मोदीजी थाली बजाने की जगह वैक्सीन बनाओ तो देश का भला हो.
वैक्सीन बन रही है? ..इतनी जल्दी कैसे बन जायेगी?
वैक्सीन बन गयी! पता नहीं काम भी करेगी या नहीं?
क्या...लगाने जा रहे हैं?
लोगों को बीमार कर सकती है वैक्सीन.. सुरक्षित नहीं है ..नपुंसक हो जाएंगे मुस्लिम भाई.
सुरक्षित है तो मोदी जी क्यों नहीं लगवाते सबसे पहले?
हेल्थ वर्कर्स और सुरक्षा कर्मियों को लगेगी पहले? बूढ़े लोगों और गरीबों को क्यों नहीं लगवाते?
भाजपाई वैक्सीन है.
हम नहीं लगवाएंगे.
लोगों... तुम भी मत लगवाओ.
क्या? ज़ोर शोर से लग रही है? कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं?
दुसरे देशों को क्यों भेज रहे हो?
देखा... काम पड़ने लगी न?
केंद्र सरकार ठीक नहीं कर रही... राज्यों पर छोड़ दें... फिर देखों हम क्या करते हैं.
अच्छा... राज्य खरीदें वैक्सीन?
हम तो चीन से खरीदेंगे.
कितने की बेचें आम जनता को?
मोदीजी मुफ्त क्यों नहीं लगवाते?
सबको मुफ्त लगवाएंगे?
लगने की गति बहुत धीमे है... दस साल लग जाएंगे लगते लगते.
क्या कहा? बहुत तेज़ी से लग रही है?
एक दिन में एक करोड़!
मोदीजी स्वार्थी हैं ..ये भी कोई तरीका है जन्मदिन मनाने का?
क्या कहा? सौ करोड़ लग चुकीं?
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सन्नाटा.
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तेल बहुत महंगा हो गया.
लखीमपुर में किसान मार दिए.
क़ानून व्यवस्था ठीक नहीं है.
हम तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त देंगे.
हम महिलाओं को टिकट देंगे.
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देश के दुश्मन और गद्दार पहचानिये साहेब.
जी.... आप ही से कह रहा हूँ.
सुन रहे है न?
न गद्दार नेताओं की सुनिए... और न गद्दार दो कौड़ी के मीडिया और टी वी चैनलों की.
आपका दिल दिमाग क्या कहता है?
मोदीजी जैसा नेता हर सदी में पैदा नहीं होता.
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कैसे आएगी Immunity?
(रोग प्रतिरोधक क्षमता) 1. बड़े शहरों में रहने वाले 2 से 3 दिन पुरानी ब्रेड पर 3 से 6 महीने पुराना जैम लगाकर और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर आप immunity की इच्छा रखते हैं तो सोचिए यह कैसे संभव है?
2. कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल नहीं है, को पीकर अगर आप immunity की इच्छा रखते हैं तो सोचिए यह कैसे संभव है?
