत्राहत स्कूल में मेंट्रिक की परीक्षा में पूरे बिहार में टॉप किया था। जिसके बाद साइंस कॉलेज से इन्टरमीडिएट की परीक्षा में भी पूरे बिहार में टॉप किया।
वशिष्ठ जी शुरू से बेबाक प्रवृति के थे। जब ये पटना साइंस कॉलेज में पढाई कर रह थे तो उन्होंने ...
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खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना अपने बेड़े में कॉम्बैट ड्रोन्स से लेकर लॉन्ग रेंज ड्रोन्स को शामिल करने की तैयारियां कर रही है और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में UAV की दो ब्रिगेड जल्द ही तैनात करने की योजना में लगी है।
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एक तरफ पाकिस्तान भारत के साथ शांति बहाली की बातें करता है, लेकिन दूसरी तरफ उसकी नापाक हरकत हमेशा चलती रहती है। बालाकोट एयर स्ट्राइक से डरी पाकिस्तानी सेना अब पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में अपनी ताकत बढ़ाने में लगी है। भीखारी खान को ये डर है कि भारत किसी भी वक्त पीओके छीन सकता है।👇
पाकिस्तान चीन और तुर्की की मदद से अपनी दो UAV ब्रिगेड तैयार कर रहा है। ये दोनो ब्रिगेड PoK में तैनात की जा रही है। एक ब्रिगेड चीन से ली जाएगी और दूसरी तुर्की उपलब्ध करा रहा है।
पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से मिले कुछ UAV से एयर टू सरफेस मिसाइल का टेस्ट किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने #बकरीद पर केरल सरकार की छूट की अनुमति को पूरी तरह अनुचित करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 की उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में बकरीद के मौके पर केरल सरकार द्वारा पाबंदी में दी गई छूट को आज मंगलवार को पूरी तरह से अनुचित करार दिया है।
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राज्य सरकार को आगाह किया कि अगर इस छूट से संक्रमण का प्रसार होता है तो वह कार्रवाई करेगा ! शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि यह माफी योग्य नहीं है।
पीठ ने कहा हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।👇
न्यायालय ने महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के संबंध में यूपी सरकार के फैसले संबंधी मीडिया में आई खबरों पर पिछले सप्ताह स्वत: संज्ञान लिया था।
कांवड़ यात्रा पर न्यायालय का कड़ा रुख देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया था।👇
एक थ्रेड🙏
नागा साधु से सुप्रीम कोर्ट के वकील बने श्री करुणेश शुक्ल...शायद ही ज्यादा लोग इनको जानते होंगे !
आने वाली पीढ़ी में धर्म कल्याण के लिए ऐसे साधुओं की बहुत आवश्यकता हैै।
इन्होंने #श्री_राम जन्मभूमि केस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और महंत धर्मदास जी के लिए वकील रहे👇
करुणेश शुक्ल वकील बनने से पहले हनुमान गढ़ी में एक नागा साधु थे।
गुरु परम्परा के अनुसार उत्तराधिकार में इनके पास पचारी स्टेट की अपार संपदा थी लेकिन हिंदुत्व के प्रेम में हिंदुत्व की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के लिए सब कुछ छोड़कर गुरुआज्ञा से सुप्रीम कोर्ट में वकील बने👇
#श्री_राम जन्मभूमि अयोध्या केस में विजय प्राप्त हुई और अब #श्री_कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा के लिए केस लड़ रहे हैं और साथ ही उनकी टीम के द्वारा काशी विश्वनाथ को आजादी दिलाने की मुहिम शुरू हो गई है।
करुणेश जी ने देश को #हिंदू_राष्ट्र बनाने के लिए अपने जान परवाह किए बिना...
एक थ्रेड 🙏
क्या आप जानते हैं ? #हिन्दुओं के लिए फांसी का फंदा तैयार करने को कांग्रेस किस तरह से तैयार थी ? इस लेख को पूरा पढ़िए। इसे पढ़कर कांप उठेंगे।
कांग्रेस के लिये जान फूंकने वाले सनातनियों सुनो मैं कांग्रेस का घोर विरोधी क्यों हूँ। "एंटोनी माइनो" की खतरनाक साजिश।
कांग्रेस ने सोचा था कि भारत को 2022-25 तक इस्लामिक राष्ट्र बना लिया जाएगा। इसलिए 2011-13 तक "कम्युनल वायलेंस बिल" को कई बार लोकसभा में प्रस्तुत किया, परन्तु बीजेपी की जोरदार विरोध के कारण यह काला कानून पास नहीं हो सका,यदि पास हो जाता तो हिन्दू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता।(2) 👇
यकीन है कि 90% हिन्दू को तो अपने खिलाफ आये इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा जिसमें शिक्षित हिंदू भी शामिल है क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है उसको इन सब बातों को जानने के लिए समय नहीं है । जबकि मुसलमान के अनपढ़ भी इतने जागरूक है कि ... (3) 👇