यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में नवनिर्मित एम्स जिसका लोकार्पण 5 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी जी करने जा रहे हैं।प्रधानमंत्री ने अक्टूबर 2017 में इसका शिलान्यास भी किया था।
एम्स बिलासपुर,1,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित है।
इस अत्याधुनिक अस्पताल में 18 स्पेशियलिटी और 17 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 18 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, 64 आईसीयू बेड के साथ 750 बेड शामिल है।
यह अस्पताल 247 एकड़ में फैला है। यह 24 घंटे आपातकालीन और डायलिसिस सुविधाओं, अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जैसी आधुनिक डायग्नोस्टिक
मशीनों, अमृत फार्मेसी व जन औषधि केंद्र और 30 बिस्तरों वाले आयुष ब्लॉक से सुसज्जित है।
अस्पताल ने हिमाचल प्रदेश के जनजातीय और दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है। साथ ही, काजा, सलूनी और केलांग जैसे दुर्गम
जनजातीय और अधिक ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अस्पताल द्वारा विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
इस अस्पताल में हर साल एमबीबीएस कोर्स के लिए 100 छात्रों और नर्सिंग कोर्स के लिए 60 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री 3,650 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री 1,690 करोड़ रुपये से अधिक के राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाने की परियोजना की आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क की आधारशिला रखेंगे और
बंदला में सरकारी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन करेंगे।
5g के बारे में TV वाले जो बता रहे हैं...
"इससे सेकेंडों में फ़िल्म डाउनलोड हो जायेगी" अला बला, मैंने उसको सुन के अपना माथा पिट लिया, क्या गज़ब का देश है क्या गज़ब के पत्रकार हैं। वही "2000 की नोट में चिप लगी है" वाले पत्रकार हैं ये सब। ये वही पत्रकार हैं जो रूस
यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को जिता दिये थे, कल रूस ने 15% यूक्रेन को जब रूस घोषित कर दिया तो लगे उल्टी हवा में बहने, रूस को तो कई दद्दा लोग भी हरा चुके हैन... खैर।
नोट : 5g टेलीकॉम में एक क्रांति है,
5g अपने सैकड़ों यूज़केस के लिये अनोखा है। सबसे बड़ी बात है कि
यूज़ केस आगे बढ़ते ही जायेंगे। IoT, रोबोटिक्स, सेल्फ ड्राइव कार, मेडिकल, कृषि क्षेत्र में बहुत व्यापक बदलाव होंगे। अभी तक नेटवर्क से मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि ही जुड़ते थे, 5g इससे आगे के डिवायस को जोड़ने में सक्षम होगा, जैसे रोबोट, सेल्फ ड्राइव कार, ड्रोन, मेडिकल सर्जरी आदि,
"हिंदुत्व" मूवी आ रही है, कुछ लोग लहालोट हो रहे हैं कि अब बढ़िया है, ऐसी फिल्में बनाई जानी चाहिए लेकिन यह आपकी सबसे बड़ी गलती है ...
यह फ़िल्म नही चलेगी, आज लिखकर दे सकता हूँ, इसका भी उसी तरह से डब्बा गोल हो जाएगा जैसा बुरा हाल "कन्वर्जन" फ़िल्म का हुआ था, जिसके बारे में
कुछ लोग मर मर कर प्रचार कर रहे थे और खूबियों बताते थकते नही थे।
यह फ़िल्म युवाओं को आकर्षित ही नहीं कर सकती है, राष्ट्रवादी लोगों को भी नही, बिल्कुल झूठ, बकवास और बनावटी लग रहा है।
कारण यह है कि आज राष्ट्रवाद के नाम पर कुछ भी ऊलजलूल परोसने की कोशिश भी हो रही है।
आज हमें जरूरत है Vivek Ranjan Agnihotri जी जैसे गम्भीर और अच्छे फिल्मकारों की, जो हमारे मुद्दे और हिंदुत्व पर फ़िल्म बनाते हुए भी यह ध्यान रखते हैं कि कहानी फेक न लगे, रिसर्च प्रॉपर की जाए और वामपंथी फ़िल्म देखकर जल भून जाए लेकिन यह न कह सके कि यह प्रोपोगंडा है, बकवास है।
जनता यदि कांग्रेस को सत्ता न दे तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है।यदि सत्ता दे, लेकिन क्लियर मैंडेट ना दे तो लोकतंत्र की हॉर्स ट्रेडिंग होने लगती है।लेकिन यदि सत्ता दे और क्लियर मैंडेट के साथ भी दे, हॉर्स ट्रेडिंग भी ना हो तो? तो फिर कांग्रेस इस सत्ता का क्या करती है, उसकी तस्वीर
आज राजस्थान में दिख रहा है। राजस्थान का लोकतंत्र आज कितना बुलंद है!
