7___:- यानि ये खेल दो तरफ़ा चल रही है एक तरफ़ आपको फ़हाशी में इतना मसरूफ़ कर दिया गया है कि आप इस्लाम और अपने मुआशरे को पलट कर भी नहीं देख पा रहे हैं और दूसरी तरफ़ उसी इस्लाम की तालिमात से आपकी जड़ें खोखली की जा रही हैं, सन 2014 से पहले भारत में___/ 1/22
2% मुसलमान हलाला जैसा लफ़्ज़ भी जानते नहीं थे लेकिन आज ज़्यादातर मुसलमान समझते हैं कि मुसलमान हलाला जैसा घिनौना जुर्म करते हैं और ये ठीक ऐसा ही है जैसे किसी ग़ैरमुस्लिम से अगर कह दो की तुम बे-ईमान हो तो वो लड़ने लगता है जबकि असल में उसका ईमान से कोई वास्ता ही नहीं है न वो
अल्लाह और उसके रसूल को मानता है लेकिन हमारे बुज़ुर्गों ने ईमान पर इतनी महनत की थी कि आज 1450 साल बाद भी हर ग़ैरमुस्लिम उस लफ़्ज़ को अपने अच्छा होने का पैमाना मानता है__लेकिन आज वो ही मेहनत हमारे साथ बुराई पर की जा रही है और हम पूरी तरह से उसका शिकार हो रहे हैं।
8___:- एक तरफ़ मुसलमानों के इदारे ढहाए जा रहे हैं दूसरी तरफ़ मुस्लिम लड़कियों को पढ़ने को बड़ी बड़ी स्कॉलरशिप दी जा रही हैं, यानि मुस्लिम लड़को को पढ़ने से रोका जा रहा है और मुस्लिम लड़कियों को ग़ैर इस्लामी मुआशरे में पढ़ने को खींचा जा रहा है, मुस्लिम लड़कों को जॉब से निकाला
जा रहा है और लड़की को बिना टेलेंट के भी जॉब दी जा रही है__और ये साजिश इतनी खतरनाक है कि ये मुस्लिम ख़्वातीन को मुसलमानों से दूर करने में कामयाब हो रही है और अब उन लड़कियों की नज़र में मुसलमान बुरे लोग हैं उनके स्टेटस के नहीं हैं, मुस्लिम लड़कियों से राब्ता रखने वाले तमाम लोग
बहुत शरीफ़ और सेक्युलर होते हैं लेकिन वो ही लोग मुसलमानों की बस्तियां जला देने को हर इंतेज़ाम करते हैं और ख़र्चा उठाते हैं, आज हालात ये हैं कि किसी मुशरिक से राब्ता रखने वाली लड़की को किसी मज़लूम मुसलमान की लिंचिंग की बात बताओगे तो ये बोलेगी कि लिंच होने वाले की ही कोई ग़लती
होगी वरना कोई किसी को नहीं मारता।
9___:- आज आप मुस्लिम नौजवानों के मोबाइल देखेंगे तो पाएंगे कि फ़हाशी का कोई ऐसा एप्प नहीं होगा जो उनके मोबाइल में न हो, यानि अगर शॉर्ट वीडियो के दस एप्प मौजूद हैं तो उनके मोबाइल में वो दस के दस मिलेंगे, और मुस्लिम नौजवान भारत में सबसे ज़्यादा
इंटरनेट चला रहे हैं उनके दिमाग़ों को इतना मसरूफ़ कर दिया गया है कि न अपने घरों को देख पा रहे हैं न उनको ये ख़बर है कि दुनिया में क्या हो रहा है।
10___:- बाज़ारों और सड़कों की भीड़ बता रही है कि हिंदुस्तानी मुस्लिम औरतें सबसे ज़्यादा आज़ाद और आवारा हैं लेकिन मुसलमानों पर सारी
