10-15 दिन का एक टाइमर लगा लीजिए और यह मान लीजिए कि डेल्टा वेरिएंट रोज आपके समीप आता जा रहा है।
वैज्ञानिक बता रहे हैं कि यह सबसे ज्यादा खतरनाक और तेज गति से फैलने वाला कोरोना वायरस का वेरिएंट है।
जिन्होंने वैक्सीनशन करवा लिया है वह भी इस डेल्टा वैरीअंट के संवाहक तो बन ही सकते हैं। अर्थात यह उन के माध्यम से बहुत तेजी से दूसरों में प्रवेश कर सकता है।
अतः मौका मिलते ही अपने आपको टीका लगवा लें।
याद करें कि दूसरी लहर के आने के 15 दिन पहले तक हम लोग सोच रहे थे कि यह टीवी वाले झूठे ही हल्ला मचा रहे हैं। लेकिन बाद में आपने देखा कि वह कितना भयावह था।
मैंने जो ऊपर टाइमर लगाने की बात कही है वह तीसरी लहर को लेकर ही कही है। कृपया सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें, पूरी तरह से मास्क धारण करें और अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए व्यायाम करें तथा अच्छा भोजन करें।
दूसरी लहर में हमसे बिछड़ गए लोगों को याद करें, सोचें कि अगर वह उस लहर से बच गए होते तो आज हमारे बीच होते। ऐसा नहीं है कि दूसरी लहर में लापरवाह लोग ही कोरोना के शिकार हुए हों, बल्कि #सावधानी_हटी_दुर्घटना_घटी वाली श्रेणी में ज्यादा लोग शिकार हुए।
सामाजिक एवं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने वाले लोगों से विशेष अपील है कि वे अगले 1 महीने तक अपने आपको सीमित कर लें। आप रहेंगे तो गतिविधियां होती रहेंगी वरना आपके जाने के बाद... ( मुझसे कुछ ना कहलवाईये, आप खुद ही देख रहे हैं..)।
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
आजकल न्यूजचैनली मीडियाई आर्केस्टा की पागल धुनों पर धुत्त उन्मत्त होकर नाच रहा भानुमति (ममतामती) का विपक्षी कुनबा 2024 से पहले 9 दिन चले अढ़ाई कोस, लौट के बुद्धू घर को आये, नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, सरीखी सारी कहावतें चरितार्थ करेगा।
जानिए क्यों...
39 सीटों वाले तमिलनाडु में केवल AIDMK और DMK ही प्रभावी राजनीतिक दल हैं। इन दोनों की राजनीतिक दुश्मनी लगभग 50 साल पुरानी और पुख्ता है तथा आज भी पूरी तरह हरी भरी और जवान है।
25 सीटों आंध्र में इससे भी बुरी स्थिति TDP और YSR की राजनीतिक दुश्मनी की है।
28 सीटों वाले कर्नाटक में कांग्रेस JD(S) की दोस्ती में केवल 2 साल पहले जमकर हुई भयंकर जूतमपैजार पूरे देश ने देखी है।
दैनिक भास्कर के दप्तरो मे, आयकर के छापे में क्या मिला, यह जानकर आपके होश उड़ जाएंगे !!
आयकर के छापों में पता चला है कि, 6000 करोड़ के सालाना टर्न ओवर वाले इस दैनिक भास्कर ग्रुप का बेइमानी से खड़ा किया गया यह सल्तनत है !!
इस कथित मीडिया समूह ने अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां खड़ी कर रखी हैं, जिनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों और बोगस फंड ट्रांसफर के लिए किया जा रहा था... लेकिन उन कर्मचारियों को पता भी नहीं है कि उनके नाम पर बोगस कंपनी खड़ा किया गया है...
आयकर के छापों में सच्ची पत्रकारिता का दावा करने वाले दैनिक भास्कर अखबार के, काले कारनामो की कलई खुल गई है... ये ग्रुप सिर से पैर तक बेनकाब हो गया है... पत्रकारिता की आड़ में ये ग्रुप वही सारे काले धंधे कर रहा है जो नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधी करते आए हैं !
