2014 तक का समय याद कीजिए, इसी देश में, हिंदी पट्टी में सब चाय की दुकान से, घर और कॉलेज-दफ्तर तक अंबानी या कारपोरेट को गाली देते थे, यूपीए को उद्योगपतियों की सरकार बता कर निंदा करते थे।
अब क्या हुआ अचानक? वही अंबानी-अडानी कैसे महान हो गए? #Adani देश हो गया?
आपका सच (Thread) 2/N UPA2 याद है? तो घोटाले-भ्रष्टाचार के आरोप भी याद होंगे? याद होंगे अण्णा हज़ारे भी?
उस दौरान एक नाम बहुत चर्चित था..नीरा राडिया..नीरा के फोन कॉल जिन उद्योगपतियों के साथ रेकॉर्ड हुए थे, उनमें से दो नाम थे, मुकेश और अनिल अम्बानी...याद आ ही गया होगा... #Adaniscam
आपका सच (Thread) 3/N ये भी याद आया होगा कि कैसे मुकेश अम्बानी ने पिता की सम्पत्ति का अहम हिस्सा हासिल किया था..ये भी कि मुकेश और अनिल ने फोन पर राडिया से क्या बात की थी..कैसे एक ने BJP-Congrss को अपनी दो दुकानें बताया था..और कैसे अनिल लगभग निवेदन की मुद्रा में थे.. #Adaniscam
आपका सच (Thread) 4/N याद ही होगा कि कैसे यूपीए2 में ही अडानी को भी प्रोजेक्ट्स मिलने पर हम सब सवाल उठाते थे। यूपीए2 के ख़िलाफ़ अहम माहौल में एक कारण उद्योगपतियों के सामने सरकार का झुका होना भी रहा। भाजपा तक ने इसको अपने विरोध और चुनावी कैंपेन में शामिल किया।
याद है न? #Adani
आपका सच (Thread) 5/N रिपोर्टर्स में लगभग हम सब बात करते थे कि कैसे मुकेश के दबाव में पेट्रोलियम मंत्री बदले गए..चाय की दुकानों तक पर अम्बानी भाईयों के दबाव या हर बार बच निकलने पर चर्चा होती थी..हम सब UPA-कांग्रेस को अम्बानी का दलाल, करप्ट, न जाने क्या-क्या कहते थे.. #Adaniscam
आपका सच (Thread) 6/N आपने सोचा है कि अब ऐसा क्या बदल गया है? तब नेता, मंत्री, PM ऐसे खुल के किसी उद्योगपति से दोस्ती का प्रदर्शन तो नहीं करते थे, करते तो ग़लत माना जाता
अब?
मोदी ये करते हैं..#Adani खुलेआम PM के सबसे करीबी लोगों में से हैं..पहले मुकेश अंबानी थे.. #Adaniscam
आपका सच (Thread) 7/N जो कारपोरेट्स 2014 तक भ्रष्ट थे, वो अचानक पवित्र कैसे हो गए हैं? क्यों आखिर उन भ्रष्टों के साथ दोस्ती को लेकर मीडिया से लेकर आम लोगों तक, किसी में कोई गुस्सा या चिंता नहीं है? आखिर सारे पाप धुल गए, तो कैसे धुल गए... #Adaniscam#Adani
आपका सच (Thread) 8/N अब ये सवाल नहीं होता कि PM की #Adani से ऐसी करीबी क्यों होनी चाहिए? अब इनके लिए विकास का हवाला दे दिया जाता है..चाय की दुकान पर कोई चिंटू ये समझाने लगेगा..वो बूढ़े, जो सैलरी में पत्नी के मैनेजमेंट के बिना घर नहीं चला सकते थे, वो भी यही समझाएंगे.. #Adaniscam
आपका सच (Thread) 9/N क्योंकि करप्शन आपके लिए कभी मुद्दा था ही नहीं! खेल है धर्म-राष्ट्रवाद का..यही कारपोरेट, जो 2014 तक भ्रष्ट थे, उनकी मददगार सरकार भ्रष्ट थी..अब पुण्यात्मा हैं क्योंकि मामला सरकार का नहीं राष्ट्रवाद चिल्लाती सरकार और धार्मिक नारे लगाती पार्टी का है... #Adaniscam
आपका सच (Thread) 10/N धर्म और राष्ट्रवाद, हमेशा पापियों को पवित्र करते आए हैं..वामपंथी या स्कैेंडिनेवियन देश छोड़ दें, तो ये ग्लोबल सच है..जब तक धर्म-राष्ट्रवाद हावी नहीं होता, जनता भ्रष्टाचार, महंगाई, गरीबी सब देखती है..ये दोनों चश्मे चढ़ते ही, पापी ही पुण्यात्मा हो जाता है..
