नीचे दिए स्क्रीन शॉट पढ़िए इस भाई का नाम शरफाराज खान है, ये धनबाद (झारखंड) से ताल्लुकात रखते है, ये भाई मुझे आज से ठीक 23 दिन पहले एस.एम.एस किए थे फेसबुक मेसेंजर पर जैसा कि सब को मालूम है मैं किसी की एस.एम.एस की जवाब नहीं देती हूं___1/25
लेकिन इस भाई की बात ही कुछ और थी मैंने इनकी एसएमएस की जवाब नहीं देती थी तो ये ठीक शाम मैं मुझे मग़रिब बाद मेसेंजर पर कॉल करने लगते थे, लेकिन मैं तो ट्विटर पर ही पोस्ट पहले करती थी जब पोस्ट लिख रही होती थी तो इनका कॉल आती रहती थी मैं कट कर देती थी,एक दिन हद से ज्यादा कॉल इनका आने
पर मैंने जवाब देनी चाही तो मेसेंजर पर बहुत ज्यादा एसएमएस और स्क्रीन शॉट थी कुछ WhatsApp की तो कुछ Messenger की मैंने रीप्ले देने से पहले सारी स्क्रीन शॉट पढ़नी मुनासिब समझी उस वक़्त,
खैर मैं एक एक कर के सारी स्क्रीन शॉट पढ़ने की कोशिश की लेकिन इतनी बुरी बुरी चैटिंग की हुई थी,
कि मैं इस भाई को ही दम भर सुना दी ___" फिर पूछी ये क्या मज़ाक़ किसी और की मेसेज मुझे क्यूँ सेंड कर रहे हों पागल हो क्या तब इस भाई ने बतलाया की ये सारी स्क्रीन शॉट जो देख रहे हैं ये मेरी बहन की, मेरी तो एक दम से पैरों की ताले से जमी हट गई मैं हैरान थी ये कैसा भाई है अपनी बहन की
चैटिंग की सारी मेसेज मुझे सेंड कर रहा है और कितना पागल है मुझे सेंड करने के बजाये अपनी बहन को रोक नहीं रहा है, मैने उसे बोलने से पहले मैं कहीं अपनी बहन की निकाह करा दो इस लड़के से अगर दोनों परिवार राजी हो तो नहीं तो अपने हिसाब से कोई लड़का पसंद हो तो करा दो जल्दी इस तरह से कुछ
सही नहीं है ये गलत है किसी बहन को चाहे लड़का मुस्लिम ही क्यूँ ना हो अपनी बहन से कहो कि ये लड़का कहा से है जा कर बात करो और दोनों की निकाह करा दो_____"
अब यहा से बात क्या हुई है सुनिए जब मैंने कहीं निकाह करा दो तो शरफाराज कहता है क्या बोल रही हो होश मैं तो हो ना मैं ये कैसे कर
सकता हूं अगर लड़का मुस्लिम भी होगा तो ये नहीं होने दूँगा बिना घर वाले के इजाज़त लिए अगर घर वाले को पसंद नहीं आया तो, लेकिन ये तो लड़का गैर है__,
जरा गौर करियेगा सभी शरफाराज क्या बोल रहा है कि लड़का गैर है यानी गैर मुस्लिम जी हां गैर मुस्लिम, मैने कहीं क्या ये लड़का गैर है तो
शरफाराज कहता है हाँ बहन ये लड़का गैर ही है___" मैं फिर हैरान हो गई ये बात सुन कर क्यूंकि सारी स्क्रीन शॉट जब पढ़ने की कोशिश की थी शरफाराज को एस.एम.एस करने से पहले स्क्रीन शॉट मैं लड़का का नाम इकबाल अली था WhatsApp के भी स्क्रीन शॉट पर भी लड़का नाम इकबाल ही था और मेसेंजर स्क्रीन
शॉट पर भी इकबाल ही नाम थी____"
