ये गलत प्रचार है कि यूक्रेन ने माँ काली के अपमान के लिए माफ़ी मांगी है। यूक्रेन ने केवल “खेद” प्रकट किया है और इसे माफ़ी नहीं कह सकते। यूक्रेन एक दोगला मुल्क है, सहायता बंद करनी चाहिए।
आज कुछ अख़बारों में कहा गया है कि यूक्रेन ने मां काली की अपमानजनक पोस्ट के लिए (1/12)
माफ़ी मांग ली है। यह सरासर मिथ्या प्रचार है क्योंकि यूक्रेन ने केवल “खेद” प्रकट किया है और “खेद” प्रकट करने को किसी तरह मांफी मांगना नहीं कहा जा सकता।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने 30 अप्रैल को ट्वीट की गई पोस्ट में मां काली को विस्फोट के धुएं के गुबार के ऊपर गले में (2/12)
नरमुंडों की माला पहने जीभ निकाले दिखाया गया था। इसके साथ ही यह प्रसिद्ध अभिनेत्री मर्लिन मुनरो की फ्लाइंग स्कर्ट मुद्रा में दिखाई गई थी। इस पोस्ट का कैप्शन लिखा था, “वर्क ऑफ़ आर्ट”।
इस पोस्ट पर भारत के लोगों ने प्रचंड विरोध किया और यूक्रेन से आधिकारिक माफ़ी की मांग की (3/12)
थी लेकिन यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने केवल ट्वीट को हटा लिया। इसके बाद यूक्रेन ने अपनी Dy Foreign Minister Emine Dzheppar को आगे कर दिया जो कुछ दिन पहले भारत आई थी, उसने एक ट्वीट में कहा है कि हम भारत की संस्कृति का सम्मान करते हैं और हिन्दू देवी काली की पोस्ट के लिए (4/12)
हम खेद व्यक्त करते हैं। उसका ट्वीट है:-
We regret @DefenceU depicting #Hindu goddess #Kali in a distorted manner. #Ukraine & its people respect unique #Indian culture & highly appreciate support.The depiction has already been removed. is determined to further increase (5/12)
cooperation in the spirit of mutual respect & friendship.
इस ट्वीट में कोई भी देख सकता है केवल Regret किया है यानी “खेद” व्यक्त किया है और “खेद” प्रकट करने को किसी मायने में माफ़ी मांगना नहीं कहा जा सकता। खेद प्रकट, तब किया जाता है, जब कोई भूल गलती ना हुई हो लेकिन माफ़ी (6/12)
किसी गलती के लिए मांगी जाती है और इस तरह यूक्रेन ने अपने रक्षा मंत्रालय के कुकर्म को गलती नहीं माना है।
यूक्रेन को भारत की तरफ से 12 से ज्यादा विमानों ने मानवीय सहायता और दवाएं भेजी जा चुकी हैं और यूक्रेन चाहता है कि भारत सहायता देता रहे लेकिन वह भारत का अपमान करने में (7/12)
और पाकिस्तान का साथ देने में पीछे नहीं रहता।
यूक्रेन ने कश्मीर मुद्दे पर हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है और अब पाकिस्तान रूस से चोरी छिपे यूरोपीय देशों के हथियार यूक्रेन भेज रहा है और यूक्रेन कुछ दिन पहले पाकिस्तान को B-17 मिलिट्री हेलीकॉप्टर के इंजन और spare parts (8/12)
supply करने की घोषणा कर चुका है।
इसलिए यूक्रेन को जब भारत की परवाह नहीं है तो हम यूक्रेन की किसी तरह भी कोई मदद क्यों करें। भारत ने रूस के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के चलते अमेरिका और यूरोप की भी चिंता नहीं की तो फिर भारत का विरोध करने वाले यूक्रेन को मदद देने पर अब (9/12)
पुनर्विचार करना चाहिए। कुछ दिन पहले भारत ने तुर्की की भी मदद की थी लेकिन कुछ ही दिन बाद वह फिर कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ हो गया।
