Today is the Maha Ashtami(2nd oct 6:47 pm onwards to 3rd Oct 4.37pm) of Durga Puja and this is special day for devotees across India; especially in Mithila and Bengal but not limited to that area. (1) #Mahaashtami
An auspicious day to seek blessings frm the Mother Goddess beleived to leave her maternal place for in-law's. In #Mithila & other part of #Bihar, the tradition of offering 'Khoincha'(खोंइछा भरना) is very important where married women pay offerings to the Goddess(2) #Mahaashtami
'Khoinchha'(खोंइछा) in #Maithili means "Aanchal" with the offerings to a beloved person; be it daughter leaveing her father's house afte marrige or the Mother Goddess who is beleived to staying in her Mayaka till Saptami(7th day of the Puja). (3) #Mahaashtami
In 'Khoinccha' offering only married women can participate and they seek blessing from the Mother for the long life and happiness for her husbands. Normally, a five year pledge is taken which can be extended till the will, age and circumstances allow.(4) #Mahaashtami
In #Khoinchha, normally a Saree, vermilion, cosmetics, rice, coconut and money(not necessary) are offered to the Goddess part of which is normally given back to the devotees as 'Prasad' and considered auspicious for the devotees. (5) #Mahaashtami
There is long queues of women in the villages of Bihar tonight for offering #Khoinchha and its energy is rare in festivals as the daughter is leaving her father's house. Grief & joy! Only to be comapred with Ganesh Chaturthi where Lord Ganesh is treated as child! (6) #mahaashtami
In #Mithila; animal sacrifice(Goat) is offered to the Goddess and in the night #Khoinccha' happens. One animal is sacrificed in the night and normally Khoinchha takes place before it; however not restricted. If someone is left, she can offer it in the morning.(7) #Mahaashtami
I dont know similar offerings to the Goddess in other part of India; may be due to lack of my exposure. The 'Anajali'(Pushpanjali) is #Bengal is perhaps diff from #Khoinchha which takes place daily in the evening. (8) #Mahaashtami
I talked to the my mother in my village and she was little sad that she could not go to Durga Sthan this year as she is not well. Also, she is widow now; however she has done the #Khoinchha offerings for years. Still she wanted to feel the energy there. (9) #Mahaashtami
A unique tradition where Goddess is treated as mother and daughter as well. She is always here to bless us and she will come again next year to her 'Mayaka'! She is always there in our household and heart as our 'Kuldevi'(family deity) (10 end) #Mahaashtami
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#ChhathPuja
1.प्रश्न ये है,आखिर बिहार/आसपास के क्षेत्र में ही छठ क्यों? यह कब से मनाया जा रहा है और इसकी सर्वव्यापकता का राज क्या है? छठ की कुछ बातें उल्लेखनीय हैं- सूर्योपासना, पुरोहित या कर्मकांड का न होना, व्यापक समाज की भागीदारी और स्थानीय वस्तुओं, फलों और उत्पादों का प्रयोग
#ChhathPuja 2. कह सकते हैं कि यह पर्व 'सभ्यता-पूर्व' पर्व है- उस समय का पर्व, जब समाज अपने ठोस रूप में संगठित होना शुरू नहीं हुआ था. शायद इसलिए भी इसमें सभी जाति-वर्ण के लोग एक जैसी श्रद्धा से भाग लेते हैं.
#ChhathPuja 3. रामधारी सिंह दिनकर अपनी किताब ''संस्कृति के चार अध्याय'' में संकेत देते हैं कि हो सकता है इस प्रकार के पर्व उन अनार्य और जनजातीय महिलाओं द्वारा आर्यों की संस्कृति में प्रविष्ट किए गए हों जिनसे विवाह आर्य लोगों ने इन क्षेत्रों में आगमन के बाद किया था.
#ChhathPuja#Economics
Considering greater Bihar population (including part of UP east) at 15 cr and migration of 20% as not all could celebrate Chhath (and not only 20 pc are migrant),it happens to be around 2.5 cr household. (1)
#ChhathPuja#Economics
Reducing 15 % Muslim population brings us at 2.1 cr household. A conservative estimate would be the expense of Rs 1000 household each. So, it may stand out at 2500 cr rupees minimum.(2)
#ChhathPuja#Economics
I have not added crackers, sound, keertan, celebrity singers and Darbhanga-Patna air travel cost and Railway revenues! Also, the cost of cleanliness, water body cleaning, lesser crime scenerio may be add to another thousand crore rupees (3 )
#BhagalpurAirport
कल ट्विटर पर भागलपुर एयरपोर्ट ट्रेंड कर रहा था और मेरा मत है कि वहाँ एक एयरपोर्ट होना ही चाहिए। बल्कि मैं इसमें कुछ संशोधन के साथ(अगर संभव हो तो) इसे भागलपुर और मुंगेर के बीच में कहीं बनाने की मांग करता हूँ। (1)
#BhagalpurAirport
भागलपुर बिहार का एक प्रमुख व्यापारिक शहर है और दक्षिण पूर्वी बिहार का तो सबसे बड़ा शहर है। इसकी आबादी करीब 5 लाख है और हस्तशिल्प से लेकर, शिक्षा, साहित्य, कला आदि में इसका बड़ा योगदान रहा है। यहां शरतचंद्र जैसे बड़े लेखक भी आकर रहे, जिनका यहीं पर ननिहाल था। (2)
#BhagalpurAirport
भागलपुर से देश के अन्य हिस्सों में जाने के लिए अभी ट्रेन से 25 से 50 घंटे तक लगते हैं। यहाँ से सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट पटना या बंगाल में बागडोगरा है जहाँ जाने में कम से चार-पाँच घंटे लगते हैं। दरभंगा का नया एयरपोर्ट भी वहाँ से करीब पाँच-छह घंटे की दूरी पर है। (3)
बिहार में खासकर मिथिला क्षेत्र की बात करें तो किसानी की हालत खराब तो है, लेकिन वृक्षारोपण/बागवानी बढ़ रही है। ख़ासकर लोग आम, जामुन, महोगनी और सागवान के पेड़ लगा रहे हैं। मछली पालन बढ़ रहा है, लोग तालाब खुदवा रहे हैं।आंध्र की मछली अब नहीं दिखती, बंगाल से मछली की आमद बढ़ी है। (1)
बंगाल से उत्तर बिहार में मछलियों की आवक का कारण चार लेन हाईवे है और बेहतर ग्रामीण सड़कों का होना है। वहाँ से जिंदा मछलियाँ आती हैं और यहाँ के तालाबों में 3-4 दिन तक रखी जाती हैं। स्वाद में बहुत फर्क नहीं है। आज से 10-15 साल पहले तक यहाँ पर आँध्र की मछलियों का राज था। (2)
सरकार भले ही बिहार में ज़मीन की चकबंदी न कर पाई हो, पर लोग निजी स्तर पर ज़मीन को एक जगह लाने की कोशिश कर रहे हैं। पलायन ने आबादी का घनत्व घटाया है, समाज में बाहरी पैसों से ही सही, थोड़ी समृद्धि दिखती है। कानून व्यवस्था तुलनात्मक रूप से ठीक है। ज़्यादातर झगड़े भूमि विवाद के हैं(3)