जरा सोचने वाली बात है, इसमे लड़के की होशियार कहेगे या लड़की की जरा गौर करिए इस स्क्रीन शॉट वाली बात पर क्युकि इतनी दिमाग आज कल मुस्लिम ल़डकियों के पास तो बिलकुल नहीं है कि वो किसी का नंबर किसी और नाम से सेव करे, और कोई पूछ भी ले तो कह दें कि
ये मेरे मामा या खाला के बेटे है, क्या आपने कहीं इस तरह की बात कहते किसी लड़की की सुनी है मैंने तो सुनी है, डर के मारे ये सब लड़किया करती है कि किसी को मालूम ना हो और मेरी मक्कारी किसी के सामने ना आए___"
अल्लाह खैर करे ऐसी ल़डकियों को शरफाराज से मैं पूछी आखिर तुम्हें कैसे मालूम
की ये लड़का मुस्लिम नहीं है गैर मुस्लिम है, आखिर तुम्हरी बहन किसी गैर का नंबर इकबाल से क्यूँ सेव कर के रखेगी, शरफाराज का जवाब वही था जो अभी मैंने ऊपर कहीं है डर के कारण कहीं किसी को शक ना हो___"
अब बात यहीं पर खत्म नहीं होती है, मैने शरफाराज से फौरन पूछ ली आखिर तुम्हें कैसे
मालूम हुई लड़का गैर मुस्लिम है और कैसे तुम्हें इनकी स्क्रीन शॉट हाथ लगी___"
माफी चाहती हूं, इस आर्टिकल मैं, मैं वो तमाम नौजवानों को इस पर तंज कर रही हूं, जब आप रात दिन अपनी मोबाइल पर घुसे रहोगे तो हालात वही तुम्हारे सामने आएगी जिस तरह की हालात कुछ रोज पहले शरफाराज के सामने आई
है___" बिल्कुल तुम्हारे साथ भी होगी, क्यूंकि शरफाराज भी वो नौजवानों के ही तरह है, जो बिना आवारा कुत्तों की तरह कभी इधर तो कभी उधर बिना कोई काम धाम बिना दीन के, आवारा कुत्तों के तरह बेवजह घुमा फिरता रहता था, दिन रात मोबाइल मैं गेम गेम गेम बस गेम ही उसकी जिंदगी बन गई थी,
आज मुआशरे के लड़को का यही हाल है, उन्हें पांच वक़्त की नमाज़ के लिए टाईम बिल्कुल नहीं है, लेकिन गेम खेलने के लिए पांच घंटे बिलकुल मिल जाते है कभी गलियों मैं नजर आयेगे कभी किसी के दरवाजे पर बैठे नजर आयेगे, इतने सौर मचायेगे की मत पूछिये, किसी कुत्ते को देखते होगे की अगर कोई और
कुत्ता उसके इलाके मैं आ जाए तो उसे देखते ही भूकना शुरू कर देते है, जानते है क्यूँ, क्यूंकि उसे पसंद नहीं है कोई और कुत्ते मेरे इलाके या मेरे आसपास भी नजर आए____"
ठीक इन्हीं कुत्तों के तरह आज कुछ आवारे नौजवानों का हाल है, उसी मैं से एक आवारा लड़का शरफाराज खान है,
शरफाराज भी दिन रात मोबाइल मैं घुसा रहता था, कभी गेम या फिर दोस्तों के साथ यहा से वहाँ आवारा कुत्तों के तरह लाइन बाजी मैं फिरते रहा करते थे, जब बहन की हालातों से वाकिफ़ हुआ तो अल्लाह याद आने लगी, जानते है शरफाराज अपनी बहन की हालात से उस वक़्त वाकिफ़ हुआ___"
कोई pbg नाम करके गेम
है, उसे Facebook से कनेक्ट करनी पड़ती है, लेकिन उसका दोस्त उसके Facebook से पहले ही अपनी गेम कनेक्ट कर लिए थे, इसलिए शरफाराज अपनी बहन की Facebook account से Pbg से कनेक्ट कर लिया फिर क्या हुआ___"
