कहानी भारत के सबसे बड़े गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की... नेता मिलने जाते थे, लेकिन समय से इलाज किसी ने नहीं कराया !
दुनिया के महान गणितज्ञों में वशिष्ठ नारायण सिंह का भी नाम शामिल हैं। बेहद गरीब होने के बावजूद कभी गरीबी का प्रभाव इनकी प्रतिभा पर नहीं पड़ा।
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वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गाँव में हुआ था। इनका परिवार आर्थिक रूप से गरीब था। इनके पिताजी पुलिस विभाग में कार्यरत थे। बचपन से वशिष्ठ नारायण सिंह में विलक्षण प्रतिभा थी। वशिष्ठ जी ने प्रारंभिक शिक्षा गाँव में ही पूरी की।
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वर्ष 1962 में इन्होनें नेत्राहत स्कूल में मेंट्रिक की परीक्षा में पूरे बिहार में टॉप किया था। जिसके बाद साइंस कॉलेज से इन्टरमीडिएट की परीक्षा में भी पूरे बिहार में टॉप किया।
वशिष्ठ जी शुरू से बेबाक प्रवृति के थे। जब ये पटना साइंस कॉलेज में पढाई कर रह थे तो उन्होंने ...
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... अपने शिक्षकों को गलत पढ़ाने के कारण बीच में ही टोक दिया था। जब यह बात उनके प्रिंसिपल को पता चली तो इनकी अलग से परीक्षा ली गयी जिसमे उन्होंने सारे एकेडमिक रिकॉर्ड तोड़ दिए। पढाई के दौरान उनकी मुलाकात अमेरिका से पटना आये प्रोफ़ेसर केली से हुई। @deepak9744
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जिसके बाद वे 1963 में कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए गए और वर्ष 1969 में अपनी पी.एच.डी पूरी करने के साथ-साथ वाशिंगटन में गणित के प्रोफ़ेसर के रूप में भी काम किया। वशिष्ठ जी को विदेश में काम करना पसंद नहीं आया और वर्ष 1971 में भारत लौट आये।
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भारत आने के बाद उन्होंने आई.आई.टी. कानपूर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में काम किया।
चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत पर किये गए उनके शोध कार्य ने उन्हें भारत और विश्व में भी प्रसिद्ध कर दिया। डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह में देश प्रेम की भावना इस कदर भरी थी कि ...
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...अमेरिका के प्रोफेसर डॉक्टर केली की बेटी के साथ विवाह का प्रस्ताव उन्होंने ठुकरा दिया था।
वर्ष 1973 में उनका विवाह वंदना रानी से हुआ। 1974 में उन्हें मानसिक बीमारी के कारण दौरे आने लगे। उनके अजीब व्यवहार के कारण उनकी पत्नी ने उन्हें तलाक दे दिया।
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वर्षो बाद बिहार सरकार ने 12 फ़रवरी 2009 को वशिष्ठ जी को इलाज के लिए दिल्ली भेजने का निर्णय लिया।
वशिष्ठ नारायण सिंह से जुडी रोचक जानकारी :-
1.वशिष्ठ नारायण जी ने अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्ष के नियम और गौस की थ्योरी को चुनौती दी थी लेकिन बीमारी की वजह से कुछ भी साबित नहीं कर पाए।
2.अपोलो मिशन के दौरान वशिष्ट जी नासा में मौजूद थे तभी गिनती करने वाले कंप्यूटर में खराबी आ गयी थी और उन्होंने ऊँगली पर गिनती करना शुरू कर दी थी। बाद में साथी वैज्ञानिकों ने उनकी गिनती को सही माना था लेकिन इस बात की आधिकारिक पुष्टि कहीं मौजूद नहीं हैं।
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3.जब वशिष्ठ जी को विदेश में शोध करने का मौका मिला तब उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के तीन साल के कोर्स को महज एक साल में ही पूरा कर लिया।
4.वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने जीवन काल में कंप्यूटर को मात दी थी। गणित की जो गणना कंप्यूटर करता था उसे ये कम समय में सबके सामने कर के रख देते हैं।👇
5.कई लोग इन्हें अल्बर्ट आइंस्टीन से भी ज्यादा प्रखर और विद्वान् मानते थे।
अमेरिकी नासा को जब इनकी प्रतिभा का पता चला तो नासा ने उन्हे न्यूयॉर्क में गाड़ी, बंगला और एक अच्छी सैलरी देने का प्रस्ताव रखा। जिसे वशिष्ठ जी ने देश की सेवा करने के उद्देश्य से अस्वीकार कर दिया।
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6.वशिष्ठ जी ने अपने सूत्रों से वैश्विक धरातल पर भारत की छवि को स्थापित किया हैं। इन्हें भले ही भारत में ज्यादा पहचान नहीं मिली हो परन्तु बाहरी देशों ने इन्हें बहुत ही सम्मान के साथ देखा जाता है।
अमेरिका में आज भी इनके शोध किये हुए विषयों को पढ़ाया जाता हैं।
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पिछले दिनों, अपने गाँव बसंतपुर में उपेक्षित जीवन व्यतीत कर रहे थे। 14 नवम्बर 2019 को उन्हें तबीयत खराब होने के चलते पटना ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस तरह एक महान गणितज्ञ का बड़ा ही दर्दनाक अंत हो गया। इनके शोध पर अभी भी कई वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं।
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खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना अपने बेड़े में कॉम्बैट ड्रोन्स से लेकर लॉन्ग रेंज ड्रोन्स को शामिल करने की तैयारियां कर रही है और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में UAV की दो ब्रिगेड जल्द ही तैनात करने की योजना में लगी है।
