प्राइवेट ट्रेन चलाने की मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी हैं लेकिन उसके बावजूद बेशर्म सरकार अपनी गलती मानने को राजी नहीं है
IRCTC द्वारा चलाए जाने वाली देश की तीसरी प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस जो बनारस से इंदौर के बीच चलाई जा रही थी
1
और जिसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने फरवरी 2020में हरी झंडी दिखाकर चालूकी थी उसका संचालन IRCTCने पूरी तरह से बन्द कर दिया है और ट्रेनको वापस रेलवे को सौप दिया है,IRCTCने रेल मंत्रालयको सूचित कियाहै कि वह काशी महाकाल एक्सप्रेसका संचालन नहीं कर सकताहै।
आइआरसीटीसी कह रहीहै कि,
2
काशी-महाकाल एक्सप्रेसके मार्ग पर यात्रियों की कमी थी, लिहाजा हमने लगभग तीन महीने पहले भारतीय रेलवे को सूचित किया था कि मौजूदा परिस्थितियों में हमारे लिए उस ट्रेन को संचालित करना मुश्किल होगा।
लेकिन यदि यात्रियों की कमी की बात की जाए तो देश की पहली प्राइवेट ट्रेन दिल्ली से लखनऊ
3
के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को ही कौन से अधिक यात्री मिल रहे हैं ?
तेजस एक्सप्रेस की सच्चाई यह है कि वह जितने दिन चली है उससे कही ज्यादा दिन वह यार्ड में खड़ी रही है चार अगस्त, 2019 को यह ट्रेन शुरू हुई थी। इसके बाद कोरोना की वजह से 19 मार्च, 20 को पहली बार ट्रेन बंद हुई।
4
ट्रेन पांच महीने बाद चली, पर 23 नवंबर20को यात्री न मिलने से बंद हो गई। इसके बाद चार अप्रैल21को तीसरी बार ट्रेन बंद हुई थी। ओर कोरोना काल के पहले भी जब भी वह चली है तो उसका ऑक्यूपैंसी लेवल केवल62 फीसद रहा,जबकि इस रूट की अन्य ट्रेनों में सामान्यतया70-100फीसद की आक्यूपैंसी रहती है
5
कोविड के बाद तो तेजस की ऑक्यूपेंसी घट कर 25 फीसदी पर सिमट गई है।
कोविड काल के बाद दिल्ली-लखनऊ रूट पर औसतन 25 फ़ीसद यात्री भी सफ़र नहीं कर रहे थे, ओर दूसरी तेजस एक्सप्रेस जो मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलती है वह ट्रेन भी औसतन 35 फ़ीसद ही भर पा रही थी. जबकि जरूरी खर्च निकालने के लिए
6
ट्रेन की 70फ़ीसद सीट भरी होना चाहिए जो इन ट्रेन के महंगे किराए से संभव नहीहै
आईआरसीटीसी के अधिकारी का दबे छुपे स्वर में स्वंय यह बात कहते हैं कि इन ट्रेन को चलाने में आमदनी कमहै
यानी तीनो प्राइवेट ट्रेन बिल्कुल फेल साबित हुई है जब2019में यह ट्रेन चालू की गई थी तो रेलमंत्री ने
7
संसद में कहाथा कि यह ट्रेनें प्रायोगिक तौर पर चलाई जा रही है,साफ दिख रहा है कि यह प्रयोग असफल हो गयाहै
लेकिन यह सब जानते बुझते हुए भी मोदी सरकार अपनी प्राइवेट ट्रेन चलाने की योजना कोलगातार आगे बढ़ा रहीहै मोदी सरकारने मार्च2023तक12जोड़ी प्राइवेट ट्रेनों का संचालनका लक्षय खाहै।
8
2027तक इसकी संख्या बढ़ाकर 151करने की बात की जा रही हैं
दरअसल अपनी गलती न मानने ओर प्राइवेट ट्रेन चलाने के पीछे की असली वजह यह है कि मोदी सरकार मोनेटाइजेशन पॉलिसी लेकर के आई है जिसके अंतर्गत उसने रेलवे से जुड़ी संपत्ति को बेचने का प्लान बनाया है जिसमे 400 रेलवे स्टेशन, 90यात्री