हजारो मेसेज मेसेंजर पर आने लगी कभी रवि तो कभी कुछ, और अब बात उस पर की जाए
आप सभी को मालूम तो चल ही गई है, कैसे शरफाराज के हाथ लगी सारी मेसेज, शरफाराज देखना शुरू कर दिया सारी मेसेज फिर क्या हुआ एक मेसेज संतोष नाम के लड़के की भी थी, उससे रोज बात हो रही थी तरह तरह की बात जो मैंने अपनी आर्टिकल मैं हमेशा लिखती रहती हूँ ईन संघीयो के बारे मैं____"
किस तरह से ये मुस्लिम ल़डकियों को फसाते है मीठी मीठी बातों से इस्लाम की इतनी तारीफ़ करते है कि उतनी तारीफ शायद ही कोई मुसलमान अपने मजहब को लेकर करता हो, हद से ज्यादा तारीफ की मुस्लिम ल़डकियों की रुझान उनकी तरफ होने लगती है, इतनी कुरान और हदीस की बाते पेश करते है कि अच्छे से
अच्छे मुफ्ती, कारी आलिमों की टीम ईन संघीयो से मुतासिर, मुतमईन हो जाए बता नहीं सकती हूं, कितनी मीठी मीठी बाते करते है, इतनी तो वो खुद की मजहब की मीठी मीठी बाते नहीं करते जितने इस्लाम को लेकर करते है___"
___:- खैर पोस्ट लंबी ना हो जाए मुद्दे पर आती हूँ, उस मेसेंजर कुछ
मेसेज संतोष जैन नाम के लड़के की भी थी, शरफाराज की बहन ज़ैनब खान हर रोज उसी से बात करती थी, धीरे धीरे WhatsApp पर बात पहुच गई अब बात कुछ फिलिंग की होगी तब तो लड़की ने अपनी WhatsApp नंबर उस संघी को दी, अब ये सब मेसेज देख कर शरफाराज बेहद परेशान हो गया कि मेरी बहन ये सब मैं है___"
शरफाराज अपनी बहन की मोबाइल किसी भी तरह से घुमा दिया, और देखने लगा कि जो नंबर मैंने मेसेंजर पर देखा है क्या मेरी बहन वो नंबर अपने मोबाइल मैं सेव करके रखी है क्या, शरफाराज फौरन अपनी बहन की मोबाइल से उसी नंबर पर कॉल किया तो नम्बर सेव थी इकबाल नाम से, ये नाम शरफाराज के मामा के बेटे
का है, लेकिन नंबर मामा के बेटे का नहीं है___"
जरा सोचने वाली बात है कहा जा रही है हमारी बहने किस राह को चुनने की कोशिस हो रही है, आज हमारी कौम की बेटियों की मोबाइल चेक करिए ना जाने कितने गैर मुस्लिम लड़के के नंबर खाला-खालु मामा-मामी चाचा-जीजु से मिल जाएगी___"
शरफाराज को ये सब मालूम हुआ तो उसकी पैरों ताले से जमी हट गई, मुआशरे के भाईयों अपनी बहनो पर नजर रखो आपकी बहन क्या कर रही दिन रात मोबाइलों मैं रात मैं छत पर किससे बाते कर रही है, दूसरे के माँ बहनो को छोड़ो___,
अपनी बहनों पर नज़र रखे वो कहा जा रही है कहा नहीं किससे मिलने जा रही है, किस बहाने से बाहर निकल रही है, गौर करो की इससे पहले कि देर हो जाए खुदा के लिए होश मैं आ जाओ____"
माफी चाहती हूं, आर्टिकल काफी लंबी है इसलिए add ट्वीट stop बता रही है, थोड़ी देर मैं फिर से पोस्ट करूंगी___"