यूक्रेन की उप विदेश मंत्री भारत इसलिए आई थी कि किसी तरह भारत अपने यहां होने वाले G20 सम्मेलन में जेलेंस्की को भी निमंत्रण दे और इस तरह उसे (10/12)
भारतीय मंच से रूस को लताड़ने का मौका मिल जाए।
यूक्रेन अपनी हालत के लिए स्वयं भी जिम्मेदार है और लगता है वह युद्ध रोकना ही नहीं चाहता। जेलेंस्की को सब देशों से मदद मिल रही है और कोई बड़ी बात नहीं है वह अपना घर भरने में लगा है। इसलिए भारत को अब (11/12)
भेड़िया एक हिंसक पशु है। अनुवांशिकी शोध से पता चला है कि भेड़ियों से हीं कुत्तों का आविर्भाव हुआ है। भेड़ियों से निकलकर कुत्ता एक वफादार जानवर हो गया है। इसमें स्वामी भक्ति कूट कूटकर भरी हुई है। लेकिन भेड़ियों को आज तक पालतू (1/7)
नहीं बनाया जा सका है, जबकि शेर तक को इंसान ने पालतू बना लिया है। मिस्र के इतिहास में कुछ लकड़बग्घों को पालतू बनाने की कहानियाँ भी मिलतीं हैं।
भेड़िया आजाद हीं पैदा होता है और आजाद हीं मरना चाहता है। किसी भी बंदिश में इसे जीना नहीं भाता। इसे पालतू बनाने के सारे प्रयास (2/7)
निष्फल हो गये हैं। इसमें रंचमात्र भी स्वामी भक्ति कायम नहीं है। इसलिए इसने अपने स्वामी को हीं चीर फाड़कर रख दिया है। गुलाम बनाने का बदला ले लिया है।
भेड़िया को संस्कृत में बृक कहा गया है। भेड़िए को भूख ज्यादा लगती है। इसलिए ज्यादा खाने वाले को बृकोदर कहा जाता है। (3/7)
अमेरिका के NATO का एक सदस्य है टर्की, यह टर्की अमेरिका का पुराना सहयोगी रहा है और अमेरिका अपनी सभी महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालीयां और प्लेटफार्म टर्की के संग साझा भी करता है, अमेरिका ने टर्की को अपना सबसे उन्नत फाइटर जेट पांचवी (1/15)
पीढ़ी का विमान F-35 तक दिया है, मात्र इतना ही नहीं अमेरिका ने टर्की में F-16 और AMRAAM का मैनुफैक्चरिंग यूनिट तक लगवाया है। जब टर्की ने रूस के साथ S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील साइन की तो अमेरिका को अच्छा नहीं लगा और मुद्दा अमेरिकी संसद में उठा, वहां सबने एक सुर में (2/15)
विरोध किया जिसके बाद अमेरिका ने ना केवल अपने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट टर्की में बंद करवा दिए, बल्कि टर्की को सभी डिफेंस इक्विपमेंट्स का एक्स्पोर्ट रोक दिया, और टर्की को F-35 की सर्विस, स्पेयर्स और मेंटेनेंस की सुविधा तक देनी बंद कर दी, अब टर्की की अमेरिकी डिफेंस (3/15)
स्लो प्वाइजन यानि धीमे जहर के बारे में सुना है आपने? धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाते हुए, खोखला करते हुए एक दिन बिना किसी तात्कालिक कारण और लक्षण के प्राण ले लेनेवाला जहर। ऐसा ही धीमा जहर पिछले कई दशकों से आपके मन मस्तिष्क में, आपके निजी एवं सामाजिक जीवन (1/13)
में मीडिया के विभिन्न साधनों द्वारा घोला जा रहा है जिसके कारण एक अच्छे खासे जनसमूह को आज आप चारित्रिक पतन असंवेदनशीलता भ्रष्टाचार, अवैध संबंध, नग्नता, पॉर्न आदि जैसे समाज को नष्ट करके रख देनेवाले विषयों के पक्ष में खुलकर खड़ा देखते हैं।
हालिया उदाहरण के रूप में संलग्न (2/13)
चित्र में 'गृहशोभा' पाक्षिक मैगजीन में एक अंतर्राष्ट्रीय चटपटे समाचार को परोसते समय प्रयोग की गई भाषा को देखिए। फिलीपींस की पॉर्नस्टार्स का जिक्र करते हुए स्पष्ट रूप से भारतीय लड़कियों को उकसाया जा रहा है कि, "यह कोई बुरी लाइन नहीं है और अगर कोई बिंदास है उसे अपने बदन (3/13)
पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध हनी ट्रैप मामले में DRDO के एक और वरिष्ठ अधिकारी गिरफ्तार।
महाराष्ट्र स्टेट एंटी टेररिज्म स्क्वाड ATS ने DRDO के एक वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुरुलकर को हनीट्रैप के एक संदिग्ध मामले में पाक में स्थित "खुफिया अधिकारियों" के साथ, कथित रूप से "गलत (1/3)
संचार" में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वे पुणे में स्थित DRDO की एक प्रमुख इकाई अनुसंधान & विकास प्रतिष्ठान में इंजीनियर्स है। आरोपी वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर ने, कई मिसाइलों सहित DRDO की रणनीतिक रूप से "बेहद महत्वपूर्ण" कई परियोजनाओं पर काम किया है। उनके खिलाफ (2/3)
ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है!! ATS के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि, DRDO से इस संबंध में मिली एक शिकायत के बाद उनके जांच शुरू की गई थी...
फिल्मों के रिव्यु लिखे जाते हैं। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिनके प्रसारण के बाद पूरा एक विमर्श लिखा जाता है। समाज के जिस हिस्से को थीम किया गया होता है, थीम पर समाज की सच्चाई लिखी जाती है। यही कुछ कल से होने वाला है। जो भी लिखा जाएगा फिल्म का रिव्यू नहीं होगा, बल्कि (1/7)
वह सामाजिक दुर्दशा का एक पूरा सच होगा।
कांतारा फिल्म में था ही क्या? लेकिन रीसेंट फिल्मों में सबसे ज्यादा रिव्यू अगर किसी फिल्म की सोशल मीडिया पर लिखी गई, तो वह फिल्म थी कांतारा। इतने रिव्यू लिखे गए कि फिल्म के जो तथाकथित प्रोफेशनल दर्शक हैं, जो फिल्म कैसा भी हो वे बस (2/7)
स्क्रीनिंग कास्टिंग जैसी चीजों से फिल्में तय करते हैं, ईर्ष्या से जल उठे। उनसे रहा न गया तो बोल उठे कि, क्या ही है फिल्म में कि इतना बड़ा भौकाल खड़ा किया गया। मीठा जहर लिखने वालों ने यह भी डाल दिया कि भर फिल्म में मांसाहार का असभ्य भक्षण दिखाया गया है। पर कांतारा के जिस (3/7)
प्रोपेगेंडा खबर:- 15 सालों से भारत में सक्रिय ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी विस्ट्रॉन भारत से अपना कारोबारों समेट रही है। 12 हजार लोगों के नौकरी पर छाया खतरा।
वास्तविक सत्य:- विस्ट्रॉन भारत में एप्पल के लिए आई फोन की मैन्युफैक्चरिंग करती थी अपने (1/5)
कर्नाटक के प्लांट से। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स इसे पूरे बिजनेस को खरीद रही है। सारी नौकरियां पहली सी चलती रहेंगी।
टाटा ग्रुप भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग जॉइंट वेंचर स्थापित करने के लिए एपल इंक के ताइवानी सप्लायर विस्ट्रॉन कॉर्प के साथ बातचीत कर रहा है। ये (2/5)
जॉइंट वेंचर भारत में आईफोन असेंबल करेगा। टाटा इसके जरिए टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग में एक ताकत बनना चाहता है। यदि यह डील सफल होती है, तो यह टाटा को आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बना देगा। अभी भारत और चीन में विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन आईफोन असेंबल करती है।