जब मैं किसी #मुस्लिम परिवार के पांच साल के बच्चे को भी बाक़ायदा #नमाज़ पढ़ते देखता हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। मुस्लिम परिवारों की ये अच्छी चीज़ है कि वो अपना धर्म और अपने संस्कार अपनी अगली 🚩👇 @Sabhapa30724463 @ShashibalaRai12
पीढ़ी में ज़रूर देते हैं। कुछ पुचकार कर तो कुछ डराकर, लेकिन उनकी नींव में अपने बेसिक संस्कार गहरे घुसे होते हैं।
यही ख़ूबसूरती #सिखों में भी है। एक बार छुटपन में मैंने एक सरदार का जूड़ा पकड़ लिया। उसने मुझे उसी वक़्त तेज़ आवाज़ में न सिर्फ समझाया 🚩👇 @KananHTrivedi @imrachits
ही नहीं,धमकाया भी था।तब बुरा लगा था,लेकिन आज याद करता हूँ तो अच्छा लगता है।
#हिन्दू धर्म चाहें कितना ही अपने पुराने होने का दावा कर ले, पर इसका प्रभाव अब सिर्फ #सरनेम तक सीमित होता जा रहा है।मैं अक्सर देखता हूँ कि मज़ाक में लोग किसी ब्राह्मण की 🚩👇 @Kashi_Ka_Pandit @naubatrai
चुटिया खींच देते हैं। वो हँस देता है।
एक माँ आरती कर रही होती है, उसका बेटा जल्दी में प्रसाद छोड़ जाता है, लड़का कूल-डूड है, उसे इतना ज्ञान है कि प्रसाद गैरज़रूरी है।
बेटी इसलिए प्रसाद नहीं खाती कि उसमें कैलोरीज़ ज़्यादा हैं, उसे अपनी फिगर की चिंता है। 🚩👇 @chhotiradha
छत पर खड़े अंकल जब सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो लड़के हँसते हैं,
दो वक़्त पूजा करने वाले को हम सहज ही मान लेते हैं कि साला दो नंबर का पैसा कमाता होगा, इसीलिए इतना अंधविश्वास करता है। 'राम-राम जपना, पराया माल अपना' ये तो फिल्मों में भी सुना है।
में मत्था टेकते या हर #शुक्रवार विधिवत नमाज़ पढ़ते या हर #रविवार चर्च में मोमबत्ती जलाते देखते हैं,तो बहुत फेसिनेट होते हैं। सोचते हैं ये है असली गॉड, मम्मी तो यूंही थाली घुमाती रहती थी। अब क्योंकि धर्म बदलना तो पॉसिबल नहीं,इसलिए मन ही मन खुद को #नास्तिक मान लेते हैं।🚩👇
शायद हिन्दू अच्छे से प्रोमोट नहीं कर पाए या उन्हें कभी ज़रूरत नहीं महसूस हुई। शायद आपसी वर्णों की मारामारी में रीतिरिवाज और हवन पूजा पाठ 'झेलना' सौदा बन गया
वर्ना...
*#सूरज को जल चढ़ाना सुबह जल्दी उठने की वजह ले आता है।*
*#सुबह हवन-पूजा करना नहाने का बहाना बन जाता है।*🚩👇
*और मंदिर घर में रखा हो तो घर साफ सुथरा रखने का कारण बना रहता है।*
*#भजन बजने से जो ध्वनि होती है वो मन शांत करने में मदद करती है।*
*तो #आरती गाने से कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है।*
*हनुमान चालीसा तो डर को भगाने और शक्ति संचार करने के लिए सर्वोत्तम है।*
*सुबह हवन करके निकलो 🚩👇
तो पुरा बदन महकता हैं,टीका लगा लो तो ललाट चमक उठता है। प्रसाद में मीठा खाना तो शुभ होता है...भई, टीवी में एड नहीं देखते?*
*#संस्कार घर से शुरु होते हैं।जब घर के बड़े ही आपको अपने संस्कारों के बारे में नहीं समझाते तो आप इधर-उधर भटकते ही हैं। जो की बुरा नहीं, भटकना भी ज़रूरी 🚩👇
लेकिन इस भटकन में जब आपको कोई कुछ ग़लत समझा जाता हैं, तो आप भूल जाते हो कि आप उस सनातन सभ्यता का मज़ाक बना रहे हो, जिस पर आपका पूरा संसार टिका है, जिस पर आपके माता-पिता का विश्वास टिका है।*
#मैं किसी को बदल नहीं सकता। मैं किसी के ऊपर कुछ थोपना नहीं चाहता। 🚩👇 @kamleshrahang15
*मैं गुरुद्वारे भी गया हूँ। चर्च भी देखा हैं।कभी किसी धर्म का मज़ाक नहीं उड़ाया है,हर धर्म के रीतिरिवाज़ पर मैं तार्किक बहस कर सकता हूँ। लेकिन किसी को भी इतनी छूट नहीं देता हूँ कि मेरे सामने #सत्य_सनातन_वैदिक_धर्म का मज़ाक बनाये।*
🙏🚩🇮🇳
*देशवासियों से निवेदन है कि इस सत्य को पढ़ें।*🙏
हाजी मोहम्मद आमिर खान की फिल्म *लाल सिंह चड्ढा* एक हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गंप (जो बॉलीवुड करता है) की एक प्रति है और पूरी तरह से कम्युनिस्ट एजेंडा वाली फिल्म है।
यह फिल्म दर्शक के अवचेतन मन में सेना के प्रति घृणा पैदा 🇮🇳🚩👇
करती है।
आमिर खान इस फिल्म के एक सीन में हीरोइन करीना कपूर से कहते हैं कि...