आपका सच (Thread) 11/N अमेरिका को ही देखिए-धार्मिक स्वतंत्रता का देश-राष्ट्रपति चुनाव में ओबामा को सुबूत देना पड़ा कि वो क्रिश्चियन हैं..क्योंकि पुरखे मुसलमान थे। सारे मुद्दे किनारे, बहुसंख्यक धर्म का न होना अहम..अगर वो खुद को ईसाई साबित न कर पाते, रेशियल न्याय जाता भाड़ में
आपका सच (Thread) 12/N ट्रम्प का नारा याद है आपको? 'Make America Great Again..' अमेरिका पहले ही सुपरपावर था तो ये क्या था? क्योंकि ट्रम्प की हरकतें धर्म के यूज़ को सूट नहीं करती तो राष्ट्रवाद के पैंतरे से ट्रम्प जैसा बेहूदा और मूर्ख व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है..
आपका सच (Thread) 13/N तो लोकतंत्र में, आपके यानी कि जनता के दो सबसे बड़े राजनैतिक दुश्मन हैं, धर्म और राष्ट्रवाद..ये पापी को पुण्यात्मा बना देते हैं...ये क़ातिल को मसीहा साबित कर देते हैं...और जालसाज़ को सत्यनिष्ठ... #Adaniscam#Adani#AdaniGroup
आपका सच (Thread) 14/N ये समझ जाएंगे तो मुद्दों पर वोट देंगे, देश बेहतर हो सकता है..असली देशप्रेम यही है..
राष्ट्रवाद, छलावा है..धर्म तो ख़ैर जाने दें..जल्दी समझ जाएं, इसके लिए बस शुरुआत की कारपोरेट वाली बात को फिर पढ़िएगा.. #Adani ठग है, भारत का प्रतिनिधि तो क्या होगा #Adaniscam
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#Gandhi वो आखिरी दिन.. 1/N 30 जनवरी, 1948
द हिंदू संवाददाता
गांधी जी ने प्यारे लाल से नोआखली की स्थिति पर चर्चा की, जो कि वहीं से आए थे। प्यारे लाल का मानना था कि वहीं अल्पसंख्यक हिंदुओं की समस्या का समाधान यही था कि वह व्यवस्थित तरीके से पूर्वी पाकिस्तान से निकल कर भारत आ जाएं।
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 2/N 30 जनवरी, 1948
द हिंदू संवाददाता
बापू इससे असहमत थे, उनका मानना था कि तब पू. पाकिस्तान (आज बांग्लादेश) में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों को वहीं टिकना चाहिए था और करो या मरो के सिद्धांत का पालन करना चाहिए था।
#Gandhi वो आखिरी दिन.. 3/N ये वही सिद्धांत था, जिसके पालन से बापू ने उत्तर भारत, कलकत्ता, नोआखली, दिल्ली में शांति स्थापित करने में सफलता पाई थी। बापू ने कहा, 'हो सकता है कि अंत में उनमें से कुछ ही लोग बचें, लेकिन कमज़ोरी में से शक्ति प्राप्त करने का और कोई तरीका नहीं हो सकता है।
चौथी सदी ई. पू. - सुकरात को ज़हर दिया
1700 - ब्रूनो को ज़िंदा जला दिया
1948 - गांधी को गोली मारी
1968 - मार्टिन लूथर किंग को
2011 - सलमान तासीर को
दाभोलकर को, पानसरे को, कलबुर्गी को, गौरी लंकेश को... 1/N #Gandhi
और हर बार आप गांधी को ही मारने की कोशिश कर रहे थे..हर बार..
हर बार जब आप गांधी को मारते हैं, एक नयी तरह का सच लेकर गांधी फिर आपके सामने आकर खड़े हो जाते हैं...और आप फिर हत्या की कोशिश दोहराते हैं.. 2/N #Gandhi
गांधी ने जीवन का अंतिम दर्शन दिया था..
'ईश्वर ही सत्य नहीं, बल्कि सत्य ही ईश्वर है..'