9
गाड़ियां, 15 स्टेडियम, असंख्य रेलवे कालोनियां, गुड्स शेड, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर,, सड़कें, कारखाने सहित अन्य संपत्तियों को चिह्नित किया गया है इन सबकी मौद्रिक वैल्यू मात्र छह लाख करोड़ बताई गई है, इसे जल्द से जल्द अडानी अम्बानी जैसे पूंजीपतियोंके हवाले करनाहै....इसलिए चाहे
10
प्राइवेट ट्रेन चलाने का प्रयोग असफल ही हो जाए चाहेIRCTC को कितना भी घाटा हो......... ट्रेन तो प्राइवेट होकर ही रहेगी क्योकि मोदी ने 2024 तक रेलवे की सभी संपत्तियों को बेचना तय कर लिया है
11 @BramhRakshasamarujala.com/amp/uttar-prad…
"घरकी बात घर में ही रहनी चाहिए"-ये सिद्धांत 95फीसदी हिंदुस्तानियोंका सनातन कालसे रहा है
बंद दरवाज़ों और खिड़कियोंके पीछे चीखें दबाई जातीरहीं।परिणति निर्भया के रूप में सामने आए
ज़ुल्मकी इंतेहा देखकर महिलाएं ख़ुद सामने आईं और घरकी बात जब बाहरतक पहुंचीतो लोगोंके रोंगटे खड़ेहो गए 1
मी टू अभियान ने जब बहुतों के चेहरे बेनकाब किये तो इन महिलाओं को वेश्या साबित करने का मानों जुनून पलने लगा।
थोड़ा इतिहास की तरफ़ चलते हैं, क्योंकि हिंदुस्तान 5000 सालों से विरोधाभासी इतिहास पर टिका रहा है और इसीलिए यहां लोकतंत्र के जिंदा रहने पर विदेशियों को हमेशा शक़ रहा है। 2
दिल्लीमें एक मील के राजपथके दोनों ओर खाली,खुले मैदान में80के दशक में तंबुओं का गांव नज़र आताथा।
विरोधके बैनर और पहचान के झंडों से अटे पड़े राजपथ पर टहलने वाले विदेशी सैलानी कौतूहलमें लोगोंके संघर्ष को नस्तीबद्ध करते और अपने देश जाकर भारत के विरोधाभास के बारे में लोगों को बताते
3
फैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर कंगना रनाउत की तक तस्वीर माफिया डाॅन अबू सलेम की बता कर पोस्ट की जा रही है और कैप्शन दिया जा रहा है
"टंगना उठावत अबू सलेमके साथ"
यह निंदनीय कैप्शन तो है ही चित्र भी झूठाहै कंगना रानाउतके साथ फोटो में दिख रहे शख्स जर्नलिस्ट मार्क मैनुएलहैं
ना कि अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम।
मार्क मैनुएल जानेमाने फिल्म जर्नलिस्ट हैं जिनका फिल्मी सितारे उपयोग अपनी फिल्म और खुद की रेटिंग बढ़ाने के लिए करते हैं।
फिल्मी सितारों की कोई भी पार्टी इनके बेगैर नहीं होती।
ध्यान दीजिए कि आजीवन करावास की सज़ा काट रहे अबू सलेम को पुर्तगाल के
2
लिस्बन में20सितंबर2002में गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे2005 में भारत को सौंपा गया था तब से वह जेलमें है।
जबकि कंगना की यह तस्वीर2017को ली गयी थी।
पहला चित्र अबू सलेम काहै।
कंगना रानाउत ने अब तक जितनेभी युद्ध लड़े हैं वह सब किसी मुसलमानके साथ कभी नहीं रहे ,3
माइकल एंजलो संगमरमर की एक दुकान से अक्सर गुजरते थे। एक दिन उन्होंने दुकानदार से पूछा- तुमने दुकान के उस तरफ रास्ते के किनारे एक बड़ा संगमरमर का पत्थर डाल रखा है। कई बरस से देखता हूं। उसे बेचते क्यो नहीं?
