कश्मीर में जोशीजी की एकता यात्रा यात्रा, और लाल चौक में झंडा फहराने की हुनक पर पोस्ट लिखी। उस पर एक जने कमेंट किये है- तो क्या वहां तिरंगा फहराना गलत है???
जवाब जरा साइंटिफिक है।
By 👉 @RebornManish
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पानी हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन के एक अणु से बना होता है। पानी का
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नैसर्गिक गुण है,की वह आग बुझा देता है। जहां कहीं आग लगे, वहां पानी डालना चाहिए।
लेकिन अगर टेम्परेचर बहुत ज्यादा हो, जैसे कि 5000 डिग्री। तब अगर पानी डालेंगे, तो ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अलग अलग हो जाएंगे। अब वे अपने अपने गुण पर काम करेंगे।
हाइड्रोजन ज्वलनशील है,पेट्रोल का बाप।
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खुदई ईंधन है, जो ऑक्सीजन के साथ मिल जाये तो इतनी तेजी से जलेगा की विस्फोट हो जाये।
तो पानी अब आग नही बुझायेगा। औऱ भड़कायेगा।
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आपकी देशभक्ति, झंडा तिरंगा वही पानी है, जो जलती साम्प्रदायिक और क्षेत्रीय भावनाओ को , आम तौर पर ठंडा करके भारतीय बना देता है। नॉर्मलसी ला देता है।
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पर टेम्परेचर इतना ज्यादा हो,की आपकी सेना लगी हो, पागलपन छाया हो, आपको ऑक्युपाईंग विदेशी फोर्स की तरह देखा जा रहा हो, तो वहां जाकर उनकी छाती पर झंडा गाड़ना टेम्परेचर और बढ़ाएगा,और विस्फ़ोट होगा, धमाके होंगे।
आतंकवाद और रिजेक्शन की हाइट पर, संगीनों के साये में लाल चौक में तिरंगा
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फहराना, आपके आक्यूपेशन की बेशर्म प्रदर्शन के रूप में देखा गया। इसका वैली में भारत को सिर्फ नुकसान होना था,
हुआ। हो रहा है, क्योकि वही नीति जारी है। देश ताली बजा रहा है।
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पहले टेम्परेचर कम कीजिए, विश्वास में लीजिए, बताइये कि वे भारत के लोग हैं,आप मुसलमान हो, या सेपरेटिस्ट,
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हो तो भारतीय। जब तापमान कम हो जाये तो देशभक्ति सिखाइये, झंडा लगाइये। पानी डालिये।
लेकिन कश्मीर में टेम्परेचर बढाने से देश भर में खिचड़ी अच्छी पकती है। सो वहां भट्ठी बनाकर उसमें हाइड्रोजन ऑक्सीजन डालते रहेंगे, आपको लगेगा कि पानी डाला जा रहा है, ठीक तो है।
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बहरहाल कश्मीर दूसरा राम मंदिर है। अगले 30 साल जलेगा, हमे जलाएगा, और एक दिन अपने साथ हिंदुस्तान को बहा ले जाएगा।
खुदा न करे कि हम वो दिन, अपने सिन औऱ उसका नतीजा अपनी आंख से देखने को जीवित हों।
सुल्ली डील्स(Sulli Deals)और बुल्ली बाई (Bulli Bai)ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर (Aumkareshwar Thakur)और नीरज बिश्नोई(Niraj Bishnoi)को जमानत मिल गई है..दिल्ली की एक अदालतने मानवीय आधार पर दोनों को जमानत दी है..जमानत देने का कारण बताते हुए अदालत
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ने माना कि अपराधीने पहलीबार अपराध किया है..और लगातार जेलकी अवधि उनकी भलाई में बाधा उत्पन्न करेगी..
मानवीय आधार.?
भलाईमें बाधा.?
जब अपनी भलाई बुराई उन्होंने इतना संगीन अपराध करते वक्त नही सोची तो कोर्ट क्यों सोच रहाहै..यदि उनका ये पहला अपराध है तो निर्भयाके बलात्कारियों का भी
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वो पहला ही अपराध था..फिर उनको फांसी क्यों दी गई..भारत में क्या अब अपराधों को इस आधार पर जस्टिफाई किया जाएगा कि ये पहला अपराध है दूसरा..
परसों हेट स्पीच के मामले में कोर्ट ने कहा कि मुस्कुरा कर दी गई हेट स्पीच अपराध नहीं है..आज सुल्ली डील्स के आरोपियोंको जमानत मिल गई ताकि उनका
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एक राजा था।उसने दस खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे।उसके दरबारियों और मंत्रियों से जब कोई मामूली सी भी गलती हो जाती तो वह उन्हें उन कुत्तों को ही खिला देता।
एक बार उसके एक विश्वासपात्र सेवक से एक छोटी सी भूल हो गयी..