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एक तरफ पाकिस्तान भारत के साथ शांति बहाली की बातें करता है, लेकिन दूसरी तरफ उसकी नापाक हरकत हमेशा चलती रहती है। बालाकोट एयर स्ट्राइक से डरी पाकिस्तानी सेना अब पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में अपनी ताकत बढ़ाने में लगी है। भीखारी खान को ये डर है कि भारत किसी भी वक्त पीओके छीन सकता है।👇
पाकिस्तान चीन और तुर्की की मदद से अपनी दो UAV ब्रिगेड तैयार कर रहा है। ये दोनो ब्रिगेड PoK में तैनात की जा रही है। एक ब्रिगेड चीन से ली जाएगी और दूसरी तुर्की उपलब्ध करा रहा है।
पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से मिले कुछ UAV से एयर टू सरफेस मिसाइल का टेस्ट किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने #बकरीद पर केरल सरकार की छूट की अनुमति को पूरी तरह अनुचित करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 की उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में बकरीद के मौके पर केरल सरकार द्वारा पाबंदी में दी गई छूट को आज मंगलवार को पूरी तरह से अनुचित करार दिया है।
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राज्य सरकार को आगाह किया कि अगर इस छूट से संक्रमण का प्रसार होता है तो वह कार्रवाई करेगा ! शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि यह माफी योग्य नहीं है।
पीठ ने कहा हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।👇
न्यायालय ने महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के संबंध में यूपी सरकार के फैसले संबंधी मीडिया में आई खबरों पर पिछले सप्ताह स्वत: संज्ञान लिया था।
कांवड़ यात्रा पर न्यायालय का कड़ा रुख देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया था।👇
डॉ सुभाष मुखर्जी, भारत के पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की दुखद कहानी जिन्होंने ट्यूब बेबी (आईवीएफ) को सफलतापूर्वक जन्म दिया था।
1970 के दशक में पहली टेस्ट ट्यूब बेबी के उत्पादन में वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों के बीच एक तीव्र प्रतिस्पर्धा देखी गई।
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ब्रिटेन के डॉ रॉबर्ट एडवर्ड्स ने इतिहास तब रचा जब 25 जुलाई 1978 को पहला आईवीएफ बच्चा लुई जे ब्राउन का जन्म हुआ।
67 दिनों के बाद, कलकत्ता के एक कम ज्ञात स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ सुभाष मुखर्जी ने दुनिया के दूसरे आईवीएफ बच्चे को सफलतापूर्वक जन्म देने का दावा किया।
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इस उपलब्धि के लिए उन्हें कोई प्रचार नहीं मिला। न केवल प्रेस ने,भारत में पूरी मेडिकल बिरादरी ने इसे फेक न्यूज करार दिया।
एमसीआई ने माना कि यह संभव नहीं, क्योंकि वह लेप्रोस्कोपिक सर्जन नहीं थे, एक उचित प्रयोगशाला की कमी थी, एक फिजियोलॉजिस्ट और भ्रूणविज्ञानी की सेवाओं की कमी थी।👇
एक थ्रेड🙏
नागा साधु से सुप्रीम कोर्ट के वकील बने श्री करुणेश शुक्ल...शायद ही ज्यादा लोग इनको जानते होंगे !
आने वाली पीढ़ी में धर्म कल्याण के लिए ऐसे साधुओं की बहुत आवश्यकता हैै।
इन्होंने #श्री_राम जन्मभूमि केस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और महंत धर्मदास जी के लिए वकील रहे👇
करुणेश शुक्ल वकील बनने से पहले हनुमान गढ़ी में एक नागा साधु थे।
गुरु परम्परा के अनुसार उत्तराधिकार में इनके पास पचारी स्टेट की अपार संपदा थी लेकिन हिंदुत्व के प्रेम में हिंदुत्व की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के लिए सब कुछ छोड़कर गुरुआज्ञा से सुप्रीम कोर्ट में वकील बने👇
#श्री_राम जन्मभूमि अयोध्या केस में विजय प्राप्त हुई और अब #श्री_कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा के लिए केस लड़ रहे हैं और साथ ही उनकी टीम के द्वारा काशी विश्वनाथ को आजादी दिलाने की मुहिम शुरू हो गई है।
करुणेश जी ने देश को #हिंदू_राष्ट्र बनाने के लिए अपने जान परवाह किए बिना...
एक थ्रेड 🙏
क्या आप जानते हैं ? #हिन्दुओं के लिए फांसी का फंदा तैयार करने को कांग्रेस किस तरह से तैयार थी ? इस लेख को पूरा पढ़िए। इसे पढ़कर कांप उठेंगे।
कांग्रेस के लिये जान फूंकने वाले सनातनियों सुनो मैं कांग्रेस का घोर विरोधी क्यों हूँ। "एंटोनी माइनो" की खतरनाक साजिश।
कांग्रेस ने सोचा था कि भारत को 2022-25 तक इस्लामिक राष्ट्र बना लिया जाएगा। इसलिए 2011-13 तक "कम्युनल वायलेंस बिल" को कई बार लोकसभा में प्रस्तुत किया, परन्तु बीजेपी की जोरदार विरोध के कारण यह काला कानून पास नहीं हो सका,यदि पास हो जाता तो हिन्दू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता।(2) 👇
यकीन है कि 90% हिन्दू को तो अपने खिलाफ आये इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा जिसमें शिक्षित हिंदू भी शामिल है क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है उसको इन सब बातों को जानने के लिए समय नहीं है । जबकि मुसलमान के अनपढ़ भी इतने जागरूक है कि ... (3) 👇