गाँधी जी की अंतिम यात्रा आँखों देखी दुनिया को सुनाने वाले मशहूर रेडियो कमेन्टेटर Melville De Mellow ने अपने संस्मरण में उस शाम के बारे में लिखा था: मैं कमेंट्री खत्म होने के घण्टों बाद तक अपने वैन की छत पर भीड़ के कम होने के इंतज़ार में बैठा था। #Last_Journey 1/n
इस समय मेरे पास अजनबियों का साथ था। एक महिला, जो बेहोश हो चुकी थी और सुरक्षा के लिए उसे वैन की छत पर बिठाया गया,एक छोटी बच्ची और लड़का, जो भीड़ में लगभग मरने वाले थे। तभी मैंने एक हाथ छत के किनारे को पकडते हुए देखा। मैंने देखा वो प्रधानमंत्री पण्डित नेहरू थे। #Last_Journey 2/n
मैंने हाथ पकड़ कर उन्हें खींच कर ऊपर चढ़ा लिया। उन्होंने मुझसे पूछा क्या आपने गवर्नर जनरल को देखा है? मैंने उन्हें बताया वे आधे घण्टे पहले चले गए। फिर उन्होंने पूछा , क्या आपने सरदार पटेल को देखा है? मैंने उत्तर दिया, वे भी गवर्नर जनरल के कुछ देर बाद चले गए। #Last_Journey 3/n
मुझे महसूस हुआ कि भगदड़ में दोस्तों से दोस्त बिछड़ गए थे।
तभी भीड़ ने नेहरू को देख लिया और वे उन्हें सुनने के लिए वैन के चारों ओर इकठ्ठा होने लगे। उस समय जब मैं इस महान व्यक्ति के पैरों के पास था, मेरे दिमाग में एक आश्चर्यजनक विचार आया। #Last_Journey 4/n
कैसा जबरदस्त संयोग है।
एक तरफ़ राष्ट्र के पिता के शरीर को अग्नि लपेट रही है और यहाँ राष्ट्र का पुत्र खड़ा है, उनका सबसे प्रिय शिष्य, स्वतंत्रता की मशाल लिए और स्वयं को राष्ट्र के लिए फिर से समर्पित करते हुए। #Last_Journey 5/n
दूसरी सुबह 2 बजे मैं घर की ओर से ड्राइव करते हुए राजघाट चला गया। भीड़ छंट चुकी थी। राजघाट पर एक सुरक्षाकर्मी तैनात था। मैंने राजघाट के पास फिर से सारे दृश्य को मन में दोहराया। उस अंधेरे में मुझे ऐसा लगा कि ... #Last_Journey 6/n
मैंने सफ़ेद खादी पहने व्यक्ति की आकृति देखी, उसके चेहरे पर एक दृढ़ संकल्प था। वही व्यक्ति जिसकी ओर कुछ घण्टों पहले लाखों आंखें आशाओं और राहत की चाह लिए देख रही थी। वह उसी व्यक्ति की आकृति थी , वैन की छत पर जिसके पाँव के पास मैं बैठा था। वे जवाहरलाल नेहरू थे।" #Last_Journey 7/n
आज के युग में जब अधर्मी आतंकी गोडसे के अनुयायी महात्मा गाँधी पर सवाल उठा रहे है तब @DainikBhaskar ने महात्मा गाँधी पर लिखी किताबो और उन उपलब्ध इतिहास के पन्नो से गोडसे के अनुयायियों के सवालों के उत्तर निकाले है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को शुक्रवार को फिर से 40 दिन की पैरोल दी गई. गुरमीत राम रहीम की आखिरी 40 दिन की पैरोल पिछले साल 25 नवंबर को खत्म हुई थी। वह 14 अक्टूबर को रिहा होने कर 25 नवम्बर को वापस जेल गया था... मात्र दो माह पूर्व. 1/4 #GurmeetRamRahim