दुकानदार ने कहा- वह बिकता नहीं। पत्थर बेकार है।
मैंने तो आशा ही छोड़ दी। कोई चाहे तो मुफ्त में तो ले जाए। ढोने का खर्च भी मैं दे दूंगा। तुम पूछने आये हो, तुम्ही ले जाओ। झंझट मिटे और जगह खाली हो!
माइकलएंजलो पत्थर ले गया।
--
कोई साल बीतने के बाद एक दिन माइकलएंजलो ने दुकानदार से आकर पूछा- मेरे घर चलोगे? कुछ दिखाने योग्य है!
ले गया दुकानदार को। दुकानदार ने देखा जो, आंखों से आनंद के आंसू बहने लगे।
माइकलएंजलो ने उस पत्थर में जो प्रतिमा गढ़ी थी, वह है जीसस की प्रतिमा और मरियम की। जीसस को मरियम ने सूली से उतारा है। जवान पुत्र की बेजान देह को संज्ञाशून्य मरियम अपने गोद में लिए बैठी है। आहत मातृत्व का
8 नवम्बर 2016-8 नवम्बर 2021 : देश की आर्थिक बर्बादी के पाँच साल पूरे
आज नोटबन्दी को पाँच साल पूरे हुए हैं, कमाल की बात यह है कि बीजेपी इस बात का कोई उत्सव नही मना रही है दरअसल अंदर ही अंदर सब जानते है कि हमने नोटबन्दी कर पाया तो कुछ नही बल्कि खोया बहुत कुछ है, मीडिया में जो
1
आज के दिन के बारे में लेख छपे है उनमें सिर्फ यही बात कही जा रही है कि 8अक्टूबर2021 तक 28.30 लाख करोड़ रुपये का कैश था जोकि 4नवंबर 2016 को उपलब्ध कैश के मुकाबले 57.48 फीसदी अधिक है. इसका मतलब हुआ कि लोगों के पास पांच साल में कैश 57.48 फीसदी यानी कि10.33 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया.
2
4 नवंबर 2016 को लोगों के पास 17.97 लाख करोड़ रुपये की नगदी थी जो नोटबंदी का ऐलान (8 नवंबर 2016) होने के बाद 25 नवंबर 2016 को 9.11 लाख करोड़ रुपये रह गई. इसका मतलब हुआ कि 25 नवंबर 2016 के लेवल से 8 अक्टूबर 2021 तक आने में 211 फीसदी नगदी बढ़ गई. जनवरी2017में लोगों के पास 7.8 लाख
3
शाखामृग कै बड़ि मनुसाई .
हनुमान जी जब लंका की लंका लगाकर वापस किष्किन्धा पहुंचे तो जामवंत ने प्रभु श्रीराम से हनुमान की बहुत तारीफ की! कहा -प्रभु! ये हनुमानजी के बल पौरुष का ही नतीजाहै कि आज हम सभी जीवित हैं!वे न सिर्फ सीतामाता का पता लगाकर आये हैं, बल्कि रावण को अपने भुजबलका (1)
भुजबल का एक छोटा सा नमूना भी दिखाकर आये हैं!
इस बात पर प्रभु ने हनुमान को गलेसे लगा लिया और पूछा- हे हनुमान!How could you performed all these stuffs?
अंग्रेजी में बोले तो.-कैसे किया तुमने ये सब? लंका ही जला डाली!! कोई टॉनिक सोनिक लेते हो क्या?
हनुमान जी ने कहा- हे प्रभु!!
2
सो सब तव प्रताप रघुराई।
नाथ न कछु मोरी प्रभुताई॥
हे रघुनाथ!यह सब आपही का प्रतापहै!हे नाथ!इसमें मेरी प्रभुता(बड़ाई)कुछभी नहीं है!!I am just a monkey!!मैं एक मामूली बंदरहूँ! और बंदरकी भला क्या बिसातकि वो समुद्र लाँघदे?लंकाजलादे?