राजाने उसे भी उन्हीं कुत्तोंके सामने डालनेका हुक्म सुना दिया।
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उस सेवक ने उसे अपने दस सालकी सेवा का वास्ता दिया..मगर राजा ने उसकी एक न सुनी।
फिर उसने अपने लिए दसदिन की मोहलत माँगी जो उसे किसी तरह मिल गई।
अब वह आदमी उन कुत्तों के रखवाले सेवक के पास गया और उससे विनती की कि वह उसे दस दिनके लिए अपने साथ काम करनेका अवसर दे।किस्मत उसके साथ थी,
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उस रखवालेने उसे अपने साथ रख लिया।
दस दिनों तक उसने उन कुत्तोंको खिलाया,पिलाया,नहलाया,सहलाया और खूब सेवा औऱ प्यार किया।
आखिर फैसलेवाले दिन राजाने जब उसे उन कुत्तोंके सामने फेंकवा दिया तो वे उसे चाटने लगे, उसके सामने दुम हिलाने और लोटने लगे।
मोदी सरकार ने क़ल राज्यसभा में बताया कि रूस से तेल आयात के बारे में भारत सोच भी नहीं रहा है।
उधर मनी कंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से खबर में कहा है ONGC विदेश ने इसी माह दो भारतीय कंपनियों- HPCL और भारत पेट्रोलियम को रूसी सोकोल ऑयल का एक कार्गो बेचा है।
इस खरीद की ख़बर मैंने
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अपने पोस्ट में दी थी।
यानी 22 घंटे काम करने का दावा करने वाली मोदी सरकार को पता नहीं कि उसकी तेल कंपनियां कहां से तेल लाकर बेच रही हैं।
अमेरिकी दबाव में संसद को झूठ बोलकर गुमराह तो किया जा सकता है, लेकिन सीआईए और बाकी ख़ुफ़िया एजेंसियों से कैसे बचोगे?
ONGC विदेश की रूसी
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सखालिन प्रोजेक्ट-1 में हिस्सेदारी है। मार्च की शुरुआत में जब तेल बेचने के टेंडर हुए तो अमेरिका के डर से किसी ने भी बोली नहीं लगाई।
लेकिन पिछले दरवाज़े से रूसी तेल भारी डिस्काउंट पर दोनों भारतीय कंपनियों को बेच दिया गया।
अब ONGC विदेश सोच रहा है कि अगर रूसी तेल और कोई नहीं
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कल सड़क पार अहम जलसा था जिसे दक्षिण एशिया का वर्तमान समय का सबसे बड़ी राजनितिक रैली बताई जा रही है।
उसमे इमरान खान ने विदेशी ताकतों पर उसकी सरकार गिराने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया,अन्ना आंदोलन वालों की तरह कागज लहरा कर सबूत होने का दावा भी किया लेकिन बाद में वायदा करने के
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बावजूद चिट्ठी दिखानेसे मुकर गया।
बहरहाल यदि उसकी सरकार जाती है तो यह उसके लिए फायदे का सौदा होगा लेकिन यहाँ जिक्र है नवीन विश्व आदेश का जिसकी परछाई मे कल उसका भाषण था।
थोड़ा इतिहास में चलते है तो1857के बाद हिंदुस्तानकी सत्ता ब्रिटिश महारानीके आधीन हो गई।
लेकिन छोटे छोटे राजे
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राजवाड़े क़ायम रहे,उनके उपर अंग्रेज कलक्टर होता था जिन्हे गवर्नर के आदेश मानने होते थे और गवर्नर के उपर गवर्नर जनरल फिर महारानी।
देखा जाये तो तब कानून व्यवस्था भी बेहतर थी, अदालतों पर भी भरोसा था और नहरो से लेकर रेलवे,डाकघर,बैंकिंग तथा उद्योग भी लग रहे थे।
✍..संघ इसे चिढाने के लिए ही प्रसारित करता हो..
पर है सच।संघीय ढांचे में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनते रहेंगे।
नीचे जो लम्बी चौड़ी सस्थाओ की लिस्ट है,वही सत्ता प्राप्ति का असल जरियाहै,,गैर दलीय संस्थाओ को भाजपा ने खुब पोषण दिया।
कांग्रेस ने गैर दलीय संस्थाओ को लुप्त कर दिया,
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परिणाम सामने है।
*संघ की शाखाओं का Placement देखकर Cambridge, Harvard, Oxford, IIM, IIT, BIT, NIT और पूरी दुनिया हैरान...*
राष्ट्रपति,,,
उपराष्ट्रपति,,,
प्रधानमंत्री,,,
गृहमंत्री,,,
लोकसभा सभापती,,,
2 लाख सरस्वती विद्यामंदिर,,
5 लाख आचार्य,,
एक करोड़ विद्यार्थी,,
2 करोड़ भारतीय मजदूर संघ के सदस्य,,
1 करोड़ ABVP के कार्यकर्ता,,
15 करोड़ बीजेपी सदस्य,,
1200 प्रकाशन समूह,,
9 हजार पूर्णकालिक एवं,,
7 लाख पूर्व सैनिक परिषद,,
1 करोड़ विश्व हिन्दू परिषद् सदस्य(पूरे विश्व मे),,,
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