दुनिया का इल्जाम ये है कि वो अपनी औरतों को क़ैद रखते हैं__ एक तरफ़ बुर्क़ा को मुस्लिम औरतों को ज़बरदस्ती पहनाना दिखाई जाती है लेकिन किसी ग़ैरइस्लामी काम को करते दिखाने को फ़र्ज़ी मुस्लिम औरतों को उसी बुर्क़ा में पेश की जाती है, क्योंकि आपको लड़ना नहीं आ रहा है और न इस लड़ाई की
समझ है इसलिए आप ये लड़ाई बुरी तरह हार रहे हैं।
11___:- पिछले सात साल में सबसे कम हिंदुस्तानी मुसलमान मारे गए हैं लेकिन प्रीप्लांड मॉब लिंचिंग जिस में जगह, इंसान, वक़्त, और हादसा सब पहले से तय होता है और उसको कामयाबी से अंजाम देने के तमाम इंतेज़ाम किये जाते हैं, उसी प्रिप्लांड
मॉब लिंचिंग से सबसे ज़्यादा मुसलमानों के दिल और हिम्मत का क़त्ल की गई है, दुनिया की कोई ताक़त 35 करोड़ मुसलमानों को न मार सकती थी न कहीं भगा सकती थी लेकिन उनके दिलों को, ईमान को और जज़्बे को मार कर वो काम कर लिये जा रहे हैं जो उनको ख़त्म कर देने पर भी मुमकिन नहीं थे,
मॉब लिंचिंग वो मकड़ी का जाल है जिसको आपको तिलिस्म बता कर छूने से डराई जा रही है जिस दिन आपने इसको छूने की हिम्मत दिखा दी ये जाला उस दिन फट जाएगी।
12___:- लड़कियों को फ़हाशी में और लड़कों को सियासत में मसरूफ़ कर दिया गया है, सोशल मीडिया पर देखेंगे तो हर दूसरा मुस्लिम मर्द सियासत
का खिलाड़ी नज़र आएंगे जबकि ज़मीनी सियासत में मुसलमानों की हालत आवारा भेड़ बकरियों से ज़्यादा नहीं है, क्या आप जानते हैं कि आप अपने लिए ख़ुद बेशुमार ज़ोम्बी तैयार कर रहे हैं__
आइये समझिए इस खेल को__ पिछले सात साल से कुछ सियासी लोगों को भगवान साबित की जा रही है और उनके बेशुमार
भक्त तैयार कर दिए गए हैं। एक तरफ़ तो भक्तों की नज़र में उनको मुसलमानों का नाश करने वाला अवतार साबित किया जाता है और दूसरी तरफ़ उसी अवतार के ख़िलाफ़ मौके दे कर मुसलमानों से मज़ाक़ बनवाया जाता है, और ऐसा करने से उस अवतार के भक्तों का मुसलमानों के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा और नफ़रत आसमान
छूने लगती है__ और ये नफ़रत इस दर्जा पहुंच चुकी है कि सिर्फ़ एक इशारा मिलने भर से ये इंसानी शक्ल वाले लोग मुसलमानों पर भूके भेड़ियों की तरह टूट पड़ेंगे, और ये सब तैयारी है ज़मीन-ए-हिन्द से जुड़े एक बेहद ख़ास हदीस को पलट देने के लिए है।
13___:- क्या आपने कभी सोचा है भगवान साबित
किये जा रहे लोग हर दूसरे दिन इतनी बचकानी बातें और काम क्यों करते हैं__?? क्या वाक़ई वो इतने बे-अक़्ल हैं__?? नहीं बल्कि वो बहुत होशियार हैं और आप बे-अक़्ल हैं जो उनके बिछाए जाल में फंस कर भी अपने आप को होशियार समझते हैं, कभी सोचा है कि पहले
राष्ट्र को समर्पण और स्वछता का संदेश
देने के लिए किसी किनारे पर कूड़ा बीनते देवता की ख़बरें दिन रात उसकी महानता का गुणगान करती हैं और अचानक चार दिन बाद दूसरी वीडियो उसको एक सेट लगा कर किया गया ढोंग साबित करने आ जाती है, पहले किसी मिशन की नाकामी पर रोते देवता को दिखाई जाती है फिर चार दिन बाद किसी दूसरी वीडियो में
