Its demise represents not only the largest bank failure since Washington Mutual in 2008, but also the second largest failure ever for a retail bank in the United States.
The surprisingly rapid collapse of SVB has left markets rattled. #CollapseOfSiliconValleyBank
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SVB's problems were sparked by customer withdrawals that led the Bank to liquidate securities positions whose values had plummeted due to the Federal Reserve's interest rate hikes as consequence of galloping increase in the inflation.
The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement today (January 28, 2023) demanding a thorough probe into Adani deals:
The National Secretariat of the Communist Party of India has been repeatedly pointing out that the pro-corporate and pro-big business policies adopted by the RSS-BJP combine government led by Narendra Modi are resulting in the loot of national and
and natural assets by Adani and others. The public sector enterprises including LIC have been asked by the Modi government to invest in Adani companies’ shares.
The Adani group is now having control over seaports, airports and profit-making public-sector
*चलो* *चलो* *चलो* *दिल्ली चलो*
*पुरानी पेंशन बहाली ओर PFRDA BILL रद्द किये जाने हेतु एवं सात सूत्री मांग पत्र को सफल बनाने हेतु आप सभी से सादर अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या मे दिनांक 08 दिसंबर 2022 को ताल कटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली पहुंच कर कार्यक्रम को सफल बनाये* #OPS
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कमलेश मिश्र
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ
एस. पी. सिंह, संरक्षक
नरेंद्र प्रताप सिंह, संरक्षक
त्रिवेनी प्रसाद,संरक्षक
दिवाकर सिंह
प्रान्तीयअध्यक्ष
शैलेन्द्रकुमार
प्रान्तीय कार्यकारी अध्यक्ष
संदीप कुमार पांडेय
प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष #OPS
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लखनऊ में पहले~पहल म्युनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव हुए. चौक से अपने समय चौक की मशहूर तवायफ़ और महफ़िलों की शान दिलरुबा जान उम्मीदवार बनीं!
उनके खिलाफ कोई चुनाव लड़ने को तैय्यार नहीं हुआ. उन दिनों एक मशहूर हकीम साहेब थे ~ हकीम शम्शुद्दीन. चौक में उनका दवाखाना था और अपने जमाने के
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मशहूर हकीम थे. बहुत प्रसिद्धि थी उनकी. दोस्तों ने ज़बरदस्ती उनको चुनाव में दिलरुबा जान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया!
दिलरुबा जान का प्रचार ज़ोर पकड़ा. रीज़ चौक में महफ़िलें लगने लगी.
अपने जमाने की मशहूर नर्तकियों जैसे जद्दन बाई के प्रोग्राम होने लगे
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और महफ़िलें खचा ख़च भरी रहती थीं; वहीं हकीम साहेब के साथ बस वो चंद दोस्त थे, जिन्होंने उनको इलेक्शन में झोंका था!
अब हकीम साहेब नाराज़ हुए कि "तुम लोगों ने पिटवा दिया मुझे! मेरी हार तय है."
दोस्तों ने हार नहीं मानी और एक नारा दिया:
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नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम
बस एक फ़िक्र दम-ब-दम
घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए
जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए
इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब - २
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जहाँ आवाम के ख़िलाफ़ साज़िशें हो शान से
जहाँ पे बेगुनाह हाथ धो रहे हों जान से
जहाँ पे लब्ज़े-अमन एक ख़ौफ़नाक राज़ हो
जहाँ कबूतरों का सरपरस्त एक बाज़ हो
वहाँ न चुप रहेंगे हम
कहेंगे हाँ कहेंगे हम
हमारा हक़ हमारा हक़ हमें जनाब चाहिए
जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए
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इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब - २
यक़ीन आँख मूँद कर किया था जिनको जानकर
वही हमारी राह में खड़े हैं सीना तान कर
उन्ही की सरहदों में क़ैद हैं हमारी बोलियाँ
वही हमारी थाल में परस रहे हैं गोलियाँ
जो इनका भेद खोल दे
हर एक बात बोल दे
समूचे मजदूर और मेहनतकश जनता के बीच धर्म, भाषा, क्षेत्र जातीय बटवारा कर सरमायेदार एवं उनकी पार्टियाँ तरह-तरह के खेल खेलते है। अपने देश मे निश्चित ही बड़ी संख्या में आर्थिक, सामाजिक तौर पर पिछड़े लोग है । मगर इस समूचे शोषण से उनकी मुक्ति तभी
√ उनमे से शायद अधिसंख्यक मजदूर - किसान - मेहनतकश है।
√ बँटवारे से उन्हें नुकसान एवम शोषकों की भलाई है।
√ इन समूचे शोषण से उनकी मुक्ति तभी होगी जब अपने देश मे मजदूर - किसान - मेहनतकश का राज होगा।