🚨 Be Alert 🚨
☝️आप क्या समझते है कि यह सब अभी अचानक हो रहा है❓❓❓
☝️जी नहीं यह बहुत समय के "पेपर वर्क" और "रिसर्च" के बाद शुरू किया गया काम है***
☝️आप शायद विश्वास नहीं कर पाओगे...
☝️लेकिन इस समय पूरे देश भर में एक अनुमान के आंकड़ों के हिसाब से लाखों लड़कियां...
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इन जिहादियों के जाल में फँसी हुई हैं...
☝️ये जिहादी एक बहुत बड़ी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रहे है...
☝️इसलिए ही ये लोग एक साथ इन लड़कियों को लेकर गायब हो रहे है और एक षड्यंत्र के तहत अपने मिशन को अंजाम दे रहे हैं...
☝️ये धीरे-धीरे इस षड्यंत्र को अंजाम दे रहे हैं...
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☝️वो भी सिर्फ एक इंसान को हराने की खातिर...
☝️यदि अचानक इन्होंने एक साथ इस षड्यंत्र को अंजाम दिया तो बहुत बड़ा बबाल हो सकता है...
☝️इसलिए ही ये सब हिन्दुओं के साथ मानसिक युद्ध की तैयारी है,सबसे पहले ये आपके दिमाग में एक डर भरना चाह रहे हैं...
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☝️भगवान श्रीकृष्ण ने हर उस योद्धा के साथ-साथ उस आम प्रजा तक को उचित सजा तक पहुँचाया,जिसने भरी सभा में द्रौपदी "चीरहरण" के समय आँखे बंद कर ली थी…
☝️आज हम जिन विषम परीस्थितियों में फंसे हुए है कि हम सबके अस्तित्व पर ही बन आयी है अगर सब चीजों को नाप तोल देखे तो...
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☝️जो असल हकीकत हम सभी के समक्ष निकलकर सामने आती है,तो वो ये है कि ये #क्षमादान ही हिंदुओं के विनाश का असल कारण है***
☝️ये क्षमादान ही हिंदुओं की बह-बेटियों की मंडियां लगवाने का कारण है***
☝️ये क्षमादान ही हिंदुओं की नपुंसकता का कारण है और एक महत्वपूर्ण बात ये है कि
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☝️जिन्होंने क्षमादान की ये कुप्रथा चलाई वो लोग सोमनाथ के मंदिर को ही नहीं बचा पाए,न ही "नालंदा विश्वविद्यालय" को बचा पाए***
☝️जिनकी दिमागी मानसिकता ही ये थी,ये तो वो लोग थे जो #धर्मयुद्ध_की_युद्धभूमि से पलायन कर रहे थे...
☝️ये वही थे जो धर्मयुद्ध लड़ना ही नहीं चाहते थे,
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☝️एक महाशय को ट्रेन में बिना टिकट चढ़ने की आदत थी।
☝️कभी पकड़े नहीं गये थे,इसलिये मन भी बढ़ता गया।
☝️अब वो किसी की भी सीट पर जाकर जबर्दस्ती बैठ भी जाते यहां तक कि टोकने पर हाथापाई पर उतर जाते थे...
☝️ऐसे ही दिन दिन भाई का मन बढ़ते ही चला गया।
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☝️हद तो तब हो गयी जब एक दिन "एयर कंडीशन बोगी" में चढ़ गये वह भी आदत से मजबूर बिना टिकट और जाकर एक सज्जन की सीट पर बैठ गये।
☝️उन सज्जन ने मना किया तो आदतन शुरु हो गये, पहले भला बुरा कहा, फिर धमकी देने लगे, उससे भी काम नहीं चला तो हाथापाई पर उतारु हो गये।
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☝️उस सज्जन ने फोन करके पुलिस को बुला दिया...
☝️वो तो पुलिस के सामने भी हेकड़ी बघार रहे थे तब तक टीटी भी आ गये।
☝️उन्होंने आते ही सबसे पहले उन महोदय से टिकट मांगा।
☝️अब टिकट तो उनके पास था नही तो आँय -बांय बकने लगे। टीटी ने फ़ाइन की बात की,
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हिन्दू कल भी मरा था हिन्दू आज भी मर रहा है...