"मेरी माँ मुझे सेना में जाने के लिए कहती है, लेकिन मुझे किसी को मारना पसंद नहीं है"
अगर आप इस डायलॉग को बार-बार ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको इस डायलॉग की गंभीरता और एजेंडा जरूर समझ में आएगा। यह लोगों 🇮🇳👇
के अवचेतन मन में विचार डालता है कि... 1. सेना में राक्षसी लोग होते हैं जिन्हें लोगों को मारने में मजा आता है। 2. मारने वाले सैनिक देश के दुश्मन, आतंकवादी, जिहादी नहीं बल्कि 'लोग' हैं। यह 'लोग' शब्द से आतंकवादी शब्द को कमजोर करता है।
क्या सेना लोगों को मारती है? या देश के👇🇮🇳
साथियों! आजकल हमारे गौरव के प्रतीक तिरंगे पर भी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने तो लंबे समय तक तिरंगा फहराया ही नहीं जबकि इसके पीछे कई कारण और मजबूरियां रहीं।
लेकिन आज भी जहां भगवा मजबूत है तिरंगा वहीं फ़हर सकता है, तिरंगा 31 दिसंबर 1929 को देश का ध्वज बना 🇮🇳👇
लेकिन भगवा उससे पहले हजारों वर्षों से भारत का ध्वज रहा है 1929 से पहले हजार साल के मुगल काल का संघर्ष हो या उससे भी पहले महाभारत का युद्ध हो भगवान कृष्ण और भगवान राम भी भगवा ध्वज को लेकर ही राष्ट्रधर्म के लिए लड़े और छत्रपति शिवाजी महाराणा प्रताप हो या सिकंदर को धूल चटाने 🚩👇
वाले पौरुष हों,हजारों वर्षों से भारत भगवा ध्वज को आगे रखकर राष्ट्र धर्म की रक्षा करते आया। परम पवित्र भगवा ध्वज भारत का नैसर्गिक ध्वज है लेकिन हां 1929 में एक ध्वज बनाया गया शुरू में अवर फ्लेक्स कमेटी ने भगवा ध्वज को ही राष्ट्रध्वज करने का निर्णय लिया था लेकिन सेकुलरिज्म के 🚩👇
*वो 20 प्रमाण जो कुतुब मीनार को 'वेधशाला/सूर्य स्तंभ' साबित करते हैं*
_पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा के तहलका मचाने वाले 20 दावे_ 1- इसका निर्माण खगोल विज्ञान पर आधारित है। 2- इसे कर्क रेखा के ऊपर बनाया गया। 3- इसे सूर्य की गतिविधि की गणना करने के लिए बनाया गया था🚩👇
4- इस मीनार की छाया 21 जून को 12 बजे जमीन पर नहीं पड़ती है। 5- यह कर्क रेखा से पांच डिग्री उत्तर में है।
6-विक्रमादित्य ने सूर्य स्तंभ के नाम से विष्णुपद पहाड़ी पर यह वेधशाला बनाई थी 7- इस मीनार के ऊपर बेल बूटे घंटियां आदि बनी हैं,जो हिंदुओं से संबंधित निर्माण में होती हैं
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8- इसे 100 प्रतिशत हिंदुओं ने बनाया, इसे बनाने वालों के इसके ऊपर जो नाम लिखे हैं उनमें एक भी मुसलमान नहीं था।
9- इसे खगोलविज्ञानी वराह मिहिर के नेतृत्व में बनाया गया था।
10- इस वेधशाला में कोई छत नहीं है।
11- इसका मुख्य द्वार ध्रुव तारे की दिशा की ओर खुलता है।
🚩👇 @naubatrai
एक महिला हैं, वो जयपुर में एक PG ( *पेइंग गेस्ट* ) रखती हैं।
उनका अपना पुश्तैनी घर है, उसमे बड़े बड़े 10 - 12 कमरे हैं।
उन्हीं कमरों में *हर एक मे 3 bed लगा रखे हैं।*
उनके PG में *भोजन* भी मिलता है।
खाने खिलाने की 🙏👇
शौकीन हैं। *बड़े मन से बनाती खिलाती हैं।*
उनके यहां इतना शानदार भोजन मिलता है कि अच्छे से अच्छा Chef नही बना सकता।
आपकी माँ भी इतने *प्यार से* नही खिलाएगी जितना वो खिलाती हैं।
उनके PG में ज़्यादातर नौकरी पेशा लोग और छात्र रहते हैं।
सुबह Breakfast और रात का भोजन तो सब 🙏👇
लोग करते ही हैं।
जिसे आवश्यकता हो उसे दोपहर का भोजन pack करके भी देती हैं।
पर उनके यहां एक बड़ा *अजीबोगरीब नियम है,*
हर महीने में सिर्फ *28 दिन* ही भोजन पकेगा।
शेष 2 या 3 दिन होटल में खाओ,
ये भी नही कि PG की रसोई में बना लो।
ज्ञानवापी मंदिर के बारे मे जानकारी:
पुराणों के अनुसार, ज्ञानवापी की उत्पत्ति तब हुई थी जब धरती पर गंगा नहीं थी और इंसान पानी के लिए बूंद-बूंद तरसता था तब भगवान शिव ने स्वयं अपने अभिषेक के लिए त्रिशूल चलाकर जल निकाला। यही पर भगवान शिव ने 🚩👇 @Sabhapa30724463
माता पार्वती को ज्ञान दिया। इसीलिए, इसका नाम ज्ञानवापी पड़ा और जहां से जल निकला उसे ज्ञानवापी कुंड कहा गया। ज्ञानवापी का उल्लेख हिंदू धर्म के पुराणों मे मिलता है तो फिर ये मस्जिद के साथ नाम कैसे जुड़ गया?