वो ही देवता उन्ही साइंसदानों को झिटकता हुआ दिखाया जाता है,जानते हो ये सब तुमको फसाये रखने का खेल है, यानि पहले भक्तों को उनके देवताओं का गुणगान कराई जाती है फिर तुमको उनकी बेइज़्ज़ती करने का मौक़ा दिया जाता है और ऐसा करने से उन देवताओं के भक्त तुमसे पहले से ज़्यादा नफ़रत करने
लगते हैं और अपने देवता की बेइज़्ज़ती का बदला लेने की आग में जलने लगते हैं।
14___:- तुम उन देवताओं की बेइज़्ज़ती करने में इतने मशगूल हो जाते हो कि अपने घरों को भी नहीं देख पाते,और एक ख़ास संघटन तुमको ख़ुशफहमियों में मुब्तिला कर के तुम्हारे घरों में घुस आया है और तुमको ख़बर भी
नहीं है__ यानि तुम वो नहीं करते जो तुम करना चाहते हो बल्कि वो करते हो जो तुमसे कराया जा रहा है, यानि तुम्हारे ज़हनों पर क़ब्ज़ा कर लिया गया है, इसलिए अभी भी आख़िरी मौक़ा है कि इस ज़मीन पर बहुत जल्द होने जा रहे हक़ और बातिल के मुक़ाबले से पहले होश में आ जाओ और मुत्तहिद हो कर दीन
ईमान की रस्सी को मज़बूती से थाम लो, क्योंकि उस मुक़ाबले में तुमको सिर्फ़ ईमान की रस्सी ही सहारा देगी, और अब तुम्हारे पास अपने ईमान को ज़िंदा कर लेने के लिए दो तीन साल से ज़्यादा का वक़्त नहीं है, अगर वाक़ई होशियार हो तो छोड़ों उन देवताओं को नीचा दिखाने का खेल और पढ़ो उन हदीसों
को जो तुम्हारे सर पर आ चुकी हैं और तुम उनसे ग़ाफ़िल हो, छोड़ो ये हराम की दौलतें कमाना और ये नशे और अय्याशियाँ, हो जाओ मुत्तहिद और संभालो अपनी औरतों को और अपने घरों को वरना तुम्हारा मुस्तक़बिल बेहद दर्दनाक है, और ये ही तुम्हारा आख़िरी सच है __/ #SanghiPremJal #SaveMuslimGirls
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अगर मैं आपसे कहूँ कि पिछले बीस साल से दुनिया भर में मुसलमानों के ख़िलाफ़ छेड़ी गई 6th Generation War(इस्लामफोबिया) (छठी पीढ़ी की जंग) का मरकज़ आज हिंदुस्तान है और उस जंग में हिंदुस्तानी मुसलमान बुरी तरह से हार रहे हैं तो क्या आप यक़ीन__1/23
करेंगे.. नहीं ना.?हाँ क्योंकि आपको तो ये भी नहीं पता कि की जंग की भी कोई पीढ़ियाँ होती हैं, आपको तो ये भी नहीं पता कि पिछले बीस साल से आपके ख़िलाफ़ इस ज़मीन की सबसे ख़तरनाक जंग जारी है, और जब आप इस जंग को समझ पाएंगे तब तक आपका वजूद ख़ात्मे तक आ चुकी होगी फिर आप चाह कर भी खुद को
नहीं बचा पाएंगे, चलिए पहले छठी पीढ़ी की जंग को जान लीजिए कि ये जंग मनोवैज्ञानिक युद्ध है यानि Psychological War और इस जंग में ज़मीनों पर नहीं ज़हनों पर क़ब्ज़ा की जाती है, इस जंग में नक़्शे नहीं ख़्याल बदले जाते हैं,इस जंग में शहर नहीं जज़्बात तहस नहस किये जाते हैं,