१९८९ से अबतक हिन्दुओं के हालात पर एक नजर डालते हैं..
*१९८९-९० में कश्मीरी पंडितों की लड़कियों की इज्जत लूटी गई. कश्मीरी हिन्दुओं को या तो मार दिया गया या फिर कश्मीर से
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खदेड़ दिया गया...
उसी समय "मंडल कमीशन" लाकर १९९० में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा हिन्दुओं के बीच जहर भरने के बाद कई ऊँची जाति वाले हिन्दुओं ने आत्मदाह किया और कई को गोली मार दी गई...
*बाबरी के वक़्त मुलायम सिंह के द्वारा ने कई हजार हिन्दुओं को गोली मरवा
दी गयी,जिसमें बूढ़े और औरते भी शामिल थे…
*हैरानी की बात तब हुई जब उसी समय एक छोटा या पिद्दी देश बॉग्लादेश में बाबरी विध्वंस के विरोध में मुल्ले हिन्दुओं की लड़कियों की इज्जत लूट रहे थे... जगह-2 मंदिरों को ढहाया जा रहा था और हिन्दुओं को भारत भागने का हुक्म जारी किया गया था और
☝️एक बात बताइए,आपने ऐसी कितनी घटनाएं देखी व सुनी हैं...
☝️जिसमें बलात्कारी,अपहरणकर्ता या हत्यारा भी मुस्लिम है और पीड़िता भी मुस्लिम है❓
☝️ऐसा क्यूं है कि हर बार कोई गैर मुस्लिम ही इनका शिकार होता है❓
☝️क्या ये कोई साजिश नहीं है❓
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☝️यदि मान लिया जाए कि हवस की आग में आदमी बलात्कार करता है*
☝️तो वो काफि₹ को ही क्यों ढूंढ़ता है❓
☝️आग तो आग होती है ना❓
☝️यदि प्यार एक अंदर की भावना है,ये जात-मजहब देख के नहीं होती*
☝️तो लगभग हर बार ये तथाकथित "प्यार" एक हिन्दू लड़की को मुस्लिम से ही क्यूं होता है❓
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☝️तो बहनों-भाईयो आप सभी के पास समय बहुत कम है,
☝️अपराध का मजहब देखना शुरू कीजिए नहीं तो भविष्य में दुनिया के नक्शे में आपके अस्तित्व को ढूंढ़ना तक मुश्किल होगा
☝️ये तथाकथित भाईचारा और गंगा-जमुना तहजीब वाले आपको एकतरफा प्यार मोहब्बत सिखाकर के आपको "स्लो प्वाइजनिंग" दे रहे हैं
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सब कितना बढ़िया चल रहा था*
हिन्दू मजारों पर चादर चढ़ाता था,कभी-2 गोवा के चर्च भी चला जाता था और मंदिरों के रखरखाव की बुराई करता था! अपने देवी देवताओं पर बने जोक्स सुनता सुनाता था!
बॉलीवुड की फिल्मो में अपने रीति रिवाजों,संस्कारों की धज्जियां उड़ते देख बुरा भी नहीं मानता था!
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अपने ईश्वर के स्वरुप का मजाक बनते देखकर भी शांत ही रहता था! अपने आराध्य भगवान श्रीराम के मंदिर की जगह हॉस्पिटल बनाने को भी सही मानता था!
सब कितनी ख़ुशी ख़ुशी मिलजुल कर रह रहे थे***
फिर अचानक एक दिन हिन्दू को आत्मसमान का ज्ञान हुआ! उसने बाकी धर्मों की तरह अपने देवी-देवताओं
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के बनते मजाक पर सवाल उठाया, बवाल मचाया!
अपने मंदिरों में दान,पुण्य और सेवा शुरू की!
कोई एक मारे तो उसका दो से जवाब दो वाली रणनीति अपना ली!
तो बस फ़ैल गया जातिवाद, इनटॉलेरेंस और डर का माहौल!
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