मुस्लिम शाहज़ादियो के नाम से ग्रुप बनाते है ये संघी लोग और भगवा लव ट्रेप को बड़ी आसानी से अंजाम दे जाते है, लेकिन अफसोस उन बेहयाई ल़डकियों पर जो बिना जाने ऐसी ऐसी हजारों ग्रुप से जुड़ जाते है, लेकिन ये कभी नहीं देखती है__1/18
कि अखिर ग्रुप admin कौन है मुस्लिम या गैर मुस्लिम____"
जरा गौर करिए आज Facebook पर अनगिनत ऐसे मुस्लिम नाम से ग्रुप हमारी नजरों के सामने होती है, लेकिन फिर भी जाने बेगैर हम ग्रुप मैं add हो जाते है, वहां पर अनजाने मैं ऐसे ऐसे ल़डकियों से और लडक़ो से बात करने लगते है ये सोच कर की
ये मुस्लिम ग्रुप है तो मुस्लिम ही सब होगे लेकिन हम ईन संघीयो के चलो से काफी अंजान होते है, ये कैसे कैसे चाल चलते है खबर नहीं हमे जरा भी इल्म नहीं है, मैने ईन संघीयो के साजिशों पर काई बार अपनी आर्टिकल मैं जोर दी है ये मीठी मीठी बात करते है इस्लाम को लेकर___"
इस पोस्ट की पूरी आर्टिकल पोस्ट नहीं की गई थी, अगर आपने इस 👇आर्टिकल को पढ़ लिए है तो अब ये बाकि आर्टिकल पढने की कोशिश करें, जो 25 ट्वीट होने के बाद बाकि add ट्वीट नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण मैंने पूरी आर्टिकल पोस्ट नहीं कर सकीं___1/14
किस तरह शरफाराज ने टाईम रहते अपनी होशियारी दिखाई है, अगर मेरी उससे बात नहीं होती तो अल्लाह बेहतर जानने वालों मैं से है क्या होती शरफाराज की फैमली के साथ क्या गुज़रती उसके मां बाप पर___"शरफाराज मुझसे बात करना चाहता था अल्लाह का शुक्र है कि उस दिन मैंने गुस्से में ही सही,
मैंने उसे ब्लॉक नहीं की और मैंने सभी स्क्रीन शॉट पहले देखनी चाही अगर बिना देखे उसे ब्लॉक कर देती तो आज मैं सबसे बड़ी गुनाहगार होती अगर ज़ैनब मुर्तद हो जाती तो____😭
मैं बता नहीं सकती हूं शरफाराज किस तरह से टूट चुका था वो मुझसे कॉल पर बात करना चाहता था, लेकिन मैं मजबूर थी
इस पोस्ट पे बात करूंगी की लड़की वाले भी कम नहीं होते हैं, कई बार लड़का भले ही कितना भी नेक, मेहनतकश क्यूँ ना हो, लेकिन उसको सिर्फ इसलिये #रिजेक्ट कर दी जाती है, क्यूंकि उसके पास सरकारी नौकरी नहीं है, य़ा फिर____1/11
___आजकल ये चलन एक फैशन बन चली है मुआशरे मैं, दरअसल ये भी एक तरीके की खरीद फरोखत है, इसमे लड़के वाले नहीं खरीदते हैं बल्कि इसमें लड़की वाले अपनी लड़की के लिए बेहतर लड़का खरीद लेते हैं, और एक तरह की बज़ार की नई क़ीमत मुकर्रार
हो जाती है, जिस तरह पहले कोई दुल्हा अगर 2 लाख के खर्चे मैं आ जाते थे, लेकिन इसके बाद कोई भी दूल्हा 3 य़ा उससे भी ज़्यादा मैं खरीद ली जाती है, लड़की वाले भी अपने पैसों और रूतबे की ताकात दिखाने से आजकल पीछे नहीं हटते दिखाई दे रहे हैं___"