2017 में बलात्कार का आरोप सिद्ध हुआ, 2019 में एक पत्रकार की हत्या और 2021 में ह्त्या की साजिश सिद्ध होने के बाद 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह सरकार की विशेष कृपा के पात्र रहे है. 2/4 #GurmeetRamRahim
पंजाब चुनाव के ठीक पहले 2 हफ्ते की छुट्टी मिली, चुनावों में प्रचार किया, फिर अक्टूबर में पेरोल मिली उत्तर प्रदेश में सत्संग किया, जहाँ भाजपा के अनेक नेताओं ने भाग लिया और अब अपना जन्मदिन बनाएगा 3/4 #GurmeetRamRahim
राजघराने का आम आदमी @digvijaya_28
"आपने यह रेड कार्पेट क्यों बिछाया? कृपा इसे हटा लीजिए। कतार बनाकर खड़ी आप सभी बहनें भी कृपया ऐसा न करें।" पांचवीं मंजिल से चलकर वे जैसे ही लिफ्ट से ग्राउंड फ्लोर पर उतरे उन्होंने अपने स्वागत में किये गए भारी तामझाम को देखते ही यह कहा। #DVS 1/n
मुख्य अतिथि के इतना कहते ही वल्लभ भवन के पीछे के खेल मैदान में बनाये गए मंच से लिफ्ट तक बिछाये गए रेड कार्पेट को कर्मचारियों और सुरक्षा बलों ने तत्काल हटा दिया। #DVS 2/n
हाथों में फूलों की टोकरी लिए स्वागत के लिए खड़ी महिला कर्मचारियों की अपने युवा अतिथि पर पुष्पवर्षा करने की हसरतें अधूरी रह गई। मुख्य अतिथि के इस व्यवहार को देखकर सब एक दूसरे की ओर देखने लगे। #DVS 3/n
गाँधी जी ह्त्या नाथूराम गोडसे ने की, और गोडसे ने गोली भले ही चलाई हो मगर असली हाथ सावरकर का था ये तो हम सभी जानते है, आज बात करते है इस हत्याकांड में शामिल एक ऐसे परिवार की जिसके विषय में कम ही लोग जानते है. #GandhiAssassins 1/n
9 mm M1934 model Beretta रिवाल्वर जिससे आजाद भारत के पहले आतंकी नाथूराम गोडसे ने निहत्थे बुजुर्ग महात्मा की हत्या की उसके ओरिजिन की बात करते है. #GandhiAssassins 2/n
यह रिवाल्वर एक इटालियन सेना अधिकारी की थी, जब ग्वालियर 4th इन्फेंट्री रेजिमेंट ने द्वितीय विश्वयुद्ध में इस अफसर को इथोपिया में हराया, तो इस अफसर ने आत्मसमर्पण करते समय ये रिवाल्वर कर्नल वी वी जोशी को सौंप दी. #GandhiAssassins 3/n
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आज बात करते है मराठा गौरव वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की. एक भ्रान्ति फैलाई गयी की शिवाजी वीर हिन्दू थे और मुस्लिमों के खिलाफ थे. मगर शिवाजी को किसी भी प्रकार से मुसलमानों के प्रति नफ़रत नहीं थी, ना तो एक संप्रदाय के रूप में और ना ही एक धर्म के रूप में. #शिवाजी_महाराज 1/n
वीर शिवाजी के दादा मालोजीराव भोसले ने सूफी संत शाह शरीफ के सम्मान में अपने बेटों को नाम शाहजी और शरीफजी रखा था. #शिवाजी_महाराज 2/n
शिवाजी के खिलाफ औरंगजेब की सेना का नेतृत्व करने वाले राजा जयसिंह थे, जो एक राजपूत थे, और औरंगजेब के राजदरबार में उच्च अधिकारी थे.
शिवाजी की नौसेना की कमान सिद्दी संबल के हाथों में थी और सिद्दी मुसलमान उनके नौसेना में बड़ी संख्या में थे. #शिवाजी_महाराज 3/n