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Aug 25 12 tweets 4 min read
#जाने_यज्ञ_कुंड 🔥 #कितने_प्रकार_के_होते_हैं ? ⛳

यज्ञ कुंड मुख्यत : #आठ_प्रकार के होते हैं और सभी का प्रयोजन अलग अलग होता हैं ।

🌻1. योनी कुंड – योग्य पुत्र प्राप्ति हेतु ।

🌻2. अर्ध चंद्राकार कुंड – परिवार मे सुख शांति हेतु । पर पति पत्नी दोनों को एक साथ
#Thread Image
आहुति देना पड़ती हैं ।

🌻3. त्रिकोण कुंड – शत्रुओं पर पूर्ण विजय हेतु ।

🌻4. वृत्त कुंड - जन कल्याण और देश मे शांति हेतु ।

🌻5. सम अष्टास्त्र कुंड – रोग निवारण हेतु ।

🌻6. सम षडास्त्र कुंड – शत्रुओ मे लड़ाई झगडे करवाने हेतु ।

🌻7. चतुष् कोणा स्त्र कुंड – सर्व कार्य की
सिद्धि हेतु ।

🌻8. पदम कुंड – तीव्रतम प्रयोग और मारण प्रयोगों से बचने हेतु ।
तो आप समझ ही गए होंगे की सामान्यतः हमें चतुर्वर्ग के आकार के इस कुंड का ही प्रयोग करना हैं ।

ध्यान रखने योग्य बाते :- अब तक आपने शास्त्रीय बाते समझने का प्रयास किया यह बहुत जरुरी हैं ।
क्योंकि इसके बिना सरल बाते पर आप गंभीरता से विचार नही कर सकते ।

सरल विधान का यह मतलब कदापि नही की आप गंभीर बातों को ह्र्द्यगमन ना करें ।

जप के बाद कितना और कैसे हवन किया जाता हैं ?
कितने लोग और किस प्रकार के लोग की आप सहायता ले सकते हैं ?
कितना हवन किया जाना हैं ?
हवन करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना हैं ?

क्या कोई और सरल उपाय भी जिसमे हवन ही न करना पड़े ? किस दिशा की ओर मुंह करके बैठना हैं ?
किस प्रकार की अग्नि का आह्वान करना हैं ?
किस प्रकार की हवन सामग्री का उपयोग करना हैं ?
दीपक कैसे और किस चीज का लगाना हैं ?
कुछ और
आवश्यक सावधानी ?
आदि बातों के साथ अब कुछ बेहद सरल बाते को अब हम देखेगे ।

जब शाष्त्रीय गूढता युक्त तथ्य हमने समंझ लिए हैं तो अब सरल बातों और किस तरह से करना हैं उस पर भी कुछ विषद चर्चा की आवश्यकता हैं ।

🚩 1. कितना हवन किया जाए ?

शास्त्रीय नियम तो दसवे हिस्सा का हैं । 🚩
इसका सीधा मतलब की एक अनुष्ठान मे 1,25,000 जप या 1250 माला मंत्र जप अनिवार्य हैं और इसका दशवा हिस्सा होगा 1250/10 =
125 माला हवन मतलब लगभग 12,500 आहुति । (यदि एक माला मे 108 की जगह सिर्फ100 गिनती ही माने तो) और एक आहुति मे मानलो 15 second लगे तब कुल 12,500 *
15 = 187500 second
मतलब 3125 minute मतलब 52 घंटे लगभग। तो किसी एक व्यक्ति के लिए इतनी देर आहुति दे पाना क्या संभव हैं ?

🚩2. तो क्या अन्य व्यक्ति की सहायता ली जा सकती हैं? तो इसका उतर हैं हाँ । पर वह सभी शक्ति मंत्रो से दीक्षित हो या अपने ही गुरु भाई बहिन हो तो अति उत्तम हैं । जब यह भी न
संभव हो तो गुरुदेव के श्री चरणों मे अपनी असमर्थता व्यक्त कर मन ही मन उनसे आशीर्वाद लेकर घर के सदस्यों की सहायता ले सकते हैं ।

🚩3. तो क्या कोई और उपाय नही हैं ? यदि दसवां हिस्सा संभव न हो तो शतांश हिस्सा भी हवन किया जा सकता हैं । मतलब 1250/100 = 12.5 माला मतलब लगभग 1250 आहुति =
लगने वाला समय = 5/6 घंटे ।यह एक साधक के लिए संभव हैं ।

🚩4. पर यह भी हवन भी यदि संभव ना हो तो ? कतिपय साधक किराए के मकान में या फ्लैट में रहते हैं वहां आहुति देना भी संभव नही है तब क्या ? गुरुदेव जी ने यह भी विधान सामने रखा की साधक यदि कुल जप संख्या का एक चौथाई हिस्सा जप और
कर देता है संकल्प ले कर की मैं दसवा हिस्सा हवन नही कर पा रहा हूँ । इसलिए यह मंत्र जप कर रहा हूँ तो यह भी संभव हैं । पर इस केस में शतांश जप नही चलेगा इस बात का ध्यान रखे ।

🚩5. स्रुक स्रुव :- ये आहुति डालने के काम मे आते हैं । स्रुक 36 अंगुल लंबा और स्रुव 24 अंगुल लंबा होना
चाहिए । इसका मुंह आठ अंगुल और कंठ एक अंगुल का होना चाहिए । ये दोनों स्वर्ण रजत पीपल आमपलाश की लकड़ी के बनाये जा सकते हैं ।

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Aug 27
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#Threads
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Aug 27
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यह आत्मा को शरीर से बाहर निकलने के मार्ग हैं |
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१.अग्नि में ३ तीन दिनों तक
२. घर में स्थित जल में ३ दिनों तक

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Aug 26
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#Thread
@Itishree001 @IndiaTales7 Image
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Aug 25
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@IndiaTales7
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Aug 24
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/2
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