मुर्तद होती लड़कियों के मामले में जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं वैसे वैसे नए ख़ुलासे हो रहे हैं और जो मुसलमान इस साजिश को सिर्फ़ कुछ आवारा लड़कियों का काम समझने की भूल कर रहे हैं अगर वो अभी नहीं जागे तो उनको बाद में पछताने__/ 1/8
का भी मौक़ा नहीं मिलेगी।
ये बात साफ़ तौर से समझ लीजिये कि ये साजिश एक दो शहर या राज्यों तक नहीं है बल्कि हिंदुस्तान का कोई एक गावँ भी ऐसी नहीं मिलेगी जहाँ इस वक़्त इस साजिश का शिकार कोई मुस्लिम लड़की न हो.. ख़ुदा के वास्ते होश में आ जाए वर्ना अपनी आंखों से
अपनी नस्लों की तबाही सामने देखेंगे।
अभी भी वक़्त है कि ख़्वातीन पर दीन का ज़मीनी काम शुरू कर दिए, अगर इस काम को आज अधूरा छोड़ दिया गया तो कल कोई इसको मुकम्मल नहीं कर पाएगा, ये साजिश अब तक कि तमाम साजिशों पर भारी पड़ने वाली है।
अब तक हम लव ट्रैप की वजहों, सुधार के तरीक़ो और उस से जुड़े तमाम मसलों पर बात कर चुके हैं आइये अब लव ट्रैप के पहले और बाद की जाने वाली बड़ी ग़लतियों पर रौशनी डालते हैं और जानते हैं कि इन ग़लतियों के ज़रिए मुसलमान__/1/19
ख़ुद लव ट्रैप को कैसे खुली दावत दे रहे हैं।
1___:- लड़कियों की ग़लतियाँ- पहले लव ट्रैप की साजिश भले ही एक ख़ास संघटन ने की थी लेकिन अब हालात ये हैं कि ख़ुद कुछ दीन ईमान से ग़ाफ़िल मुस्लिम लड़कियाँ और औरतें दुनिया के सबसे ग़लीj और बदतरीn लोगों को चुन चुन कर उनकी हवस का सामान
बन जाने पर आमादा हैं और दुनिया की बदतरीन ग़लाज़त और बदतरीन गुनाह कर लेने को किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि वो दिन रात इंटरनेट और टी.वी. पर ऐसी ग़लाज़त में मुब्तिला हैं कि उसको हासिल कर लेना ही उनकी ज़िंदगी का मक़सद बन चुकी है।
जिसे दीन की इल्म है वही समझ सकते है हराम और हलाल क्या चीज है।
ज़्यादातर दुनियांवी तालीम याफ्ता पढ़ी लिखी मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम से शादी करके काफिर हो रहीं हैं,
इससे एक बात यह मालूम चलती है के मुसलमानों के लिए__1/6
दीनी तालीम कितनी ज़रूरी है तौहीद की मालूमात होना और अक़िदा-ए-तौहीद पर जमे रहना तौहीद पर हर हाल में क़ायम रहना मुस्लिम लड़के और "लड़कियों" के लिए बहुत ज़रूरी है।
संघीयो के एजेंडो के अनुसार मुस्लिम लड़कियों को प्यार मोहब्बत मे फसा कर उससे शादी करना और उसका धर्मान्तरण करवाना
और उसे 3,4 साल मे यूज़ कर के छोड़ देना यहीं उनका एजेंडा है और संघी और ईन जैसे हजारो गैर संघटनो से जुड़े लाखो नौजवान इस काम मे लग गए है।
अब हम यह सब जानकर भी अगर ऐसे ही हाथ पे हाथ धरे बैठे रहे तो हमारे कौम की लड़कियों के साथ बहुत बुरा होने वाली है, और बहुत बुरा हो भी रही है।