बहुमत से सत्ता सौंप देने के बावजूद भी कांग्रेस लोकतंत्र के साथ क्या करती है, आज के डिजिटल युग को यह बात अंतिम रूप से समझ लेना चाहिए। कौन पायलट खेमा है, कौन गहलोत खेमा है, इससे आम जनता को क्या लेना देना? आम जनता
का काम है 5 वर्ष में एक बार राज्य के कल्याण के नाम पर वोट कर देना। राजस्थान की जनता ने कितने सूझबूझ से एक काम तो अवश्य किया, चुनाव में एक क्लियर मैंडेट दिया। किसी पार्टी के पक्ष में जनता इससे ज्यादा और क्या कर सकती है?
लेकिन कांग्रेस ने राजस्थान को क्या दिया? चुनावी वायदों को तो
भारतीय ग्रंथों में वर्णित है कि दिव्यास्त्र पाने के लिए अखण्ड साधना, ज्ञान-विज्ञान, योग, ध्यान, आत्मबल, त्याग, और वासनाओं से मुक्ति होनी चाहिए ...
ब्रह्मंड के संचालक देवराज इंद्र जिनके अदम्य शौर्य और ज्ञान का वर्णन वेद करते हैं उन्होंने भी जब दधीचि ऋषि से वज्र प्राप्त किया
था तो कई परीक्षाओं को दिया था।
भगवान राम ने जब विश्वामित्रजी व अगस्त्यजी से दिव्यास्त्र प्राप्त किए थे तो उन्होंने भी कई परीक्षाओं को दिया और आत्मसंयम, धैर्य, करुणा, शौर्य का परिचय दिया।
भगवान पिनाकपाणी रुद्र से जब भगवान परशुराम ने उनका पिनाक धनुष लिया था, जिससे परशुराम ने
सहस्रबाहुअर्जुन को पराजित किया था, तो उसके पहले उन्होंने घोर तपस्या की थी। बाद में यही धनुष उन्होंने महाराज जनक को दिया था।
इसी प्रकार अजानबाहु अर्जुन ने जब देवाधिदेव महादेव से विनाश का अस्त्र पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था तो उसके पहले घोर तपस्या की और भगवान रुद्र से ही युद्ध
ब्रह्मास्त्र
शुरू होते ही हकले का कैमियो ह उससे पहले बच्चन की आवाज में एक कहानी सुनाई जाती ह जिसमे न कोई देवी देवता ह ओर न ही कोई सनातनी चिन्ह
बस आकाश से हथियार उतरता ह ऋषि मुनि उसकी सुरक्षा करते ह ओर ये ब्रह्मास्त्र कहलाता ह ।
फिर हकला आता ह अपनी ओवर एक्टिंग की दुकान ले
कर , वैज्ञानिक बना ह मगर डायलॉग ओर एक्टिंग ऐसी ह की सस्ती लैला मजनू का जोकर लगता ह ।
दो गुंडे आते ह उससे वो हथियार छिनने ये कुछ देर उंस हथियार को पैर में पायल की तरह पहन कर बंदर की तरह उछलकूद करता ह फिर एक tv सीरियलों वाली सस्ती नागिन की तरह कोई आती ह जो इसे जलती हुई रस्सी
से बांध कर वो चेन नुमा हथियार इससे ले जाती ह हकले को मार कर ।
वही घटिया डायलॉग रोशनी अंधेरे की लड़ाई आदि
रणबीर झंडू जैसा दिख रहा ह ।
इतनी फ़िल्म शुरुआत की 20, 25 मिनट ह
इससे अधिकः झेल नही पाया इसलिए मोबाइल बन्द कर दिया ।
घटिया डायलॉग, घटिया ओर उटपटांग कहानी , नाम सनातनी
आखिर क्या कारण था कि कोंग्रेस वामपंथियों ने हजारों गरीब हिंदुओं को #ईसाई बनाने वाली विदेशी #चर्च की चालक नन #टेरेसा को भारत की #मदर माँ बनाकर प्रमोट किया उसे भारत रत्न तक दिया, क्यों किसी अमृतामई जैसी माता को जिसने भारत में गरीबों के लिए पूरा जीवन खपा दिया उसको कांग्रेश
वामपंथियों ने मदर इंडिया क्यों नहीं बनाया हर स्तर पर कांग्रेस वामपंथियों ने भारत के साथ धोखा किया है ,जबकि मोदी ने माता #अमृतामई जो लाखो गरीबों का निशुल्क इलाज भोजन स्कूल की व्यवस्था करती है उस माता अमृतामई को सम्मान देकर देश के सामने लाते है। यह सम्मान चर्च की टेरेसा की बजाय
माता अमृतामई जैसी भारत की किसी माताओं को कांग्रेस वामपंथीयो ने क्यों नहीं दिया सिर्फ इसलिए कि वो हिन्दू धर्म की सन्त थी और टेरेसा ईसाई नन थी।
कांग्रेस ने बहुत सुनियोजित तरीके से चर्च को प्रोटेक्शन दिया और चर्च ने कांग्रेस के साथ मिलकर भारत के हर राज्य में कांग्रेस के शासनकाल में