और सत्य से आपको डर लगता है..क्योंकि आपकी पूरी ताक़त झूठ की बुनियाद पर खड़ी है। इसीलिए आप गांधी से भी डरते हैं.. 3/N #Gandhi
Thread on #KanjhawalaDeathCase -
How not to investigate a story as a #journalists 1/N एक पत्रकार के तौर पर तय करें कि आप क्राइम रिपोर्टिंग कर रहे हैं या इन्वेस्टीगेटिव रिपोर्टिंग। सबसे पहले दोनों में फ़र्क समझें।
Thread on #KanjhawalaDeathCase -
How not to investigate a story as a #journalists 2/N एक क्राइम रिपोर्टर के तौर पर आप केवल, पुलिस की कार्रवाई-जांच और केस की फर्दर प्रोसीडिंग-अपडेट रिपोर्ट करेंगे। आप पीड़ित और आरोपी के बयान पर रिपोर्टिंग कर सकते हैं। आप अपराध रिपोर्ट करेंगे।
Thread on #KanjhawalaDeathCase -
How not to investigate a story as a #journalists 3/N लेकिन अगर आप इन्वेस्टीगेटिव रिपोर्टिंग या इन्वेस्टिगेटिव क्राइम रिपोर्टिंग कर रहे हैं, तो आपको अपराध की जांच के बुनियादी उसूलों को सामने रखना होगा। खोजी अपराध पत्रकारिता के उसूल भी वही हैं।
Thread 1. संघियों की ख़ासियत है कि वो बात, जिसे शर्म से छिपाना चाहिए-उस पर भी ऐसा हल्ला करेंगे कि सब जनता के सामने आ जाए। #savarkar ऐसा ही एक मामला हैं। पब्लिक डोमेन में है, लेकिन @MailtoUniverse नाम का हैंडल है, कहने लगा नहीं, यहीं ट्वीट कर दो माफ़ीनामा..अब लो करा लो ऐसी-तैसी
@MailtoUniverse Thread 2. तो माई डियर @MailtoUniverse ये रहे डॉक्यूमेंट..असली वाले..अब मेरे घर पर नहीं रखे हैं, भारत सरकार के National Archive यानी भारतीय अभिलेखागार से हैं..वेबसाइट का लिंक भी लगा दूंगा, जाकर देख लेना
लेकिन ये बस पहला पन्ना है, एनक्लोज़र और अटैचमेंट्स भी हैं, जिसमें माफ़ीनामा और शर्तें सब हैं..तो ये लो और काग़ज़...यहीं नंगा करवा दो अपने वीर को... @MailtoUniverse
आज की कविता
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कात्यायनी को हम में से ज़्यादातर लोग नहीं जानते हैं, लेकिन फिलहाल उनकी इस कविता को हम जान लें, तो ये समय हमारे लिए अहम हो जाएगा।
1/n
हॉकी खेलती लड़कियां - कात्यायनी की कविता
आज शुक्रवार का दिन है
और इस छोटे से शहर की ये लड़कियाँ
खेल रही हैं हॉकी।
खुश हैं लड़कियाँ
फिलहाल
खेल रही हैं हॉकी
कोई डर नहीं।
2/n
3/n बॉल के साथ दौड़ती हुई
हाथों में साधे स्टिक
वे हरी घास पर तैरती हैं
चूल्हे की आँच से
मूसल की धमक से
दौड़ती हुई
बहुत दूर आ जाती हैं
1. अगर दिल्ली में कार से कुचल दी गई लड़की के बारे में होटल में पार्टी, शराब पीने और झगड़े का न्यूज़ इनपुट सही भी है, तो बजाय इस पर बात करने के कि लड़की ने शराब पी थी, वो नशे में थी कि नहीं..उन लोगों का पता क्यों नहीं लगाया जा रहा है, जिनसे उसका झगड़ा हुआ था? #Delhiaccident
2. वो मीडियाकर्मी, जो ये ख़बर निकाल लाए हैं कि मृतका ने किसी भी तरह का नशा किया था, वो ये पता क्यों नहीं कर पाए कि उसकी दोस्त के अलावा बाकी साथी कहां गए, किन लोगों से उसका झगड़ा हुआ था? साथ ही पुलिस के बयान के इतर, जो ख़बरें सूत्रों के माध्यम से चल रही हैं, उनके साक्ष्य क्या हैं?
3. क्या इस बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी है कि मृतका को कार में सवार 5 के 5 लोगों में से कोई भी पहले से जानता था कि नहीं? क्या इसको लेकर कोई तफ्तीश हुई है, तो उस पर पुलिस का इनपुट क्या है, क्या किसी मीडिया संस्थान ने इसकी तफ़्तीश की है? #Delhiaccident