3. पिंजरे… जिनको अंग्रेजी में फ्लैट कहते हैं और जिनमें न ताज़ी हवा नसीब होती है और ना ही धूप। इन पिंजरों में बिना सूरज की रोशनी के और बिना ताजी हवा के रहने से अगर आप सोचते हैं कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो यह नादानी है।
ठीक 8 वर्ष पहले, आज के ही दिन यानी 13 सितंबर 2013 को भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आगामी 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था।
पार्टी ने फर्स्ट लाइन लीडरशिप और सेकंड लाइन लीडरशिप के ऊपर एक राज्य के मुख्यमंत्री को नेतृत्व सौंपा। परिणाम आपके सामने है।
भारतीय जनता पार्टी में मोदी के नेतृत्व संभालने के बाद निश्चित ही अनेक बदलाव देखने को मिले। पार्टी ने अपनी जंग लगी मशीनरी को ठीक करना शुरू कर दिया।
मोदी जी के तकनीक प्रेमी होने के कारण भाजपा ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से जनता के बीच छा गई।
वहीं दूसरी ओर दूसरी पार्टियों ने इन सब चीजों में बहुत देर कर दी।
10-15 दिन का एक टाइमर लगा लीजिए और यह मान लीजिए कि डेल्टा वेरिएंट रोज आपके समीप आता जा रहा है।
वैज्ञानिक बता रहे हैं कि यह सबसे ज्यादा खतरनाक और तेज गति से फैलने वाला कोरोना वायरस का वेरिएंट है।
जिन्होंने वैक्सीनशन करवा लिया है वह भी इस डेल्टा वैरीअंट के संवाहक तो बन ही सकते हैं। अर्थात यह उन के माध्यम से बहुत तेजी से दूसरों में प्रवेश कर सकता है।
अतः मौका मिलते ही अपने आपको टीका लगवा लें।
याद करें कि दूसरी लहर के आने के 15 दिन पहले तक हम लोग सोच रहे थे कि यह टीवी वाले झूठे ही हल्ला मचा रहे हैं। लेकिन बाद में आपने देखा कि वह कितना भयावह था।
आजकल न्यूजचैनली मीडियाई आर्केस्टा की पागल धुनों पर धुत्त उन्मत्त होकर नाच रहा भानुमति (ममतामती) का विपक्षी कुनबा 2024 से पहले 9 दिन चले अढ़ाई कोस, लौट के बुद्धू घर को आये, नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, सरीखी सारी कहावतें चरितार्थ करेगा।
जानिए क्यों...
39 सीटों वाले तमिलनाडु में केवल AIDMK और DMK ही प्रभावी राजनीतिक दल हैं। इन दोनों की राजनीतिक दुश्मनी लगभग 50 साल पुरानी और पुख्ता है तथा आज भी पूरी तरह हरी भरी और जवान है।
25 सीटों आंध्र में इससे भी बुरी स्थिति TDP और YSR की राजनीतिक दुश्मनी की है।
28 सीटों वाले कर्नाटक में कांग्रेस JD(S) की दोस्ती में केवल 2 साल पहले जमकर हुई भयंकर जूतमपैजार पूरे देश ने देखी है।
दैनिक भास्कर के दप्तरो मे, आयकर के छापे में क्या मिला, यह जानकर आपके होश उड़ जाएंगे !!
आयकर के छापों में पता चला है कि, 6000 करोड़ के सालाना टर्न ओवर वाले इस दैनिक भास्कर ग्रुप का बेइमानी से खड़ा किया गया यह सल्तनत है !!
इस कथित मीडिया समूह ने अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां खड़ी कर रखी हैं, जिनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों और बोगस फंड ट्रांसफर के लिए किया जा रहा था... लेकिन उन कर्मचारियों को पता भी नहीं है कि उनके नाम पर बोगस कंपनी खड़ा किया गया है...
आयकर के छापों में सच्ची पत्रकारिता का दावा करने वाले दैनिक भास्कर अखबार के, काले कारनामो की कलई खुल गई है... ये ग्रुप सिर से पैर तक बेनकाब हो गया है... पत्रकारिता की आड़ में ये ग्रुप वही सारे काले धंधे कर रहा है जो नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधी करते आए हैं !
6 महीने में आप बाइक के मैकेनिक बन सकते हो।
6 महीने में आप कार के मैकेनिक बन सकते हो।
6 महीने में आप साइकिल के मकैनिक बन सकते हो।
6 महीने में आप #BeeKeeping सीख सकते हो।
6 महीने में आप दर्जी का काम सिख सकते हो।
6 महीने में आप डेयरी फार्मिंग सीख सकते हो।
6 महीने में आप हलवाई का काम सीख सकते हो।
6 महीने में आप घर की इलेक्ट्रिक वायरिंग सीख सकते हो।
6 महीने में आप घर का प्लंबर का कार्य सीख सकते हो।
6 महीने में आप मोबाइल रिपेयरिंग सीख सकते हो।
6 महीने में आप जूते बनाना सीख सकते हो।
6 महीने में आप दरवाजे बनाना सीख सकते हो।
6 महीने में आप वेल्डिंग का काम सीख सकते हो।
6 महीने में आप मिट्टी के बर्तन बनाना सीख सकते हो।
6 महीने में आप घर की चिनाई करना सीख सकते हैं।
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6 महीने में आप मशरूम की खेती का काम सीख सकते हो।