6 महीने में आप बाइक के मैकेनिक बन सकते हो।
6 महीने में आप कार के मैकेनिक बन सकते हो।
6 महीने में आप साइकिल के मकैनिक बन सकते हो।
6 महीने में आप #BeeKeeping सीख सकते हो।
6 महीने में आप दर्जी का काम सिख सकते हो।
6 महीने में आप डेयरी फार्मिंग सीख सकते हो।
6 महीने में आप हलवाई का काम सीख सकते हो।
6 महीने में आप घर की इलेक्ट्रिक वायरिंग सीख सकते हो।
6 महीने में आप घर का प्लंबर का कार्य सीख सकते हो।
6 महीने में आप मोबाइल रिपेयरिंग सीख सकते हो।
6 महीने में आप जूते बनाना सीख सकते हो।
6 महीने में आप दरवाजे बनाना सीख सकते हो।
6 महीने में आप वेल्डिंग का काम सीख सकते हो।
6 महीने में आप मिट्टी के बर्तन बनाना सीख सकते हो।
6 महीने में आप घर की चिनाई करना सीख सकते हैं।
6 महीने में आप योगासन सीख सकते हो।
6 महीने में आप मशरूम की खेती का काम सीख सकते हो।
साईं की मृत्यु के बाद दशकों तक उनका कहीं कोई नामलेवा नहीं था।
हो सकता है कि मात्र थोड़ी दूर तक के लोग जानते होंगे।
पर अब कुछ तीस या चालीस वर्षों में उनकी उपस्थिति आम हो गई है और लोगों की आस्था का पारा अचानक से उबाल बिंदु को पार करने लगा है।
आप किसी भी साठ या सत्तर साल के व्यक्ति से पूछ लें कि उन्होंने साईं बाबा का नाम पहली बार अपने जीवन में कब सुना था?.. निश्चित ही वो कहेगा कि उसने पहले नहीं सुना था... कोई नब्बे या कोई अस्सी के दशक में हीं सुना हुआ कहेगा।
फिर इतनी जल्दी ये इतने बड़े भगवान कैसे बन गए??
एक बात और... हिन्दुओं के भगवान बनाने के पहले इनके चेले चपाटों ने इन्हें कुछ इस प्रकार से पेश किया था जैसे कि सभी धर्मों के यही एकमात्र नियंता हों। हिन्दू , मुस्लिम, सिक्ख ईसाई... सभी के इष्ट यही थे।
यूपी की सियासत के एक बड़े माहिर खिलाड़ी हुआ करते थे, नरेश अग्रवाल। हरदोई जिले में नरेश अग्रवाल के परिवार का खासा दबदबा माना जाता था। जिला पंचायत, नगर पालिका से लेकर हरदोई विधानसभा तक, 40 साल तक उनका कब्ज़ा रहा है।
कहने को तो वो खाँटी सपाई थे मगर प्रदेश में सरकार किसी की भी रही हो, नरेश अग्रवाल का जलवा हमेशा बरकार रहा।
अपने बयानों को लेकर नरेश अग्रवाल हमेशा अखबारों और मीडिया में चर्चा का विषय रहते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर हिंदू देवी-देवताओं तक पर वो विवादित बयान दे देते थे। उन पर हिन्दू देवी देवताओं को लेकर गलत बयानबाज़ी के चलते एफआइआर तक दर्ज हुई थी।
A new clinical protocol issued by Director General of Health Services (DGHS) for #COVID treatment that dropped hydroxychloroquine (HCQ), ivermectin ,azithromycin, doxycycline, zinc , vitamins & antiviral drug favipiravir saying have no evidence of benefit...
यानी अब तक जो कोविड के मरीज ठीक हुए हैं उन्हें दवा ने नहीं दुआ ने ठीक किया है, और जो मरीज अस्पताल जाकर भी बच नहीं पाए वह शायद इन दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण मरे होंगे।
भाई डॉक्टर साहब लोग जब तुम लोग भी तजुर्बा करके ही सीख रहे हो तो फिर आयुर्वेद को निशाना क्यों बनाते हो??
जब तुम लोग भी अपनी अज्ञानता के कारण उलट-पुलट किसी भी दवाई को लिख देते हो और उसे बाजार में हजारों लाखों रुपए के भाव में बिकवा देते हो तो फिर किसी देसी दवाई के प्रति घृणा क्यों फैलाते हो।