जैसे कि हमने निकाह पार्ट___6 मैं कहीं है कि कुवांरी लड़कियों से शादी कौन करेंगे___, दरअसल दीन ए इस्लाम मे एक से ज़्यादा निकाह करने मैं ये हिकमत भी छुपी हुई है, क्यूंकि जैसे कि हमने आपको बताई है कि दीन ए इस्लाम मे औरत का रूतबा___1/11
बहुत ज़्यादा है, जो आज तक किसी भी मज़हब मैं नहीं दी गई है, बल्कि दीगर मज़ाहिब मे तो औरत को बड़ी ही हिकारत की नज़रों से देखी जाती हैं, इसके बारे मे मैं बाद मे तफसील से पोस्ट करूँगी इंशाअल्लाह___"
•आज हम निकाह के बारे मे ही बात करेंगे, जब औरत को इतना ऊँचा दर्जा दि गई है,
तो आखिर फिर उन सौ(100) औरतों की हक़ इस्लाम कैसे छीन सकती है___• इसलिए अल्लाह ने एक से ज़्यादा निकाह करने की हुकुम अपने बन्दों को दिया है, लेकिन इसमे सबसे बड़ी रुकावट एक तो मुआशरा बनते है और दुसरी जो सबसे बड़ी रुकावट है खुद ख्वातीन हैं, उनके लौजिक भी बड़े ही अजीब होते हैं,
आए थोड़ी तवज्जो दी जाए ये तमाम वीडियो पर जो काफी भाईयों ने मुझे ईन वीडियो पर Mention किए है___"
जानते है आखिर ये सब वीडियो पर मुझे ही क्यूँ mention करते है, तो जान ले आज, क्यूंकि मैंने इस मुहिम को छेड़ रखी है___और मारते दम तक इस मुहिम में शामिल रहूँगी___1/13
जब तक संगी द्वारा फैलाई गई गंदगी साफ ना हो जाए हमारी मुआशरों से तो, आए एक नई वीडियो के साथ अपनी बात रखती हूं जो वीडियो मऊ की बताई जा रही है__"लेकिन इस तरह की हज़ारो वीडियो मेरे पास आती रहती है, लेकिन मैं शेअर नहीं करती हूं, क्योंकि अपने ही लोग सबसे पहले मुझे नसीहत करने लगते हैं
खैर इस वीडियो पर या mention किए गए तमाम वीडियो पर मैं कुछ नहीं कहूँगी, लेकिन एक बात जरूर कहूँगी___••…
तो आए आगे बड़ने की कोशिश करती हूं''
1___:-आज इस बदलते वक्त के साथ मुसलमानों ने खुद को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, आलीशान मकान बनवाने में मुसलमान पीछे नहीं,
जैसे कि हमने अपनी पिछली पोस्ट मे बात की थी एक से ज़्यादा निकाह की तो आज हम अपनी बात को आगे बढ़ाते हैं और बात करते हैं, इस सुन्नत के पीछे छिपी हुई हिकमत की, जैसे कि हमसब जानते हैं की कोई भी सुन्नत बिना हिकमत के नहीं है____1/11
यानि हर सुन्नत के पीछे कोई ना कोई बेहतरीन हिकमत ज़रूर होती है___"
•अलबत्ता हमे उसको समझने मे या उसको जानने मे परेशानी की सामना करनी पड़ती है,कई बार तो ऐसा भी होती है कि हम हिकमत भी जानते हैं और उसकी अजर भी जानते हैं जो हमे रोज़े हश्र मे मिलेंगी, लेकिन उसके बावाजूद
हम ऐसी सुन्नतो पर अमल करने से कतराते हैं, क्यूंकि हमे मुआशरे से डर लगता है, क्यूंकी आजकल हमने अपने रब से डरना छोड़ दिया है बल्कि मुआशरे से बहुत ज़्यादा डरने लगे हैं, और जब तक ऐसे ही रहेगी हमारी हालत बद से बदतारीन होती जाएगी___"